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बुधवार, 7 सितंबर 2011

पश्चाताप कष्टदाई है

पश्चिमी अफ्रीका के बाउली समाज के लोग पश्चाताप के विवरण में कहते हैं कि, "यह इतना कष्टदायक होता है कि व्यक्ति उसे छोड़ देना चाहता है।" वास्तविक पश्चाताप हमारे अहं को घायल करता है और हमारे घमण्ड को चोट पहुंचाता है। लेकिन यह चोट तथा घायल होना भला और चंगा करने वाला होता है।

जौन कॉलविन ने कहा, "प्रत्येक अपने आप को जाँच कर देख ले, और वह पाएगा कि वह इस बुराई के आधीन है - कि वह अपने मन को फाड़ने की बजाए, बाहरी रूप से दिखाने मात्र को, केवल अपने वस्त्र ही फाड़ना चाहता है।" जब कॉलविन ने यह कहा, तब वह उस समय के बारे में व्याखया कर रहा था जब परमेश्वर अपनी प्रजा इस्त्राएल को टिड्डियों के विशाल दल के हमले द्वारा पश्चाताप में ले कर आया था। उन टिड्डियों ने सारी हरियाली, पेड़, पौधों, फसल सब को खा कर देश को उजाड़ बना दिया। उस समय परमेश्वर के भविष्यद्वक्ता योएल नबी ने परिस्थिति का हवाला देकर इस्त्राएल से अपने पापों के लिए पश्चाताप का सन्देश दिया और उनसे कहा, "अपने वस्त्र नहीं, अपने मन ही को फाड़कर अपने परमेश्वर यहोवा की ओर फिरो; क्योंकि वह अनुग्रहकारी, दयालु, विलम्ब से क्रोध करने वाला, करूणानिधान और दु:ख देकर पछताने हारा है" (योएल २:१३)। इस्त्राएलियों ने योएल की सुनी और पापों से पश्चाताप किया (योएल ३:१८-२१)।

कभी कभी हम अपने आप को पारिवारिक और आर्थिक समस्याओं से घिरा पाते हैं; या दुर्घटनाएं और त्रासदीयां हमारे जीवनों को आहत कर देती हैं। ऐसी परिस्थितियों में हमारा ध्यान हमारे जीवनों में परमेश्वर की आवश्यक्ता और उसकी उपस्थिति की ओर जाता है। परिस्थितियों मानो वह हम से कहता है, "अपने जीवन और व्यवहार को जाँच कर देखो, क्या तुम वास्तव में मेरे आज्ञाकारी हो? क्या वास्तव में तुम्हारे जीवनों में मेरा स्थान सर्वप्रथम है?"

परमेश्वर हमसे आग्रह करता है कि जब कभी हम पापों में पड़ें तो उनका बोध होते ही तुरंत ही हम "अपने मनों फाड़" लें जिससे वह हमारे पाप क्षमा कर सके; हम पर अपने आप को विलंब से कोप करने, क्षमा करने और दया तथा करुणा से भरा परमेश्वर होने को प्रमाणीत कर सके। - डेनिस डी हॉन


सच्चा पश्चाताप बुराई में पड़े होने के कारण होता है, बुराई में पकड़े जाने के कारण नहीं।

अपने वस्त्र नहीं, अपने मन ही को फाड़कर अपने परमेश्वर यहोवा की ओर फिरो; क्योंकि वह अनुग्रहकारी, दयालु, विलम्ब से क्रोध करने वाला, करूणानिधान और दु:ख देकर पछताने हारा है। - योएल २:१३

बाइबल पाठ: योएल २:१२-१७

Joe 2:12 तौभी यहोवा की यह वाणी है, अभी भी सुनो, उपवास के साथ रोते-पीटते अपने पूरे मन से फिर कर मेरे पास आओ।
Joe 2:13 अपने वस्त्र नहीं, अपने मन ही को फाड़कर अपने परमेश्वर यहोवा की ओर फिरो; क्योंकि वह अनुग्रहकारी, दयालु, विलम्ब से क्रोध करने वाला, करूणानिधान और दु:ख देकर पछताने हारा है।
Joe 2:14 क्या जाने वह फिरकर पछताए और ऐसी आशीष दे जिस से तुम्हारे परमेश्वर यहोवा का अन्नबलि और अर्घ दिया जाए।
Joe 2:15 सिय्योन में नरसिंगा फूंको, उपवास का दिन ठहराओ, महासभा का प्रचार करो;
Joe 2:16 लोगों को इकट्ठा करो। सभा को पवित्र करो, पुरनियों को बुला लो, बच्चों और दूधपीउवों को भी इकट्ठा करो। दुल्हा अपनी कोठरी से, और दुल्हिन भी अपने कमरे से निकल आए।
Joe 2:17 याजक जो यहोवा के टहलुए हैं, वे आंगन और वेदी के बीच में रो रोकर कहें, हे यहोवा अपनी प्रजा पर तरस खा; और अपने निज भाग की नामधराई न होने दे, न अन्यजातियां उसकी उपमा देने पाएं। जाति जाति के लोग आपस में क्यां कहने पाएं, कि उनका परमेश्वर कहां रहा?

एक साल में बाइबल:
  • भजन १४८-१५०
  • १ कुरिन्थियों १५:२९-५८