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बुधवार, 30 नवंबर 2011

उद्देश्य

   चित्रकार होलमैन हन्ट ने अपनी कलाकृति The Shadow of Death में प्रभु यीशु मसीह की मृत्यु की निश्चितता को प्रतिबिंबित किया है। यह कलाकृति प्रभु यीशु द्वारा अपनी सेवकाई आरंभ करने के पहले के समय को लेकर बनाई गई है, जब यीशु बढ़ई का कार्य करते थे। इस चित्र में दिखाया गया है कि यीशु अपने औज़ारों और कार्य करने की बेंच के निकट खड़े हैं, लकड़ी काटने की अपनी आरी उन्होंने बेंच पर रखी है और अपनी नज़रें आकाश की ओर लगाकर, अपनी माँसपेशियों के तनाव को निकालने के लिए उन्होंने अपने हाथ आकाश की ओर फैलाए हुए हैं। डुबते सूरज की किरणें खुले दरवाज़े से आकर पीछे की दीवार पर उनकी छाया डाल रहीं हैं, जहाँ दीवार पर औज़ार लटकाने का एक तखता लगा है जिस पर उनके फैली हुई बाहों की परछाईं पड़ रही है और पूरा दृश्य प्रभु के क्रूस पर चढ़े होने का सा चित्रण कर रहा है। निकट ही भूमि पर उनकी माता मरियम घुटने टेके बैठी है, उसका हाथ उस सन्दूक पर रखा है जिसमें प्रभु के जन्म के समय आए विद्वानों द्वारा अर्पित की गई बहुमूल्य भेंटें रखी हैं और उसके चेहरे पर अपने बेटे की इस छाया को देखने से विस्मय झलक रहा है।

   यह चित्र इस केंद्रूय सत्य को दर्शाती है कि प्रभु यीशु इस संसार में संसार के पापों का निवार्ण करने ही आए थे (युहना १:२९)। वे यह कार्य हमारे पापों को अपने ऊपर लिए हुए क्रूस की मृत्यु से होकर गुज़रने के द्वारा ही कर सकते थे (१ पतरस २:२४)।

   प्रभु यीशु इस संसार में समस्त संसार के पापों के लिए मरने के लिए ही जन्में थे। उस आते क्रूस की छाया सदा उनके साथ रही, वे उसकी परछाईं ही में जीए, यह भली भांति जानते हुए कि अपने पिता के कार्य में लगे होने से (लूका २:४९) उन्हें अन्ततः क्रूस की मृत्यु का कड़ुवा घूंट पीना ही पड़ेगा (लूका २२:४२)।

   आज हम आनन्दित हो सकते हैं क्योंकि हम सब कि मुक्ति के लिए प्रभु यीशु ने क्रूस की छाया में जीवन जिया, क्रूस की मृत्यु को सहा, तीसरे दिन मृतकों से जी उठे और अपने विश्वासियों को अपने साथ स्वर्ग में ले जाने के लिए वे पुनः आने वाले हैं। प्रभु ने अपना उद्देश्य पूरा किया है। - डेव एग्नर


कीलों से छिदे यीशु के हाथ परमेश्वर के प्रेम से भरे हृदय को दर्शाते हैं।

...परन्‍तु मैं इसी कारण इस घड़ी को पहुंचा हूं। हे पिता अपने नाम की महिमा कर: तब यह आकाशवाणी हुई, कि मैं ने उस की महिमा की है, और फिर भी करूंगा। - युहन्ना १२:२७, २८

बाइबल पाठ: युहन्ना १२:२७-३६
    Joh 12:27  अब मेरा जी व्याकुल हो रहा है। इसलिये अब मैं क्‍या कहूं हे पिता, मुझे इस घड़ी से बचा? परन्‍तु मैं इसी कारण इस घड़ी को पहुंचा हूं।
    Joh 12:28  हे पिता अपने नाम की महिमा कर: तब यह आकाशवाणी हुई, कि मैं ने उस की महिमा की है, और फिर भी करूंगा।
    Joh 12:29  तब जो लोग खड़े हुए सुन रहे थे, उन्‍होंने कहा कि बादल गरजा, औरों ने कहा, कोई स्‍वर्गदूत उस से बोला।
    Joh 12:30  इस पर यीशु ने कहा, यह शब्‍द मेरे लिये नहीं परन्‍तु तुम्हारे लिये आया है।
    Joh 12:31  अब इस जगत का न्याय होता है, अब इस जगत का सरदार निकाल दिया जाएगा।
    Joh 12:32  और मैं यदि पृथ्वी पर से ऊंचे पर चढ़ाया जाऊंगा, तो सब को अपने पास खीचूंगा।
    Joh 12:33  ऐसा कह कर उस ने यह प्रगट कर दिया, कि वह कैसी मृत्यु से मरेगा।
    Joh 12:34  इस पर लोगों ने उस से कहा, कि हम ने व्यवस्था की यह बात सुनी है, कि मसीह सर्वदा रहेगा, फिर तू क्‍यों कहता है, कि मनुष्य के पुत्र को ऊंचे पर चढ़ाया जाना अवश्य है?
    Joh 12:35  यह मनुष्य का पुत्र कौन है? यीशु ने उन से कहा, ज्योति अब थोड़ी देर तक तुम्हारे बीच में है, जब तक ज्योति तुम्हारे साथ है तब तक चले चलो; ऐसा न हो कि अन्‍धकार तुम्हें आ घेरे; जो अन्‍धकार में चलता है वह नहीं जानता कि किधर जाता है।
    Joh 12:36  जब तक ज्योति तुम्हारे साथ है, ज्योति पर विश्वास करो कि तुम ज्योति के सन्‍तान होओ।...
 
एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल ३७-३९ 
  • २ पतरस २