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मंगलवार, 14 जून 2011

एक पुस्तक, प्रत्येक के लिए

प्रभु यीशु मसीह के पुनरुत्थान और स्वर्गारोहण के बाद, मसीही विश्वास के आरंभिक समय से ही, मसीही विश्वासी, मसीह में पापों की क्षमा और उद्धार के सुसमाचार को स्थान स्थान पर मौखिक रुप से बताते रहे क्योंकि तब बाइबल के यह खंड लिखे जा रहे थे और आज के समान संकलित तथा छपे हुए रूप में उपलब्ध नहीं थे। किंतु उस सीमित रूप में भी, संचार व्यवस्था की कमी होते हुए भी, परमेश्वर का वचन अपना कार्य करता रहा, लोगों के मन और जीवन परिवर्तित करता रहा। तब से लेकर आज तक, हर पीढ़ी के मसीही विश्वासी, जहाँ जहाँ गए - चाहे अपने विश्वास के कारण मिले सताव और खदेड़े जाने के कारण, अथवा अपनी यात्रा में, वे परमेश्वर का वचन लोगों को बताते, सुनाते और बाँटते चले गए। उन्होंने परमेश्वर के वचन और उद्धार के सुसमाचार का खुलेआम भी प्रचार किया और गुपचुप रूप में भी किया। लेकिन परमेश्वर का वचन जहाँ भी बोया गया, वहाँ उसने जड़ पकड़ी और लोगों के जीवन में परमेश्वर के उद्धार, मन परिवर्तन और अद्भुत शाँति का फल लाया।

मसीही विश्वास के संसार के प्रत्येक भाग में, मसीही विश्वासियों पर आए हर सताव, प्रताड़ना और झूठे दोषारोपण के बावजूद, बहुतायत से पनपने और बढ़ते चले जाने का एकमात्र कारण है परमेश्वर के वचन की अद्भुत जीवन बदल देने वाली सामर्थ। यदि इस वचन पर विश्वास करने वालों ने इस सामर्थ को स्वतः अपने जीवन में अनुभव न किया होता, तो उनके पास कोई कारण नहीं था कि इतने दुख उठाते हुए भी वे इस वचन का प्रचार और प्रसार पिछले २००० वर्षों से आज तक करते चले आएं।

लेखक हेनरी वैन डाईक ने इस पुस्तकों में सर्वश्रेष्ठ पुस्तक, बाइबल, के प्रभाव को कुछ ऐसे व्यक्त किया है: "यह पूर्व देश में जन्मी, पूर्वी शैली और प्रतीकों को अपनाया, किंतु बाइबल संसार के हर स्थान में ऐसे घुलमिल जाती है मानो वह उसी क्षेत्र ही की हो; हर देश में यह सहजता से अपनों को पा लेती है। यह संसार की प्रत्येक भाषा में बोलना जानती है; यह संसार में हर प्रकार के और हर परिस्थिति में पड़े मनुष्य के हृदय से बात कर सकती है। यह राजा - महाराजाओं के महलों में जाकर उन्हें समझाती है कि वे परमेश्वर की ओर से नियुक्त प्रजा की देख भाल करने के लिए परमेश्वर के सेवक मात्र ही हैं और रंक की झोपड़ी में जाकर उसे ढाढ़स देती है कि वह राजाओं के राजा सर्वश्क्तिमान परमेश्वर पिता की सन्तान हैं।"

राजधिकरियों, आम लोगों और रंकों ने बाइबल पढ़कर इसके सन्देश पर विश्वास किया है। उनके विश्वास द्वारा देशों में बदलाव आया और संसकृतियों में उन्न्ति हो गई। जब हम बाइबल को पढ़ते हैं, इसके सन्देश पर मनन करते हैं और उसे अपने जीवन में लागू करते हैं तो यह हमारे जीवनों को बदल देती है। इसे पढ़ने और समझने के लिए आप को किसी विशेष भाषा/समुदाय/जाति/वर्ग/शिक्षित स्तर का होना आवश्यक नहीं है। अनपढ़ भी इसके सन्देश को केवल सुनने से ही वही लाभ पा सकता है जो कोई पढ़ा लिखा पढ़ने से पा सकता है क्योंकि परमेश्वर का आत्मा स्वयं इस पुस्तक को अपने प्रत्येक विश्वास करने वालों को सिखाता समझाता है।

बाइबल, एक पुस्तक, प्रत्येक के लिए - क्या आपने इसे पढ़कर देखा है? - डेव एग्नर


बाइबल, बैंक के समान तभी उपयोगी होती है जब वह खुली हुई हो।

क्‍योंकि हमारा सुसमाचार तुम्हारे पास न केवल वचन मात्र ही में वरन सामर्थ और पवित्र आत्मा, और बड़े निश्‍चय के साथ पहुंचा है; जैसा तुम जानते हो, कि हम तुम्हारे लिये तुम में कैसे बन गए थे। और तुम बड़े क्‍लेश में पवित्र आत्मा के आनन्‍द के साथ वचन को मानकर हमारी और प्रभु की सी चाल चलने लगे। - १ थिस्सलुनीकियों १:५, ६


बाइबल पाठ: भजन ११९:४१-४८

Psa 119:41 हे यहोवा, तेरी करूणा और तेरा किया हुआ उद्धार, तेरे वचन के अनुसार, मुझ को भी मिले;
Psa 119:42 तब मैं अपनी नामधराई करने वालों को कुछ उत्तर दे सकूंगा, क्योंकि मेरा भरोसा, तेरे वचन पर है।
Psa 119:43 मुझे अपने सत्य वचन कहने से न रोक क्योंकि मेरी आशा तेरे नियमों पर है।
Psa 119:44 तब मैं तेरी व्यवस्था पर लगातार, सदा सर्वदा चलता रहूंगा;
Psa 119:45 और मैं चौड़े स्थान में चला फिरा करूंगा, क्योंकि मैं ने तेरे उपदेशों की सुधि रखी है।
Psa 119:46 और मैं तेरी चितौनियों की चर्चा राजाओं के साम्हने भी करूंगा, और संकोच न करूंगा;
Psa 119:47 क्योंकि मैं तेरी आज्ञाओं के कारण सुखी हूं, और मैं उन से प्रीति रखता हूं।
Psa 119:48 मैं तेरी आज्ञाओं की ओर जिन में मैं प्रीति रखता हूं, हाथ फैलाऊंगा और तेरी विधियों पर ध्यान करूंगा।

एक साल में बाइबल:
  • एज़्रा ९-१०
  • प्रेरितों १