ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

शनिवार, 3 अप्रैल 2010

बेनाम दिन

लुईसियाना में १५० साल पुराने एक कब्रिस्तान में एक स्त्री की कब्र है जिसपर एक ही शब्द खुदा है - "Waiting" (प्रतीक्षा में)।

मेरा मित्र एक वृद्ध पास्टर को जानता है जिसने एक शुभ शुक्रवार को एक उत्साहवर्धक संदेश दिया, जिसका शीर्षक था "आज शुक्रवार है, रविवार आने वाला है"। उस उपदेश में उसने एक लगतार ऊपर उठते हुए क्रम में तुलना करी कि संसार ने उस शुक्रवार को बुराई की शक्तियों को विजयी प्रतीत किया लेकिन रविवार को वास्तविकता सामने आ गई। शिष्यों ने, जिन्होंने उन दोनो दिनों की परिस्थितियों को अनुभव किया, फिर कभी परमेश्वर पर सन्देह नहीं किया। उन्होंने सीखा कि जब प्रतीत होता है कि परमेश्वर अनुपस्थित है, तब ही वह सबसे अधिक निकट होता है।

किंतु उस सन्देश में एक दिन का कोई ज़िक्र नहीं था - शनिवार - बेनाम दिन; जिसे शिष्यों ने एक छोटे रूप में बिताया, आज हम एक व्यापक रूप में बिता रहे हैं। वर्तमान हमारे लिये उस शनिवार के समान है, प्रतीक्षा है कि रविवार कब आएगा?

उस अंधकार से भरे शुक्रवार को "शुभ" इसलिये कहा जा सकता है क्योंकि उसके बाद वह रविवार आया जिसमें सब कुछ बदल गया, यीशु का पुनुरुत्थान हुआ और विनाश में जाते पतित संसार के लिये उद्धार का मार्ग खुल गया। एक दिन, उस रविवार के आश्चर्य कर्म के समान, परमेश्वर एक विश्वव्यापी रूप में बुराई पर अपनी चिरस्थायी विजय स्थापित करेगा।

तब तक हम उस अदभुत भविष्य की उस भव्य आशा के साथ, इस पृथ्वी के अपने ’बेनाम दिन’ को बिता रहे हैं। अब शनिवार है, किंतु रविवार आ रहा है! - फिलिप यैन्सी


परमेश्वर ने इतिहास के सबसे घृणित कृत्य को लेकर उसे सबसे महन विजय में परिवर्तित कर दिया।


बाइबल पाठ: रोमियों ८:१८-२५


जिस वस्तु को हम नहीं देखते यदि उसकी आशा रखते हैं तो धीरज से उसकी बाट भी जोहते हैं। - रोमियों ८:२५


एक साल में बाइबल:
  • न्यायियों १९-२१
  • लूका ७:३१-५०