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सोमवार, 12 अप्रैल 2010

दीनता और महानता

सात साल का बालक रिचर्ड बर्नस्टईन, जैकी रॉबिन्सन के खेल कुशलता और साहस का बहुत प्रशंसक था क्योंकि वह आधुनिक युग में बड़े और नामी खेल संगठनों में बेसबॉल खेलने वाला पहला अश्वेत अमेरिकी था। कुछ साल पश्चात, एक छोटे शहर के गोल्फ खेलने के मैदान पर काम करते हुए रिचर्ड ने अपने आप को अचानक ही अपने बचपन के इस खेल नायक के साथ पाया, उसे अवसर मिला जैकी के गोल्फ खेलने के सामान को लेकर उसके साथ चलने और उसकी सहायता करने का। वर्षा के कारण खेल स्थगित हुआ तो जैकी ने छाता खोलकर दोनो के सिर पर स्वयं पकड़ा और अपना चॉकलेट रिचर्ड के साथ बांटा। बाद में एक प्रसिद्ध अख़बार ’दि इन्टर्नैशनल हैरल्ड ट्रिब्यून’ में लिखे अपने एक लेख में रिचर्ड ने इस घटना का उदाहरण दिया और कहा कि महानता की पहचान के रूप में, नम्रता और दयालुता के इस व्यव्हार को वह कभी नहीं भूला।

सच्चा बड़प्पन नम्रता से प्रदर्शित होता है न कि घमंड से। प्रभु यीशु मसीह ने इस तत्त्व को बड़े प्रभावकारी ढंग से दिखाया और सिखाया। उसने अपने महत्वकांक्षी चेलों से कहा - "...परन्‍तु जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे, वह तुम्हारा सेवक बने। और जो तुम में प्रधान होना चाहे वह तुम्हारा दास बने। जैसे कि मनुष्य का पुत्र, वह इसलिये नहीं आया कि उस की सेवा टहल की जाए, परन्‍तु इसलिये आया कि आप सेवा टहल करे और बहुतों की छुडौती के लिये अपने प्राण दे" (मत्ती २०:२६-२८)।

जब परमेश्वर स्वयं इस धरती पर एक मनुष्य - प्रभु यीशु बनकर रहा तो उसने लोगों के पांव धोये, बच्चों को अपने पास बुलाया, और स्वेछा से अपने प्राण हमें पाप के स्वार्थ और अत्याचार से छुड़ाने के लिये दे दिये। उसके जीवन का उदहरण उसकी आज्ञा की पुष्टी करता है। - डेविड मैक्कैसलैन्ड


यदि हम दूसरे मनुष्यों के लिये छोटे कार्य करने को तैयार हैं तो प्रभु के लिये महान कार्य भी कर सकेंगे।


बाइबल पाठ: मत्ती २०:२०-२८


परन्‍तु जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे, वह तुम्हारा सेवक बने। - मत्ती २०:२६


एक साल में बाइबल:
  • १ शमुएल १९ - २१
  • लूका ११:२९-५४

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