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शनिवार, 23 जुलाई 2011

काफी नहीं

हास्यकार सैम लेविन्सन ने एक ड्राईवर की कहानी सुनाई जिसने एक खड़ी हुई गाड़ी के शीशे पर कागज़ की एक पर्ची लगाई जिस पर लिखा था, "मैं अभी आपकी गाड़ी से टकराया हूँ। जिन लोगों ने मेरे द्वार हुए इस टक्कर को होते देखा, वे मुझे देख रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि मैं इस पर्ची पर लिखकर माफी माँग रहा हूँ और अपना नाम तथा पता लिख रहा हूँ। जी नहीं, न मैं ऐसा कर रहा हूँ और न ही ऐसा करने का मेरा कोई इरादा है।"

बाइबल के पुराने नियम में यर्मियाह भविष्यद्वक्ता की पुस्तक के ३ अध्याय में भी एक ऐसे ही कपट का उल्लेख है - यहूदा के लोगों ने परमेश्वर की ओर लौट आने का दिखावा तो किया किंतु उनके मन परमेश्वर से दूर ही रहे। उन्होंने परमेश्वर को "पिता" कह कर तो बुलाया, किंतु साथ ही जो भी बुराई वे कर सकते थे, उसे वे करते रहे (पद ४, ५)।

मैं स्वयं अपने जीवन में परमेश्वर के सामने सच्चाई और खराई से खड़े हो पाने की समस्या से बड़ी किसी और समस्या को नहीं आँक पाता, उस परमेश्वर के सामने जिस ने अपने आप को मेरे लिए प्रभु यीशु में होकर इतना दीन और नम्र किया है तथा इतना सहज, वास्तविक और इतना उपलब्ध बना दिया है। मसीह यीशु के विष्य में यह कहना, "हाँ, वह मेरा प्रभु और उद्धारकर्ता है; वह मेरे पापों के लिए मरा और मेरी आरधना तथा सेवा का हकदार है" बहुत आसान है, किंतु अपने इस अंगीकार को निभाना, विशेष कर तब जब कोई हमें देख न रहा हो, आसान नहीं है। जब हमारे लाभ के लिए आवश्यक हो तो लोगों के सामने प्रभु के विष्य में सही बातें बोलना और विश्वास के दावे करना तो सहज है, परन्तु परमेश्वर के साथ हमारे दिल की गहराईयों में और जीवन में हमारी इच्छाओं तथा महत्वकांक्षाओं के निर्वाह में हमारा संबंध कैसा है? हमारे अन्दर की सच्चाई सदा ही हमारे बाहर से लोगों को दिखने वाले स्वरूप के अनुसार नहीं होती।

हम स्वयं अपने आप को धोखा देना छोड़ दें। संसार के लोगों की आँखों में आँखें डाल कर कह देना भर काफी नहीं है; क्या अपने जीवन और समर्पण के विष्य में हम परमेश्वर की आँखों में आँखें डालकर, बिना किसी शर्मिंदगी का एहसास किये उसके लिए अपने अंगीकार को दोहरा सकते हैं? - मार्ट डी हॉन


जैसा हमें होना चाहिए, उसके लिए जितनी अधिक मेहनत हम करेंगे, उतना ही कम प्रयास हमें अपनी वास्तविकता को छुपाने के लिए करना पड़ेगा।

इतने पर भी उसकी विश्वासघाती बहिन यहूदा पूर्ण मन से मेरी ओर नहीं फिरी, परन्तु कपट से, यहोवा की यही वाणी है। - यर्मियाह ३:१०


बाइबल पाठ: यर्मियाह ३:४-१०

Jer 3:4 क्या तू अब मुझे पुकार कर कहेगी, हे मेरे पिता, तू ही मेरी जवानी का साथी है?
Jer 3:5 क्या वह मन में सदा क्रोध रखे रहेगा? क्या वह उसको सदा बनाए रहेगा? तू ने ऐसा कहा तो है, परन्तु तू ने बुरे काम प्रबलता के साथ किए हैं।
Jer 3:6 फिर योशिय्याह राजा के दिनों में यहोवा ने मुझ से यह भी कहा, क्या तू ने देखा कि भटकने वाली इस्राएल ने क्या किया है? उस ने सब ऊंचे पहाड़ों पर और सब हरे पेड़ों के तले जा जाकर व्यभिचार किया है।
Jer 3:7 तब मैं ने सोचा, जब ये सब काम वह कर चुके तब मेरी ओर फिरेगी; परन्तु वह न फिरी, और उसकी विश्वासघाती बहिन यहूदा ने यह देखा।
Jer 3:8 फिर मैं ने देखा, जब मैं ने भटकने वाली इस्राएल को उसके व्यभिचार करने के कारण त्याग कर उसे त्यागपत्र दे दिया तौभी उसकी विश्वासघाती बहिन यहूदा न डरी, वरन जाकर वह भी व्यभिचारिणी बन गई।
Jer 3:9 उसके निर्लज्ज-व्यभिचारिणी होने के कारण देश भी अशुद्ध हो गया, उस ने पत्थर और काठ के साथ भी व्यभिचार किया।
Jer 3:10 इतने पर भी उसकी विश्वासघाती बहिन यहूदा पूर्ण मन से मेरी ओर नहीं फिरी, परन्तु कपट से, यहोवा की यही वाणी है।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ३३-३४
  • प्रेरितों २४