ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

बुधवार, 10 मार्च 2010

पक्षियों के लिये

पक्षियों को दाना खिलाने का एक डब्बा मेरे दफ्तर की खिड़की पर लगा है। गिलहरियाँ उसके पास पहुँच नहीं सकतीं। परन्तु एक गिलहरी ने चिड़ियों को दिये जाने वाले दाने को खाने की ठानी। चिड़ियों को मज़े से दाना खाते देख गिलहरी उसी खुशी के लिये तरसती थी। उसने हर दिशा से उस डिब्बे तक पहुँचने की कोशिश करी। खिड़की पर से, पास की झाड़ियों पर से कूदकर, परन्तु उसका हर प्रयत्न निष्फल हुआ। वह हर बार नीचे गिरती थी।

उन दानों को खाने के लिये जो उसके लिये नहीं रखे गये थे, गिलहरी की ये बेकार कोशिशें और उनके फलस्वरूप उसका गिरना, उस प्रथम स्त्री-पुरुष की याद दिलाती है जो वह खाने के प्रयास में जो उनके लिये नहीं रखा गया था गिर गये। उनका पतन सारी मानव जाति के पतन का कारण हुआ। क्योंकि वे अनाज्ञाकारी हुए और परमेश्वर द्वारा मना किया हुआ फल खाया, परमेश्वर ने उन्हें दण्ड दिया और एसी जगह भेजा जहाँ से वे उस फल के पास पहुँच नहीं सकते थे।

परमेश्वेर ने मनुष्य को प्रारंभ में जो भोजन बिना परिश्रम किये उपहार के रूप में दिया था, अब उसे बहुत परिश्रम करके वही भोजन जुटाना पड़ा (उतपत्ति २,३ देखिये)।

परमेश्वर द्वारा मना की गई वस्तु पाने की हमारी लालसा, हमें उन वस्तुओं को पाने के आनन्द से वंचित न करे, जो उसने हमें दीं हैं (इब्रानियों १३:५)। - जूली ऐकरमैन लिंक


सन्तोष सहित भक्ति बड़ी कमाई है। - १ तिमुथियुस ६:६


बाइबल पाठ: इब्रानियों १३:५-१६


तू किसी वस्तु का लालच नहीं करना। - निर्गमन २०:१७


एक साल में बाइबल:
  • व्यवस्थाविवरण ११-१३
  • मरकुस १२:१-२७

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें