ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

रविवार, 16 अक्तूबर 2011

योग्य प्रबन्धन

   एक तूफानी रात में एक वृद्ध दम्पति एक छोटे से होटल में आए और एक कमरा लेना चाहा। होटल भरा हुआ था, इसलिए होटल के स्वगत-कक्ष के क्लर्क ने उनसे कहा, "अब रात के १ बजे, इस तूफान में मैं आपको बाहर भी नहीं भेज सकता और होटल में कोई कमरा भी खाली नहीं है, क्या आप मेरे कमरे में रह लेंगे?" दम्पति ने आनाकानि करी लेकिन क्लर्क ने ज़ोर देकर उन्हें अपने कमरे में रुकवा लिया। प्रातः अपने बिल चुकाते हुए वृद्ध ने उस क्लर्क से कहा, "आप वह हैं जिसे अमेरिका के सबसे आलिशान और सर्वश्रेष्ठ होटल का प्रबन्धक होना चाहिए। संभवतः मैं किसी दिन आपके लिए ऐसा होटल बनवाऊंगा।" क्लर्क ने यह बात सुनकर उसे उनका विनोद समझा और मुस्कुरा दिया।

   कुछ वर्ष पश्चात उस क्लर्क को उस वृद्ध का एक पत्र मिला, जिसमें उस तूफानी रात का ज़िक्र था और उसे न्यूयॉर्क आने का निमंत्रण, तथा आने-जाने का यात्रा टिकिट भी संलग्न था। जब वह न्यूयॉर्क पहुँचा तो उसके मेज़बान उसे एक विशाल होटल की इमारत पर ले गए और बोले, "यह वह होटल है जिसे मैंने आपके प्रबन्धक बनने के लिए बनवाया है" - वह होटल मालिक विलियम वॉल्डौर्फ अस्टोरिया थे और वह होटल था न्यूयॉर्क का सबसे आलिशान और सर्वश्रेष्ठ विश्वप्रसिद्ध होटल वॉलडौर्फ अस्टोरिया।

   स्वर्ग में भी कई भव्य भवन होंगे जिनका प्रबन्धन हम मसीही विश्वासियों को करना होगा। इसलिए जो हम इस पृथ्वी पर प्रभु यीशु के लिए कर रहे हैं उसके मूल्य को कभी हलका या तुच्छ नहीं आँकना चाहिए। संसार में विश्वासयोग्यता से करी गई सेवकाई हमें हमारे द्वारा स्वर्ग में करी जाने वाली महान सेवकाई के लिए तैयार कर रही है। - डेनिस डी हॉन

परमेश्वर हमसे विश्वासयोग्यता चाहता है, उसका प्रतिफल हमारा परमेश्वर के लिए फलवन्त होना है।

उस ने उस से कहा; धन्य हे उत्तम दास, तुझे धन्य है, तू बहुत ही थोड़े में विश्वासी निकला अब दस नगरों का अधिकार रख। - लूका १९:१७
 
बाइबल पाठ: लूका १९:११-२७
    Luk 19:11  जब वे ये बातें सुन रहे थे, तो उस ने एक दृष्‍टान्‍त कहा, इसलिये कि वह यरूशलेम के निकट था, और वे समझते थे, कि परमेश्वर का राज्य अभी प्रगट हुआ चाहता है।
    Luk 19:12  सो उस ने कहा, एक धनी मनुष्य दूर देश को चला ताकि राजपद पाकर फिर आए।
    Luk 19:13  और उस ने अपने दासों में से दस को बुला कर उन्‍हें दस मुहरें दीं, और उन से कहा, मेरे लौट आने तक लेन-देन करना।
    Luk 19:14  परन्‍तु उसके नगर के रहने वाले उस से बैर रखते थे, और उसके पीछे दूतों के द्वारा कहला भेजा, कि हम नहीं चाहते, कि यह हम पर राज्य करे।
    Luk 19:15  जब वह राजपद पाकर लौट आया, तो ऐसा हुआ कि उस ने अपने दासों को जिन्‍हें रोकड़ दी थी, अपने पास बुलवाया ताकि मालूम करे कि उन्‍होंने लेन-देन से क्‍या क्‍या कमाया।
    Luk 19:16  तब पहिले ने आकर कहा, हे स्‍वामी तेरे मोहर से दस और मोहरें कमाई हैं।
    Luk 19:17  उस ने उस से कहा; धन्य हे उत्तम दास, तुझे धन्य है, तू बहुत ही थोड़े में विश्वासी निकला अब दस नगरों का अधिकार रख।
    Luk 19:18  दूसरे ने आकर कहा; हे स्‍वामी तेरी मोहर से पांच और मोहरें कमाई हैं।
    Luk 19:19  उस ने कहा, कि तू भी पांच नगरों पर हाकिम हो जा।
    Luk 19:20  तीसरे ने आकर कहा; हे स्‍वामी देख, तेरी मोहर यह है, जिसे मैं ने अंगोछे में बान्‍ध रखी।
    Luk 19:21  क्‍योंकि मैं तुझ से डरता था, इसलिये कि तू कठोर मनुष्य है: जो तू ने नहीं रखा उसे उठा लेता है, और जो तू ने नहीं बोया, उसे काटता है।
    Luk 19:22  उस ने उस से कहा; हे दुष्‍ट दास, मैं तेरे ही मुंह से तुझे दोषी ठहराता हूं: तू मुझे जानता था कि कठोर मनुष्य हूं, जो मैं ने नहीं रखा उसे उठा लेता, और जो मैं ने नहीं बोया, उसे काटता हूं।
    Luk 19:23  तो तू ने मेरे रूपये कोठी में क्‍यों नहीं रख दिए, कि मैं आकर ब्याज समेत ले लेता?
    Luk 19:24  और जो लोग निकट खड़े थे, उस ने उन से कहा, वह मोहर उस से ले लो, और जिस के पास दस मोहरें हैं उसे दे दो।
    Luk 19:25  (उन्‍होंने उस से कहा; हे स्‍वामी, उसके पास दस मोहरें तो हैं)।
    Luk 19:26  मैं तुम से कहता हूं, कि जिस के पास है, उसे दिया जाएगा; और जिस के पास नहीं, उस से वह भी जो उसके पास है ले लिया जाएगा।
    Luk 19:27  परन्‍तु मेरे उन बैरियों को जो नहीं चाहते थे कि मैं उन पर राज्य करूं, उन को यहां लाकर मेरे सामने घात करो।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ४७-४९ 
  • १ थिस्सलुनिकियों ४