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बुधवार, 22 सितंबर 2010

अनन्त स्तुतिगान

मैं प्रत्येक ग्रीष्मकाल में हमारे शहर में खुले स्थानों पर आयोजित निशुल्क संगीत समूहगानों का आनन्द लेता हूँ। ऐसे ही एक समूहगान से पहले उस संगीत मंडली के सद्स्यों ने अपना अपना परिचय दिया और बताया कि एक साथ अभ्यास करना और संगीत प्रस्तुत करना उन्हें कितना अच्छा लगता है।

एक साथ जमा हो कर संगीत का आनन्द लेना सदीयों से लोगों को आकर्षित करता रहा है। मसीह यीशु के अनुयायी होने के कारण, चाहे हम छोटे गुट में हों या संगीत मंडली में अथवा किसी बड़े संगीत समूह में, परमेश्वर का स्तुतिगान करना हमारे विश्वास की अभिव्यक्ति का एक महत्वपूर्ण अंग रहा है; और एक दिन हम ऐसे समूह में साथ गाएंगे जो आज हमारी कलपना और समझ से परे है।

अन्त के समय पर होने वाली घटनाओं का प्रेरित यूहन्ना ने दर्शन पाया। यूहन्ना लिखता है उस स्तुतिगान के बारे में जो बहुत थोड़ों से आरंभ होता है और बढ़ कर अनगिनित समूह हो जाता है। परमेश्वर के मेम्ने के सम्मान में, जिसने अपने लोहू से हर जाति, कुल एवं राष्ट्र से लोगों का उद्धार किया, यह समूहगान परमेश्वर के सिंहासन के निकट से आरंभ होता है और फिर इसमें हज़ारों हज़ार स्वर्गदूत और अन्ततः समस्त सृष्टि का हर प्राणी सम्मिलित हो जाता है - "फिर मैं ने स्‍वर्ग में, और पृथ्वी पर, और पृथ्वी के नीचे, और समुद्र की सब सृजी हुई वस्‍तुओं को, और सब कुछ को जो उन में हैं, यह कहते सुना, कि जो सिंहासन पर बैठा है, उसका, और मेम्ने का धन्यवाद, और आदर, और महिमा, और राज्य, युगानुयुग रहे" (प्रकाशितवाक्य ५:१३)।

क्या खूब समूह है! क्या खूब स्तुति का समूहगान है! क्या खूब यह सौभाग्य कि हम अभी से इसमें भाग लेने का अभ्यास कर सकते हैं! - डेविड मैक्कैसलैंड


जो अब मसीह को जानते हैं वे सदा उसकी स्तुति गाते रहेंगे।

फिर मैं ने स्‍वर्ग में, और पृथ्वी पर, और पृथ्वी के नीचे, और समुद्र की सब सृजी हुई वस्‍तुओं को, और सब कुछ को जो उन में हैं, यह कहते सुना, कि जो सिंहासन पर बैठा है, उसका, और मेम्ने का धन्यवाद, और आदर, और महिमा, और राज्य, युगानुयुग रहे। - प्रकाशितवाक्य ५:१३


बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य ५:८-१४

और जब उस ने पुस्‍तक ले ली, तो वे चारों प्राणी और चौबीसों प्राचीन उस मेम्ने के साम्हने गिर पड़े और हर एक के हाथ में वीणा और धूप से भरे हुए सोने के कटोरे थे, ये तो पवित्र लोगों की प्रार्थनाएं हैं।
और वे यह नया गीत गाने लगे, कि तू इस पुस्‍तक के लेने, और उसकी मुहरें खोलने के योग्य है क्‍योंकि तू ने वध होकर अपने लोहू से हर एक कुल, और भाषा, और लोग, और जाति में से परमेश्वर के लिये लोगों को मोल लिया है।
और उन्‍हें हमारे परमेश्वर के लिये एक राज्य और याजक बनाया और वे पृथ्वी पर राज्य करते हैं।
और जब मै ने देखा, तो उस सिंहासन और उन प्राणियों और उन प्राचीनों की चारों ओर बहुत से स्‍वर्गदूतों का शब्‍द सुना, जिन की गिनती लाखों और करोड़ों की थी।
और वे ऊंचे शब्‍द से कहते थे, कि वध किया हुआ मेम्ना ही सामर्थ, और धन, और ज्ञान, और शक्ति, और आदर, और महिमा, और धन्यवाद के योग्य है।
फिर मैं ने स्‍वर्ग में, और पृथ्वी पर, और पृथ्वी के नीचे, और समुद्र की सब सृजी हुई वस्‍तुओं को, और सब कुछ को जो उन में हैं, यह कहते सुना, कि जो सिंहासन पर बैठा है, उसका, और मेम्ने का धन्यवाद, और आदर, और महिमा, और राज्य, युगानुयुग रहे।
और चारों प्राणियों ने आमीन कहा, और प्राचीनों ने गिर कर दण्‍डवत किया।

एक साल में बाइबल:
  • सभोपदेशक १०-१२
  • गलतियों १