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बुधवार, 31 अगस्त 2011

आत्मिक अन्धापन

ब्रिटिश इतिहास के सर्वोत्त्म रजनितिज्ञों मे से एक थे विलियम पिट्ट जो केवल २४ वर्ष की आयु में ही इंग्लैण्ड के प्रधान मंत्री बने। एक मसीही विश्वासी, विलियम विल्बरफोर्स, ने एक बार पिट्ट को एक मसीही प्रवचन की सभा में आने के लिए उत्साहित किया, जहाँ इंगलैण्ड की संसद के एक सदस्य ने बहुत प्रभावी रूप से मसीही विश्वास से संबंधित प्रवचन दिया। सभा के बाद विल्बरफोर्स ने पिट्ट से पुछा कि सभा में दिये गए सन्देश के बारे में उनकी क्या राय है। पिट्ट ने उत्तर दिया, "आप से सच कहूँ तो सभा के आरंभ से लेकर अन्त तक मैंने बहुत ध्यान से उस व्यक्ति के प्रवचन को सुना, परन्तु जो वह कह रहा था, मुझे लेशमात्र भी समझ में नहीं आया।"

मेरे एक मित्र ने, जो मसीही नहीं है, मुझसे कहा, "मैंने बाइबल पढ़ी तो है, लेकिन मुझे कुछ समझ नहीं आई।" मेरे मित्र का यह कहना कोई नई बात नहीं है, संसार में बहुत से लोग ऐसे हैं जो बाइबल को समझ पाने में असमर्थ हैं। यह एक सच्चाई है - इस संसार के लोग, चाहे वे कितने भी पढ़े लिखे, ज्ञानी, सफल और संपन्न क्यों न हों, परमेश्वर के वचन को अपनी बुद्धि और ज्ञान के सहारे समझ नहीं पाते।

सांसारिक पढ़ाई-लिखाई, संसकृति, संसार एवं संसार की विभिन्न बातों तथा राजनिति का ज्ञान आदि परमेश्वर के वचन को समझने में कोई सहायता नहीं करते। परमेश्वर के वचन को समझना है तो प्रभु यीशु मसीह में साधारण विश्वास से परमेश्वर की सन्तान बनना पड़ेगा, तभी बुद्धि पर पड़ा संसार की बातों का परदा हट पाएगा और आत्मिक आन्धापन दूर हो सकेगा। पापों से मुक्ति द्वारा मिला नए जीवन का यह अनुभव ही बाइबल की सच्चाईयों के लिए हमारी आँखों को खोल सकता है।

इस नए जन्म के साथ हम में आकर बसने वाला परमेश्वर का पवित्र आत्मा ही हमें परमेश्वर के वचन की सच्चाईयों और गहराईयों को समझा सकता है; उसकी उपस्थिति के अलावा आत्मिक अन्धेपन का कोई समाधान नहीं है। - पौल वैन गोर्डर


जब हम अपने हृदय को उद्धारकर्ता प्रभु यीशु के लिए खोल देते हैं, तब परमेश्वर हमारे हृदयों को अपने वचन के लिए खोल देता है।

परन्तु शारीरिक मनुष्य परमेश्वर के आत्मा की बातें ग्रहण नहीं करता, क्‍योंकि वे उस की दृष्‍टि में मूर्खता की बातें हैं, और न वह उन्‍हें जान सकता है क्‍योंकि उन की जांच आत्मिक रीति से होती है। - १ कुरिन्थियों २:१४

बाइबल पाठ: १ कुरिन्थियों २:१-१६

1Co 2:1 और हे भाइयों, जब मैं परमेश्वर का भेद सुनाता हुआ तुम्हारे पास आया, तो वचन या ज्ञान की उत्तमता के साथ नहीं आया।
1Co 2:2 क्‍योंकि मैं ने यह ठान लिया था, कि तुम्हारे बीच यीशु मसीह, वरन क्रूस पर चढ़ाए हुए मसीह को छोड़ और किसी बात को न जानूं।
1Co 2:3 और मैं निर्बलता और भय के साथ, और बहुत थरथराता हुआ तुम्हारे साथ रहा।
1Co 2:4 और मेरे वचन, और मेरे प्रचार में ज्ञान की लुभाने वाली बातें नहीं परन्‍तु आत्मा और सामर्थ का प्रमाण था।
1Co 2:5 इसलिये कि तुम्हारा विश्वास मनुष्यों के ज्ञान पर नहीं, परन्‍तु परमेश्वर की सामर्थ पर निर्भर हो।
1Co 2:6 फिर भी सिद्ध लोगों में हम ज्ञान सुनाते हैं: परन्‍तु इस संसार का और इस संसार के नाश होने वाले हाकिमों का ज्ञान नहीं।
1Co 2:7 परन्‍तु हम परमेश्वर का वह गुप्‍त ज्ञान, भेद की रीति पर बताते हैं, जिसे परमेश्वर ने सनातन से हमारी महिमा के लिये ठहराया।
1Co 2:8 जिसे इस संसार के हाकिमों में से किसी ने नहीं जाना, क्‍योंकि यदि जानते, तो तेजोमय प्रभु को क्रूस पर न चढ़ाते।
1Co 2:9 परन्‍तु जैसा लिखा है, कि जो आंख ने नहीं देखी, और कान ने नहीं सुना, और जो बातें मनुष्य के चित्त में नहीं चढ़ी वे ही हैं, जो परमेश्वर ने अपने प्रेम रखने वालों के लिये तैयार की हैं।
1Co 2:10 परन्‍तु परमेश्वर ने उन को अपने आत्मा के द्वारा हम पर प्रगट किया क्‍योंकि आत्मा सब बातें, वरन परमेश्वर की गूढ़ बातें भी जांचता है।
1Co 2:11 मनुष्यों में से कौन किसी मनुष्य की बातें जानता, केवल मनुष्य की आत्मा जो उसमें है? वैसे ही परमेश्वर की बातें भी कोई नहीं जानता, केवल परमेवर का आत्मा।
1Co 2:12 परन्‍तु हम ने संसार की आत्मा नहीं, परन्‍तु वह आत्मा पाया है, जो परमेश्वर की ओर से है, कि हम उन बातों को जानें, जो परमेश्वर ने हमें दी हैं।
1Co 2:13 जिन को हम मनुष्यों के ज्ञान की सिखाई हुई बातों में नहीं, परन्‍तु आत्मा की सिखाई हुई बातों में, आत्मिक बातें आत्मिक बातों से मिला मिला कर सुनाते हैं।
1Co 2:14 परन्तु शारीरिक मनुष्य परमेश्वर के आत्मा की बातें ग्रहण नहीं करता, क्‍योंकि वे उस की दृष्‍टि में मूर्खता की बातें हैं, और न वह उन्‍हें जान सकता है क्‍योंकि उन की जांच आत्मिक रीति से होती है।
1Co 2:15 आत्मिक जन सब कुछ जांचता है, परन्‍तु वह आप किसी से जांचा नहीं जाता।
1Co 2:16 क्‍योंकि प्रभु का मन किस ने जाना है, कि उसे सिखलाए? परन्‍तु हम में मसीह का मन है।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १३२-१३४
  • १ कुरिन्थियों ११:१७-३४

मंगलवार, 30 अगस्त 2011

कलाकृति

एक जापानी सम्राट ने एक कलाकार को एक पक्षी का चित्र बनाने को कहा। बहुत समय बीत गया परन्तु कलाकार ने चित्र सम्राट के सामने प्रस्तुत नहीं किया। एक दिन सम्राट कलाकार के घर पहुँच गया कि स्वयं देखे कलाकार चित्र क्यों नहीं बना पा रहा है। सम्राट के पूछने पर कलाकार ने कोई बहाना नहीं बनाया, सम्राट को बैठने का स्थान दिया और उनके देखते देखते पक्षी का सुन्दर चित्र बनाकर उन्हें सौंप दिया। सम्राट को आश्चर्य हुआ और उन्होंने जानना चाहा कि जब काम इतनी शीघ्र हो सकता था तो फिर कलाकार ने पहले इतना समय क्यों लिया? कलाकार भीतर गया और ढेर सारे चित्र लेकर सम्राट के पास आया, वे आधे-अधुरे चित्र पक्षी के विभिन्न भागों के थे, कुछ सिर के थे, तो कुछ पंखों के, अन्य उसके पैरों के, उसकी चोंच के आदि आदि। कलाकार ने समझाया कि सम्राट की उम्मीद के अनुसार चित्र बनाना उसके लिए तब ही संभव था जब वह पहले पक्षी के बारे में ठीक से जान कर सीख ले। इतने समय से वह इसी बात में लगा हुआ था और इसी का अभ्यास कर रहा था। अब जब वह अपने अभ्यास द्वारा इस कार्य के लिए सक्षम हो गया था, तो जैसा चाहिए था, पक्षी का वैसा चित्र बनाना उसके लिए सरल एवं संभव हो गया।

एक प्रकार से हम मसीही विश्वासी भी उस कलाकृति के समान ही हैं। हम पर प्रतिज्ञा की हुई पवित्र आत्मा की छाप लगी है (इफिसियों १:१३), और परमेश्वर द्वारा हमें उसके पुत्र के स्वरूप में होने के लिए पहले से ठहराया गया है (रोमियों ८:२८)। लेकिन इस प्रक्रिया के पूरे होने में समय लगता है। हमारे जीवन को संवारने वाला ’कलाकार’ पिन्तेकुस्त के दिन से परमेश्वर द्वारा प्रत्येक मसीही विश्वासी में बसने के लिए भेजा गया पवित्र आत्मा है। धीरे धीरे और क्रमानुसार वह हमारे जीवन को संवार रहा है, हमें मसीही परिपक्वता में ढाल रहा है। हमारे वर्तमान सांसारिक स्वरूप से बदल कर मसीह के अनुसार हमारे ईश्वरीय स्वरूप तक बनने में हमें समय लगता है। जब यह कार्य हमारे जीवनों में पूरा हो जाएगा तब है, वह हमें हमारे ’सम्राट’ के सामने प्रस्तुत कर देगा।

वह दिन आता है जब प्रत्येक मसीही विश्वासी का स्वरूप मसीह यीशु के अनुसार होगा। जैसे जैसे हम पवित्र आत्मा के निर्देषों का पालन करते हैं और एक अनुभव से दूसरे अनुभव में बढ़ते जाते हैं, हम अंश अंश करके उस महान कलकृति में बदलते जाते हैं जो हम अपने प्रभु की महिमा के दिन हो जाएंगे। - डेव एग्नर


मसीह यीशु ने जो कार्य हमारे लिए क्रूस पर पूरा किया था, उसे हमारे जीवनों में अब पवित्र आत्मा परिपूर्ण करता है।

क्‍योंकि हम उसके बनाए हुए हैं और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए जिन्‍हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया। - इफिसियों २:१०


बाइबल पाठ: इफिसियों २:१-१४

Eph 2:1 और उस ने तुम्हें भी जिलाया, जो अपने अपराधों और पापों के कारण मरे हुए थे।
Eph 2:2 जिन में तुम पहिले इस संसार की रीति पर, और आकाश के अधिकार के हाकिम अर्थात उस आत्मा के अनुसार चलते थे, जो अब भी आज्ञा न मानने वालों में कार्य करता है।
Eph 2:3 इन में हम भी सब के सब पहिले अपने शरीर की लालसाओं में दिन बिताते थे, और शरीर, और मन की मनसाएं पूरी करते थे, और और लोगों के समान स्‍वभाव ही से क्रोध की सन्‍तान थे।
Eph 2:4 परन्‍तु परमेश्वर ने जो दया का धनी है, अपने उस बड़े प्रेम के कारण, जिस से उस ने हम से प्रेम किया।
Eph 2:5 जब हम अपराधों के कारण मरे हुए थे, तो हमें मसीह के साथ जिलाया; (अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है।)
Eph 2:6 और मसीह यीशु में उसके साथ उठाया, और स्‍वर्गीय स्थानों में उसके साथ बैठाया।
Eph 2:7 कि वह अपनी उस कृपा से जो मसीह यीशु में हम पर है, आने वाले समयों में अपने अनुग्रह का असीम धन दिखाए।
Eph 2:8 क्‍योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है।
Eph 2:9 और न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्‍ड करे।
Eph 2:10 क्‍योंकि हम उसके बनाए हुए हैं और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए जिन्‍हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया।
Eph 2:11 इस कारण स्मरण करो, कि तुम जो शारीरिक रीति से अन्यजाति हो, (और जो लोग शरीर में हाथ के किए हुए खतने से खतना वाले कहलाते हैं, वे तुम को खतनारिहत कहते हैं)।
Eph 2:12 तुम लोग उस समय मसीह से अलग और इस्‍त्राएल की प्रजा के पद से अलग किए हुए, और प्रतिज्ञा की वाचाओं के भागी न थे, और आशाहीन और जगत में ईश्वररहित थे।
Eph 2:13 पर अब तो मसीह यीशु में तुम जो पहिले दूर थे, मसीह के लोहू के द्वारा निकट हो गए हो।
Eph 2:14 क्‍योंकि वही हमारा मेल है, जिस ने दोनों को एक कर लिया: और अलग करने वाली दीवार को जो बीच में थी, ढा दिया।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १२९-१३१
  • १ कुरिन्थियों ११:१-१६

सोमवार, 29 अगस्त 2011

जीवन का जल

एक स्वस्थ वृक्ष की संरचना का लगभग ८०% भाग नमी होती है। पानी की यह बड़ी मात्रा, वृक्ष भूमि में फैली अपनी जड़ों द्वारा, ओस और वर्षा से एकत्रित करता है। अपनी पुस्तक As a Tree Grows में लेखक फिलिप केलर कहते हैं,"वृक्ष यह सारा जल अपने लिए एकत्रित नहीं करते। धरती कि सतह के नीचे फैली उनकी जड़ों का विशाल जाल, जो शायद धरती के ऊपर उनके तने, शाखाओं और पत्तियों से भी अधिक व्यापक होता है, यह सारा जल एकत्रित करके ऊपर पत्तों तक भेज देता है, जहाँ से वह ऑक्सिजन के साथ वायुमण्डल में विसर्जित होता रहता है। जल और ऑकसिजन का यह उत्सर्जन ही जंगल में मिलनी वाली हवा को ठण्डक और ताज़गी देने वाली बनाता है।"

मसीही विश्वासी भी जीवन के जल का उपयोग कुछ ऐसे ही करते हैं। प्रभु यीशु ने युहन्ना ७:३८ में कहा कि जो कोई उसपर विश्वास लाएगा, उसके हृदय से जीवन के जल की नदियाँ बह निकलेंगी। इससे प्रभु का तातपर्य पवित्र आत्मा की उस सेवकाई से था जो वह हम में रह कर करता है। जब हम अपने पापों का अंगीकार करके, प्रभु यीशु से उनकी क्षमा माँग कर, अपना जीवन प्रभु को समर्पित कर देते हैं, उसी समय से परमेश्वर का पवित्र आत्मा हमारे अन्दर बस जाता है; वह हमें सामर्थ और स्फूर्ति देता है और इस योग्य करता है कि हम दूसरों की सहायता कर सकें और प्रभु यीशु की ओर लोगों का ध्यान खींच सकें। हमारी ज़िम्मेदारी रहती है कि हम परमेश्वर के वचन का अध्ययन करें, जहाँ जहाँ पवित्र आत्मा हमें कायल करे उन बातों को परमेश्वर के सन्मुख अपने जीवन में ठीक करें, उससे अपनी कमियों-कमज़ोरियों और पापों के लिए क्षमा मांग कर परमेश्वर की आज्ञाकारिता में आगे बढ़ें।

जैसे जैसे हम परमेश्वर द्वारा दिये गए हमारे सहायक - पवित्र आत्मा पर निर्भर रहना सीखेंगे, उसकी अगुवाई में आगे बढ़ेंगे, हमारे जीवनों से भी, हमारे संपर्क में आने वाले लोगों के लाभ के लिए, ठण्डक और ताज़गी देने वाले जीवन जल की नदियाँ प्रवाहित होने लगेंगी। - डेव एग्नर


आत्मा की प्यास केवल जीवन का जल ही बुझा सकता है।

जो मुझ पर विश्वास करेगा, जैसा पवित्र शास्‍त्र में आया है उसके हृदय में से जीवन के जल की नदियां बह निकलेंगी। - यूहन्ना ७:३८


बाइबल पाठ: यूहन्ना ७:३७-४०

Joh 7:37 फिर पर्ब्‍ब के अंतिम दिन, जो मुख्य दिन है, यीशु खड़ा हुआ और पुकार कर कहा, यदि कोई प्यासा हो तो मेरे पास आकर पीए।
Joh 7:38 जो मुझ पर विश्वास करेगा, जैसा पवित्र शास्‍त्र में आया है उसके हृदय में से जीवन के जल की नदियां बह निकलेंगी।
Joh 7:39 उस ने यह वचन उस आत्मा के विषय में कहा, जिसे उस पर विश्वास करने वाले पाने पर थे; क्‍योंकि आत्मा अब तक न उतरा था; क्‍योंकि यीशु अब तक अपनी महिमा को न पहुंचा था।
Joh 7:40 तब भीड़ में से किसी किसी ने ये बातें सुन कर कहा, सचमुच यही वह भविष्यद्वक्ता है।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १२६-१२८
  • १ कुरिन्थियों १०:१९-३३

