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रविवार, 11 अप्रैल 2010

घर की यात्रा

बिल ब्राइट, जो "कैम्पस क्रुसेड फोर क्राईस्ट" नामक संस्था का संस्थापक था एक लाइलाज और नाशक रोग "पलमोनरी फाइब्रोसिस" से ग्रसित था। अन्ततः उसे लम्बे समय तक कार्य से आराम लेना पड़ा। ब्राईट ने अपने विश्राम के समय का सदुप्योग किया एक पुस्तक "द जर्नी होम" (घर की यात्रा) लिखने में।

इस पुस्तक में ब्राईट, चार्ल्स हैड्डन सपर्जन को उद्वत करता है "हम यहां अजनबियों की तरह रहें और संसार को घर नहीं पर एक सराय समझें, जिसमें हमें भोजन करना और ठहरना तो है, लेकिन अगले दिन यात्रा आरंभ करने को भी तैयार रहना है।"

सपर्जन के इस दृष्टीकोण से ब्राईट अपने आने वाले अंजाम को लेकर बहुत प्रभावित हुआ। ब्राईट ने लिखा " यह जानकारी कि स्वर्ग ही हमारा वास्तविक घर है, पृथवी पर की कठिन परिस्थितियों को पार करना आसान कर देती है। मैंने अकसर इस बात से सांत्वना पाई है कि स्वर्ग में मिलने वाली महिमा के सामने पृथ्वी की यात्रा के क्लेश कुछ भी नहीं हैं।"

परमेश्वर के मित्र इब्राहिम का जीवन इसी दृष्टीकोण का एक उदहरण है: "विश्वास ही से उसने प्रतिज्ञा किये हुए देश में परदेसी होकर...तंबुओं में वास किया। क्योंकि वह उस स्थिर नेंव वाले नगर की बाट जोहता था, जिसका रचने वाला...परमेश्वर है" (इब्रानियों ११:९, १०)। इब्राहिम एक परदेसी यात्री की तरह रहा, जो परमेश्वर द्वारा निर्मित अनन्त नगर कि बाट विश्वास से जोहता हो।

मृत्यु चाहे निकट हो या दूर, हम एक ऐसा विश्वास प्रदर्शित करें जो हमारे अनन्तकालीन घर पर केंद्रित हो। - डैनिस फिशर


चाहे हम मरुभूमि के मार्ग पर यात्रा करें, परन्तु स्मरण रखें कि उस मार्ग के अन्त में परमेश्वर की वाटिका है।


बाइबल पाठ: इब्रानियों ११:१-१०


इब्राहिम उस नगर की बाट जोहता था जिसका रचने वाला और बनाने वाला परमेश्वर है। - इब्रानियों ११:१०


एक साल में बाइबल:
  • १ शमुएल १७, १८
  • लूका ११:१-२८

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