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शनिवार, 12 जून 2010

उचित सौदा

स्कौट और मेरी क्रिकमोर ने अपने जीवन के १५ साल, दक्षिण अफ्रीका की फुलानी जाति की मासिना भाषा में नए नियम का अनुवाद करने में लगा दिये।

प्रारंभिक मसौदे के बाद मेरी आसपास के गांवों में जाकर वहां लोगों को उसे पढ़कर सुनाती, उनकी झोंपड़ियों में बैठकर उन लोगों के समूह से, जो उन्होंने सुना, उसकी चर्चा करती यह जानने के लिये कि क्या जो उन्होंने सुना उसे समझा भी कि नहीं। इससे उन्हें पता चल कि जिन शब्दों का प्रयोग वे अनुवाद में कर रहे थे वे सही और स्पष्ट थे कि नहीं।

कुछ लोग सोच सकते हैं कि स्कौट और मेरी क्रिकमोर को बहुत बड़ा बलिदान देना पड़ा - १५ साल तक आरामदायक जीवन छोड़ कर कठिन परिस्थितियों में केवल उबले चावल और भरता खाना। लेकिन स्कौट और मेरी क्रिकमोर इसे एक उचित सौदा मानते हैं क्योंकि अब फुलानी जाति के पास परमेश्वर का वचन उनकी अपनी भाषा में उपलब्ध है।

भजनकार परमेश्वर के वचन से आनन्दित हुआ। वह उसके वचन का भय मानता था, उससे हर्षित था, उससे प्रीति रखता था और उसका पालन करता था (भजन ११९:१६१-१६८)। उसने परमेश्वर के वचन में बहुत शांति और आशा पायी।

फुलानी कबीले के लोग अब परमेश्वर के वचन के बेशकीमती खज़ाने को पा सकते हैं। क्या आप स्कौट और मेरी क्रिकमोर से सहमत हैं कि परमेश्वर के वचन को दूसरों तक पहुंचाने के प्रयास में उठाई गई हर कठिनाई और दिक्कत एक "उचित सौदा" है? - एने सेटास


परमेश्वर के प्रति हमारे प्रेम का एक मापदण्ड है कि उसके वचन को दुसरों के साथ बांटने के लिये हम क्या कुछ करने को तैयार हैं।


बाइबल पाठ: भजन ११९:१६१-१६८


जैसे कोई बड़ी लूट पाकर हर्षित होता है, वैसे ही मैं तेरे वचन के कारण हर्षित हूं। - भजन ११९:१६२


एक साल में बाइबल:
  • एज़रा ३-५
  • यूहन्ना २०