रविवार, 28 अगस्त 2011

हमारा सहायक

बाइबल एवं मसीही विश्वास की शिक्षा का एक विद्यार्थी पाप अंगीकार के विषय में लिख रहा था। उसे लिखना था कि "जब हम अपने पापों को मान लेते हैं तो वह हमारे पाप बोध (guilt) को हमसे दूर कर देता है", परन्तु गलती से उसने guilt शब्द के स्थान पर quilt (रज़ाई) लिख दिया। जब उसके अध्यापक ने उसका पर्चा पढ़ा तो इस वाक्य को पढ़ कर टिप्पणी करी, "डरना मत, परमेश्वर ने तुम्हें एक comforter अर्थात सहायक दे रखा है, वह तुम्हें सर्दी में ठिठुरने नहीं देगा (comforter शब्द गरम शॉल के लिए भी उपयोग होता है)।" उस अध्यापक ने विनोद में ही एक बहुत महत्वपूर्ण तथ्य विद्यार्थी को सिखा दिया।

प्रभु यीशु मसीह ने अपने चेलों को आश्वासन दिया कि परमेश्वर पिता उनके साथ सदा बने रहने के लिए एक सहायक अर्थात अपना पवित्र आत्मा देगा, और प्रभु का यह वायदा पिन्तेकुस्त के दिन पूरा हुआ (प्रेरितों २:१-४), और तब से ले कर आज तक प्रत्येक मसीही विश्वासी के साथ परमेश्वर का पवित्र आत्मा बना रहता है और उसमें अपना कार्य करता रहता है। परमेश्वर के पवित्र आत्मा का उद्देश्य सदैव प्रभु यीशु को महिमा देना है ना कि अपने आप को ऊँचा उठाना। हमारा लक्षय होना चाहिए कि हम प्रभु यीशु मसीह के बारे जो कुछ सीख सकते हैं वह सीखें और उसके आत्मा की सहायता से उन बातों को अपने जीवन में लागू करें।

मसीही विश्वासी के जीवन में किए जाने वाले पवित्र आत्मा के कुछ कार्य हैं:
  • हमें सत्य के मार्ग में ले चलना (यूहन्ना१६:१३)
  • हमें परमेश्वर की सन्तान होने के लिए आश्वस्त रखना (रोमियों ८:१६)
  • प्रार्थना करने में हमारी सहायता करना (रोमियों ८:२६)
  • हमें अंश अंश करके मसीह के स्वरूप में बदलते जाना (२ कुरिन्थियों ३:१८)
  • हमें सामर्थी बनाना (इफिसियों ३:१६)
अपने इसी सहायक की सहायता के कारण हम प्रतिदिन नई हिम्मत और सामर्थ के साथ अपने जीवन में आगे बढ़ सकते हैं। हमारी प्रार्थना सदा यही रहे: "परमेश्वर पिता आपके द्वारा दिये गए इस सहायक के लिए आपका बहुत धन्यवाद। हमारी सहायता करें कि आपके दिए सहायक को न हम बुझाएं और न शोकित करें।" - डेनिस डी हॉन


प्रत्येक मसीही विश्वासी का मन पवित्र आत्मा का घर-मन्दिर है।

मैं पिता से बिनती करूंगा, और वह तुम्हें एक और सहायक देगा, कि वह सर्वदा तुम्हारे साथ रहे। - युहन्ना १४:१६

बाइबल पाठ: युहन्ना १४:१२-३१

Joh 14:12 मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जो मुझ पर विश्वास रखता है, ये काम जो मैं करता हूं वह भी करेगा, वरन इन से भी बड़े काम करेगा, क्‍योंकि मैं पिता के पास जाता हूं।
Joh 14:13 और जो कुछ तुम मेरे नाम से मांगोगे, वही मैं करूंगा कि पुत्र के द्वारा पिता की महिमा हो।
Joh 14:14 यदि तुम मुझ से मेरे नाम से कुछ मांगोगे, तो मैं उसे करूंगा।
Joh 14:15 यदि तुम मुझ से प्रेम रखते हो, तो मेरी आज्ञाओं को मानोगे।
Joh 14:16 और मैं पिता से बिनती करूंगा, और वह तुम्हें एक और सहायक देगा, कि वह सर्वदा तुम्हारे साथ रहे।
Joh 14:17 अर्थात सत्य का आत्मा, जिसे संसार ग्रहण नहीं कर सकता, क्‍योंकि वह न उसे देखता है और न उसे जानता है: तुम उसे जानते हो, क्‍योंकि वह तुम्हारे साथ रहता है, और वह तुम में होगा।
Joh 14:18 मैं तुम्हें अनाथ न छोडूंगा, मैं तुम्हारे पास आता हूं।
Joh 14:19 और थोड़ी देर रह गई है कि संसार मुझे न देखेगा, परन्‍तु तुम मुझे देखोगे, इसलिये कि मैं जीवित हूं, तुम भी जीवित रहोगे।
Joh 14:20 उस दिन तुम जानोगे, कि मैं अपने पिता में हूं, और तुम मुझ में, और मैं तुम में।
Joh 14:21 जिस के पास मेरी आज्ञा है, और वह उन्‍हें मानता है, वही मुझ से प्रेम रखता है, और जो मुझ से प्रेम रखता है, उस से मेरा पिता प्रेम रखेगा, और मैं उस से प्रेम रखूंगा, और अपने आप को उस पर प्रगट करूंगा।
Joh 14:22 उस यहूदा ने जो इस्‍किरयोती न था, उस से कहा, हे प्रभु, क्‍या हुआ की तू अपने आप को हम पर प्रगट किया चाहता है, और संसार पर नहीं।
Joh 14:23 यीशु ने उस को उत्तर दिया, यदि कोई मुझ से प्रेम रखे, तो वह मेरे वचन को मानेगा, और मेरा पिता उस से प्रेम रखेगा, और हम उसके पास आएंगे, और उसके साथ वास करेंगे।
Joh 14:24 जो मुझ से प्रेम नहीं रखता, वह मेरे वचन नहीं मानता, और जो वचन तुम सुनते हो, वह मेरा नहीं वरन पिता का है, जिस ने मुझे भेजा।
Joh 14:25 ये बातें मैं ने तुम्हारे साथ रहते हुए तुम से कहीं।
Joh 14:26 परन्‍तु सहायक अर्थात पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा, और जो कुछ मैं ने तुम से कहा है, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा।
Joh 14:27 मैं तुम्हें शान्‍ति दिए जाता हूं, अपनी शान्‍ति तुम्हें देता हूं; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता: तुम्हारा मन न घबराए और न डरे।
Joh 14:28 तुम ने सुना, कि मैं ने तुम से कहा, कि मैं जाता हूं, और तुम्हारे पास फिर आता हूं: यदि तुम मुझ से प्रेम रखते, तो इस बात से आनन्‍दित होते, कि मैं पिता के पास जाता हूं क्‍योंकि पिता मुझ से बड़ा है।
Joh 14:29 और मैं ने अब इस के होने के पहिले तुम से कह दिया है, कि जब वह हो जाए, तो तुम प्रतीति करो।
Joh 14:30 मैं अब से तुम्हारे साथ और बहुत बातें न करूंगा, क्‍योंकि इस संसार का सरदार आता है, और मुझ में उसका कुछ नहीं।
Joh 14:31 परन्‍तु यह इसलिए होता है कि संसार जाने कि मैं पिता से प्रेम रखता हूं, और जिस तरह पिता ने मुझे आज्ञा दी, मैं वैसे ही करता हूं: उठो, यहां से चलें।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १२३-१२५
  • १ कुरिन्थियों १०:१-१८

शनिवार, 27 अगस्त 2011

ओक वृक्ष से शिक्षा

हमारे घर के पीछे कुछ सुन्दर ओक वृक्ष खड़े हैं। हर वर्ष पतझड़ की ऋतु में मैं देखता हूँ कि उन पर कुछ सूखे पत्ते इधर-उधर लगे रह जाते हैं, जबकि बाकि सभी पत्ते उन ओक तथा अन्य वृक्षों पर से झड़ चुके होते हैं। शीत ऋतु की तेज़ हवाएं और बसन्त की बारिष भी उन सूखे पत्तों को गिरा नहीं पाती। लेकिन जैसे जैसे बसन्त ऋतु बढ़ती है, दृश्य बदलने लगता है। वृक्षों की उन सूखी और बेजान प्रतीत होने वाली डालियों से नई कोंपलें फूटने लगती हैं। जैसे जैसे कोंपलें बढ़ती हैं, वे उन पुराने सूखे पत्तों को गिरा देती हैं; नए जीवन की शक्ति उन पुराने सूखे जीवन के अवशेषों को साफ कर देती है।

मसीही विश्वासी के अन्दर परमेश्वर का पवित्र आत्मा भी अपना अनुग्रह का कार्य कुछ ऐसे ही करता है। कुछ पुरानी आदतें हमारे जीवनों से चिपकी रह जाती हैं। हमारे जीवन की परीक्षाएं और क्लेष भी हमारी पुरानी पापों में पतित प्रकृति की इन आदतों को हम से दूर नहीं कर पाते। लेकिन हमारे प्रभु का आत्मा हम में नए जीवन के संचार को बनाए रखता है, और मसीह का यह जीवन हम में से बाहर प्रगट होने के मार्ग ढूंढ़ता रहता है। जैसे जैसे हम परमेश्वर के सामने अपने पापों का अंगीकार करते, प्रार्थना करते और उसके वचन का मनन करने में समय बिताते हैं, हमारी पुरानी पतित अवस्था के अवशेष, वे आदतें, हमसे दूर होने लगती हैं और प्रभु का जीवन हम में विदित होने लगता है।

जब उन पुरानी आदतों को दूर कर देने के हमारे अपने सभी प्रयास विफल हों और उन आदतों की हमारे जीवन में उपस्थिति हमारे लिए निराशा का कारण बनने लगे तो हमें ओक वृक्ष से शिक्षा लेनी चाहिए। जैसे बाहर से सूखे प्रतीत होने वाले ओक वृक्ष में जीवन का संचार बाकी रहता है और अपने समय में प्रगट होकर पुराने जीवन के अवशेषों को दूर कर देता है, वैसे ही प्रत्येक मसीही विश्वासी में प्रभु के आत्मा की उपस्थिति और नए जीवन का संचार बना रहता है, और अनुकूल परिस्थितियों में प्रगट हो कर पुरानी बातों को हटा देता है। जैसे जैसे हम परमेश्वर के आत्मा की प्रेरणा और आवाज़ की ओर अपना ध्यान लगाकर अपने जीवन में पवित्र आत्मा के फलों, जैसे प्रेम, ईमानदारी, विश्वासयोग्यता आदि को स्थान देते हैं, उसकी सामर्थ हमारे जीवनों में कार्य कर के पुरानी बातों को हटाती और नए जीवन को दिखाती जाती है। - डेनिस डी हॉन


यदि प्रभु यीशु मसीह हमारे जीवन का केंद्र बिंदु है, तो बाहरी परिधि स्वतः ही ठीक हो जाएगी।

पर मैं कहता हूं, आत्मा के अनुसार चलो, तो तुम शरीर की लालसा किसी रीति से पूरी न करोगे। - गलतियों ५:१६

बाइबल पाठ: गलतियों ५:१६-२६

Gal 5:16 पर मैं कहता हूं, आत्मा के अनुसार चलो, तो तुम शरीर की लालसा किसी रीति से पूरी न करोगे।
Gal 5:17 क्‍योंकि शरीर आत्मा के विरोध में लालसा करता है, और ये एक दूसरे के विरोधी हैं; इसलिये कि जो तुम करना चाहते हो वह न करने पाओ।
Gal 5:18 और यदि तुम आत्मा के चलाए चलते हो तो व्यवस्था के आधीन न रहे।
Gal 5:19 शरीर के काम तो प्रगट हैं, अर्थात व्यभिचार, गन्‍दे काम, लुचपन।
Gal 5:20 मूर्ति पूजा, टोना, बैर, झगड़ा, ईर्ष्या, क्रोध, विरोध, झूठ, विधर्म।
Gal 5:21 डाह, मतवालापन, लीलाक्रीड़ा, और इन के जैसे और और काम हैं, इन के विषय में मैं तुम को पहिले से कह देता हूं जैसा पहिले कह भी चुका हूं, कि ऐसे ऐसे काम करने वाले परमेश्वर के राज्य के वारिस न होंगे।
Gal 5:22 पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्‍द, मेल, धीरज,
Gal 5:23 और कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम हैं; ऐसे ऐसे कामों के विरोध में कोई व्यवस्था नहीं।
Gal 5:24 और जो मसीह यीशु के हैं, उन्‍होंने शरीर को उस की लालसाओं और अभिलाषाओं समेत क्रूस पर चढ़ा दिया है।
Gal 5:25 यदि हम आत्मा के द्वारा जीवित हैं, तो आत्मा के अनुसार चलें भी।
Gal 5:26 हम घमण्‍डी होकर न एक दूसरे को छेड़ें, और न एक दूसरे से डाह करें।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १२०-१२२
  • १ कुरिन्थियों ९

शुक्रवार, 26 अगस्त 2011

धीरज का कौशल

अपनी पुस्तक They Call me Coach में जौन वुडएन ने, जो कई वर्ष तक UCLA टीम के बास्केट बॉल सिखाने वाले रहे थे, अपने कार्य करने के तरीके के बारे में लिखा। उन्होंने कहा कि कई वर्षों तक मैंने अपनी टीम को धैर्य से खेलने का पाठ पढ़ाया, और उन्हें धैर्य से खेलते रहना सिखाता रहा। खेल में मेरा नियम सदा ही रहा है कि अन्ततः धैर्य ही की जीत होती है। इससे मेरा तात्पर्य है कि अपनी बनाई हुई खेलने की योजना पर धैर्य से बने रहना। यदि हम अपनी योजना पर बने रहेंगे तो प्रतिद्वंदी को कमज़ोर कर सकते हैं और उन पर हावी हो सकते हैं। यदि हम अधीर होकर अपनी नीति त्याग दें और प्रतिद्वंदियों की नीति अपनाने लगें तो अवश्य ही हम कठिनाई में पड़ जाएंगे। यदि हम संयम के स्थान पर अपनी भावनाओं को अपने ऊपर हावी होने देंगे तो हम कभी ठीक से नहीं खेल पाएंगे। इसका यह अर्थ नहीं है कि हम सदा ही प्रतिद्वंदी से अधिक अंक बनाते रहेंगे, परन्तु यह अर्थ अवश्य है कि यदि हार का सामना करना भी पड़े, तो हम स्वयं अपने आप को ही पराजित नहीं करेंगे।

परमेश्वर का वचन हमें प्रेरित करता है कि हम परमेश्वर पर निर्भर होना सीखें, और साथ ही इस निर्भरता के अनुरूप सही चिंतन तथा उचित कार्य भी करते रहें। परिस्थितियां कैसी भी क्यों न प्रतीत हों, हमें विश्वास रखना है कि परमेश्वर अपनी बाट जोहने वालों को, उसकी योजना के अनुसार जीवन व्यतीत करने के लिए, आदर देगा।

भजन ३७ में परमेश्वर का यही सन्देश है: "मुझ पर भरोसा रखो और जो मेरी दृष्टी में सही है वही करते रहो। चाहे तुम्हें परिस्थितियां कितनी भी असंभव क्यों न लगें, नतीजा मुझ पर छोड़ दो और मैं अन्ततः तुम्हें विजयी अवश्य बनाऊंगा।"

परमेश्वर पर निर्भरता तथा धीरज का यह कौशल न केवल हमें अपने आप को हराने से बचाए रखेगा, वरन यह भी सुनिश्चित करेगा कि हमें एक महिमामयी विजय प्राप्त हो सके। - मार्ट डी हॉन


परमेश्वर महान कार्य जलदबाज़ी में नहीं करता; उसकी बाट जोहना सीखें।

अपने मार्ग की चिन्ता यहोवा पर छोड़ और उस पर भरोसा रख, वही पूरा करेगा। - भजन ३७:५


बाइबल पाठ: भजन ३७:१-११

Psa 37:1 कुकर्मियों के कारण मत कुढ़, कुटिल काम करने वालों के विषय डाह न कर!
Psa 37:2 क्योंकि वे घास की नाईं झट कट जाएंगे, और हरी घास की नाई मुर्झा जाएंगे।
Psa 37:3 यहोवा पर भरोसा रख, और भला कर; देश में बसा रह, और सच्चाई में मन लगाए रह।
Psa 37:4 यहोवा को अपने सुख का मूल जान, और वह तेरे मनोरथों को मूरा करेगा।
Psa 37:5 अपने मार्ग की चिन्ता यहोवा पर छोड़ और उस पर भरोसा रख, वही पूरा करेगा।
Psa 37:6 और वह तेरा धर्म ज्योति की नाईं, और तेरा न्याय दोपहर के उजियाले की नाई प्रगट करेगा।
Psa 37:7 यहोवा के साम्हने चुपचाप रह, और धीरज से उसका आसरा रख; उस मनुष्य के कारण न कुढ़, जिस के काम सुफल होते हैं, और वह बुरी युक्तियों को निकालता है!
Psa 37:8 क्रोध से परे रह, और जलजलाहट को छोड़ दे! मत कुढ़, उस से बुराई ही निकलेगी।
Psa 37:9 क्योंकि कुकर्मी लोग काट डाले जाएंगे और जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वही पृथ्वी के अधिकारी होंगे।
Psa 37:10 थोड़े दिन के बीतने पर दुष्ट रहेगा ही नहीं; और तू उसके स्थान को भलीं भांति देखने पर भी उसको न पाएगा।
Psa 37:11 परन्तु नम्र लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और बड़ी शान्ति के कारण आनन्द मनाएंगे।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ११९:८९-१७६
  • १ कुरिन्थियों ८

