ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

शनिवार, 25 जून 2011

अनुसरणीय नेतृत्व

शिकागो शहर के अखबारों में शहर की भीतरी भागों में स्थित एक आवासीय बस्ती में लगातार हो रही गुण्डागर्दी और लोगों पर हो रहे हमलों की घटनाओं की चर्चा थी। ऐसा प्रतीत होता था कि पुलिस इन घटनाओं को रोक पाने में असमर्थ थी। शिकागो नगरपलिका की अध्य्क्षा जेन बायर्न इस समस्या को सुलझाने में लगी थी लेकिन कोई कारगर हल नहीं मिल पा रहा था। फिर अचानक सब को अचंभित करते हुए जेन ने घोषणा करी कि वे और उनके पति उस आवासीय बस्ती में जा कर वहाँ रहना आरंभ करेंगे। उनके इस साहस पूर्ण कदम ने तुरंत उन्हें समाज में लोकप्रीय बना दिया और इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए उन्हें समाज का भरपूर समर्थन भी प्राप्त हुआ। उनके समस्या से ग्रसित स्थान पर स्वयं जाकर रहने से एक दम बहुत प्रभाव पड़ा और समस्या को काबू में लाने में बहुत सहायता मिली।

यह घटना और उदाहरण मुझे स्मरण दिलाता है परमेश्वर के वचन के एक पात्र नहेम्याह की। नहेम्याह फारस के राजा के पास ऊँचे पद पर काम करने वाला एक यहूदी दास था, और राजा का विश्वासपात्र था। जब उसे अपनी मातृभूमि में यरुशलेम की दुर्दशा - शहर की ध्वस्त दीवारें, उखड़े और जले हुए फाटक और वहाँ रहने वाले लोगों के दुखी जीवन का पता चला तो वह बहुत दुखी हुआ। हृदय की वेदना के साथ उसने अपने लोगों के पापों के लिए कई दिनों तक परमेश्वर के सामने विलाप किया, उपवास रखा और प्रार्थनाएं करीं। फिर जैसा परमेश्वर ने उसे निर्देश दिया, वह अपनी नौकरी की सुरक्षा और आराम को छोड़ कर दुर्दशा में पड़े यरुशलेम को संवारने के लिए वहाँ जाकर रहने लगा। उसने यरुशलेम का पुनःर्निमाण आरंभ किया और इस कार्य में अनेक कठिनाईयों का सामना करते हुए वह वहाँ तब तक रहा जब तक शहर की दीवारें फिर से नहीं बन गईं और शहर में शाँति तथा व्यवस्था स्थापित नहीं हो गई।

हम चाहे किसी भी ओहदे पर कार्य करते हों, यदि हमें परमेश्वर के लिए उपयोगी होना है तो मनुष्यों की तकलीफों को समझने, उन्हें महसूस करने और उन के निवारण का माध्यम बनने के लिए तैयार होना आवश्यक है। तब ही हम अनुसरणीय नेतृत्व प्रदान करने वाले बन सकते हैं और समाज का कुछ भला कर सकते हैं। - मार्ट डी हॉन


जो लोग हमारे कथनी पर विश्वास नहीं करते, वे हमारी करनी देखकर विश्वास लाएंगे।

मैं रात को तराई के फाटक में होकर निकला और अजगर के सोते की ओर, और कूड़ा फाटक के पास गया, और यरूशलेम की टूटी पड़ी हुई शहरपनाह और जले फाटकों को देखा। - नहेम्याह २:१३


बाइबल पाठ: नहेम्याह १:१-६; २:११-१८

Neh 1:1 हकल्याह के पुत्र नहेम्याह के वचन। बीसवें वर्ष के किसलवे नाम महीने में, जब मैं शूशन नाम राजगढ़ में रहता था,
Neh 1:2 तब हनानी नाम मेरा एक भाई और यहूदा से आए हुए कई एक पुरुष आए; तब मैं ने उन से उन बचे हुए यहूदियों के विषय जो बन्धुआई से छूट गए थे, और यरूशलेम के विष्य में पूछा।
Neh 1:3 उन्होंने मुझ से कहा, जो बचे हुए लोग बन्धुआई से छूटकर उस प्रान्त में रहते हैं, वे बड़ी दुर्दशा में पड़े हैं, और उनकी निन्दा होती है क्योंकि यरूशलेम की शहरपनाह टूटी हुई, और उसके फाटक जले हुए हैं।
Neh 1:4 ये बातें सुनते ही मैं बैठ कर रोने लगा और कितने दिन तक विलाप करता और स्वर्ग के परमेश्वर के सम्मुख उपवास करता और यह कहकर प्रार्थना करता रहा।
Neh 1:5 हे स्वर्ग के परमेश्वर यहोवा, हे महान और भययोग्य ईश्वर ! तू जो अपने प्रेम रखने वाले और आज्ञा मानने वाले के विष्य अपनी वाचा पालता और उन पर करुणा करता है;
Neh 1:6 तू कान लगाए और आंखें खोले रह, कि जो प्रार्थना मैं तेरा दास इस समय तेरे दास इस्राएलियों के लिये दिन रात करता रहता हूँ, उसे तू सुन ले। मैं इस्राएलियों के पापों को जो हम लोगों ने तेरे विरुद्ध किए हैं, मान लेता हूँ। मैं और मेरे पिता के घराने दोनों ने पाप किया है।
Neh 2:11 जब मैं यरूशलेम पहुंच गया, तब वहां तीन दिन रहा।
Neh 2:12 तब मैं थोड़े पुरुषों को लेकर रात को उठा; मैं ने किसी को नहीं बताया कि मेरे परमेश्वर ने यरूशलेम के हित के लिये मेरे मन में क्या उपजाया था। और अपनी सवारी के पशु को छोड़ कोई पशु मेरे संग न था।
Neh 2:13 मैं रात को तराई के फाटक में होकर निकला और अजगर के सोते की ओर, और कूड़ा फाटक के पास गया, और यरूशलेम की टूटी पड़ी हुई शहरपनाह और जले फाटकों को देखा।
Neh 2:14 तब मैं आगे बढ़कर सोते के फाटक और राजा के कुणड के पास गया परन्तु मेरी सवारी के पशु के लिये आगे जाने को स्थान न था।
Neh 2:15 तब मैं रात ही रात नाले से हो कर शहरपनाह को देखता हुआ चढ़ गया फिर घूमकर तराई के फाटक से भीतर आया, और इस प्रकार लौट आया।
Neh 2:16 और हाकिम न जानते थे कि मैं कहां गया और क्या करता था वरन मैं ने तब तक न तो यहूदियों को कुछ बताया था और न याजकों और न रईसों और न हाकिमों और न दूसरे काम करने वालों को।
Neh 2:17 तब मैं ने उन से कहा, तुम तो आप देखते हो कि हम कैसी दुर्दशा में हैं, कि यरूशलेम उजाड़ पड़ा है और उसके फाटक जले हुए हैं। तो आओ, हम यरूशलेम की शहरपनाह को बनाएं, कि भविष्य में हमारी नामधराई न रहे।
Neh 2:18 फिर मैं ने उनको बतलाया, कि मेरे परमेश्वर की कृपादृष्टि मुझ पर कैसी हुई और राजा ने मुझ से क्या क्या बातें कही थीं। तब उन्होंने कहा, आओ हम कमर बान्धकर बनाने लगें। और उन्होंने इस भले काम को करने के लिये हियाव बान्ध लिया।

एक साल में बाइबल:
  • अय्युब ३, ४
  • प्रेरितों ७:४४-६०