ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

गुरुवार, 9 जून 2011

छिपने का स्थान

अमरीकी राष्ट्रपति जौन कैनेडी ने कहा था कि प्रत्येक दिन हमें भयानक विपत्ति के क्षण के नज़दीक लाता जा रहा है। एक वैज्ञानिक पत्रिका Bulletin of Atomic Scientists एक २४ घंटे की घड़ी और उसकी सूईयों के द्वारा मानव इतिहास को दर्शाते हैं। मानव विनाश के खतरे की गंभीरता के अनुसार घड़ी की सूईयाँ आगे या पीछे करी जाती हैं और उनकी घड़ी के अनुसार २४ घंटे पूरे होने में कुछ ज़्यादा देर नहीं है। मानव जाति के विनाश के खतरे बढते ही जा रहे हैं, हर जगह फैलते हुए आतंकवाद और परमाणु अस्त्रों की उपस्थिति ने इस खतरे को बहुत बढ़ा दिया है। वैज्ञानिकों में इस बात पर कोई दो राय नहीं है कि यदि परमाणु युद्ध हुआ तो ममानव जाति का विनाश तय है।

अपनी पुस्तक No Place to Hide में एक वैज्ञानिक डॉ। डेविड ब्रैडली, जो परमाणु अस्त्रों के प्रारंभिक दिनों में उनके परीक्षण के समय निकली विकिरण और ऊर्जा का निरीक्षण करते थे, ने लिखा "अगर हम विचारें कि हमारे शरीर में रेडियम के एक ग्राम का दस लाखवाँ भाग भी यदि आ जाए तो हमारे लिए घातक हो जाएगा, तो यह तथ्य हमारा ध्यान Calculus से हटकर मसीही विश्वास की ओर ले जाने के लिए काफी है।" उनका यह कहना बिलकुल सही है क्योंकि मसीही विश्वासी जैसा परमेश्वर के प्रेम और उपस्थिति में सुरक्षित है, वैसा और कोई कहीं भी नहीं है।

भजन ९१ में भजनकार ने प्रभु परमेश्वर को, उसकी सुरक्षा के गुण के लिए कई संज्ञाएं दी हैं जैसे, छिपने का गुप्त स्थान, छाया मिलने (अर्थात निकट होने) का स्थान, शरणस्थान, दृढ़ गढ़, रक्षक, छुटकारा देने वाला आदि, क्योंकि हम उसमें सदा सुरक्षित हैं। चाहे हमारा खतरा परमाणु युद्ध से हो, किसी बीमारी से हो, किसी पारिवारिक परेशानी से हो या किसी शैतानी आक्रमण से हो, कोई भी या कैसी भी परिस्थिति क्यों न हो, परमेश्वर हमारा दृढ़ गढ़ बना रहता है।

किसी भी मसीही विश्वासी के लिए इन खतरनाक अनिश्चित दिनों में परमेश्वर ही एकमात्र निशित सुरक्षित छिपने का स्थान है। - डेव एग्नर


परमेश्वर हमारे जितना निकट बना रहता है, उतना निकट कोई भी खतरा कभी नहीं आ सकता।

तू मेरी आड़ और ढ़ाल है; मेरी आशा तेरे वचन पर है। - भजन ११९:११४

बाइबल पाठ: भजन ११९:११३-१२०

Psa 119:113 मैं दुचित्तों से तो बैर रखता हूं, परन्तु तेरी व्यवस्था से प्रीति रखता हूं।
Psa 119:114 तू मेरी आड़ और ढ़ाल है; मेरी आशा तेरे वचन पर है।
Psa 119:115 हे कुकर्मियों, मुझ से दूर हो जाओ, कि मैं अपने परमेश्वर की आज्ञाओं को पकड़े रहूं।
Psa 119:116 हे यहोवा, अपने वचन के अनुसार मुझे सम्भाल, कि मैं जीवित रहूं, और मेरी आशा को न तोड़!
Psa 119:117 मुझे थाम रख, तब मैं बचा रहूंगा, और निरन्तर तेरी विधियों की ओर चित्त लगाए रहूंगा!
Psa 119:118 जितने तेरी विधियों के मार्ग से भटक जाते हैं, उन सब को तू तुच्छ जानता है, क्योंकि उनकी चतुराई झूठ है।
Psa 119:119 तू ने पृथ्वी के सब दुष्टों को धातु के मैल के समान दूर किया है; इस कारण मैं तेरी चितौनियों में प्रीति रखता हूं।
Psa 119:120 तेरे भय से मेरा शरीर कांप उठता है, और मैं तेरे नियमों से डरता हूं।

एक साल में बाइबल:
  • २ इतिहास ३२-३३
  • यूहन्ना १८:१९-४०