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गुरुवार, 17 जून 2010

मामूली पैसे (सैन्ट)

इल्लिनोय विश्वविद्यालय में दाखिला पाए एक नये छात्र, माईक हेय्स ने अपनी शिक्षा के लिये आवश्यक धन एकत्रित करने के लिये एक अनूठा तरीका प्रयोग किया। उसने उस इलाके के एक लोकप्रीय अख़बार "शिकागो ट्रिब्यून" के एक जाने माने पत्रकार को मनाया कि वह अपने लेख में उसके लिये अपील करे "माईक के लिये एक सैन्ट भेजो"।

माईक ने कहा "केवल एक सैन्ट; किसी के लिये भी एक सैन्ट कोई मूल्य नहीं रखता। अपने चारों ओर देखो, कमरे में किसी जगह, ज़मीन पर या सोफे के गद्दी के नीचे या कहीं और, एक सैन्ट ऐसे ही कहीं न कहीं पड़ा ज़रूर मिलेगा। मैं आपसे केवल वही मांग रहा हूँ, प्रत्येक पाठक से केवल एक सैन्ट"।

एक महीने से भी कम समय में माईक के पास २३ लाख सैन्ट जमा हो गये। अमेरिका के सब प्रांतों तथा मैक्सिको, कैनडा और बहमास से भी लोगों ने दान भेजा और कुल मिलाकर माईक के पास $२८,००० जमा हो गये!
एक सैन्ट अपने आप में कुछ कीमत नहीं रखता, जब तक कि वह ऐसे ही अनेक अन्य सैन्ट्स के साथ जोड़ा नहीं जाता। जिस स्त्री का ज़िक्र हम मरकुस १२ में पढ़ते हैं, उसने मन्दिर के दान पात्र में केवल दो दमड़ियां ही डालीं, जो उसकी सारी जीविका थीं (पद ४४)। यद्यपि वे दो दमड़ियां आज के एक सैन्ट से भी बहुत कीमत रखतीं थीं, परन्तु प्रभु यीशु ने उस बहुत थोड़े को भी बहुत आदर दीया क्योंकि उस विधवा ने अपना सब कुछ दे दिया।

उसका यह दान यीशु चेलों के लिये एक उदाहरण और शिक्षा बना, और आज भी हमें सिखाता है। क्या हम कभी ऐसे उदार हुए हैं? यीशु ने उस बेनाम विधवा के द्वारा सिखाया कि वास्तव में दान देने का तात्पर्य क्या है। उस दान का मूल्य एक सैन्ट से भी कम था, किंतु परमेश्वर के प्रति प्रेम की वह अमूल्य भेंट थी। - सिंडी हैस कैसपर


परमेश्वर देने वाले का दिल देखता है, हाथ नहीं; वह दानी को देखता है दान को नहीं।


बाइबल पाठ: मरकुस १२:४१-४४


तब उस (यीशु) ने अपने चेलों को पास बुलाकर उन से कहा, मैं तुम से सच कहता हूं, कि मन्‍दिर के भण्‍डार में डालने वालों में से इस कंगाल विधवा ने सब से बढ़कर डाला है। - मरकुस १२:४३


एक साल में बाइबल:
  • नेहेमियाह ७-९
  • प्रेरितों के काम ३