ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

शुक्रवार, 21 मई 2010

क्या वह काफी है?

क्या यीशु काफी है? कई मसीहियों को यह प्रश्न अपने आप से पूछने की आवश्यक्ता है। उनके पास सांसारिक संपत्ति तो बहुत है, किंतु क्या वे मसीह पर निर्भर करते हैं? या वे अपनी धन-संपत्ति पर निर्भर करते हैं?

बाइबल में धनी होने की निन्दा नहीं की गई है, यदि आपकी प्राथमिकताएं सही हैं और आप दूसरों की आवश्यक्ताओं का ध्यान रखते हैं। जो बहुत धन्वान नहीं हैं, उन्हें इस बात का ध्यान रखना है कि हमें संभालने वाला सांसारिक धन नहीं, वरन यीशु है।

पतरस प्रेरित, यरुशलेम के मन्दिर के दरवाज़े के बाहर बैठ कर भीख मांगने वाले भिखारी की घटना के द्वारा, हमें इस बात को समझने में सहायता करता है। इस मनुष्य ने पतरस से पैसे मांगे, परन्तु पतरस ने उसे उत्तर दिया, "चान्‍दी और सोना तो मेरे पास है नहीं, परन्‍तु जो मेरे पास है, वह तुझे देता हूं: यीशु मसीह नासरी के नाम से चल फिर" (प्रेरितों ३:६)।

मन्दिर के दरवाज़े पर पड़े उस मनुष्य की धारणा थी कि उसकी समस्याओं का समाधान पैसा है, किंतु पतरस ने उसे दिखाया कि समाधान यीशु है। और आज भी संसार की हर समस्या का समाधान यीशु ही है।

मैंने एक चीनी मसीहियों के गुट के बारे में पढ़ा था जो अपने देश में मसीह का सुसमाचार प्रचार करते हैं, हम उनसे बहुत कुछ सीख सकते हैं। इन विश्वासियों का कहना है कि "हमारे पास सुसमाचार प्रचार करने के लिये कोई बड़े कार्यक्रम आयोजित करने की सामर्थ नहीं है। हमारे पास लोगों को देने के लिये केवल यीशु है।"

चीन के इन भाई बहिनों के लिये यीशु काफी है। निर्धनों के लिये भी यीशु काफी है। सोचने की बात है कि क्या वह आपके लिये काफी है? - डेव ब्रैनन


हमारी सबसे बड़ी संपत्ति मसीह में हमारा धन है।


बाइबल पाठ: प्रेरितों के काम ३:१-१०


चान्‍दी और सोना तो मेरे पास है नहीं, परन्‍तु जो मेरे पास है, वह तुझे देता हूं: यीशु मसीह नासरी के नाम से चल फिर। - प्रेरितों ३:६


एक साल में बाइबल:
  • १ इतिहास १३-१५
  • यूहन्ना ७:१-२७