ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

मंगलवार, 8 फ़रवरी 2011

हस्ताक्षरित बलैंक चैक

पाद्री विलबर चैपमैन के परिवार में घटी एक त्रासदी के कारण उन्हें बहुत दूर की यात्रा करनी पड़ी। एक बैंक अधिकारी, जो उनके चर्च आया करता था, उनके यात्रा पर प्रस्थान से ठीक पहले उनसे मिला, और बात करते करते उनके हाथ में एक कागज़ पकड़ा दिया। जब चैपमैन ने उसे देखा तो वह उनके नाम पर बनाया गया चैक था जिसमें रकम तो नहीं भरी गई थी पर उस बैंक अधिकारी के हस्ताक्षर हो रखे थे। आश्चर्यचकित चैपमैन ने उस अधिकारी से पूछा, "यानि कि आप मुझे एक हस्ताक्षरित चैक दे रहें हैं जिस में मैं अपनी इच्छानुसर रकम भर कर बैंक से निकाल सकता हूँ?" उस अधिकरी ने कहा, "जी हां, क्योंकि मुझे पता नहीं कि आपको कितनी सहायता की आवश्यक्ता हो सकती है, इसलिये अपनी आवश्यक्ता अनुसार आप रकम भर कर इसे प्रयोग कर सकते हैं।" चैपमैन ने बड़े धन्यवाद सहित उस भेंट को स्वीकार करके अपने पास रख लिया।

बाद में उन्होंने बताया, "मुझे उस चैक से कोई पैसा निकलवाने की ज़रूरत तो नहीं पड़ी, लेकिन उस यात्रा में वह मेरे लिये बहुत सन्तुष्टि का कारण रहा। इस जानकरी ने कि कभी भी, मेरी आवश्यक्तानुसार धन मेरे लिये सहज ही उपलब्ध है, पूरी यात्रा में एक सुखदायक अनुभूति बनाए रखी।"

यद्यपि मनुष्य के संसाधन परमेश्वर के संसधनों के सामने तो कुछ भी नहीं हैं, तौभी यह कथा इस तथ्य को समझने में हमारी सहायता करती है कि प्रभु यीशु में होकर परमेश्वर के अपार संसाधन उसके लोगों के लिये उपलब्ध हैं। इस विष्य में हमारे मन में यदि कभी कोई संदेह या चिंता आए तो हमें फिलिप्पियों ४:१९ को देख लेना चहिये - परमेश्वर द्वारा हस्ताक्षरित बलैंक चैक, जो उसने अपने विश्वास्योग्य और आज्ञाकरी जन के लिये तैयार करके दे रखा है; जो इस बात की गारंटी है कि परमेश्वर के महिमामय संसाधन कभी कम नहीं होते।

हम मसीही विश्वासी इस बलैंक चैक पर भरोसा रख सकते हैं क्योंकि हस्ताक्षर करने वाला स्वयं परमेश्वर है। - पौल वैन गोर्डर


परमेश्वरीय संसाधन कभी क्षय नहीं होते।

और मेरा परमश्‍ेवर भी अपने उस धन के अनुसार जो महिमा सहित मसीह यीशु में है तुम्हारी हर एक घटी को पूरी करेगा। - फिलिप्पियों ४:१९


बाइबल पाठ: फिलिप्पियों ४:१०-१९

मैं प्रभु में बहुत आनन्‍दित हूं कि अब इतने दिनों के बाद तुम्हारा विचार मेरे विषय में फिर जागृत हुआ है, निश्‍चय तुम्हें आरम्भ में भी इस का विचार था, पर तुम्हें अवसर न मिला।
यह नहीं कि मैं अपनी घटी के कारण यह कहता हूं क्‍योंकि मैं ने यह सीखा है कि जिस दशा में हूं, उसी में सन्‍तोष करूं।
मैं दीन होना भी जानता हूं और बढ़ना भी जानता हूं: हर एक बात और सब दशाओं में तृप्‍त होना, भूखा रहना, और बढ़ना-घटना सीखा है।
जो मुझे सामर्थ देता है उस में मैं सब कुछ कर सकता हूं।
तौभी तुम ने भला किया, कि मेरे क्‍लेश में मेरे सहभागी हुए।
और हे फिलप्‍पियों, तुम आप भी जानते हो, कि सुसमाचार प्रचार के आरम्भ में जब मैं ने मकिदुनिया से कूच किया तब तुम्हें छोड़ और किसी मण्‍डली ने लेने देने के विषय में मेरी सहायता नहीं की।
इसी प्रकार जब मैं यिस्‍सलुनीके में था तब भी तुम ने मेरी घटी पूरी करने के लिये एक बार क्‍या वरन दो बार कुछ भेजा था।
यह नहीं कि मैं दान चाहता हूं परन्‍तु मैं ऐसा फल चाहता हूं, जो तुम्हारे लाभ के लिये बढ़ता जाए।
मेरे पास सब कुछ है, वरन बहुतायत से भी है: जो वस्‍तुएं तुम ने इपफ्रुदीतुस के हाथ से भेजी थीं उन्‍हें पाकर मैं तृप्‍त हो गया हूं, वह तो सुगन्‍ध और ग्रहण करने के योग्य बलिदान है, जो परमेश्वर को भाता है।
और मेरा परमश्‍ेवर भी अपने उस धन के अनुसार जो महिमा सहित मसीह यीशु में है तुम्हारी हर एक घटी को पूरी करेगा।

एक साल में बाइबल:
  • लैव्यवस्था ४-५
  • मत्ती २४:२९-५१

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें