ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

बुधवार, 8 दिसंबर 2010

पश्चाताप की विरासत

सब धर्म ग्रंथों के अपने अपने नायक होते हैं जिनके कार्य और शौर्य को उदाहरण के लिये याद किया जाता है। परन्तु शायद बाइबल ही एक ऐसा धर्म ग्रंथ होगा जिसमें अपने एक महान नायक के पतन पर भजन रचा और स्मरणीय बनाया गया है। बाइबल के भजन संहिता में भजन ५१ एक ऐसा भजन जो इस्त्राएल के महानतम राजा और प्रभु यीशु मसीह के पूर्वज दाऊद का, उसके पाप में पड़ने, पश्चाताप, परमेश्वर के प्रति भक्ति और फिर बहाल किये जाने को दिखाता है। यह बाइबल का एक अनूठा गुण है कि उसमें उसके पात्रों के चरित्र को उसकी वास्तविकता में दिखाया गया है। उनके जीवन के पाप या कमज़ोरियों को ना छुपाया गया, न नज़रंदाज़ किया गया और न उसे किसी अन्य रूप से उचित अथवा न्यायसंगत ठहराने का प्रयास किया गया है।

भजन ५१ में हम देखते हैं कि कैसे अपने पाप के कारण दाऊद के मन में अशांति थी, उसका दोष उसे कैसे अन्दर ही अन्दर खाए जा रहा था, फिर परमेश्वर के सन्मुख उसका पाप स्वीकार करने से मिले पाप क्षमा और बहाल होने के आनन्द को देखते हैं। यह भजन उदहारण है पाप के प्रभाव का भी और साथ ही पश्चाताप के प्रभाव का भी।

इस भजन से पाप की वास्तविकता सामने आती है - परमेश्वर से टूटा संबंध। दाऊद दुखी मन से परमेश्वर के सामने गिड़गिड़ाता है " मैं ने केवल तेरे ही विरूद्ध पाप किया, और जो तेरी दृष्टि में बुरा है, वही किया है" (पद ४) और यह भी दिखाता है कि परमेश्वर पापी जन से प्रायश्चित नहीं पश्चाताप चाहता है " क्योकि तू मेलबलि में प्रसन्न नहीं होता, नहीं तो मैं देता; होमबलि से भी तू प्रसन्न नहीं होता। टूटा मन परमेश्वर के योग्य बलिदान है; हे परमेश्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता।" (पद १६, १७)

अपनी इस प्रार्थना में दाऊद ज्योति की एक किरण देखने पाता है कि उसके पाप और पश्चाताप से दूसरों को सीख मिलने का अवसर है "तब मैं अपराधियों को तेरा मार्ग सिखाऊंगा, और पापी तेरी ओर फिरेंगे।" (पद १३) दाऊद की यह प्रार्थना सार्थक हुई और पाप अंगीकार तथा पश्चाताप का उसका यह भजन अनन्त काल के लिये परमेश्वर के वचन का भाग बन गया जिससे इसे पढ़ने वाले दाउद की गलतियों से सबक लें और स्वयं उनमें न पड़ें; और जो पाप में पड़े हैं वे परमेश्वर के साथ अपने संबंध की बहाली का मार्ग सीख सकें।

इस्त्राएल का सबसे अच्छा राजा पतन की गहराई तक गिर गया था, परन्तु न तो वो न और कोई कभी परमेश्वर के प्रेम और क्षमा की सीमा के बाहर गिर सकता है। यह भजन, राजा दाऊद की ’आप बीती’, प्रमाण है कि परमेश्वर पाप से घृणा करता है, पापी से नहीं तथा सच्चे पश्चाताप की एक प्रार्थना घोर पापी के लिये भी सब बदल देती है।

दाऊद का यह भजन संसार के हर जन के लिये पश्चाताप की विरासत है। - फिलिप यैनसी


पश्चाताप वह भूमी है जिसमें क्षमा फूलती फलती है।

टूटा मन परमेश्वर के योग्य बलिदान है; हे परमेश्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता। - भजन ५१:१७


बाइबल पाठ: भजन ५१

हे परमेश्वर, अपनी करूणा के अनुसार मुझ पर अनुग्रह कर, अपनी बड़ी दया के अनुसार मेरे अपराधों को मिटा दे।
मुझे भलीं भांति धो कर मेरा अधर्म दूर कर, और मेरा पाप छुड़ा कर मुझे शुद्ध कर!
मैं तो अपने अपराधों को जानता हूं, और मेरा पाप निरन्तर मेरी दृष्टि में रहता है।
मैं ने केवल तेरे ही विरूद्ध पाप किया, और जो तेरी दृष्टि में बुरा है, वही किया है, ताकि तू बोलने में धर्मी और न्याय करने में निष्कलंक ठहरे।
देख, मैं अधर्म के साथ उत्पन्न हुआ, और पाप के साथ अपनी माता के गर्भ में पड़ा।
देख, तू हृदय की सच्चाई से प्रसन्न होता है, और मेरे मन ही में ज्ञान सिखाएगा।
जूफा से मुझे शुद्ध कर, तो मैं पवित्र हो जाऊंगा; मुझे धो, और मैं हिम से भी अधिक श्वेत बनूंगा।
मुझे हर्ष और आनन्द की बातें सुना, जिस से जो हडि्डयां तू ने तोड़ डाली हैं वह मगन हो जाएं।
अपना मुख मेरे पापों की ओर से फेर ले, और मेरे सारे अधर्म के कामों को मिटा डाल।
हे परमेश्वर, मेरे अन्दर शुद्ध मन उत्पन्न कर, और मेरे भीतर स्थिर आत्मा नये सिरे से उत्पन्न कर।
मुझे अपने साम्हने से निकाल न दे, और अपने पवित्र आत्मा को मुझ से अलग न कर।
अपने किए हुए उद्धार का हर्ष मुझे फिर से दे, और उदार आत्मा दे कर मुझे सम्भाल।
तब मैं अपराधियों को तेरा मार्ग सिखाऊंगा, और पापी तेरी ओर फिरेंगे।
हे परमेश्वर, हे मेरे उद्धारकर्ता परमेश्वर, मुझे हत्या के अपराध से छुड़ा ले, तब मैं तेरे धर्म का जयजयकार करने पाऊंगा।
हे प्रभु, मेरा मुंह खोल दे तब मैं तेरा गुणानुवाद कर सकूंगा।
क्योकि तू मेलबलि में प्रसन्न नहीं होता, नहीं तो मैं देता, होमबलि से भी तू प्रसन्न नहीं होता।
टूटा मन परमेश्वर के योग्य बलिदान है; हे परमेश्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता।
प्रसन्न हो कर सिय्योन की भलाई कर, यरूशलेम की शहरपनाह को तू बना,
तब तू धर्म के बलिदानों से अर्थात् सर्वांग पशुओं के होमबलि से प्रसन्न होगा, तब लोग तेरी वेदी पर बैल चढ़ाएंगे।

एक साल में बाइबल:
  • दानियेल ८-१०
  • ३ युहन्ना

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें