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बुधवार, 4 मई 2011

बेहतर विकल्प

मानव शरीर करोड़ों कोषिकाओं से मिलकर बना है, और इन कोषिकाओं की संख्या से लगभग १० गुणा अधिक संख्या में इस शरीर में सूक्ष्म जीवाणु बसते हैं। हमारी त्वचा के एक सिक्के के आकार के भाग में ही लगभग २० लाख जीवाणु होते हैं। इससे यह प्रतीत होता है कि इतनी संख्या में जीवाणुओं की उपस्थिति के कारण हम लगातार रोगी होने के खतरे में बने रहते हैं। लेकिन असलियत यह है कि इन असंख्य जीवाणुओं की हमारे शरीर में उपस्थिति ही हमें स्वस्थ रखती है; यदि ये न हों तो हम रोगी हो जाएंगे, क्योंकि ये भले जीवाणु रोग पैदा करने वाले हानिकारक कीटाणुओं को पनपने नहीं देते।

यह उदाहरण हमें हरेक परिस्थिति में भी परमेश्वर के कार्य में संलग्न रहने की मसीही विश्वासियों की बुलाहट को समझने में सहायता करता है। हमारे सोचने के विपरीत, विशम परिस्थितियों का होना विश्वासियों के लिए हानि की नहीं वरन लाभ की बात है।

परमेश्वर चाहता है कि उसके बच्चे पाप और अधर्म से दूषित संसार में धैर्य, प्रेम और विश्वास को प्रदर्शित करें। जो विपरीत परिस्थितियाँ हम पर आती रहती हैं वे सुनिश्चित करती हैं कि हम और भी अधिक हानिकारक बातों से जो यदि सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा हो तो अति शीघ्र हम में घर बना लेती हैं, जैसे अहंकार, अपने आप को बढ़कर आंकना, परमेश्वर पर निर्भर न रहना आदि, से बचे रहें। जब जब हम समस्याओं में पड़ते हैं तो ये परिस्थितियाँ हमें परमेश्वर पर आश्रित होने और उसपर तथा उसके वचन के और निकट आने और उस पर विश्वास करने वाला बनाती हैं।

कठिनाईयाँ हमारे आत्मिक विकास में भी योगदान देती हैं, यदि हम उन्हें अपने विश्वास की परख और सहनशीलता बढ़ाने के अवसरों के रूप में देखें।

जब तक मसीह नहीं आ जाता और उसके साथ हम सिद्ध नहीं हो जाते, तब तक विपरीत परिस्थितियों का बने रहना हमारे लिए बेहतर विकल्प है। - मार्ट डी हॉन


परमेश्वर हमारे जीवन में विपरीत परिस्थितियाँ हमें बेहतर बनाने लिए आने देता है, हमें बिगाड़ने के लिए नहीं।

यहां तक कि हम आप परमेश्वर की कलीसिया में तुम्हारे विषय में घमण्‍ड करते हैं, कि जितने उपद्रव और क्‍लेश तुम सहते हो, उन सब में तुम्हारा धीरज और विश्वास प्रगट होता है। - २ थिस्सलुनीकियों १:४


बाइबल पाठ: याकूब १:१-४

Jas 1:1 परमेश्वर के और प्रभु यीशु मसीह के दास याकूब की ओर से उन बारहों गोत्रों को जो तित्तर बित्तर होकर रहते हैं नमस्‍कार पहुंचे।
Jas 1:2 हे मेरे भाइयों, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो
Jas 1:3 तो इसे पूरे आनन्‍द की बात समझो, यह जानकर, कि तुम्हारे विश्वास के परखे जाने से धीरज उत्‍पन्न होता है।
Jas 1:4 पर धीरज को अपना पूरा काम करने दो, कि तुम पूरे और सिद्ध हो जाओ और तुम में किसी बात की घटी न रहे।

एक साल में बाइबल:
  • १ राजा १६-१८
  • लूका २२:४७-७१

अवसर

एक मूर्तिकार अपने मेहमान को संगमरमर की अपनी कृतियाँ दिखा रहा था। वह मेहमान एक असाधारण मूर्ति की ओर आकर्षित हुआ। मूर्ति का जहाँ चेहरा होना चाहिए था, मूर्तिकार ने वहाँ उसे बालों से ढका हुआ दिखाया था और उस मूर्ति के पैरों पर चिड़िया के पंख लगे हुए थे। मेहमान ने मूर्तिकार से पूछा, "इस मूर्ति का क्या नाम है?" मूर्तिकार ने उतर दिया, "अवसर; इसका चेहरा ढका हुआ है क्योंकि जब वह आता है तो अक्सर हम इसे पहचान नहीं पाते; इसके पावों पर पंख लगे हैं, क्योंकि यह अति शीघ्र चला भी जाता है और एक बार गया तो फिर उसे कोई पकड़ नहीं सकता।"

प्रेरित पौलुस ने भी अवसर के शीघ्रता से निकल जाने की बात इफीसियों ५:१६ में कही। इस पद में जिस शब्द का अनुवाद ’समय’ किया गया है उसका अनुवाद ’अवसर’ भी किया जा सकता है। ये अवसर व्यक्तिगत संपर्क के कुछ पल भी हो सकते हैं या कोई घटना, कोई वार्तालाप, किसी पुराने पहचान वाले से अचानक हुई मुलाकात आदि भी। ये सुनहरी अवसर होते हैं किसी की प्यार से देखभाल करने के, किसी को अपने विश्वास की गवाही देने के, अनन्त काल की भलाई का कार्य करने के।

इंगलैंड के एक विख्यात प्रचारक अलेक्ज़ैंडर मैकलैरन ने कहा, "जीवन का प्रत्येक पल हमें एक उद्देश्य के लिए दिया गया है: कि हम अपने प्रभु के अनुरूप बनें। यह अंतिम लक्ष्य जीवन के अनेक छोटे - बड़े लक्ष्यों की पूर्ति के द्वारा संपन्न होता है।"

जब हमारा विश्वास दृढ़ रहता है तो हमें साहस और सदबुद्धि भी मिलती है कि हम प्रत्येक बाधा को अपनी उन्नति अवसर की तरह देख सकें। - पौल वैन गोर्डर।


विश्वास बाधाओं को उन्नति के अवसरों में बदल देता है।

इसलिये ध्यान से देखो, कि कैसी चाल चलते हो; निर्बुद्धियों की नाईं नहीं पर बुद्धिमानों की नाईं चलो। और अवसर को बहुमोल समझो, क्‍योंकि दिन बुरे हैं। - इफीसियों ५:१५, १६

बाइबल पाठ: इफीसियों ५:८-१७
Eph 5:8 क्‍योंकि तुम तो पहले अन्‍धकार थे परन्‍तु अब प्रभु में ज्योति हो, सो ज्योति की सन्‍तान की नाई चलो।
Eph 5:9 (क्‍योंकि ज्योंति का फल सब प्रकार की भलाई, और धामिर्कता, और सत्य है)।
Eph 5:10 और यह परखो, कि प्रभु को क्‍या भाता है
Eph 5:11 और अन्‍धकार के निष्‍फल कामों में सहभागी न हो, वरन उन पर उलाहना दो।
Eph 5:12 क्‍योंकि उन के गुप्‍त कामों की चर्चा भी लाज की बात है।
Eph 5:13 पर जितने कामों पर उलाहना दिया जाता है वे सब ज्योति से प्रगट होते हैं, क्‍योंकि जो सब कुछ को प्रगट करता है, वह ज्योंति है।
Eph 5:14 इस कारण वह कहता है, हे सोनेवाले जाग और मुर्दों में से जी उठ तो मसीह की ज्योति तुझ पर चमकेगी।
Eph 5:15 इसलिये ध्यान से देखो, कि कैसी चाल चलते हो; निर्बुद्धियों की नाईं नहीं पर बुद्धिमानों की नाईं चलो।
Eph 5:16 और अवसर को बहुमोल समझो, क्‍योंकि दिन बुरे हैं।
Eph 5:17 इस कारण निर्बुद्धि न हो, पर ध्यान से समझो, कि प्रभु की इच्‍छा क्‍या है

एक साल में बाइबल:
  • १ राजा १२-१३
  • लूका २२:१-२०