ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

शनिवार, 1 अक्तूबर 2011

पिता का नियंत्रण

   इंग्लैंड से न्यूयॉर्क जा रहे एक यात्री पानी के जहाज़ को रात्रि में अचानक उठे समुद्री तूफान का सामना करना पड़ा। जहाज़ तेज़ हवाओं और ऊँची लहरों में हिचकोले लेने लगा और सभी यात्री घबरा कर उठ बैठे। यात्रियों में जहाज़ के कप्तान का परिवार भी था। कप्तान की ८ वर्षीय बेटी भी डर कर उठ बैठी और रोने लगी, उसकी माँ ने उसे दिलासा दी और समझाया। बेटी ने माँ से पूछा, "पिताजी कहाँ हैं?" माँ ने उत्तर दिया, "वे ऊपर नियंत्रण कक्ष में हैं।" यह सुनकर वह बच्ची अपने बिस्तर में शाँत होकर लेट गई और फिर से सो गई। बाहर तूफान अभी भी ज़ोर मार रहा था, जहाज़ अभी भी हिचकोले ले रहा था, लेकिन वह बच्ची अब शाँत थी क्योंकि उस बच्ची को अब भरोसा था - जहाज़ उसके पिता के नियंत्रण में था, अब उसे भय नहीं था।

   कोई भी मसीही विश्वासी ज़िन्दगी के तूफानों से अछूता नहीं रह सकता, सब को उनका सामना करना पड़ता है। उद्धार के लिए परमेश्वर का अनुग्रह कभी इस आश्वासन के साथ नहीं आता कि अब से कभी किसी परेशानी का सामना उद्धार पाने वाले को नहीं करना पड़ेगा। लेकिन परमेश्वर का यह आशवासन प्रत्येक विश्वास करने वाले के साथ अवश्य रहता है कि ज़िन्दगी के हर तूफान में परमेश्वर की उपस्थिति उनके साथ अवश्य बनी रहेगी, और उसकी सामर्थ उन्हें हर परिस्थिति में शांति देती रहेगी, उनकी रक्षा करती रहेगी।

   परमेश्वर हमारे जीवन का और हमारी परिस्थितियों का नियंत्रक है, वह अपने दाहिने हाथ में हमें संभाल्र रहता है। विपरीत हवाओं के थपेड़े और अस्थिरता की लहरें हमें झकझोर सकती हैं, लेकिन हमारे स्वर्गीय पिता का नियंत्रण सदा बना रहता है; यदि हम उस पर अपना विश्वास बनाए रखेंगे, वह हमारे हृदयों को भी शांत करेगा और तूफान के प्रहारों को भी। - पौल वैन गोर्डर


यदि हमारा उद्धारकर्ता हमारे जीवन का संचालक है, तो हमें बेचैन होकर इधर-उधर भागने की कोई आवश्यक्ता नहीं।

... हे अल्पविश्वासियों, क्‍यों डरते हो? तब उस ने उठ कर आन्‍धी और पानी को डांटा, और सब शान्‍त हो गया। - मत्ती ८:२६
 
बाइबल पाठ: मत्ती ८:२३-२७
    Mat 8:23  जब वह नाव पर चढ़ा, तो उसके चेले उसके पीछे हो लिए।
    Mat 8:24  और देखो, झील में एक एसा बड़ा तूफान उठा कि नाव लहरों से ढंपने लगी; और वह सो रहा था।
    Mat 8:25  तब उन्‍होंने पास आ कर उसे जगाया, और कहा, हे प्रभु, हमें बचा, हम नाश हुए जाते हैं।
    Mat 8:26  उस ने उन से कहा, हे अल्पविश्वासियों, क्‍यों डरते? हो तब उस ने उठ कर आन्‍धी और पानी को डांटा, और सब शान्‍त हो गया।
    Mat 8:27  और लोग अचम्भा करके कहने लगे कि यह कैसा मनुष्य है, कि आन्‍धी और पानी भी उस की आज्ञा मानते हैं।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ११-१३ 
  • इफिसियों ४