गुरुवार, 25 अगस्त 2011

व्यस्त जीवन

मार्ग पर धीमी चलती गाड़ियों के बीच में फंस जाना मुझे बहुत बुरा लगता है। लेकिन उस से भी अधिक परेशान और खिसिया देने वाला अनुभव होता है जब मेरी गाड़ी की पंक्ति के दाएं-बाएं की पंक्तियां भी ऐसे ही धीमी चल रही हों और मेरे आगे और पीछे बड़े बड़े ट्रक अड़े खड़े हों, जिससे मेरे पास कहीं भी निकल सकने का कोई मार्ग न बचे। ऐसे में फंस कर बस मैं सामने वाले ट्रक पर लिखी बातों को ही पढ़ कर समय बिता सकता हूँ, और तब मुझे उन बातों से कोई विनोद नहीं होता।

कुछ समय पहले मैं ऐसी ही परिस्थिति में था, मेरा धीरज कम हो रहा था और मेरा उतावलापन बढ़ रहा था, मेरी कार और मेरा शरीर शिथिल तथा निश्क्रीय थे, ऐसे में मेरा दिमाग़ सक्रीय हो गया। मैं ने समझा कि यही बात मसीही जीवन में भी लागू होती है। कभी कभी प्रभु के साथ चलने में हम परिस्थितियों द्वारा ऐसे फंसा दिये जाते हैं कि हम कुछ भी कर पाने में असमर्थ हो जाते हैं, बस कसमसाते ही रहते हैं कि न जाने आगे क्या होगा, कब होगा, आदि। ऐसे में अधीरता और क्रोध समस्या को केवल बढ़ाते ही हैं।

मुझे लगता है कि कुछ ऐसा ही भजन ६२ के लेखक ने अनुभव किया होग जब उसने यह भजन लिखा। लेकिन भजनकार ने परमेश्वर के साथ अपने सुदृढ़ संबंध को याद किया और धैर्य पाया कि उसके लिए मार्ग खुल जाएगा।

मेरे मसीही जीवन के अनुभव में मैं ने पाया है कि, जैसे व्यस्त मार्गों में फंसने के बाद होता है, कुछ समय के पश्चात मार्ग खुल जाता है, आगे बढ़ने का मार्ग मिल जाता है। हमें अपने मसीही जीवन के अवरोधों में फंसने से अधीर हो कर कोई गलत कदम नहीं उठाना चाहिए, वरन उस समय का उपयोग परमेश्वर के साथ शांत होकर समय बिताने में लगाना चाहिए। जितनों ने उसकी बाट जोही है, वे कभी निराश नहीं हुए। - डेनिस डी हॉन


धीरज का अर्थ है परमेश्वर के समय की प्रतीक्षा, बिना उसके प्रेम पर कोई सन्देह किए हुए करते रहना।

हे मेरे मन, परमेश्वर के साम्हने चुपचाप रह, क्योंकि मेरी आशा उसी से है। - भजन ६२:५


बाइबल पाठ: भजन ६२

Psa 62:1 सचमुच मैं चुपचाप होकर परमेरश्वर की ओर मन लगाए हूं; मेरा उद्धार उसी से होता है।
Psa 62:2 सचमुच वही, मेरी चट्टान और मेरा उद्धार है, वह मेरा गढ़ है, मैं बहुत न डिगूंगा।
Psa 62:3 तुम कब तक एक पुरूष पर धावा करते रहोगे, कि सब मिल कर उसका घात करो? वह तो झुकी हुई भीत वा गिरते हुए बाड़े के समान है।
Psa 62:4 सचमुच वे उसको, उसके ऊंचे पद से गिराने की सम्मति करते हैं; वे झूठ से प्रसन्न रहते हैं। मुंह से तो वे आशीर्वाद देते पर मन में कोसते हैं।
Psa 62:5 हे मेरे मन, परमेश्वर के साम्हने चुपचाप रह, क्योंकि मेरी आशा उसी से है।
Psa 62:6 सचमुच वही मेरी चट्टान, और मेरा उद्धार है, वह मेरा गढ़ है इसलिये मैं न डिगूंगा।
Psa 62:7 मेरा उद्धार और मेरी महिमा का आधार परमेश्वर है; मेरी दृढ़ चट्टान, और मेरा शरणस्थान परमेश्वर है।
Psa 62:8 हे लोगो, हर समय उस पर भरोसा रखो, उस से अपने अपने मन की बातें खोल कर कहो; परमेश्वर हमारा शरणस्थान है।
Psa 62:9 सचमुच नीच लोग तो अस्थाई, और बड़े लोग मिथ्या ही हैं; तौल में वे हलके निकलते हैं, वे सब के सब सांस से भी हलके हैं।
Psa 62:10 अन्धेर करने पर भरोसा मत रखो, और लूट पाट करने पर मत फूलो, चाहे धन सम्पति बढ़े, तौभी उस पर मन न लगाना।
Psa 62:11 परमेश्वर ने एक बार कहा है, और दो बार मैं ने यह सुना है: कि सामर्थ्य परमेश्वर का है।
Psa 62:12 और हे प्रभु, करूणा भी तेरी है। क्योंकि तू एक एक जन को उसके काम के अनुसार फल देता है।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ११९:१-८८
  • १ कुरिन्थियों ७:२०-४०

बुधवार, 24 अगस्त 2011

शांत, अधीर और संयमी

लेखक बोरहैम एक पादरी की विदाई सभा में सम्मिलित हुए। इस पादरी ने २० वर्ष तक एक चर्च में कार्य किया था। उस सभा में बहुत से अन्य पादरी भी आए, और सब ने विदाई लेने वाले पादरी की भूरि भूरि प्रशंसा करी, उसके गुणों का खूब बखान किया। बोरहैम ने लिखा कि उस सभा में जो कुछ कहा गया, उस में से उन्हें कुछ भी याद नहीं रहा, सिवाय एक बात के, जो उस चर्च के एक आदमी ने अपने पादरी के विषय में कही; उस व्यक्ति का कहना था कि "पिछले २० वर्षों में लगभग प्रति दिन मैं ने पादरी साहब को देखा है, लेकिन मैंने उन्हें कभी किसी बात के लिए अधीर नहीं पाया।" विदाई समारोह की समाप्ति के पश्चात पादरी ने उस व्यक्ति कि इस बात को, उनके विषय में कही गई अन्य सभी बातों से अधिक संतोषजनक बताया। उन्होंने कहा, यह बात मेरे लिए प्रमाण है कि मैं ने वास्तव में धीरज से परमेश्वर की बाट जोहना सीखा है और यशायाह ३०:१५ का भेद समझ लिया है।

बहुत से लोगों के लिए कठिन परिस्थित्यों में शांत, अधीर और संयमी रहना या तो उनके आत्म अनुशासन की अथवा उनके स्वभाव की विशेषता है। लेकिन एक मसीही विश्वासी के लिए परमेश्वर की बाट जोहना भीतरी सामर्थ पाने की विधि है। परमेश्वर के सेवक और जाने-माने प्रचारक मार्टिन लूथर ने एक बार कहा था कि प्रतिदिन उनके पास करने के लिए इतना होता है कि यदि वे प्रतिदिन तीन घंटे प्रार्थना में न बिताएं तो उनके लिए कुछ कर पाना संभव नहीं हो पाएगा। लेकिन सामन्यतः हम इस क्रम को बदल देते हैं और व्यस्तता के साथ हमारा प्रार्थना का समय घट जाता है। फिर हम चिंतित होते हैं कि हम क्यों कठिन परिस्थितियों में विचिलित रहते हैं या अधीरता से व्यवहार करते हैं; ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हम परमेश्वर के साथ शांत होकर समय बिताना छोड़ देते हैं।

उन पादरी साहब के जीवन से शिक्षा लीजिए; परमेश्वर की बाट जोहना सीखिए; आप भी शांत, अधीर और संयमी बन जाएंगे। - रिचर्ड डी हॉन


जितने के लिए प्रार्थना करने का समय हम रखते हैं, केवल उतना ही कार्य हमें अपने हाथ में लेना चाहिए।

प्रभु यहोवा, इस्राएल का पवित्र यों कहता है, लौट आने और शान्त रहने में तुम्हारा उद्धार है; शान्त रहते और भरोसा रखने में तुम्हारी वीरता है। - यशायाह ३०:१५
बाइबल पाठ: यशायाह ३०:१५-१८
Isa 30:15 प्रभु यहोवा, इस्राएल का पवित्र यों कहता है, लौट आने और शान्त रहने में तुम्हारा उद्धार है; शान्त रहते और भरोसा रखने में तुम्हारी वीरता है। परन्तु तुम ने ऐसा नहीं किया,
Isa 30:16 तुम ने कहा, नहीं, हम तो घोड़ों पर चढ़ कर भागेंगे, इसलिये तुम भागोगे; और यह भी कहा कि हम तेज सवारी पर चलेंगे, सो तुम्हारा पीछा करने वाले उस से भी तेज होंगे।
Isa 30:17 एक ही की धमकी से एक हजार भागेंगे, और पांच की धमकी से तुम ऐसा भागोगे कि अन्त में तुम पहाड़ की चोटी के डण्डे वा टीले के ऊपर की ध्वजा के समान रह जाओगे जो चिन्ह के लिये गाड़े जाते हैं।
Isa 30:18 तौभी यहोवा इसलिये विलम्ब करता है कि तुम पर अनुग्रह करे, और इसलिये ऊंचे उठेगा कि तुम पर दया करे। क्योंकि यहोवा न्यायी परमेश्वर है; क्या ही धन्य हैं वे जो उस पर आशा लगाए रहते हैं।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ११६-११८
  • १ कुरिन्थियों ७:१-१९

मंगलवार, 23 अगस्त 2011

ज़िन्दगी की दौड़

कंप्यूटर द्वारा ५००० रेस के घोड़ों के अध्ययन करने से पता चला कि घोड़े के बचपन से ही जाना जा सकता है कि वह बड़ा होकर अच्छा दौड़ने वाला घोड़ा होगा कि नहीं। Massachusetts Institute of Technology के एक प्राधायपक ने पाया कि तेज़ दौ़ड़ने वाले घोड़े के पांव दौड़ते समय ज़मीन पर एक के बाद एक पड़ते हैं न कि दो पांव एक साथ। ऐसे घोड़े जब दौड़ते हैं तो हर एक पांव ज़मीन पर तब आता है जब उससे पहले वाला ज़मीन से वेग लेकर उठ रहा होता है। इस प्रकार चारों पांव बारी बारी ज़मीन से वेग लेकर उठते हैं और घोड़ा व्यय उर्जा से सबसे अच्छी गति प्राप्त करने पाता है। घोड़े के चलने-भागने का तरीका उसके पैदा होने के कुछ ही महिनों के अन्दर निर्धारित हो जाता है और फिर उनकी सारी उम्र नहीं बदलता। इसलिए बचपने से ही घोड़ों का अध्ययन करने से यह पूर्वानुमान लगाया जा सकता है कि कौन सा घोड़ा आगे चलकर अच्छा भागने वाला घोड़ा बनेगा।

परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने मसीही जीवन को एक दौड़ की संज्ञा दी। उसने कहा मसीही जीवन की दौड़ वे ही भली भांति दौड़ सकते हैं जो परिश्रम करने में निपुण होते हैं। मसीही विश्वासी के लिए इसका तातपर्य है संयम और अनुशासन से दौड़ना (१ कुरिन्थियों ९:२४-२७)। इसी संदर्भ में इब्रानियों की पत्री का लेखक भी बताता है कि मसीही दौड़ का अच्छा धावक वह है जो व्यर्थ बोझ साथ लेकर नहीं दौड़ता, वरन उसे त्याग कर इस दौड़ को पूरा करता है - "इस कारण जब कि गवाहों का ऐसा बड़ा बादल हम को घेरे हुए है, तो आओ, हर एक रोकने वाली वस्‍तु, और उलझाने वाले पाप को दूर कर के, वह दौड़ जिस में हमें दौड़ना है, धीरज से दौड़ें। - इब्रानियों १२:१

बाइबल के पुराने नियम में यशायाह भविष्यद्वक्ता ने भी जीवन की दौड़ को भली भांति दौड़ने की बात कही। उसने कहा कि यह दौड़ वही भली भांति दौड़ सकते हैं जो परमेश्वर पर निर्भर होना और उसके समय की प्रतीक्षा करना जानते हैं, क्योंकि ऐसे लोग परमेश्वर को अपनी सामर्थ और अपनी आशा बनाना लेते हैं (यशायाह ४०:३१)।

ज़िन्दगी की दौड़ यदि भलि भांति दौड़ कर पूरी करनी है और परमेश्वर से प्रतिफल पाना है तो उसके लिए परमेश्वर पर निर्भर होना, उसके समय की प्रतीक्षा करना; जीवन में संयम तथा अनुशासन का पालन करना और ज़िन्दगी को उलझाने वाले पापों से बचा कर रखना होगा। - मार्ट डी हॉन


जो परमेश्वर पर निर्भर रहेंगे वे पाप के बोझ से मुक्त रहेंगे।

क्‍या तुम नहीं जानते, कि दौड़ में तो दौड़ते सब ही हैं, परन्‍तु इनाम एक ही ले जाता है तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो। - १ कुरिन्थियों ९:२४


बाइबल पाठ: १ कुरिन्थियों ९:२४-२७

1Co 9:24 क्‍या तुम नहीं जानते, कि दौड़ में तो दौड़ते सब ही हैं, परन्‍तु इनाम एक ही ले जाता है तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो।
1Co 9:25 और हर एक पहलवान सब प्रकार का संयम करता है, वे तो एक मुरझाने वाले मुकुट को पाने के लिये यह सब करते हैं, परन्‍तु हम तो उस मुकुट के लिये करते हैं, जो मुरझाने का नहीं।
1Co 9:26 इसलिये मैं तो इसी रीति से दौड़ता हूं, परन्‍तु बेठिकाने नहीं, मैं भी इसी रीति से मुक्कों से लड़ता हूं, परन्‍तु उस की नाईं नहीं जो हवा पीटता हुआ लड़ता है।
1Co 9:27 परनतु मैं अपनी देह को मारता कूटता, और वश में लाता हूं; ऐसा न हो कि औरों को प्रचार करके, मैं आप ही किसी रीति से निकम्मा ठहरूं।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ११३-११५
  • १ कुरिन्थियों ६

सोमवार, 22 अगस्त 2011

धीरे होईये, गति पाईये

अंत्रिक्ष यात्री माइकल कोलिन्स ने अंत्रिक्ष में उड़ रहे दो अंत्रिक्ष यानो के आपस में जोड़े जाने की विधि को बताया। उन्होंने समझाया कि जब दो वायुयान हवा में पृथ्वी के ऊपर, एक से दूसरे में ईंधन भरने के लिए आपस में जुड़ते हैएं तो जुड़ने के लिए ईंधन लेने वाला पीछे आ रहा वायुयान आगे चल रहे ईंधन देने वाले यान के निकट आने के लिए अपनी गति धीरे धीरे बढ़ाता है जब तक कि वह आगे वाले यान से लटक रहे ईंधन पहुँचाने वाले पाइप के निकट नहीं आ जाता और उस से जुड़ नहीं जाता। लेकिन अंत्रिक्ष में स्थिति बिलकुल विपरीत होती है। यदि पीछे चल रहा अंत्रिक्ष यान अपनी गति बढ़ाता है तो वह और अधिक ऊंची अंत्रिक्ष कक्षा में पहुँच जाता है और दोनो यानो के बीच की दूरी और बढ़ जाती है। इसलिए पीछे वाले अंत्रिक्ष यान के नियंत्रक को अपनी स्वाभाविक प्रतिक्रिया को बरबस रोकना होता है और अपने यान की गति और धीमी करनी होती है तभी वह आगे चल अंत्रिक्ष यान की अंत्रिक्ष कक्षा में आकर उसके समीप आ पाता है और उससे जुड़ने पाता है। अर्थात अंत्रिक्ष यान के नियंत्रक को, आगे बढ़ने के लिए धीमे होना पड़ता है।

कुछ ऐसा ही आत्मिक पिछड़ेपन को दूर करने पर भी लागु होता है। ऐसे में स्वाभाविक प्रतिक्रिया और लोगों की सलाह होती है कि और अधिक मेहनत करो, अपनी आत्मिक कार्यशीलता की गति को और बढ़ाओ, दूसरों के समान होने के प्रयास में लगे रहो; प्रयासों में ढीले पड़े तो जो कुछ हासिल किया है वह भी जाता रहेगा। लेकिन परमेश्वर के वचन बाइबल की शिक्षा कुछ भिन्न ही है, जो सिखाती है कि प्रभु के लिए प्रभावी होने के लिए अपनी कार्य गतिशीलता को धीमा करो, एवं शांत होकर प्रभु पर निर्भर होना, उसकी संगति में रहना सीखो; तभी आत्मिक जीवन में उन्नति पाओगे।

प्रभु के जो जन अपनी व्यसतता की गति को बढ़ाते रहते हैं वे अंत्रिक्ष यानों की तरह प्रभु से भी अपनी दूरी बढ़ाते रहते हैं क्योंकि उनके लिए उनका कार्य प्रभु के साथ और संगति से अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। फिर वे अपनी समझ-बूझ द्वारा निर्णय लेकर प्रभु के नाम से तो बहुत कुछ करने लगते हैं किंतु प्रभु की इच्छानुसार कुछ नहीं करते क्योंकि प्रभु की इच्छा जानने का समय ही उनके पास नहीं होता। इसीलिए कुछ समय पश्चात उनका कार्य थकाने वाला और बोझिल लगने लगता है और उस में कोई आत्मिक आशीष नहीं होती। यह अनिवार्य है कि ऐसे समयों में हमें शांत होकर प्रार्थना और प्रभु के वचन के अध्ययन में समय बिताना चाहिए और प्रभु के निर्देषों की प्रतीक्षा करनी चाहिए और फिर उन निर्देषों के अनुसार अपनी प्राथमिकताएं पुनः निर्धारित करनी चाहिएं।

