ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

मंगलवार, 15 फ़रवरी 2011

नियंत्रण

सृष्टि का सृष्टिकर्ता परमेश्वर अपनी सृष्टि पर पूरा नियंत्रण रखता है। संसार इस सत्य को अन्देखा करता है या समझता नहीं; बिरले ही होते हैं जो परमेश्वर की सामर्थ को सही रीति से समझते हैं। अधिकांशतः संसार के लोग नहीं समझते कि मनुष्यों के जीवन और संसार की घटनाओं के पीछे एक नियंत्रित और संचालित करने वाला अदृश्य हाथ है - परमेश्वर का हाथ जो प्रत्येक नियति निर्धारित करता है।

दो ऐतिहासिक घटनाएं इस बात को भली भांति प्रमाणित करतीं हैं। रोमी शासक डोमिशियन ने सोचा कि प्रभु यीशु के चेले यूहन्ना को पतमोस के टापू पर ’काला पानी’ की सज़ा भोगने के लिये निशकासित करने के द्वारा वह मसीही विश्वास के प्रसार में रोक लगा देगा। लेकिन उस टापू के एकांत में परमेश्वर ने यूहन्ना को स्वर्गीय दर्शन देकर अन्त के दिनों में होने वाली घटनाओं को प्रगट किया जो अब हमारे पास बाइबल की अन्तिम पुस्तक - प्रकाशितवाक्य के रूप में उपलब्ध है। डोमिशियन से पहले के एक और रोमी शासक अगस्तुस ने अपने राज्य की जन्गणना का आदेश दिया, जिस के कारण प्रभु यीशु के माता-पिता को नासरत से बेतेलेहम आना पड़ा, जहां यीशु का जन्म हुआ और परमेश्वर के वचन में उसके जन्म स्थान से संबंधित भविष्यवाणी पूरी हो गई। सब कुछ परमेश्वर के निर्देषानुसार ही पूरा हुआ।

जेम्स रसल लोवल ने अपने एक गीत में लिखा, "चाहे सत्य सदा फांसी के तख्त पर रहा और असत्य सिंहासनों पर विराजमान रहा; लेकिन वह सत्य ही है जो भविष्य को हिलाता है, और अज्ञात अनजाने भविष्य की परछाइयों में परमेश्वर खड़ा अपने लोगों पर पहरा देता रहता है।"

युगों के लिये परमेश्वर की योजना है - योजना जिसे वह पूरा भी करेगा। चाहे वर्तमान की घटनाएं यह आभास दें कि दुष्टता सत्य पर हावी है, अन्तिम निष्कर्ष परमेश्वर का ही होगा - वह पूर्णतः नियंत्रण में है। - पौल वैन गोर्डर


परमेश्वर की समयसूची चाहे धीमी चले, परन्तु वह अटल है और उसकी योजनाओं के अनुसार अग्रसर है।

निश्चय मनुष्य की जलजलाहट तेरी स्तुति का कारण हो जाएगी, और जो जलजलाहट रह जाए, उसको तू रोकेगा। - भजन ७६:१०


बाइबल पाठ: भजन ७६:७-१२

केवल तू ही भययोग्य है, और जब तू क्रोध करने लगे, तब तेरे साम्हने कौन खड़ा रह सकेगा?
तू ने स्वर्ग से निर्णय सुनाया है, पृथ्वी उस समय सुनकर डर गई, और चुप रही,
जब परमेश्वर न्याय करने को, और पृथ्वी के सब नम्र लोगों का उद्धार करने को उठा।
निश्चय मनुष्य की जलजलाहट तेरी स्तुति का कारण हो जाएगी, और जो जलजलाहट रह जाए, उसको तू रोकेगा।
अपने परमेश्वर यहोवा की मन्नत मानो, और पूरी भी करो, वह जो भय के योग्य है, उसके आस पास के सब उसके लिये भेंट ले आएं।
वह तो प्रधानों का अभिमान मिटा देगा, वह पृथ्वी के राजाओं को भययोग्य जान पड़ता है।

एक साल में बाइबल:
  • लैव्यवस्था १७-१८
  • मत्ती २७:२७-५०

1 टिप्पणी: