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सोमवार, 21 नवंबर 2011

असफलता की रचना

   मेंढक की शारीरिक संरचना ऐसी है कि वह अपने वातावरण के तापमान जैसे ही अपने शरीर के तापमान को करता रहता है। यदि धीरे-धीरे गर्म होते पानी में मेंढक को रखा जाए तो वह इस बात से अनभिज्ञ कि वह बढ़ते तापमान से मरने वाला है, अपने शरीर के तापमान को बढ़ाता रहता है और इससे पहले कि वह खतरे को भांपे, गर्म पानी द्वारा मौत उसे आ दबोचती है।

   पतरस का पतन भी अचानक घटने वाली घटना नहीं था, यह एक धीमे धीमे होने वाले आत्मिक पतन का नतीजा था। उसने प्रभु द्वारा अपने पकड़वाए जाने की चेतावनी को हलके में लिया और उसपर विश्वास नहीं किया, प्रभु यीशु के साथ अन्तिम भोज में जब प्रभु इस बारे में और सिखा रहा था तब पतरस अपने आत्मविश्वास और योग्यता के घमंड में था। फिर गतस्मनी के बाग़ में जब प्रभु ने उससे प्रार्थना के लिए कहा तो वह प्रार्थना करने की बजाए सो गया। जब उसी बाग़ में सैनिकों ने प्रभु को पकड़ने के लिए हाथ बढ़ाए तो पतरस ने शारीरिक प्रतिक्रीया के अन्तरगत अपनी तलवार निकाल कर चलाई और महापुरोहित के सेवक का कान काट डाला। और पतन का निम्न बिन्दु था अपने प्रभु के चेले के रूप में पहचाने जाने के बाद, भय से ग्रसित हो कर उसने तीन बार सेवक लड़की के सामने प्रभु का इन्कार किया।

   पतरस द्वारा प्रभु के इन्कार का दुख उन सभी मसीही विश्वासियों को पता है जिन्होंने विश्वास करने के बाद भी किसी न किसी रूप में अपने जीवन में प्रभु यीशु को ठोकर दी है और फिर उसका एहसास होने के बाद खेद में अपने हाथ मले हैं। पतरस के समान ही हमारी असफलताएं भी अचानक होने वाली घटना नहीं वरन एक पतन के सिलसिले का अन्त होती हैं जो किसी छोटी प्रतीत होने वाली अनआज्ञाकारिता या किसी घमण्ड से आरंभ होकर धीरे धीरे हमें भयानक अन्त तक ले आती हैं।

   इसलिए यह अनिवार्य है कि प्रतिदिन हम परमेश्वर पर निर्भर रहें और उसके वचन का पालन करते रहें। केवल यही एक तरीका है उस मेंढक के समान बिना पहचाने ही धीरे धीरे अपने आप को मृत्यु तक ले जाने से बचाने का। - मार्ट डी हॉन

मसीही जीवन में असफलता कभी अचानक नहीं होती, वह मसीही जीवन में आत्मिक पतन के सिलसिले का नतीजा होती है।

इसलिये जो समझता है, कि मैं स्थिर हूं, वह चौकस रहे कि कहीं गिर न पड़े। - १ कुरिन्थियों १०:१२

बाइबल पाठ: लूका २२:५४-६२

    Luk 22:54  फिर वे उसे पकड़ कर ले चले, और महायाजक के घर में लाए और पतरस दूर ही दूर उसके पीछे पीछे चलता था।
    Luk 22:55  और जब वे आंगन में आग सुलगा कर इकट्ठे बैठे, तो पतरस भी उन के बीच में बैठ गया।
    Luk 22:56  और एक लौंडी उसे आग के उजियाले में बैठे देख कर और उस की ओर ताक कर कहने लगी, यह भी तो उसके साथ था।
    Luk 22:57  परन्तु उस ने यह कह कर इन्‍कार किया, कि हे नारी, मैं उसे नहीं जानता।
    Luk 22:58  थोड़ी देर बाद किसी और ने उसे देख कर कहा, तू भी तो उन्‍हीं में से है: पतरस ने कहा, हे मनुष्य मैं नहीं हूं।
    Luk 22:59  कोई घंटे भर के बाद एक और मनुष्य दृढ़ता से कहने लगा, निश्‍चय यह भी तो उसके साथ था क्‍योंकि यह गलीली है।
    Luk 22:60  पतरस ने कहा, हे मनुष्य, मैं नहीं जानता कि तू क्‍या कहता है वह कह ही रहा था कि तुरन्‍त मुर्ग ने बांग दी।
    Luk 22:61  तब प्रभु ने घूम कर पतरस की ओर देखा, और पतरस को प्रभु की वह बात याद आई जो उस ने कही थी, कि आज मुर्ग के बांग देने से पहिले, तू तीन बार मेरा इन्‍कार करेगा।
    Luk 22:62  और वह बाहर निकल कर फूट फूट कर रोने लगा।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल १६-१७ 
  • याकूब ३