जब हम आत्मिक रूप से पिछड़ जाते हैं तो आगे बढ़ने का एकमात्र कारगर उपाय है धीरे होकर प्रभु के साथ चलना; तब ही हम आत्मिक जीवन में आगे बढ़ पाएंगे और प्रभु के लिए प्रभावी और कार्यकारी हो पाएंगे। - मार्ट डी हॉन


यदि हम अलग होकर प्रभु की संगति में विश्राम करना नहीं सीखेंगे तो बिलकुल अलग-थलग हो जाएंगे।

परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों की नाई उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे। - यशायाह ४०:३१


बाइबल पाठ: यशायाह ४०:२५-३१

Isa 40:25 सो तुम मुझे किस के समान बताओगे कि मैं उसके तुल्य ठहरूं? उस पवित्र का यही वचन है।
Isa 40:26 अपनी आंखें ऊपर उठाकर देखो, किस ने इनको सिरजा? वह इन गणों को गिन गिनकर निकालता, उन सब को नाम ले लेकर बुलाता है? वह ऐसा सामर्थी और अत्यन्त बली है कि उन में के कोई बिना आए नहीं रहता।
Isa 40:27 हे याकूब, तू क्यों कहता है, हे इस्राएल तू क्यों बोलता है, मेरा मार्ग यहोवा से छिपा हुआ है, मेरा परमेश्वर मेरे न्याय की कुछ चिन्ता नहीं करता?
Isa 40:28 क्या तुम नहीं जानते? क्या तुम ने नहीं सुना? यहोवा जो सनातन परमेश्वर और पृथ्वी भर का सिरजनहार है, वह न थकता, न श्रमित होता है, उसकी बुद्धि अगम है।
Isa 40:29 वह थके हुए को बल देता है और शक्तिहीन को बहुत सामर्थ देता है।
Isa 40:30 तरूण तो थकते और श्रमित हो जाते हैं, और जवान ठोकर खाकर गिरते हैं;
Isa 40:31 परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों की नाई उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ११०-११२
  • १ कुरिन्थियों ५

रविवार, 21 अगस्त 2011

प्रतीक्षा में समय लगता है

हमारी सदी "तुरंत" की सदी है। हमें प्रत्येक चीज़ तुरंत चाहिए। हमने तुरंत तैयार होने वाले भोजन और पेय बना लिए हैं; किसी से भी, चाहे वह जन किसी सुदूर स्थान पर ही हो, तुरंत बात कर सकने की क्षमता उपलब्ध कर ली है। हमें हर बात में हर नतीजा तुरंत ही चाहिए, चाहे वह शारीरिक इलाज हो या आत्मिक उन्नति। संभवतः इसीलिए हम परमेश्वर के साथ धीरज से बैठने को भूल चुके हैं और हम अपनी तुरंत आत्मिक बढ़ोतरी चाहते हैं। लेकिन परिपक्वता समय के साथ ही आती है, उसके लिए कोई तुरंत कारगर उपाय नहीं है, जो हमें सारे अनुभव एक साथ ही दे सके।

एक पादरी ने एक गृहणी के बारे में बताया जो उसके पास अपनी गंभीर पारिवारिक समस्या ले कर सलाह के लिए आई थी। पादरी ने उसे उत्तर दिया, "तुम्हारे पास दो रास्ते खुले हैं। एक तो है कि तुम बात को अपने हाथ में ले लो और अपनी समझ के अनुसार निर्णय कर लो; लेकिन इसका नतीज होगा तुम्हारा टूटा परिवार। दूसरा मार्ग परमेश्वर का मार्ग है; बात को उसके हाथ में छोड़ दो, उसके समय की प्रतीक्षा करो। ऐसा करने में तुम्हारा धीरज अवश्य ही गंभीरता से परखा तो जाएगा लेकिन अन्त में तुम्हें एक स्थिर और संतोषजनक उत्तम परिणाम भी मिलेगा।" वह गृहणी पादरी की बात समझ गई, उसकी बात को स्वीकार कर के मान लिया और वह अपनी समस्या परमेश्वर के हाथ में सौंप कर विश्वासयोग्यता से परमेश्वर के समय की प्रतीक्षा करने लगी। धीरे धीरे उसने देखा कि परमेश्वर उसके घर की परिस्थितियों को बदलता जा रहा है, और उसका विश्वास भी बढ़ता गया, और अन्ततः उसने अपनी स्मस्याओं का स्थिर और संतोषजनक उत्तम हल पा लिया।

धीरज धरने का अर्थ चुपचाप बैठ कर प्रतीक्षा करना नहीं है, लेकिन हर परिस्थिति में परमेश्वर पर विश्वास रख कर उसके वचन और आज्ञानुसार अपने को चलाते रहना है; जो कई दफा आसान नहीं होता, और ऐसा करने में बहुत इच्छाशक्ति की सामर्थ चाहिए होती है।

जब विकराल समस्याओं से सामना हो और घबराहट हावी होने लगे तो स्मरण रखें कि हमारा स्वर्गीय पिता उनके पक्ष में कार्य करता है जो उसकी प्रतीक्षा करते हैं; "क्योंकि प्राचीनकाल ही से तुझे छोड़ कोई और ऐसा परमेश्वर न तो कभी देखा गया और न काल से उसकी चर्चा सुनी गई जो अपनी बाट जोहने वालों के लिये काम करे" - यशायाह ६४:४। - पौल वैन गोर्डर


लगातर संयम द्वारा ही हम विजयी होते हैं।

हे मेरे मन, परमेश्वर के साम्हने चुपचाप रह, क्योंकि मेरी आशा उसी से है। - भजन ६२:५


बाइबल पाठ: भजन ६२

Psa 62:1 सचमुच मैं चुपचाप होकर परमेरश्वर की ओर मन लगाए हूं; मेरा उद्धार उसी से होता है।
Psa 62:2 सचमुच वही, मेरी चट्टान और मेरा उद्धार है, वह मेरा गढ़ है; मैं बहुत न डिगूंगा।
Psa 62:3 तुम कब तक एक पुरूष पर धावा करते रहोगे, कि सब मिल कर उसका घात करो? वह तो झुकी हुई भीत वा गिरते हुए बाड़े के समान है।
Psa 62:4 सचमुच वे उसको, उसके ऊंचे पद से गिराने की सम्मति करते हैं; वे झूठ से प्रसन्न रहते हैं। मुंह से तो वे आशीर्वाद देते पर मन में कोसते हैं।
Psa 62:5 हे मेरे मन, परमेश्वर के साम्हने चुपचाप रह, क्योंकि मेरी आशा उसी से है।
Psa 62:6 सचमुच वही मेरी चट्टान, और मेरा उद्धार है, वह मेरा गढ़ है; इसलिये मैं न डिगूंगा।
Psa 62:7 मेरा उद्धार और मेरी महिमा का आधार परमेश्वर है; मेरी दृढ़ चट्टान, और मेरा शरणस्थान परमेश्वर है।
Psa 62:8 हे लोगो, हर समय उस पर भरोसा रखो; उस से अपने अपने मन की बातें खोल कर कहो; परमेश्वर हमारा शरणस्थान है।
Psa 62:9 सचमुच नीच लोग तो अस्थाई, और बड़े लोग मिथ्या ही हैं; तौल में वे हलके निकलते हैं; वे सब के सब सांस से भी हलके हैं।
Psa 62:10 अन्धेर करने पर भरोसा मत रखो, और लूट पाट करने पर मत फूलो; चाहे धन सम्पति बढ़े, तौभी उस पर मन न लगाना।
Psa 62:11 परमेश्वर ने एक बार कहा है और दो बार मैं ने यह सुना है: कि सामर्थ्य परमेश्वर का है।
Psa 62:12 और हे प्रभु, करूणा भी तेरी है। क्योंकि तू एक एक जन को उसके काम के अनुसार फल देता है।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १०७-१०९
  • १ कुरिन्थियों ४

शनिवार, 20 अगस्त 2011

धीरज का प्रतिफल

मेरी एक मित्र के लिए अपने अस्पताल में इलाज के लिये भरती रहने के समय को काटना भारी हो रहा था। वह मसीही विश्वासिनी थी और उसे लग रहा था कि उस के बीते दिनों के कोई पाप क्षमा होने के लायक नहीं थे इसलिए उसे दण्ड भोगना पड़ रहा है। मैंने उसे समझाया और विश्वास दिलाया कि जिस क्षण उसने परमेश्वर के आगे अपने पाप मान लिए, उसी क्षण परमेश्वर ने उन्हें क्षमा भी कर दिया। लेकिन फिर भी उसे शरीर और मन की शांति प्राप्त होने की प्रतीक्षा भारी पड़ रही थी।

परमेश्वर के वचन में हबक्कूक नबी भी परेशान और अधीर था। पहले उसने परमेश्वर से इस्त्राएलियों के पापों की शिकायत करी (हबाक्कूक १:२-४); परमेश्वर ने उसे उत्तर दिया कि वह कसदी जाति के लोगों के द्वारा इस्त्राएलियों पर भारी दण्ड लाने पर है। अब नबी ने एक और समस्या उठाई - कसदी तो इस्त्राएल से भी अधिक बुरे और निर्दयी थे (हबाक्कूक १:१२-१७)। लेकिन चाहे हबक्कूक नबी परेशान था, तो भी उसने परमेश्वर के प्रति अपनी श्रद्धा को छोड़ा नहीं, उसने जल्दबाज़ी में कुछ नहीं किया; उसने परमेश्वर का बात को समझाने और स्पष्ट करने की प्रतीक्षा करी। जब परमेश्वर ने फिर हबक्कूक से बात करी तो उसे आश्वस्त किया कि वह उसे सारे उत्तर देगा। परमेश्वर ने उसे कहा कि वह परमेश्वर की बात को शीघ्रता के साथ समस्त इस्त्राएल में बता दे; लेकिन साथ ही यह भी कहा कि सभी गलतियों को सुधरता देखने में उसे कुछ समय लगेगा। उत्तर पाने में यह विलंब हबक्कूक के लिए बड़ा कठिन अनुभव था, लेकिन परमेश्वर का उत्तर अवश्य आया और बिलकुल सही समय पर आया।

जब हम परमेश्वर के किसी कार्य को होते देखना चाहते हैं तो हमें सब बातों को उस के हाथों में सौंप कर बस अपने धीरज और विश्वास को बनाए रखना अनिवार्य है। परमेश्वर अपने समय और अपने तरीके से हमारे धीरज का प्रतिफल अवश्य देगा। - हर्ब वैण्डर लुग्ट


धीरज वह उत्तम सदगुण है जो हर बात के लिए परमेश्वर के समय की प्रतीक्षा करता है।

परन्तु वे झट उस के कामों को भूल गए; और उसकी युक्ति के लिये न ठहरे। - भजन १०६:१३

बाइबल पाठ: हबक्कूक १:१२-२:४

Hab 1:12 हे मेरे प्रभु यहोवा, हे मेरे पवित्र परमेश्वर, क्या तू अनादि काल से नहीं है? इस कारण हम लोग नहीं मरने के। हे यहोवा, तू ने उनको न्याय करने के लिये ठहराया है; हे चट्टान, तू ने उलाहना देने के लिये उनको बैठाया है।
Hab 1:13 तेरी आंखें ऐसी शुद्ध हैं कि तू बुराई को देख ही नहीं सकता, और उत्पात को देख कर चुप नहीं रह सकता; फिर तू विश्वासघातियों को क्यों देखता रहता, और जब दुष्ट निर्दोष को निगल जाता है, तब तू क्यों चुप रहता है?
Hab 1:14 तू क्यों मनुष्यों को समुद्र की मछलियों के समान और उन रेंगने वाले जन्तुओं के समान बनाता है जिन पर कोई शासन करने वाला नहीं है।
Hab 1:15 वह उन सब मनुष्यों को बन्सी से पकड़ कर उठा लेता और जाल में घसीटता और महाजाल में फंसा लेता है; इस कारण वह आनन्दित और मगन है।
Hab 1:16 इसीलिये वह अपने जाल के साम्हने बलि चढ़ाता और अपने महाजाल के आगे धूप जलाता है क्योंकि इन्हीं के द्वारा उसका भाग पुष्ट होता, और उसका भोजन चिकना होता है।
Hab 1:17 परन्तु क्या वह जाल को खाली करने और जाति जाति के लोगों को लगातार निर्दयता से घात करने से हाथ न रोकेगा?
Hab 2:1 मैं अपने पहरे पर खड़ा रहूंगा, और गुम्मट पर चढ़ कर ठहरा रहूंगा, और ताकता रहूंगा कि मुझ से वह क्या कहेगा; और मैं अपने दिए हुए उलाहने के विषय में उत्तर दूं;
Hab 2:2 यहोवा ने मुझ से कहा, दर्शन की बातें लिख दे वरन पटियाओं पर साफ साफ लिख दे कि दौड़ते हुए भी वे सहज से पढ़ी जाएं।
Hab 2:3 क्योंकि इस दर्शन की बात नियत समय में पूरी होने वाली है, वरन इसके पूरे होने का समय वेग से आता है; इस में धोखा न होगा। चाहे इस में विलम्ब भी हो, तौभी उसकी बाट जाहते रहना क्योंकि वह निश्चय पूरी होगी और उस में देर न होगी।
Hab 2:4 देख, उसका मन फूला हुआ है, उसका मन सीधा नहीं है परन्तु धर्मी जन अपने विश्वास के द्वारा जीवित रहेगा।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १०५-१०६
  • १ कुरिन्थियों ३

शुक्रवार, 19 अगस्त 2011

नतीजे परमेश्वर पर छोड़ दें

एक इतवार प्रातः की बात है, स्कौटलैंड का एक चर्च अधिकारी एक बुज़ुर्ग पादरी को उलाहना दे रहा था; अधिकारी ने पादरी से कहा, "आपके प्रचार और कार्य में अवश्य कोई कमी होगी तभी इस पूरे साल में केवल एक नया व्यक्ति चर्च से जुड़ा है, और वह भी एक लड़का ही है।"

उस दिन, जब वह इतवार का संदेश देने के लिए चर्च में खड़ा हुआ तो उस पादरी का हृदय भारी था। अपना सन्देश समाप्त करने के समय तक उसे लगने लगा था कि अब उसे अपना इस्तिफा सौंप देना चाहिए। चर्च के बाद जब सब लोग जा चुके थे तब वह नया लड़का उस बुज़ुर्ग पादरी के पास आया और उससे पूछा, "महोदय क्या आप को लगता है कि यदि मैं मेहनत से काम करूँ तो अपनी पढ़ाई लिखाई पूरी कर के मैं भी पादरी बन सकूँगा, शायद मिशनरी प्रचारक भी?" उस पादरी की आँखें भर आईं, और वह बोला, "रौबर्ट, मैं अब स्वर्गीय हाथ को काम करते देखता हूँ। मेरे बच्चे, परमेश्वर तुम्हें आशीष दे। हाँ, मुझे लगता है कि अवश्य ही तुम एक मिशनरी प्रचारक बनोगे।"

बहुत वर्ष बीत गए, और अफ्रीका के जंगलों में सेवकाई के पश्चात एक मिशनरी प्रचारक लण्डन शहर वापस लौटा। लोग बड़े आदर से उसका नाम लेते थे। उसके कार्य से बहुत से लोगों ने उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह को अपना व्यक्तिगत उद्धारकर्ता ग्रहण किया था। वह अफ्रीका के कुछ बहुत खूंखार कबीलों और उनके प्रधानों तक पहुँच सका था और प्रभु यीशु का सन्देश उन तक पहुँचा सका था, उन्हें प्रभु के निकट ला सका था। इस मिशनरी प्रचारक का नाम था रौबर्ट मौफट, वही रौबर्ट जो जब लड़का ही था तो बुज़ुर्ग पादरी से उस इतवार प्रातः मिशनरी प्रचारक बनने के बारे में बात कर रहा था।

कभी हमें मसीह के लिए हमारा परिश्रम व्यर्थ लगता है, क्योंकि हमें कोई नतीजे दिखाई नहीं देते; हम सोचने लगते हैं कि क्या कुछ प्रभावी हो भी रहा है कि नहीं? याकूब कहता है कि, "सो हे भाइयों, प्रभु के आगमन तक धीरज धरो, देखो, गृहस्थ पृथ्वी के बहुमूल्य फल की आशा रखता हुआ प्रथम और अन्‍तिम वर्षा होने तक धीरज धरता है (याकूब ५:१७)।"

यदि हम विश्वासयोग्यता से परमेश्वर द्वारा निर्धारित अपना कार्य करते रहेंगे तो उचित समय पर परमेश्वर नतीजे भी देगा। - डेनिस डी हॉन


परमेश्वर हमसे विश्वासयोग्यता माँगता है और विश्वासयोग्यता के प्रतिफल स्वरूप सफलता देता है।

अपुल्लोस क्‍या है और पौलुस क्‍या? केवल सेवक, जिन के द्वारा तुम ने विश्वास किया, जैसा हर एक को प्रभु ने दिया। मैं ने लगाया, अपुल्लोस ने सींचा, परन्‍तु परमेश्वर ने बढ़ाया। इसलिये न तो लगाने वाला कुछ है, और न सींचने वाला, परन्‍तु परमेश्वर जो बढ़ाने वाला है। - १ कुरिन्थियों ३:५-७



बाइबल पाठ: याकूब ५:७-११

Jas 5:7 सो हे भाइयों, प्रभु के आगमन तक धीरज धरो, देखो, गृहस्थ पृथ्वी के बहुमूल्य फल की आशा रखता हुआ प्रथम और अन्‍तिम वर्षा होने तक धीरज धरता है।
Jas 5:8 तुम भी धीरज धरो, और अपने ह्रृदय को दृढ़ करो, क्‍योंकि प्रभु का शुभागमन निकट है।
Jas 5:9 हे भाइयों, एक दूसरे पर दोष न लगाओ ताकि तुम दोषी न ठहरो, देखो, हाकिम द्वार पर खड़ा है।
Jas 5:10 हे भाइयो, जिन भविष्यद्वक्ताओं ने प्रभु के नाम से बातें की, उन्‍हें दुख उठाने और धीरज धरने का एक आदर्श समझो।
Jas 5:11 देखो, हम धीरज धरने वालों को धन्य कहते हैं: तुम ने अय्युब के धीरज के विषय में तो सुना ही है, और प्रभु की ओर से जो उसका प्रतिफल हुआ उसे भी जान लिया है, जिस से प्रभु की अत्यन्‍त करूणा और दया प्रगट होती है।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १०३-१०४
  • १ कुरिन्थियों २

गुरुवार, 18 अगस्त 2011

विश्वासयोग्यता और प्रतिफल

मिशनरी प्रचारकों की एक सभा में मिशनरी प्रचारक जौन विलियम्स ने New Hebrides द्वीप समूह में अपने प्रचार कार्य के विवरण और उसके परिणामों के द्वारा श्रोताओं को बहुत प्रभावित कर मन्त्रमुग्ध कर दिया। उनके बाद एक और प्रचारक को अपने कार्य के बारे में बताने को कहा गया; उस प्रचारक ने बड़ी नम्र और कंपकंपाती आवाज़ में कहा, "मेरे पास श्रीमन विलियम के समान आपको प्रभावित कर पाने वाले कोई अद्भुत विवरण नहीं है। मैं बहुत सालों से एक दूर देश में प्रभु की सेवा कर रहा हूँ, और मैंने बहुत कम सफलता देखी है। लेकिन मुझे यह सन्तोष है कि जब हमारा प्रभु आएगा और अपने सेवकों से हिसाब लेगा, तो प्रतिफल देते समय यह नहीं कहेगा, ’धन्य हे अच्छे और सफल दास’, वरन वह कहेगा कि ’धन्य हे अच्छे और विश्वासयोग्य दास’ ।"

मत्ती २५ अध्याय से हम सीखते हैं कि हमारे वरदान असमान भी हों तौ भी यदि हम उन्हें विश्वासयोग्यता से प्रभु के लिए प्रयोग करेंगे तो समान प्रतिफल पाएंगे। प्रभु द्वारा कहे गए इस दृष्टांत में जो ’तोड़े’ स्वामी ने अपने दासों को दिये, वे प्रभु द्वारा अपने सेवकों को दिये गए कार्यों की पूर्ति के लिए उन्हें दी गई योग्यताएं हैं। प्रभु के आगमन और हिसाब लिए जाने के समय महत्व इस बात का नहीं होगा कि किसने कितना ’कमाया’ लेकिन इस बात का होगा कि किसने कितनी विश्वासयोग्यता और कितनी मेहनत के साथ अपनी ज़िम्मेदारी पूरी करी, उसकी मेहनत का स्तर क्या था।

ऐलेक्ज़ैन्डर मैकलैरन ने लिखा कि "जो रौशनी एक सूई के छेद से छन कर आती है वही रौशनी चौड़ी खिड़की से भी अन्दर आती है।" प्रभु अपने सेवकों को भिन्न भिन्न ज़िम्मेदारियाँ देता है; ज़िम्मेदारी के बड़े या छोटे होने से हमारे प्रतिफलों पर असर नहीं पड़ता, प्रभाव इस बात का है कि हम ने उन ज़िम्मेदारियों का निर्वाह कितनी विश्वासयोग्यता से किया। महान, कठिन और बड़े कार्य लोगों को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन परमेश्वर की दृष्टि में विश्वासयोग्यता से किया गया छोटा सा कार्य भी बड़े प्रतिफल का उतना ही हकदार है। - डेनिस डी हॉन


विश्वासयोग्यता से किया गया प्रत्येक कार्य प्रभु से समान प्रशंसा पाएगा।

उसके स्‍वामी ने उससे कहा, धन्य है अच्‍छे और विश्वासयोग्य दास, तू थोड़े में विश्वासयोग्य रहा; मैं तुझे बहुत वस्‍तुओं का अधिकारी बनाऊंगा अपने स्‍वामी के आनन्‍द में सम्भागी हो। - मत्ती २५:२१


बाइबल पाठ: मत्ती २५:१४-३०

Mat 25:14 क्‍योंकि यह उस मनुष्य की सी दशा है जिस ने परदेश को जाते समय अपने दासों को बुला कर, अपनी संपत्ति उन को सौंप दी।
Mat 25:15 उस ने एक को पांच तोड़, दूसरे को दो, और तीसरे को एक; अर्थात हर एक को उस की सामर्थ के अनुसार दिया, और तब परदेश चला गया।
Mat 25:16 तब जिस को पांच तोड़े मिले थे, उस ने तुरन्‍त जा कर उन से लेन देन किया, और पांच तोड़े और कमाए।
Mat 25:17 इसी रीति से जिस को दो मिले थे, उस ने भी दो और कमाए।
Mat 25:18 परन्‍तु जिस को एक मिला था, उस ने जा कर मिट्टी खोदी, और अपने स्‍वामी के रूपये छिपा दिए।
Mat 25:19 बहुत दिनों के बाद उन दासों का स्‍वामी आ कर उन से लेखा लेने लगा।
Mat 25:20 जिस को पांच तोड़े मिले थे, उस ने पांच तोड़े और ला कर कहा, हे स्‍वामी, तू ने मुझे पांच तोड़े सौंपे थे, देख मैं ने पांच तोड़े और कमाए हैं।
Mat 25:21 उसके स्‍वामी ने उससे कहा, धन्य हे अच्‍छे और विश्वासयोग्य दास, तू थोड़े में विश्वासयोग्य रहा, मैं तुझे बहुत वस्‍तुओं का अधिकारी बनाऊंगा अपने स्‍वामी के आनन्‍द में सम्भागी हो।
Mat 25:22 और जिस को दो तोड़े मिले थे, उस ने भी आ कर कहा, हे स्‍वामी तू ने मुझे दो तोड़े सौंपें थे, देख, मैं ने दो तोड़े और कमाएं।
Mat 25:23 उसके स्‍वामी ने उस से कहा, धन्य हे अच्‍छे और विश्वासयोग्य दास, तू थोड़े में विश्वासयोग्य रहा, मैं तुझे बहुत वस्‍तुओं का अधिकारी बनाऊंगा अपने स्‍वामी के आनन्‍द में सम्भागी हो।
Mat 25:24 तब जिस को एक तोड़ा मिला था, उस ने आ कर कहा, हे स्‍वामी, मैं तुझे जानता था, कि तू कठोर मनुष्य है, और जहां नहीं छीटता वहां से बटोरता है।
Mat 25:25 सो मैं डर गया और जा कर तेरा तोड़ा मिट्टी में छिपा दिया, देख, जो तेरा है, वह यह है।
Mat 25:26 उसके स्‍वामी ने उसे उत्तर दिया, कि हे दुष्‍ट और आलसी दास, जब यह तू जानता था, कि जहां मैं ने नहीं बोया वहां से काटता हूं; और जहां मैं ने नहीं छीटा वहां से बटोरता हूं।
Mat 25:27 तो तुझे चाहिए था, कि मेरा रूपया सर्राफों को दे देता, तब मैं आ कर अपना धन ब्याज समेत ले लेता।
Mat 25:28 इसलिये वह तोड़ा उस से ले लो, और जिस के पास दस तोड़े हैं, उस को दे दो।
Mat 25:29 क्‍योंकि जिस किसी के पास है, उसे और दिया जाएगा; और उसके पास बहुत हो जाएगा: परन्‍तु जिस के पास नहीं है, उस से वह भी जो उसके पास है, ले लिया जाएगा।
Mat 25:30 और इस निकम्मे दास को बाहर के अन्‍धेरे में डाल दो, जहां रोना और दांत पीसना होगा।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १००-१०२
  • १ कुरिन्थियों १

बुधवार, 17 अगस्त 2011

अन्त तक विश्वासयोग्य

सन १९८१ में एक १० कि.मी. दौड़ में एक विकलांग व्यक्ति बिल ब्रौडहौर्स्ट ने भाग लिया। इससे १० वर्ष पूर्व बिल के मस्तिष्क में रक्त-प्रवाह में उत्पन्न बाधा के कारण उसका ऑप्रेशन हुआ था जिस के कारण उसे शरीर के बाएं भाग में अधरंग हो गया था। लेकिन दौड़ की उस प्रातः वह १२०० अन्य स्वस्थ व्यक्तियों के साथ प्रतियोगिता में खड़ा हुआ था। दौड़ आरंभ करने के लिए बन्दूक की गोली दाग़ी गई और प्रतियोगियों की भीड़ आगे बढ़ निकली। बिल ने भी अपना कमज़ोर बांया पैर आगे बढ़ाया, ज़मीन पर उसे संभाला और लचकते हुए फिर अपना दायां पैर आगे बढ़ाया; और ऐसे बड़े कष्ट पूर्ण तरीके से आगे बढ़ने लगा। प्रतियोगियों की भीड़ आगे निकल कर आंखों से ओझल भी हो गई, बिल इसी तरह अपने प्रयास में लगा रहा। उसका पसीना बह रहा था, टखने में बहुत पीड़ा थी लेकिन वह रुका नहीं, और २ घंटे २९ मिनिट बाद वह दौड़ समाप्त होने के स्थान पर पहुँच पाया। जब वह वहाँ पहुंचा तो केवल थोड़े से दर्शकों ही वहाँ खड़े थे। उसके पहुँचने पर उन में से एक जन, जो लंबी दूरी की दौड़ का विख्यात प्रतियोगी - बिल रौजर्स था, आगे बढ़ा और बड़े आदर सहित बिल ब्रौडहौर्स्ट के गले में अपना जीता हुआ पदक डाला और बोला, "तुमने इसके लिए मुझ से अधिक मेहनत करी है।"

लगभग दो हज़ार वर्ष पूर्व, यीशु निस्सहाय अवस्था में क्रूस पर टंगा हुआ था, और देखने वालों को लग रहा था कि यह एक शर्मनाक हार है। लेकिन उस क्रूस पर से उसकी पुकार, "पूरा हुआ" शैतान और उसकी शक्तियों के विरुद्ध प्राप्त जय का जयनाद था, जिसकी वास्तविकता तीन दिन पश्चात प्रगट हो गई। आज उसकी खाली कब्र इस का प्रमाण है। उसने मृत्यु पर विजय पाई और समस्त संसार के पाप के लिए अपने बलिदान द्वारा प्रायश्चित के कार्य को पूरा किया था।

मसीही जीवन कोई ऐसी दौड़ नहीं है जिसमें प्रथम आने की होड़ हो या पुरुस्कार हो; वरन यह जीवन ऐसी लंबी दौड़ है जिसे धैर्य तथा विश्वासयोग्यता के साथ पूरा करा जाता है। बिल ब्रौडहौर्स्ट की तरह, जो अपनी विकलांगता और कष्ट के बावजूद अन्त तक विश्वासयोग्य रहा, वह प्रत्येक विश्वासी विजयी माना जाएगा और पुरुस्कार पाएगा जो अपनी दौड़ विश्वासयोग्यता सहित पूरी करेगा। - डेनिस डी हॉन


हमारा आरंभ करना नहीं वरन विश्वासयोग्यता के साथ हमारा दौड़ को पूरा करना, हमारे प्रतिफल निर्धारित करेगा।

मैं अच्‍छी कुश्‍ती लड़ चुका हूं मैं ने अपनी दौड़ पूरी कर ली है, मैं ने विश्वास की रखवाली की है। - २ तिमुथियुस ४:७

बाइबल पाठ: २ तिमुथियुस ४:१-८

2Ti 4:1 परमेश्वर और मसीह यीशु को गवाह कर के, जो जीवतों और मरे हुओं का न्याय करेगा, उसे और उसके प्रगट होने, और राज्य को सुधि दिलाकर मैं तुझे चिताता हूं।
2Ti 4:2 कि तू वचन को प्रचार कर; समय और असमय तैयार रह, सब प्रकार की सहनशीलता, और शिक्षा के साथ उलाहना दे, और डांट, और समझा।
2Ti 4:3 क्‍योंकि ऐसा समय आएगा, कि लोग खरा उपदेश न सह सकेंगे पर कानों की खुजली के कारण अपनी अभिलाषाओं के अनुसार अपने लिये बहुतेरे उपदेशक बटोर लेंगे।
2Ti 4:4 और अपने कान सत्य से फेर कर कथा-कहानियों पर लगाएंगे।
2Ti 4:5 पर तू सब बातों में सावधान रह, दुख उठा, सुसमाचार प्रचार का काम कर और अपनी सेवा को पूरा कर।
2Ti 4:6 क्‍योंकि अब मैं अर्घ की नाई उंडेला जाता हूं, और मेरे कूच का समय आ पहुंचा है।
2Ti 4:7 मैं अच्‍छी कुश्‍ती लड़ चुका हूं मैं ने अपनी दौड़ पूरी कर ली है, मैं ने विश्वास की रखवाली की है।
2Ti 4:8 भविष्य में मेरे लिये धर्म का वह मुकुट रखा हुआ है, जिसे प्रभु, जो धर्मी, और न्यायी है, मुझे उस दिन देगा और मुझे ही नहीं, वरन उन सब को भी, जो उसके प्रगट होने को प्रिय जानते हैं।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ९७-९९
  • रोमियों १६

मंगलवार, 16 अगस्त 2011

सदा विश्वासयोग्य

बेरूत शहर में सन १९८३ में अमरीकी सैनिक ठिकानों पर हुए हमले में बहुत से सैनिक मारे गए, उनमें से एक सैनिक बहुत गंभीर रूप से घायल हुआ। इस सैनिक के हौसले और विश्वासयोग्यता के साथ अपने साथियों के साथ बने रहने ने बहुतों का हृदय छू लिया। घायल अवस्था में, पट्टियों से ढका और शरीर में इलाज के लिए लगाई गई कई नालियों के साथ वह अस्पताल में था जब उस क्षेत्र के सेनाध्यक्ष जैनरल पौल कैली अस्पताल में घायलों को देखने आए। जब जैनरल कैली उसके पास पहुँचे तो उसने हाथ से कुछ लिखने का इशारा किया क्योंकि वह बोल पाने में असमर्थ था। उसे लिखने की सामग्री दी गई तो बड़ी कठिनाई से उसने दो शब्द लिखे: semper fi - जो उसके सैनिक दल के आदर्ष वाक्य semper fidelis का छोटा रूप है, और जिसका अर्थ है "सदा विश्वासयोग्य"।

हम परमेश्वर के विश्वासी जो परमेश्वर की कार्य-सेना के अंग हैं, इस नवयुवक के उदाहरण से बहुत कुछ सीख सकते हैं। हम सदा शत्रु शैतान के हमलों में रहते हैं, कई बार वह हमें घायल भी कर देता है और हमारे कुछ साथी मारे भी जाते हैं। लेकिन तौ भी हमें अन्त तक विश्वासी बने रहना है। अपने परमेश्वर के प्रति विश्वास्योग्यता का जज़्बा हमारे हृदयों में भरा रहना चाहिए और हर परिस्थिति में हमें आगे बढते रहने का हौसला बनाए रखना चाहिए। परमेश्वर का वचन विश्वासयोग्यता की सराहना करता है। मत्ती रचित सुसमाचार के २४ तथा २५ अध्याय हमें प्रभु यीशु मसिह के दूसरे आगमन के लिए, जो कभी भी हो सकता है, सदा तैयार बने रहने को कहते हैं क्योंकि जो तैयार रहेगा और परमेश्वर के कार्य में लगा होग वह परमेश्वर से प्रशंसा और पुरुस्कार पाएगा।

हाँ, semper fidelis - "सदा विश्वासयोग्य" मसीही विश्वासी का जीवन उद्देश्य भी है। - डेव एग्नर


हमारे विश्वास का प्रमाण हमारी विश्वासयोग्यता है।

सच्चे मनुष्य पर बहुत आशीर्वाद होते रहते हैं - नीतिवचन २८:२०


बाइबल पाठ: मत्ती २४:४२-५१

Mat 24:42 इसलिये जागते रहो, क्‍योंकि तुम नहीं जानते कि तुम्हारा प्रभु किस दिन आएगा।
Mat 24:43 परन्‍तु यह जान लो कि यदि घर का स्‍वामी जानता होता कि चोर किस पहर आएगा, तो जागता रहता और अपने घर में सेंध लगने न देता।
Mat 24:44 इसलिये तुम भी तैयार रहो, क्‍योंकि जिस घड़ी के विषय में तुम सोचते भी नहीं हो, उसी घड़ी मनुष्य का पुत्र आ जाएगा।
Mat 24:45 सो वह विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास कौन है, जिसे स्‍वामी ने अपने नौकर चाकरों पर सरदार ठहराया, कि समय पर उन्‍हें भोजन दे?
Mat 24:46 धन्य है, वह दास, जिसे उसका स्‍वामी आकर ऐसा की करते पाए।
Mat 24:47 मैं तुम से सच कहता हूं वह उसे अपनी सारी संपत्ति पर सरदार ठहराएगा।
Mat 24:48 परन्‍तु यदि वह दुष्‍ट दास सोचने लगे, कि मेरे स्‍वामी के आने में देर है।
Mat 24:49 और अपने साथी दासों को पीटने लगे, और पियक्कड़ों के साथ खाए पीए।
Mat 24:50 तो उस दास का स्‍वामी ऐसे दिन आएगा, जब वह उस की बाट न जोहता हो।
Mat 24:51 और ऐसी घड़ी कि वह न जानता हो, और उसे भारी ताड़ना देकर, उसका भाग कपटियों के साथ ठहराएगा: वहां रोना और दांत पीसना होगा।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ९४-९६
  • रोमियों १५:१४-३३

सोमवार, 15 अगस्त 2011

अदृश्य सहायक

जोआना एम्ब्रोसियस एक गरीब किसान की पत्नी थी जो १९वीं शताबदी के अन्तिम समयों में जर्मनी में रहते थे। वे दोनो पति-पत्नि बाहर की दुनिया के विष्य में बहुत कम जानते थे और संपर्क रखते थे। जोआना का हृदय कवि का हृदय था। वह अपने जीवन के उतार चढ़ाव और परमेश्वर पर अपने भरोसे और आनन्द को कविताओं मे व्यक्त करती रहती थी। किसी रीति से उसकी लिखी कुछ पंक्तियाँ प्रकाशित हो गईं और जर्मनी की रानी के पास तक पहुँच गईं। उन पंक्तियों के सौन्दर्य से प्रभावित होकर रानी ने कवि को ढूँढ निकलने का आदेश दिया। जब रानी को जोआना और उसकी तंगहाली का पता चला, तो रानी ने जोआना के प्रति अपने प्रेम को दर्शाने के लिए ना केवल उसकी तत्कालीन आवश्यक्ताओं की पूर्ति करी वरन उसे आजीवन पेंशन दिये जाने का आदेश भी ज़ारी किया।

परमेश्वर कभी कभी कुछ लोगों को ऐसे स्थानों में अपनी सेवकाई के लिए भेजता है जो बहुत छोटी और अनजान होती हैं, जहाँ उन सेवकों को कभी कोई मान नहीं देता और ना ही उनके द्वारा करी गई किसी सहायता के लिए अपनी कृतज्ञता दिखाता है। लेकिन परमेश्वर सब कुछ देखता है, दूसरों की सहायतार्थ हम जो भी कार्य करते हैं, उसे उनका पूरा संज्ञान रहता है, और हमारा कोई परिश्रम ऐसा नहीं है जो व्यर्थ जाएगा, जिसके लिए परमेश्वर हमें प्रतिफल नहीं देगा। वह हमारे संघर्षों को भी जानता है, हमारे बोझों से भी अनजान नहीं है और हमारी विश्वासयोग्यता का स्तर भी उससे छिपा नहीं रहता। हमारी जीवन यात्रा में वह हमारी देखभाल करता रहता है और अपने दूसरे आगमन पर सब को उनका योग्य प्रतिफल देगा।

परमेश्वर हमारे काम और प्रेम को कभी भूलता नहीं। न केवल वर्तमान में वह हमारा अदृश्य सहायक है, वरन अनन्त भविष्य के लिए भी उसकी सहायता हमारे लिए बनी हुई है। इस जीवन से सेवा-निवृति के बाद अनन्तकाल की पेंशन उसके प्रत्येक विश्वासी के लिए तय तथा निशचित है। - पौल वैन गोर्डर


परमेश्वर के लिए कार्य कीजिए; वेतन चाहे अभी कम भी लगे, लेकिन सेवा-निवृति राशि आलौकिक है।

क्‍योंकि परमेश्वर अन्यायी नहीं, कि तुम्हारे काम, और उस प्रेम को भूल जाए, जो तुम ने उसके नाम के लिये इस रीति से दिखाया, कि पवित्र लोगों की सेवा की, और कर रहे हो। - इब्रानियों ६:१०


बाइबल पाठ: १ कुरिन्थियों ३:७-१५

1Co 3:7 इसलिये न तो लगाने वाला कुछ है, और न सींचने वाला, परन्‍तु परमेश्वर जो बढ़ाने वाला है।
1Co 3:8 लगाने वाला और सींचने वाला दानों एक हैं; परन्‍तु हर एक व्यक्ति अपने ही परिश्र्म के अनुसार अपनी ही मजदूरी पाएगा।
1Co 3:9 क्‍योंकि हम परमेश्वर के सहकर्मी हैं; तुम परमेश्वर की खेती और परमेश्वर की रचना हो।
1Co 3:10 परमेश्वर के उस अनुग्रह के अनुसार, जो मुझे दिया गया, मैं ने बुद्धिमान राजमिस्त्री की नाईं नेव डाली, और दूसरा उस पर रद्दा रखता है, परन्‍तु हर एक मनुष्य चौकस रहे, कि वह उस पर कैसा रद्दा रखता है।
1Co 3:11 क्‍योंकि उस नेव को छोड़ जो पड़ी है, और वह यीशु मसीह है कोई दूसरी नेव नहीं डाल सकता।
1Co 3:12 और यदि कोई इस नेव पर सोना या चान्‍दी या बहुमोल पत्थर या काठ या घास या फूस का रद्दा रखता है।
1Co 3:13 तो हर एक का काम प्रगट हो जाएगा, क्‍योंकि वह दिन उसे बताएगा; इसलिये कि आग के साथ प्रगट होगा: और वह आग हर एक का काम परखेगी कि कैसा है?
1Co 3:14 जिस का काम उस पर बना हुआ स्थिर रहेगा, वह मजदूरी पाएगा।
1Co 3:15 और यदि किसी का काम जल जाएगा, तो हानि उठाएगा; पर वह आप बच जाएगा परन्‍तु जलते जलते।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ९१-९३
  • रोमियों १५:१-१३

रविवार, 14 अगस्त 2011

परमेश्वर पिता की विश्वासयोग्यता

हडसन टेलर, जो China Inland Mission के संस्थापक थे, ने अपनी डायरी में लिखा: "हमारा स्वर्गीय परमेश्वर पिता बहुत अनुभवी पिता है। वह भली भांति जानता है कि उसके बच्चे जब प्रातः उठते हैं तो वे भूखे होते हैं, वह सदैव उनके लिए प्रातः का नाशता उपलब्ध रखता है, और उन्हें रात को भूखे भी नहीं सोने देता है। वह ४० वर्ष तक बियाबान की यात्रा में ३० लाख इस्त्राएलियों को प्रतिदिन उनका भोजन पानी उपलब्ध कराता रहा। हम यह नहीं कहते कि वह ३० लाख मिशनरियों को चीन में सेवकाई के लिए भेजेगा, लेकिन यदि वह भेजे भी, तो विश्वास रखो कि उन सब के जीवन की आवश्यक्ताओं के लिए उसके पास पर्याप्त व्यवस्था भी होगी। परमेश्वर का कार्य यदि परमेश्वर के तरीके से किया जाए तो उसमें कभी परमेश्वर के संसाधनों की घटी नहीं होगी।"

हडसन टेलर को परमेश्वर की विश्वासयोग्यता में अटूट विश्वास था, और परमेश्वर ने कभी उसके विश्वास को टूटने नहीं दिया, जो कार्य टेलर ने आरंभ किया परमेश्वर ने उसे अद्भुत रीति से संभाला और स्थापित किया। हम कमज़ोर हैं किंतु हमारा स्वर्गीय पिता सर्वसामर्थी है; हमारी भावनाएं बदल सकती हैं परन्तु वह सदा स्थिर रहता है, कभी नहीं बदलता। सारी सृष्टी उसकी स्थिरता और विश्वासयोग्यता का प्रमाण है।

प्रेरित पौलुस ने उसके विष्य में लिखा:"परमेश्वर सच्‍चा है, जिस ने तुम को अपने पुत्र हमारे प्रभु यीशु मसीह की संगति में बुलाया है।" (१ कुरिन्थियों १:९)। मसिही विश्वासी के लिए वर्तमान के लिए उसकी सामर्थ और भविष्य के लिए उसकी आशा उसकी अपनी योग्यता, कौशल और सामर्थ पर निर्भर नहीं, वरन परमेश्वर की विश्वासयोग्यता पर निर्भर है।

जीवन के हर मोड़ पर हर परिस्थिति के लिए प्रत्येक विश्वासी अपने पिता की विश्वासयोग्यता पर बिना झिझके भरोसा रख सकता है। - पौल वैन गोर्डर


जो अपने आप को परमेश्वर के हाथों में छोड़ देता है, परमेश्वर उसे कभी असहाय नहीं छोड़ता।

हम मिट नहीं गए, यह यहोवा की महाकरुणा का फल है, क्योंकि उसकी दया अमर है। प्रति भोर वह नई होती रहती है; तेरी सच्चाई महान है। - विलपगीत ३:२२, २३


बाइबल पाठ: भजन १०७:१-१५

Psa 107:1 यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है और उसकी करूणा सदा की है!
Psa 107:2 यहोवा के छुड़ाए हुए ऐसा ही कहें, जिन्हें उस ने द्रोही के हाथ से दाम देकर छुड़ा लिया है,
Psa 107:3 और उन्हें देश देश से पूरब- पश्चिम, उत्तर और दक्खिन से इकट्ठा किया है।
Psa 107:4 वे जंगल में मरूभूमि के मार्ग पर भटकते फिरे, और कोई बसा हुआ नगर न पाया;
Psa 107:5 भूख और प्यास के मारे, वे विकल हो गए।
Psa 107:6 तब उन्होंने संकट में यहोवा की दोहाई दी, और उस ने उनको सकेती से छुड़ाया;
Psa 107:7 और उनको ठीक मार्ग पर चलाया, ताकि वे बसने के लिये किसी नगर को जा पहुंचें।
Psa 107:8 लोग यहोवा की करूणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण, जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें!
Psa 107:9 क्योंकि वह अभिलाषी जीव को सन्तुष्ट करता है, और भूखे को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है।
Psa 107:10 जो अन्धियारे और मृत्यु की छाया में बैठे, और दु:ख में पड़े और बेड़ियों से जकड़े हुए थे,
Psa 107:11 इसलिये कि वे ईश्वर के वचनों के विरूद्ध चले, और परमप्रधान की सम्मति को तुच्छ जाना।
Psa 107:12 जब उसने उनको कष्ट के द्वारा दबाया; वे ठोकर खाकर गिर पड़े, और उनको कोई सहायक न मिला।
Psa 107:13 तब उन्होंने संकट में यहोवा की दोहाई दी, और उस ने सकेती से उनका उद्धार किया;
Psa 107:14 उस ने उनको अन्धियारे और मृत्यु की छाया में से निकाल लिया और उनके बन्धनों को तोड़ डाला।
Psa 107:15 लोग यहोवा की करूणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें!

एक साल में बाइबल:
  • भजन ८९-९०
  • रोमियों १४

शनिवार, 13 अगस्त 2011

परमेश्वर के उद्देश्य

एक युवती को बहुत दुख हुआ जब उसकी मंगनी टूट गई और जिस से उसकी शादी तय हुई थी उस से सारे संबंध समाप्त हो गए। लेकिन आज वह उस दुख की घड़ी के लिए परमेश्वर की धन्यवादी है, उस को आनन्द से याद करती है। अब जो उसका पति है वह एक अच्छा मसीही जीवन साथी है, जबकि जिससे उसकी मंगनी टूटी थी वह बहुत लापरवाह निकला और अब तक दो बार उसका तलाक हो चुका है।

परमेश्वर के वचन बाइबल में एक पुस्तक है होशे की पुस्तक। होशे उस परमेश्वर के नबी का नाम है जिसके द्वारा परमेश्वर ने वह पुस्तक लिखवाई थी। जब पुस्तक लिखे जाने का समय आया तो परमेश्वर ने होशे के द्वारा उसके जीवन की आप बीती लिखवाई। लिखने के समय होशे ने अपने बीते समय को जिस परिपेक्ष में देखा वह उससे भिन्न था जिसमें उसने उन घटानाओं के घटित होते समय देखा था। होशे से परमेश्वर ने गोमेर नामक एक स्त्री से ब्याह करने को कहा। ब्याह के कुछ समय बाद गोमेर ने होशे को छोड़ दिया, वह पराए पुरषों के साथ रहने लगी और उनसे उसे सन्तान भी हुई और वह वेश्यवृति में भी पड़ गई। एक टूटे हृदय के साथ होशे परमेश्वर के कार्य भी करता रहा और गोमेर के फिर बदले जाने और फिर से मिलन की लालसा रखे हुए उसके प्रति अपने प्रेम को बनाए भी रहा।

अन्ततः होशे गोमेर को मुक्त करवा के वापस उसे घर ले कर आ सका। यह सब कुछ परमेश्वर और उसकी प्रजा बेवफा इस्त्राएल के संबंधों का नाटकीय चित्रण था जो इस्त्राएल के प्रति परमेश्वर के कभी न अन्त होने वाले प्रेम को दिखाता है साथ ही गोमेर के समान इस्त्राएल का परमेश्वर को तुच्छ जानने को भी दिखाता है। यह आने वाले समय में इस्त्राएल के परमेश्वर की ओर पुनः मुड़ कर फिर सदा काल तक उसके साथ बने रहने को भी दर्शाता है। मेरा मानना है कि इसी कारण होशे अपनी पुस्तक के आरंभ में ही कह सका कि परमेश्वर ने अपने अद्भुत उद्देश्यों और भविष्य ज्ञान के अन्तर्गत ही उसे गोमेर से विवाह करने की आज्ञा दी थी।

आज इस पृथ्वी पर हमें कई बातें समझ में नहीं आतीं, उन पर विस्मय होता है और लगता है कि परमेश्वर अन्याय देख कर भी खामोश है, कुछ परवाह नहीं करता। जब हम स्वर्ग पहुँचेंगे तब समझ पाएंगे कि पृथ्वी पर होने वाली घटानाओं के उद्देश्य क्या थे। परमेश्वर का धैर्य और अपने हाथ को रोके रखना अकारण नहीं है। वह नहीं चाहता कि कोई उद्धार के अवसर से वंचित रहे और कोई भी पश्चाताप करने का अवसर न मिलने की बात कहने पाए।

सभी घटनाओं में हम भजनकार के साथ कह सकते हैं: "तू सम्मति देता हुआ, मेरी अगुवाई करेगा, और तब मेरी महिमा कर के मुझ को अपने पास रखेगा।" - हर्ब वैण्डर लुग्ट


सर्वज्ञानी परमेश्वर के हाथ में अपने अनजाने भविष्य को सौंप देने से कभी न घबराएं।

तू सम्मति देता हुआ, मेरी अगुवाई करेगा, और तब मेरी महिमा कर के मुझ को अपने पास रखेगा। - भजन ७३:२४


बाइबल पाठ: २ पतरस ३:१-१८

2Pe 3:1 हे प्रियो, अब मैं तुम्हें यह दूसरी पत्री लिखता हूं, और दोनों में सुधि दिला कर तुम्हारे शुद्ध मन को उभारता हूं।
2Pe 3:2 कि तुम उन बातों को, जो पवित्र भविश्यद्वक्ताओं ने पहिले से कही हैं और प्रभु, और उद्धारकर्ता की उस आज्ञा को स्मरण करो, जो तुम्हारे प्रेरितों के द्वारा दी गई थीं।
2Pe 3:3 और यह पहिले जान लो, कि अन्‍तिम दिनों में हंसी ठट्ठा करने वाले आएंगे, जो अपनी ही अभिलाषाओं के अनुसार चलेंगे।
2Pe 3:4 और कहेंगे, उसके आने की प्रतिज्ञा कहां गई; क्‍योंकि जब से बाप-दादे सो गए हैं, सब कुछ वैसा ही है, जैसा सृष्‍टि के आरम्भ से था?
2Pe 3:5 वे तो जान बूझ कर यह भूल गए, कि परमेश्वर के वचन के द्वारा से आकाश प्राचीन काल से वर्तमान है और पृथ्वी भी जल में से बनी और जल में स्थिर है।
2Pe 3:6 इन्‍हीं के द्वारा उस युग का जगत जल में डूब कर नाश हो गया।
2Pe 3:7 पर वर्तमान काल के आकाश और पृथ्वी उसी वचन के द्वारा इसलिये रखे हैं, कि जलाए जाएं और वह भक्तिहीन मनुष्यों के न्याय और नाश होने के दिन तक ऐसे ही रखे रहेंगे।
2Pe 3:8 हे प्रियों, यह एक बात तुम से छिपी न रहे, कि प्रभु के यहां एक दिन हजार वर्ष के बराबर है, और हजार वर्ष एक दिन के बराबर हैं।
2Pe 3:9 प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता, जैसी देर कितने लोग समझते हैं; पर तुम्हारे विषय में धीरज धरता है, और नहीं चाहता, कि कोई नाश हो, वबरन यह कि सब को मन फिराव का अवसर मिले।
2Pe 3:10 परन्‍तु प्रभु का दिन चोर की नाईं आ जाएगा, उस दिन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट के शब्‍द से जाता रहेगा, और तत्‍व बहुत ही तप्‍त होकर पिघल जाएंगे, और पृथ्वी और उस पर के काम जल जाऐंगे।
2Pe 3:11 तो जब कि ये सब वस्‍तुएं, इस रीति से पिघलने वाली हैं, तो तुम्हें पवित्र चाल चलन और भक्ति में कैसे मनुष्य होना चाहिए।
2Pe 3:12 और परमेश्वर के उस दिन की बाट किस रीति से जोहना चाहिए और उसके जल्द आने के लिये कैसा यत्‍न करना चाहिए; जिस के कारण आकाश आग से पिघल जाएंगे, और आकाश के गण बहुत ही तप्‍त होकर गल जाएंगे।
2Pe 3:13 पर उस की प्रतिज्ञा के अनुसार हम एक नए आकाश और नई पृथ्वी की आस देखते हैं जिन में धामिर्कता वास करेगी।
2Pe 3:14 इसलिये, हे प्रियो, जब कि तुम इन बातों की आस देखते हो तो यत्‍न करो कि तुम शान्‍ति से उसके साम्हने निष्‍कलंक और निर्दोष ठहरो।
2Pe 3:15 और हमारे प्रभु के धीरज को उद्धार समझो, जैसे हमारे प्रिय भाई पौलुस न भी उस ज्ञान के अनुसार जो उसे मिला, तुम्हें लिखा है।
2Pe 3:16 वैसे ही उस ने अपनी सब पत्रियों में भी इन बातों की चर्चा की है जिन में कितनी बातें ऐसी है, जिनका समझना कठिन है, और अनपढ़ और चंचल लोग उन के अर्थों को भी पवित्र शास्‍त्र की और बातों की नाईं खींच तान कर अपने ही नाश का कारण बनाते हैं।
2Pe 3:17 इसलिये हे प्रियो तुम लोग पहिले ही से इन बातों को जान कर चौकस रहो, ताकि अधमिर्यों के भ्रम में फंस कर अपनी स्थिरता को हाथ से कहीं खो न दो।
2Pe 3:18 पर हमारे प्रभु, और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनुग्रह और पहचान में बढ़ते जाओ। उसी की महिमा अब भी हो, और युगानुयुग होती रहे। आमीन।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ८७-८८
  • रोमियों १३

शुक्रवार, 12 अगस्त 2011

दर्शक कौन?

गोल्फ के व्यावसायिक खिलाड़ी रे फ्लोयड के खेल जीवन से संबंधित एक घटना ईमानदारी की मिसाल है। गोल्फ के खेल के नियमों के अनुसार यदि मारने से पहले गेंद ज़रा भी हिलती है तो खिलाड़ी को उसे मारने का अधिकार नहीं रहता, उसे दण्ड के रूप में अपनी बारी छोड़कर एक अतिरिक्त बारी लेनी होती है। रे एक प्रतियोगिता में भाग ले रहे थे जिसका ईनाम और एक बहुत बड़ी राशि थी। रे प्रतियोगिता के अग्रिम खिलाड़ियों में से एक थे, ऐसी स्थिति में अतिरिक्त बारी लेना या कोई अंक गंवाना उन के लिए प्रतियोगिता हारने के समान हो सकता था। अपनी बारी उन्हें गेंद को जिस छेद में डालना था, वे उस छेद के बहुत निकट गेंद को पहुँचा चुके थे और अब गेंद को घर पहुँचाना उनके लिए मात्र औपचारिकता ही रह गई थी। जब वे अपनी बारी लेने के लिए गेंद के निकट आए तो उन्हों ने देखा कि गेंद हलकी सी हिल गई है।

एक अन्य गोल्फ खिलाड़ी डेविड होलमैन बताते हैं कि ऐसी दशा में अधिकांश खिलाड़ी क्या करते: "वे अपने सिर को इधर उधर झटकते और अपने हाथ तेज़ी से हवा में इधर उधर हिलाते मानो उन पर किसी मधुमक्खी का हमला हो रहा हो और वे उससे बचने का प्रयास कर रहे हैं; फिर वे गेंद के समीप से हट कर अपनी आंख को पोंछने और साफ करने का उपक्रम करते, मानों उनकी आंख में कोई रेत का कण पड़ गया हो। इस सारी प्रक्रिया में उन की नज़रें वहां उपस्थित अन्य खिलाड़ीयों और लोगों को भांपती रहतीं कि कहीं किसी ने गेंद के हिलने को देख तो नहीं लिया। यदि वे निश्चिंत होते कि किसी ने नहीं देखा तो बे झिझक आगे बढ़कर गेंद को छेद में मार देते और अपने अंक बना लेते।"

किंतु रे फ्लोयड ने ऐसा नहीं किया। उसने गज़ब की ईमानदारी दिखाते हुए अपनी बारी छोड़ दी, अतिरिक्त बारी ली और अपने अंक बनाने से चूक गए।

परमेश्वर के वचन बाइबल में अय्युब ने भी उन बातों के विष्य में जिन में उसे कोई मनुष्य देख नहीं रहा था, अद्भुत ईमानदारी दिखाई। उसने अपने चरित्र की खराई को परमेश्वर का भय मान कर और बुराई से दूरी बनाए रखने के द्वारा कायम रखा। अय्युब जानता था कि परमेश्वर की निगाहें उस हर समय पर बनी हुई हैं, वह मनुष्यों से छुपा सकता है लेकिन परमेश्वर से नहीं। उसके लिए अपनी ईमानदारी और खराई को बनाए रखने के लिए यही पर्याप्त कारण था।

हमारी खराई और ईमानदारी की वास्तविक परख तब होती है जब कोई हमें देख नहीं रहा होता। ऐसे में यदि हम इस बात को ध्यान रखें कि और कोई हमारा दर्शक हो न हो किंतु परमेश्वर प्रतिपल हमारा दर्शक बना रहता है, तो हमारी ईमानदारी और खराई का स्तर स्वतः ही सुधर जाएगा। - मार्ट डी हॉन


सत्य के लिए नुकसान उठाना, झूठ के लिए पुरस्कार पाने से उत्तम है।

क्या वह मेरी गति नहीं देखता और क्या वह मेरे पग पग नहीं गिनता? - अय्युब ३१:४


बाइबल पाठ: अय्युब ३१:१-८

Job 31:1 मैं ने अपनी आंखों के विषय वाचा बान्धी है, फिर मैं किसी कुंवारी पर क्यों कर आंखें लगाऊं?
Job 31:2 क्योंकि ईश्वर स्वर्ग से कौन सा अंश और सर्वशक्तिमान ऊपर से कौन सी सम्पत्ति बांटता है?
Job 31:3 क्या वह कुटिल मनुष्यों के लिये विपत्ति और अनर्थ काम करने वालों के लिये सत्यानाश का कारण नहीं है?
Job 31:4 क्या वह मेरी गति नहीं देखता और क्या वह मेरे पग पग नहीं गिनता?
Job 31:5 यदि मैं व्यर्थ चाल चालता हूं, वा कपट करने के लिये मेरे पैर दौड़े हों;
Job 31:6 (तो मैं धर्म के तराजू में तौला जाऊं, ताकि ईश्वर मेरी खराई को जान ले)।
Job 31:7 यदि मेरे पग मार्ग से बहक गए हों, और मेरा मन मेरी आंखो की देखी चाल चला हो, वा मेरे हाथों को कुछ कलंक लगा हो;
Job 31:8 तो मैं बीज बोऊं, परन्तु दूसरा खाए; वरन मेरे खेत की उपज उखाड़ डाली जाए।

]एक साल में बाइबल:
  • भजन ८४-८६
  • रोमियों १२

गुरुवार, 11 अगस्त 2011

अपनी ईमानदारी के लिए प्रसिद्ध

एक पत्रिका Moody Monthly में जौन सौउटर का लेख छपा जिसमें उन्होंने अपनी आप-बीती को बताया; उन्होंने लिखा, "रात के ११ बज रहे थे, मैं छपाई करने वाली एक बड़ी सी मशीन को नियंत्रण करने वाले उपकरणों के सामने बैठा था, मेरे पीछे पत्रिका में विज्ञापन छपवाने के लिए ज़िम्मेदार एक व्यक्ति खड़ा मेरे कंधों के ऊपर से मेरे काम को देख रहा था; वो एक मसीही विश्वासी था। उस व्यक्ति ने मुझे सोते से जगा कर बुलाया था जिससे कि वह अपने एक ग्राहक के लिए अचानक से आए कार्य को तुरंत पूरा कर के दे सके। मेरा दिमाग़ मुझे कह रहा था कि इस अचानक आए अतिरिक्त कार्य के लिए वह मुझे कोई मेहनताना नहीं देने वाला, लेकिन मैंने ऐसी सभी भावनाओं को एक किनारे कर दिया; क्योंकि मेरा मन मुझे कह रहा था कि आखिर वह व्यक्ति भी तो मसीह में मेरा भाई, नया जन्म पाया हुआ मेरा सह-विश्वासी है, जो अवश्य ही उसके द्वारा मांगी गई मेरी असमय की अतिरिक्त मेहनत का बिल विश्वासयोग्यता से चुकाएगा। लेकिन मेरा मस्तिष्क सही निकला, उसने उस अनायास कार्य के लिए अपने ग्राहक से तो कमा लिया, लेकिन मेरी मेहनत के लिए मुझे कुछ नहीं दिया। दुर्भाग्य यह है कि मेरे लिए यह अनुभव कोई नया नहीं था। मेरे अनुभवों ने मुझे सिखाया है कि मसीही विश्वासियों की कथनी और करनी में बहुत अन्तर होता है।"

मसीही विश्वासियों के चरित्र पर यह कितनी बुरी टिप्पणी थी, मसीह के नाम पर यह कैसा बड़ा धब्बा था। कड़ुवी सच्चाई यही है कि बहुतेरे मसीही विश्वासियों ने आज के समाज की इस बात को अपने जीवनों में ढाल लिया है कि जीवन में ईमानदारी आवश्य्क नहीं है, और आज उनके व्यक्तिगत जीवनों में ईमानदारी कम ही देखने को मिलती है। लेकिन बाइबल की शिक्षा, मसीह के जीवन का उदाहरण और आरंभिक मसीही मण्डली के सद्स्यों के जीवन चरित्र इसके बिलकुल विपरीत हैं। प्रेरित पौलुस ने कहा, "तुम मेरी सी चाल चलो जैसी मैं मसीह की सी चाल चलता हूँ" ( १ कुरिन्थियों ११:१)। मसीह यीशु के विष्य में वचन कहता है, "न तो उस ने पाप किया, और न उसके मुंह से छल की कोई बात निकली" (१ पतरस २:२२); तथा "...वह सब बातों में हमारी नाई परखा तो गया, तौ भी निष्‍पाप निकला" (इब्रानियों ४:५)।

यदि हम ने अपने किए वायदे अधूरे छोड़े हुए हैं तो उन्हें पूरा निभाने के लिए कदम बढ़ाएं; यदि किसी का कोई कर्ज़ या कोई बकाया बाकी है, तो तुरंत उसे चुका दें। जब कभी हमारे सामने पाप और बुराई के साथ समझौता करने का, या सत्य को उलझाने बिगाड़ने का प्रलोभन हो तो हमें तुरंत ऐसे विचारों को अपनी पीठ पीछे फेंक देना चाहिए और दृढ़ता से केवल वही करना चाहिए जो परमेश्वर के निकट सही है, चाहे उसकी कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े। प्रत्येक मसीही विश्वासी को वह जन होना चाहिए जो हर परिस्थिति में, हर कीमत पर, ईमानदारी से चलता हो।

संसार में हम वे लोग हों जो अपने प्रभु के समान अपनी अपनी खराई के लिए जाने जाएं, अपनी ईमानदारी के लिए प्रसिद्ध हों। - डेव एग्नर


कोई भी कर्ज़ कभी इतना पुराना नहीं होता कि चुकाया ना जा सके।

अपने आप को स्‍वतंत्र जानो पर अपनी इस स्‍वतंत्रता को बुराई के लिये आड़ न बनाओ, परन्‍तु अपने आप को परमेश्वर के दास समझ कर चलो। - १ पतरस २:१६


बाइबल पाठ: १ पतरस २:९-२५

1Pe 2:9 पर तुम एक चुना हुआ वंश, और राज-पदधारी, याजकों का समाज, और पवित्र लोग, और ( परमेश्वर की ) निज प्रजा हो, इसलिये कि जिस ने तुम्हें अन्‍धकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है, उसके गुण प्रगट करो।
1Pe 2:10 तुम पहिले तो कुछ भी नहीं थे, पर अब परमेश्वर ही प्रजा हो: तुम पर दया नहीं हुई थी पर अब तुम पर दया हुई है।
1Pe 2:11 हे प्रियों मैं तुम से बिनती करता हूं, कि तुम अपने आप को परदेशी और यात्री जान कर उन सांसारिक अभिलाषाओं से जो आत्म से युद्ध करती हैं, बचे रहो।
1Pe 2:12 अन्यजातियों में तुम्हारा चालचलन भला हो; इसलिये कि जिन जिन बातों में वे तुम्हें कुकर्मी जान कर बदनाम करते हैं, वे तुम्हारे भले कामों को देख कर उन्‍हीं के कारण कृपा दृष्‍टि के दिन परमेश्वर की महिमा करें।
1Pe 2:13 प्रभु के लिये मनुष्यों के ठहराए हुए हर एक प्रबन्‍ध के आधीन में रहो, राजा के इसलिये कि वह सब पर प्रधान है।
1Pe 2:14 और हाकिमों के, क्‍योंकि वे कुकिर्मयों को दण्‍ड देने और सुकिर्मयों की प्रशंसा के लिये उसके भेजे हुए हैं।
1Pe 2:15 क्‍योंकि परमेश्वर की इच्‍छा यह है, कि तुम भले काम करने से निर्बुद्धि लोगों की अज्ञानता की बातों को बन्‍द कर दो।
1Pe 2:16 और अपने आप को स्‍वतंत्र जानो पर अपनी इस स्‍वतंत्रता को बुराई के लिये आड़ न बनाओ, परन्‍तु अपने आप को परमेश्वर के दास समझ कर चलो।
1Pe 2:17 सब का आदर करो, भाइयों से प्रेम रखो, परमेश्वर से डरो, राजा का सम्मान करो।
1Pe 2:18 हे सेवकों, हर प्रकार के भय के साथ अपने स्‍वामियों के आधीन रहो, न केवल भलों और नम्रों के, पर कुटिलों के भी।
1Pe 2:19 क्‍योंकि यदि कोई परमेश्वर का विचार कर के अन्याय से दुख उठाता हुआ क्‍लेश सहता है, तो यह सुहावना है।
1Pe 2:20 क्‍योंकि यदि तुम ने अपराध कर के घूसे खाए और धीरज धरा, तो उस में क्‍या बड़ाई की बात है? पर यदि भला काम करके दुख उठाते हो और धीरज धरते हो, तो यह परमेश्वर को भाता है।
1Pe 2:21 और तुम इसी के लिये बुलाए भी गए हो क्‍योंकि मसीह भी तुम्हारे लिये दुख उठा कर, तुम्हें एक आदर्श दे गया है, कि तुम भी उसके चिन्‍ह पर चलो।
1Pe 2:22 न तो उस ने पाप किया, और न उसके मुंह से छल की कोई बात निकली।
1Pe 2:23 वह गाली सुन कर गाली नहीं देता था, और दुख उठा कर किसी को भी धमकी नहीं देता था, पर अपने आप को सच्‍चे न्यायी के हाथ में सौपता था।
1Pe 2:24 वह आप ही हमारे पापों को अपनी देह पर लिए हुए क्रूस पर चढ़ गया जिस से हम पापों के लिये मर कर के धामिर्कता के लिये जीवन बिताएं: उसी के मार खाने से तुम चंगे हुए।
1Pe 2:25 क्‍योंकि तुम पहिले भटकी हुई भेड़ों की नाईं थे, पर अब अपने प्राणों के रखवाले और अध्यक्ष के पास फिर आ गए हो।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ८१-८३
  • रोमियों ११:१९-३६

बुधवार, 10 अगस्त 2011

हे प्रभु, आप मुझे ईमानदार बनाए रखना

औस्ट्रेलिया के प्रथम गवरनर जनरल, लौर्ड होपटाउन को विरासत में एक पुराना बहीखाता मिला जिसे चमड़े की जिल्द से ढक कर, उसपर पीतल के किनारे लगाकर सुरक्षित बनाया गया था। यह बहीखाता उनकी सबसे प्रीय संपत्तियों में से एक थी। इस बहीखाते को ३०० वर्ष पूर्व उनके एक पूर्वज जौन होपटाउन ने, जब उन्होंने इंगलैंड के एडिनबरोह शहर में अपना वयवसाय आरंभ किया, तब लिखना आरंभ किया था। जब यह पोथी लौर्ड होपटाउन के पास पारिवारिक विरासत के रूप में पहुँची तो उन्होंने उसे खोल कर देखा, और बही के प्रथम पृष्ट पर उन्हें अपने पूर्वज जौन होपटाउन की एक प्रार्थना लिखी मिली, "हे प्रभु मुझे और इस पुस्तक को आप ईमानदार बनाए रखना।" जौन होपटाउन जानते थे कि यदि उन्हें ईमानदार रहना है तो यह केवल परमेश्वर की सहायता ही से संभव है।

प्रत्येक मसीही विश्वासी के लिए ईमानदारी अनिवार्य है। सत्य के रूप को बदलने के लिए उसे शब्दों और तातपर्यों के जाल में उलझाकर प्रस्तुत करना, तथ्यों को छुपाना या तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करना, आँकड़ों में फेरबदल करना, किसी बात को गलत रूप से प्रस्तुत करना आदि वे गैर-ईमनदारी के व्यवहार हैं जिनसे परमेश्वर घृणा करता है। यदि हम नौकरी करते हैं तो हमें अपने नियोक्ता को पूरे दिन का काम देना है, हमारे नौकरी के समय के उपयोग पर किसी को ऊंगली उठाने का मौका नहीं मिलना चाहिए। ऐसा न करना हमारी गवाही के विरुद्ध है और हमें बेईमान बनाता है। मसीही विश्वासी को ना केवल कामों में वरन अपने उद्देश्यों में भी ईमानदार होना चाहिए। इस कारण से और उद्धार द्वारा प्राप्त अपने नए जीवन-चरित्र को प्रगट करने के लिए हर एक मसीही विश्वासी को परमेश्वर तथा मनुष्यों, दोनो के समक्ष अपनी ईमानदारी को बनाए रखने के प्रयास में सदा लगे रहना चाहिए।

यह आसान कार्य नहीं है। प्रतिदिन और प्रतिपल शत्रु शैतान हमें समझौते और पाप में फंसा कर हमारी ईमानदारी का मज़ाक बनाने के प्रयत्न में लगा रहता है। संसार के प्रलोभन और साथियों तथा परिवार के लोगों के दबाव, घर की आवश्यक्ताएं, विपरीत परिस्थितियाँ, सताव, लोगों का अकारण बैर और विरोध आदि हर दाँव शैतान हमारी गवाही को बिगाड़ने और हमें ईमानदार कहलाए जाने से हटाने के लिए प्रयोग करता है। इसलिए ईमानदारी के इस उद्देश्य में हमें परमेश्वर की सहायता और सामर्थ अवश्य है।

प्रत्येक मसीही विश्वासी की प्रतिदिन की प्रार्थना होनी चाहिए, "हे प्रभु, आप मुझे ईमानदार बनाए रखना।" - पौल वैन गौर्डर


समझ-बूझ की पुस्तक का प्रथम अध्याय ईमानदारी है।

क्‍योंकि जो बातें केवल प्रभु ही के निकट नहीं, परन्‍तु मनुष्यों के निकट भी भली हैं हम उन की चिन्‍ता करते हैं। - २ कुरिन्थियों ८:२१


बाइबल पाठ: १ पतरस ४:११-१९

1Pe 4:11 यदि कोई बोले, तो ऐसा बोले, मानों परमेश्वर का वचन है; यदि कोई सेवा करे तो उस शक्ति से करे जो परमेश्वर देता है; जिस से सब बातों मे यीशु मसीह के द्वारा, परमेश्वर की महिमा प्रगट हो: महिमा और साम्राज्य युगानुयुग उसी की है। आमीन।
1Pe 4:12 हे प्रियों, जो दुख रूपी अग्‍नि तुम्हारे परखने के लिये तुम में भड़की है, इस से यह समझकर अचम्भा न करो कि कोई अनोखी बात तुम पर बीत रही है।
1Pe 4:13 पर जैसे जैसे मसीह के दुखों में सहभागी होते हो, आनन्‍द करो, जिस से उसकी महिमा के प्रगट होते समय भी तुम आनन्‍दित और मगन हो।
1Pe 4:14 फिर यदि मसीह के नाम के लिये तुम्हारी निन्‍दा की जाती है, तो धन्य हो क्‍योंकि महिमा का आत्मा, जो परमेश्वर का आत्मा है, तुम पर छाया करता है।
1Pe 4:15 तुम में से कोई व्यक्ति हत्यारा या चोर, या कुकर्मी होने, या पराए काम में हाथ डालने के कारण दुख न पाए।
1Pe 4:16 पर यदि मसीही होने के कारण दुख पाए, तो लज्ज़ित न हो, पर इस बात के लिये परमेश्वर की महिमा करे।
1Pe 4:17 क्‍योंकि वह समय आ पहुंचा है, कि पहिले परमेश्वर के लोगों का न्याय किया जाए, और जब कि न्याय का आरम्भ हम ही से होगा तो उन का क्‍या अन्‍त होगा जो परमेश्वर के सुसमाचार को नहीं मानते?
1Pe 4:18 और यदि धर्मी व्यक्ति ही कठिनता से उद्धार पाएगा, तो भक्तिहीन और पापी का क्‍या ठिकाना?
1Pe 4:19 इसलिये जो परमेश्वर की इच्‍छा के अनुसार दुख उठाते हैं, वे भलाई करते हुए, अपने अपने प्राण को विश्वासयोग्य सृजनहार के हाथ में सौंप दें।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ७९-८०
  • रोमियों ११:१-१८

मंगलवार, 9 अगस्त 2011

सफलता के इच्छुक?

संसार में सफलता प्राप्त करने के लिए लोग सिवाय ईमानदारी के बाकी हर तरीका आज़माने को तैयार रहते हैं। झूठ, चापलूसी, रिश्वत, धोखा, चोरी, स्वार्थ, दूसरों का अनुचित उपयोग, आँकड़ों में हेरा-फेरी आदि सब सफलता प्राप्त करने के अनिवार्य साधनों में गिने जाते हैं।

अमेरिका में एक बहुत गरीब युवक था - जौन डब्यु येट्स। उसे अपने जूते के तले के छेद ढांपने के लिए गत्ते के पतावे अपने जूते में लगाने पड़ते थे। लेकिन १५ वर्ष की आयु में उसने एक बैंक में अपनी बहुत ही थोड़ी सी कमाई से "जौन डब्ल्यु येट्स एण्ड कम्पनी" के नाम से एक खाता खोला, और इस कम्पनी के संचालन के लिए उसने परमेश्वर प्रभु को अपना सहयोगी तथा प्रबन्धक माना। उसने प्रभु यीशु में अपने विश्वास और उस विश्वास की ईमानदारी के नियमों के साथ व्यापार किया, और एक बड़ा करोड़पति बना, उसकी कम्पनी अमेरिका की शीर्ष कम्पनियों में से एक बनी।

स्कौटलैण्ड के ओस्वाल्ड चैम्बर्स ने अपनी युवा अवस्था में इतनी कला प्रतिभा दिखाई कि १८ वर्ष की आयु में ही उसे यूरोप के महान और विख्यात कलाकारों के साथ काम करके सीखने के आमंत्रण मिले। लेकिन उसने इन आमंत्रणों को अस्वीकार कर दिया, कला और उसकी ख्याति और संपदा को भुलाकर एक छोटे से बाइबल स्कूल में बाइबल की शिक्षा पाने के लिए दाखिला ले लिया, जहाँ आगे चलकर वह एक अध्यापक भी बन गया। बाद में वह मिस्त्र गया और ब्रिटिश सैनिकों की आत्मिक आवश्यक्ताओं की पूर्ति के लिए उनके बीच काम किया। चैम्बर्स की मृत्यु ४० वर्ष की आयु में हो गई, लेकिन तब तक उसने अपनी विरासत के रूप में, परमेश्वर और भक्ति संबंधित लेखों एक बहुत महान और विशाल भण्डार छोड़ा, जो आज भी बहुत से लोगों के लिए प्रेर्णा और शिक्षा का स्त्रोत है और संसार में उसके आदर को बनाए हुए है।

परमेश्वर के वचन बाइबल का एक पात्र है, दानिएल; जिसे अपने देश इस्त्राएल से विस्थापित कर और बन्दी बना कर बाबुल लाया गया। दानिएल की जीवनी उसके विश्वास तथा बार बार अपने विश्वास के लिए अपने बन्धुआई के स्थान और अपने स्वामियों के समक्ष जान का जोखिम उठा कर भी कभी समझौता न करने की घटानाओं से भरी पड़ी है। इस दास बना कर लाए गए युवक दानिएल को उस के परमेश्वर ने उसके बन्धुवा बनाने वालों पर ही अधिपति तथा राजा का सबसे विश्वास पात्र बना दिया।

तीन अलग अलग समय और स्थान के व्यक्तियों के उदाहरण; तीनों में एक ही समानता - प्रत्येक ने निश्चय कर लिया था कि परमेश्वर की इच्छापूर्ति ही उनके जीवन का ध्येय होगा; तीनों ही सफलता के उन शिखरों पर पहुँचे जहाँ कोई मानव युक्ति उन्हें कभी नहीं पहुँचा सकती थी।

एक बार हम परमेश्वर के मार्ग पर चलने और उसकी इच्छापूर्ति का निर्णय ले लें और उसकी आज्ञाकारिता को अपना लक्षय बना लें, सफलता स्वतः ही किसी न किसी रूप में हमारे कदम चूमेगी। - हर्ब वैण्डर लुग्ट


परमेश्वर की इच्छा के बाहर कोई सफलता नहीं है; उसकी इच्छा के साथ कोई असफलता नहीं है।

जवान सिंहों को तो घटी होती और वे भूखे भी रह जाते हैं; परन्तु यहोवा के खोजियों को किसी भली वस्तु की घटी न होवेगी। - भजन ३४:१०

बाइबल पाठ: भजन ३४
Psa 34:1 मैं हर समय यहोवा को धन्य कहा करूंगा; उसकी स्तुति निरन्तर मेरे मुख से होती रहेगी।
Psa 34:2 मैं यहोवा पर घमण्ड करूंगा; नम्र लोग यह सुन कर आनन्दित होंगे।
Psa 34:3 मेरे साथ यहोवा की बड़ाई करो, और आओ हम मिल कर उसके नाम की स्तुति करें।
Psa 34:4 मैं यहोवा के पास गया, तब उस ने मेरी सुन ली, और मुझे पूरी रीति से निर्भय किया।
Psa 34:5 जिन्होंने उसकी ओर दृष्टि की उन्होंने ज्योति पाई और उनका मुंह कभी काला न होने पाया।
Psa 34:6 इस दीन जन ने पुकारा तब यहोवा ने सुन लिया, और उसको उसके सब कष्टों से छुड़ा लिया।
Psa 34:7 यहोवा के डरवैयों के चारों ओर उसका दूत छावनी किए हुए उनको बचाता है।
Psa 34:8 परख कर देखो कि यहोवा कैसा भला है! क्या ही धन्य है वह पुरूष जो उसकी शरण लेता है।
Psa 34:9 हे यहोवा के पवित्र लोगों, उसका भय मानो, क्योंकि उसके डरवैयों को किसी बात की घटी नहीं होती!
Psa 34:10 जवान सिंहों तो घटी होती और वे भूखे भी रह जाते हैं; परन्तु यहोवा के खोजियों को किसी भली वस्तु की घटी न होवेगी।
Psa 34:11 हे लड़कों, आओ, मेरी सुनो, मैं तुम को यहोवा का भय मानना सिखाऊंगा।
Psa 34:12 वह कौन मनुष्य है जो जीवन की इच्छा रखता, और दीर्घायु चाहता है ताकि भलाई देखे?
Psa 34:13 अपनी जीभ को बुराई से रोक रख, और अपने मुंह की चौकसी कर कि उस से छल की बात न निकले।
Psa 34:14 बुराई को छोड़ और भलाई कर; मेल को ढूंढ और उसी का पीछा कर।
Psa 34:15 यहोवा की आंखे धर्मियों पर लगी रहती हैं, और उसके कान भी उसकी दोहाई की ओर लगे रहते हैं।
Psa 34:16 यहोवा बुराई करने वालों के विमुख रहता है, ताकि उनका स्मरण पृथ्वी पर से मिटा डाले।
Psa 34:17 धर्मी दोहाई देते हैं और यहोवा सुनता है, और उनको सब विपत्तियों से छुड़ाता है।
Psa 34:18 यहोवा टूटे मन वालों के समीप रहता है, और पिसे हुओं का उद्वार करता है।
Psa 34:19 धर्मी पर बहुत सी विपत्तियां पड़ती तो हैं, परन्त यहोवा उस को उन सब से मुक्त करता है।
Psa 34:20 वह उसकी हड्डी हड्डी की रक्षा करता है; और उन में से एक भी टूटने नहीं पाती।
Psa 34:21 दुष्ट अपनी बुराई के द्वारा मारा जाएगा और धर्मी के बैरी दोषी ठहरेंगे।
Psa 34:22 यहोवा अपने दासों का प्राण मोल ले कर बचा लेता है और जितने उसके शरणागत हैं उन में से कोई भी दोषी न ठहरेगा।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ७७-७८
  • रोमियों १०

सोमवार, 8 अगस्त 2011

ईमानदारी की सच्चाई

दफतर के अधीक्षक ने अपनी सेक्रटेरी को निर्देश दिए कि कुछ वित्तीय काग़ज़ातों के आँकड़ों में फेर-बदल करे। सेक्रटेरी मसीही विश्वासी थी; उस ने ऐसा करने से इन्कार कर दिया। अधीक्षक नाराज़ हुआ और पूछा, "क्यों, क्या तुम ने अपने किसी व्यक्तिगत लाभ के लिए कभी झूठ नहीं बोला?" अधीक्षक को सुनकर विसमय हुआ, क्योंकि सेक्रटरी का उत्तर फिर से "नहीं" था।

साद, मिस्त्र की राजधानी कायरो के ज़ारेयेद इलाके में रहता है, जो वहाँ का कूड़ा डालने का इलाका है। साद मसीही विश्वासी है और अपनी जीविका दिन भर कूड़ा बीन कर और उससे मिलने वाली चीज़ों को बेचकर चलाता है। साधारणतया वह दिन भर की कड़ी मेहनत के बाद लगभग २०-२५ रुपए के बराबर ही कमा पाता है। एक दिन उसे कूड़ा बीनते हुए, सोने की बनी एक कीमती घड़ी मिली। साद उस घड़ी को बेच कर अपने तथा अपने परिवार के लिए बहुत कुछ खरीद सकता था। वह तर्क दे सकता था कि उसे इस घड़ी की आवश्यक्ता इसके असली मालिक से अधिक है; या यह कि परमेश्वर ने उसकी सहायता के लिए इस घड़ी को उस तक पहुँचाया है। लेकिन वह न लालच में पड़ा और न उसने कोई तर्क दिया। उसने घड़ी के मलिक का पता लगा कर घड़ी उसे वापस कर दी। साद का विश्वास उसे सिखाता है जो उसका नहीं है, उसपर उसका कोई हक भी नहीं है, इसलिए ऐसी चीज़ों को अपने पास रखना उसके लिए गलत है।

ईमानदारी केवल झूठ बोलने से इन्कार मात्र नहीं है। ईमानदारी का अर्थ है सच्चाई के लिए अपनी आवाज़ उठाना तब भी जब खामोशी का गलत अभिप्राय निकलना संभव हो; ईमनदारी का अर्थ है सच्च के लिए बोलना चाहे इस कारण व्यक्तिगत हानि ही क्यों ना उठानी पड़े। लेकिन आज के समय में बहुत से लोगों के लिए ईमानदारी एक अप्रचलित पुराना रिवाज़ है, बीते दिनों का निर्थक आचरण है।

मसीही विश्वासी होने के नाते यदि उस सेक्रटेरी और साद के समान ईमानदारी हमारे जीवनों में नहीं है तो हमें परमेश्वर के सामने अपने आप को जाँचने की आवश्यक्ता है। प्रभु यीशु ने कहा, "मार्ग, सच्चाई और जीवन मैं ही हूँ" (यूहन्ना १४:६)। यदि हमारा प्रभु सत्य का प्रतिरूप है, तो हम जो उसके अनुयायी हैं, उनके लिए हर बात और हर कार्य में सत्य का उनके जीवन का अभिन्न अंग होना स्वाभाविक तथा अनिवार्य है। हमारे जीवन की हर बात में यही ईमानदारी संसार के सामने हमारी गवाही है और यही हमें संसार के लोगों से भिन्न करती है। - डेनिस डी हॉन


कुछ लोग इसलिए ईमानदार रहते हैं क्योंकि बेईमान होने का कोई उचित मौका उन्हें नहीं मिला।

निदान, हे भाइयों, जो जो बातें सत्य हैं, और जो जो बातें आदरणीय हैं, और जो जो बातें उचित हैं, और जो जो बातें पवित्र हैं, और जो जो बातें सुहावनी हैं, और जो जो बातें मनभावनी हैं, निदान, जो जो सदगुण और प्रशंसा की बातें हैं, उन्‍हीं पर ध्यान लगया करो। - फिलिप्पियों ४:८

बाइबल पाठ:१ पतरस २:११-१९
1Pe 2:11 हे प्रियों मैं तुम से बिनती करता हूं, कि तुम अपने आप को परदेशी और यात्री जान कर उन सांसारिक अभिलाषाओं से जो आत्मा से युद्ध करती हैं, बचे रहो।
1Pe 2:12 अन्यजातियों में तुम्हारा चालचलन भला हो; इसलिये कि जिन जिन बातों में वे तुम्हें कुकर्मी जान कर बदनाम करते हैं, वे तुम्हारे भले कामों को देख कर उन्‍हीं के कारण कृपा दृष्‍टि के दिन परमेश्वर की महिमा करें।
1Pe 2:13 प्रभु के लिये मनुष्यों के ठहराए हुए हर एक प्रबन्‍ध के आधीन में रहो, राजा के इसलिये कि वह सब पर प्रधान है।
1Pe 2:14 और हाकिमों के, क्‍योंकि वे कुकिर्मयों को दण्‍ड देने और सुकिर्मयों की प्रशंसा के लिये उसके भेजे हुए हैं।
1Pe 2:15 क्‍योंकि परमेश्वर की इच्‍छा यह है, कि तुम भले काम करने से निर्बुद्धि लोगों की अज्ञानता की बातों को बन्‍द कर दो।
1Pe 2:16 और अपने आप को स्‍वतंत्र जानो पर अपनी इस स्‍वतंत्रता को बुराई के लिये आड़ न बनाओ, परन्‍तु अपने आप को परमेश्वर के दास समझ कर चलो।
1Pe 2:17 सब का आदर करो, भाइयों से प्रेम रखो, परमेश्वर से डरो, राजा का सम्मान करो।
1Pe 2:18 हे सेवकों, हर प्रकार के भय के साथ अपने स्‍वामियों के आधीन रहो, न केवल भलों और नम्रों के, पर कुटिलों के भी।
1Pe 2:19 क्‍योंकि यदि कोई परमेश्वर का विचार करके अन्याय से दुख उठाता हुआ क्‍लेश सहता है, तो यह सुहावना है।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ७४-७६
  • रोमियों ९:१६-३३