ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

गुरुवार, 18 मार्च 2010

एक नाम में क्या रखा है?

मेरा चीनी पारिवारिक नाम दूसरे पारिवारिक नामों के लोगों से मुझे अलग करता है। वह मुझे एक पारिवारिक ज़िम्मेदारी भी देता है। मैं ’हिया’ परिवार का हूँ। उस कुटुँब का होने के नाते मुझसे उस कुटुँब को आगे चलाने और अपने पूर्वजों का सम्मान बनाए रखने की उम्मीद की जाती है।

यीशु मसीह के लहु से उद्धार पाये हुए विश्वासियों के आत्मिक कुटुँब का भी एक अलग नाम है। वे ’मसीही’ कहलाते हैं।

नये नियम में यह ’मसीही’ नाम सबसे पहले अन्ताकिया में, वहाँ के निवासियों ने प्रभु यीशु मसीह के चेलों को दिया (प्रेरितों ११:२६), जब उन लोगों ने चेलों के आचरण को देखा। उन आरंभिक विश्वासियों में दो विशिष्ट बातें देखीं गईं। वे जहाँ भी जाते थे, प्रभु यीशु के सुसमाचार को सुनाते थे (पद २०); और वे बड़ी लगन से परमेश्वर के वचन को सीखते थे, पौलुस तथा बरनबास साल भर उन्हें पवित्र शास्त्र सिखाते रहे (पद २६)।

’मसीही’ नाम का अर्थ है मसीह में बने रहने वाला, वह जो हर परिस्थिति में मसीह से लिपटा रहता है। आज कई लोग अपने आप को मसीही कहते हैं, परन्तु क्या उन्हें ऐसा कहना चाहिये? क्या उनके आचरण इस नाम के योग्य हैं?

यदि आप अपने आप को ’मसीही’ कहते हैं तो क्या आपका जीवन दूसरों पर मसीह को प्रकट करता है? क्या आप में परमेश्वर के वचन के लिये भूख और प्यास है? आपके व्यवाहार से मसीह के नाम को आदर मिलता है या निंदा?

एक नाम में क्या रखा है? यदि वह नाम ’मसीही’ है, तो वाकई में उस में बहुत कुछ है! - सी. पी. हिया


एक सच्चा मसीही प्रभु यीशु मसीह ही को प्रतिबिंबित करता है।


बाइबल पाठ: प्रेरितों के काम ११:१९-२६


जिस बुलाहट से तुम बुलाए गये हो उसके योग्य चाल चलो। - इफिसियों ४:१


एक साल में बाइबल:
  • व्यवस्थाविवरण ३२-३४
  • मरकुस १५:२६-४७

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें