ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

शुक्रवार, 19 नवंबर 2010

बहुमूल्य फल

एक फल के लिये आप कितना खर्च करने को तैयार होंगे? जापान में एक व्यक्ति ने देनसुके तरबूज़ के लिये ६००० डौलर से अधिक का दाम दिया। केवल उत्तरी जापान के होकाकाईडो द्वीप पर ही पैदा होने वाले ये देन्सुके तरबूज़, देखने में बहुत सुन्दर गहरे हरे रंग की गेंद के समान होते हैं। १८ पौंड वज़न का यह तरबूज़ उस वर्ष पैदा हुए केवल कुछ हज़ार तरबूज़ों में से एक था। इस फल की विरलता के कारण उस वर्ष यह इतना महंगा बिका।

मसीही विश्वासियों के पास देन्सुके तरबूज़ों से भी अधिक मूल्यवान फल हैं। ये फल हैं ’आत्मा के फल'- "पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्‍द, मेल, धीरज, और कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम हैं" ( गलतियों ५:२२, २३)। इनमें से प्रत्येक प्रभु यीशु मसीह के चरित्र की समानता का एक रूप है। सुसमाचारों में वर्णित प्रभु के जीवन में हम इन में से प्रत्येक गुण को देखते हैं। अब वह इन्हें हमारे जीवन में उत्पन्न करना चाहता है - हमारी बोल-चाल, सोच-विचार और जीवन की विभिन्न बातों के लिये हमारी प्रतिक्रिया में (यूहन्ना १५:१-४)।

एक विरला और स्वादिष्ट फल बाज़ार में ऊंची कीमत तो पा सकता है, लेकिन मसीह के चरित्र की समानता इससे कहीं अधिक बहुमूल्य है। जब हम अपने पापों का अंगीकार करके परमेश्वर के आत्मा के आधीन हो जाते हैं तो वह हमारे जीवन को भी मसीह की समानता में बदलने लगता है। इस आत्मिक फल से हमारे अपने जीवन आनन्द से भर जाते हैं, हमारे संपर्क में आने वालों को आशीश मिलती और इस फल की भलाई अनन्तकाल तक बनी रहती है। - डेनिस फिशर


मसीह के लिये फलवंत होना मसीह के साथ सहभागिता पर निर्भर करता है।

आत्मा का फल प्रेम, आनन्‍द, मेल, धीरज, और कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम हैं - गलतियों ५:२२, २३

बाइबल पाठ: गलतियों ५:२२ - २६

पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्‍द, मेल, धीरज,
और कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम हैं; ऐसे ऐसे कामों के विरोध में कोई व्यवस्था नहीं।
और जो मसीह यीशु के हैं, उन्‍होंने शरीर को उस की लालसाओं और अभिलाषाओं समेत क्रूस पर चढ़ा दिया है।।
यदि हम आत्मा के द्वारा जीवित हैं, तो आत्मा के अनुसार चलें भी।
हम घमण्‍डी होकर न एक दूसरे को छेड़ें, और न एक दूसरे से डाह करें।

एक साल में बाइबल:
  • यहेजेकेल ११-१३
  • याकूब १

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें