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बुधवार, 17 मार्च 2010

एक कदम बढ़ाईये

इंगलैंड के कोवैन्ट्री शहर में कुछ शोधकर्ताओं ने एक स्थान पर कुछ आकर्षक विज्ञापन लगा दिये "सीढ़ीयों का उपयोग आपके हृदय के लिये लाभदायक है।" ६ सप्ताह के समय में ही निकट लगी स्वचलित सीढ़ीयों (एस्केलेटर) का प्रयोग करने वाले लोगों से दुगने से भी अधिक लोग साधारण सीढ़ीयों का प्रयोग करने लगे। शोधकर्ताओं का कहना है कि हर कदम का महत्त्व है, और लोगों की पृवत्ति में स्थाई बदलाव के लिये उन्हें बार बार याद दिलाया जाना ज़रूरी है।

बाइबल में अनेक ऐसे ’चिन्ह’ हैं जो हमें परमेश्वर के सच्चे अनुयायी होने और मन लगाकर उसकी आज्ञा मानने का निर्देश देते हैं। इस्त्राएलियों के वायदा किये हुए देश में प्रवेश करने के पहले, यहोवा ने उन से कहा, "आज मैंने तुझको जीवन और मरण, हानि और लाभ दिखाया है।....तू जीवन ही को आपना ले कि तू और तेरा वंश दोनो जीवित रहें; इसलिये अपने परमेश्वर यहोवा से प्रेम करो और उसकी बात मानो और उससे लिपटे रहो; क्योंकि तेरा जीवन और दीर्घायु यही है।" (व्यवस्थाविवरण ३०:१५,१९,२०)।

अक्सर हम सोचते हैं कि विश्वास की किसी लंबी छलांग से, या किसी एक महत्त्वपूर्ण निर्णय द्वारा, या कोई महान सेवा का कार्य करके हमारे जीवन में अचानक परिवर्तन आ जायेगा। परन्तु वास्तविकता यह है कि बदलाव छोटे छोटे कदम बढ़ाने से ही होता है और हर कदम महत्त्वपूर्ण है।

आज हम बाइबल के निर्देशक चिन्हों को गम्भीरता से लें और प्रभु के आज्ञाकारी होने के लिये सच्चे मन से कदम उठाएं। - डेविड मैकैस्लैंड


आज्ञाकारिता में उठाया एक छोटा सा कदम आशीश की ओर एक बहुत बड़ा कदम है।


बाइबल पाठ: व्यवस्थाविवरण ३०:१५-२०


अपने परमेश्वर यहोवा से प्रेम करो और उसकी बात मानो और उससे लिपटे रहो; क्योंकि तेरा जीवन और दीर्घायु यही है। - व्यवस्थाविवरण ३०:२०


एक साल में बाइबल:
  • व्यवस्थाविवरण ३०,३१
  • मरकुस १५:१-२५