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रविवार, 26 दिसंबर 2010

प्रबल आशा

आज नास्तिक साम्यवाद का प्रभाव संसार में कम होता जा रहा है, किंतु जब साम्यवाद संसार में एक बड़ी शक्ति के रूप में उभरा था तो उसके प्रतिपादकों ने घोषणा करी कि ईश्वर का कोई असतित्व नहीं है और इस जीवन के बाद किसी जीवन की आशा रखना धोखा और भ्रम है। रूस के राष्ट्रपति लियोनिड ब्रैज़नेव अपने समय में इस मार्क्सवादि सिद्धांत की प्रतिमूर्ति थे; लेकिन उनकी अंतिम क्रिया के समय कुछ ऐसा हुआ जिसने इस नास्तिक्ता के सिद्धांत का खण्डन किया। उस समय जार्ज बुश अमेरिका के उपराष्ट्रपति थे और ब्रैज़नेव के अन्तिम संसकार में अमेरिका का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।

जार्ज बुश ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जब तक कफन का ढक्कन खुला रहा तब तक ब्रैज़नेव की पत्नि उसके पास अविचल खड़ी अपने पति के शव की ओर देखती रही। सनिकों के कफन को बंद करने के कुछ क्षण पहले उन्होंने हाथ बढ़ा कर अपनी उंगुली से ब्रैज़नेव की छाती पर क्रूस का निशान बना दिया; कैसा अर्थपूर्ण और भावनात्मक प्रयास! उस विध्वा को शायद यह आशा थी कि सारी उम्र जिस परमेश्वर को उसका पति अपनी पूरी सामर्थ से नकारता रहा और जिसका विरोध करता रहा, वही अब अपनी करुणा में उस पर दया दिखाएगा।

परमेश्वर का धन्यवाद हो कि हमारे लिये इस पृथ्वी के जीवन बाद भी एक आशा का मार्ग है। बस हमें इतना करना है कि सच्चे मन और विश्वास से क्रूस के उद्धारकारी संदेश - प्रभु यीशु हमारे पापों के लिये मारा गया और तीसरे दिन जी उठा जिससे हम उसके साथ अनन्तकाल तक जी सकें, को मानकर ग्रहण कर लेना है।

क्या आप ने यह विश्वास किया है? यदि हां तो प्रेरित पौलुस के साथ मिलकर कहिये "हमारी आशा उस जीवते परमेश्वर पर है जो सब मनुष्यों का, और निज करके विश्वासियों का उद्धारकर्ता है।" (१ तिमुथियुस ४:१०)


अनन्त जीवन का एकमात्र मार्ग यीशु मसीह के कलवरी के क्रूस से होकर ही है।

पर ऐसा न हो, कि मैं और किसी बात का घमण्‍ड करूं, केवल हमारे प्रभु यीशु मसीह के क्रूस का जिस के द्वारा संसार मेरी दृष्‍टि में और मैं संसार की दृष्‍टि में क्रूस पर चढ़ाया गया हूं। - गलतियों ६:१४


बाइबल पाठ: फिलिपियों २:५-११

जैसा मसीह यीशु का स्‍वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्‍वभाव हो।
जिस ने परमेश्वर के स्‍वरूप में होकर भी परमेश्वर के तुल्य होने को अपने वश में रखने की वस्‍तु न समझा।
वरन अपने आप को ऐसा शून्य कर दिया, और दास का स्‍वरूप धारण किया, और मनुष्य की समानता में हो गया।
और मनुष्य के रूप में प्रगट होकर अपने आप को दीन किया, और यहां तक आज्ञाकारी रहा, कि मृत्यु, हां, क्रूस की मृत्यु भी सह ली।
इस कारण परमेश्वर ने उसको अति महान भी किया, और उसको वह नाम दिया जो सब नामों में श्रेष्‍ठ है।
कि जो स्‍वर्ग में और पृथ्वी पर और जो पृथ्वी के नीचे हैं वे सब यीशु के नाम पर घुटना टेकें।
और परमेश्वर पिता की महिमा के लिये हर एक जीभ अंगीकार कर ले कि यीशु मसीह ही प्रभु है।

एक साल में बाइबल:
  • हग्गै १, २
  • प्रकाशितवाक्य १७

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