ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

सोमवार, 13 जून 2011

मसीही समाज

दूसरे विश्वयुद्ध के समय, सन १९४५ में एक पत्रकार क्लैरैंस हॉल अमरिकी सेना के साथ साथ जापान के ओकिनावा क्षेत्र में चल रहा था। उस क्षेत्र का दौरा करते हुए वह और उसकी जीप का चालक एक छोटे शहर में पहुँचे जो उनके समक्ष मसीही समाज का एक उतकृष्ट उदहरण था। पत्रकार ने अपने विवरण में लिखा, "हमने ओकिनावा के अन्य गाँव और कसबे देख रखे थे, सब जगह निराश में डूबे और जीवन से हारे हुए लोग ही मिलते थे। उन सब की तुलना में यह छोटा सा शहर ऐसे लग रहा था मानो कूड़े के ढेर पर हीरा चमक रहा हो। उस शहर में हर जगह हमारा स्वागत मुसकुराते चेहरों और आदर पूर्वक किये गए अभिवादन ने किया। गर्व के साथ वहाँ के वृद्ध लोगों ने अपने साफ सुथरे घर, अपने लहलहाते खेत, अपने अनाज के भण्डार स्थान हमें दिखाए, और अपनी बहुमूल्य चीनी बनाने की मिल भी दिखाई।"

उस शहर में पत्रकार हॉल ने कोई शराबी नहीं देखा, वहाँ कोई कारावास नहीं था और वह समाज तलाक से अन्जान था। कारण ढूँढने पर पता चला कि लगभग ३० वर्ष पूर्व एक मसीही प्रचारक वहाँ आया था, उसके प्रचार से वहाँ के दो वृद्ध लोग मसीही विश्वासी बन गए और वह प्रचारक उन्हें जापानी भाषा में बाइबल की एक प्रति देकर चला गया। उन दोनो नए विश्वासियों ने बाइबल को पढ़ा, उसकी शिक्षाओं को माना तथा उनका पलन किया और फिर वे अपने शहर के लोगों में मसीही जीवन का प्रदर्शन और प्रचार करने लगे। यह सुनकर पत्रकार हॉल के जीप चालक ने टिप्पणी करी, "तो यह परिणाम है केवल एक बाइबल और मसीह के समान जीवन व्यतीत करने का प्रयत्न करने वाले केवल दो बुज़ुर्गों के जीवन का।"

परमेश्वर के वचन की महान सामर्थ मसीह पर विश्वास द्वारा लोगों को पापों की क्षमा और उद्धार तक पहुँचाती है और उन्हें मसीह की समानता में बढ़ने को अग्रसर करती है। मसीह की समानता में आए ये लोग एक विशेष समाज बन जाते हैं; वे एक दूसरे से प्रेम रखते हैं, एक दूसरे को परमेश्वर की निकटता में रहने को उभारते रहते हैं और एक साथ मिलकर परमेश्वर की सेवा में लगे रहते हैं।

हम मसीही विश्वासियों को सदैव इस प्रयास और प्रार्थना में लगे रहना चाहिए कि लोग हमारे जीवनों और हमारे समाज में मसीह के प्रतिरूप को देख सकें और हम संसार के लिए परमेश्वर द्वारा प्रदान किए गए उद्धार की सामर्थ को केवल प्रचार करने वाले ही नहीं, वरन प्रदर्शित करने वाले लोग हों। - हर्ब वैण्डर लुग्ट

संसार की पतित अवस्था को उन्नत मसीही समाज की अत्यंत आवश्यक्ता है।

पर तुम एक चुना हुआ वंश, और राज-पदधारी, याजकों का समाज, और पवित्र लोग, और (परमेश्वर की) निज प्रजा हो, इसलिये कि जिस ने तुम्हें अन्‍धकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है, उसके गुण प्रगट करो। - १ पतरस २:९


बाइबल पाठ: प्रेरितों के काम ४:३२-३७

Act 4:32 और विश्वास करने वालों की मण्‍डली एक चित्त और एक मन के थे यहां तक कि कोई भी अपनी सम्पति अपनी नहीं कहता था, परन्‍तु सब कुछ साझे का था।
Act 4:33 और प्रेरित बड़ी सामर्थ से प्रभु यीशु के जी उठने की गवाही देते रहे और उन सब पर बड़ा अनुग्रह था।
Act 4:34 और उन में कोई भी दरिद्र न था, क्‍योंकि जिन के पास भूमि या घर थे, वे उन को बेच बेचकर, बिकी हुई वस्‍तुओं का दाम लाते, और उसे प्ररितों के पांवों पर रखते थे।
Act 4:35 और जैसी जिसे आवश्यकता होती थी, उसके अनुसार हर एक को बांट दिया करते थे।
Act 4:36 और यूसुफ नाम, कुप्रुस का एक लेवी था जिसका नाम प्रेरितों ने बरनबास अर्थात शान्‍ति का पुत्र रखा था।
Act 4:37 उस की कुछ भूमि थी, जिसे उस ने बेचा, और दाम के रूपये लाकर प्रेरितों के पांवों पर रख दिए।

एक साल में बाइबल:
  • एज़्रा ६-८
  • यूहन्ना २१

1 टिप्पणी: