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रविवार, 11 दिसंबर 2011

घर से आरंभ

   एक युवती अकेली रहती थी। वह मसीही विश्वासी भी थी और उद्धार के सुसमाचार को लोगों को पहुँचाने की लालसा रखती थी। अपनी इसी लालसा की पूर्ति के लिए एक दिन उस ने अपने पादरी पूछा, "मैं कहाँ जा कर सुसमाचार का प्रचार करूँ कि वह उपयोगी एवं प्रभावी हो?" पादरी ने एक छोटे कागज़ पर कुछ लिखा और उसे पकड़ा दिया, तथा कहा कि घर जा कर उसे पढ़ लेना। युवती बड़ी शीघ्रता से, उत्सुकता से भरी हुई घर पहुँची और जल्दी से वह कागज़ निकाला और यह जानने के लिए कि उसकी सेवकाई का स्थान क्या है, उसे खोल कर पढ़ा। उस कागज़ पर पादरी ने केवल एक छोटा सा वाक्य लिखा था, "अपने पिता के पास।" वह युवती दूर-दराज़ स्थानों मे जा कर प्रचार करने को इतनी लालयित थी कि उस ने अपने समीप के अवसरों को नज़रंदाज़ कर दिया था। उसे अपनी गलती का एहसास हुआ, उसने पश्चाताप किया, अपने पिता के पास लौट गई, उनकी बुज़ुर्गी में प्रेम और आदर सहित उनकी सेवा करने लगी और फिर वह उन से प्रभु के प्रेम और सुसमाचार को भी बाँट सकी।

   बहुत से मसीही विश्वासी दूर इलाकों और दूर देशों में सुसमाचार के प्रचार के लिए अपने आप को अर्पित करते हैं। वहाँ जा कर, या उन दूर के देशों और इलाकों में काम करने वाले लोगों के लिए प्रार्थनाएं कर के, अथवा इस सेवकाई के लिए अपने धन से सहायता कर के, वे इस सेवकाई में संभागी भी होते हैं। किंतु ये ही लोग, जो दूर के इलाकों में फैले आत्मिक अन्धकार के प्रति इतने जागरूक तथा चिंतित हैं, अपने आस-पास इसी आवश्यक्ता के प्रति बहुत उदासीन और अनजाने रहते हैं।

   प्रभु की सेवकाई किसी दूर के इलाके में करना बहुत चुनौती भरा कार्य है और इस के लिए कई तरह के त्याग भी करने पड़ते हैं और कठिनाईयाँ भी झेलनी पड़ती हैं। इस कार्य में लगे लोग वास्तव में प्रशंसा के पात्र हैं। लेकिन इसी कार्य के लिए अपने आस-पास के अवसरों का भी ध्यान रखना अनिवार्य है। इस सेवकाई को भी अपने घर ही से आरंभ करें, समयनुसार प्रभु दूर के लिए भी उपयोग कर लेगा। - रिचर्ड डी हॉन

सुसमाचार प्रचार के लिए परमेश्वर के शब्दकोष में "घर" और "विदेश" का अर्थ भिन्न नहीं है।

...और उस से कहा, अपने घर जा कर अपने लोगों को बता, कि तुझ पर दया कर के प्रभु ने तेरे लिये कैसे बड़े काम किए हैं। - मरकुस ५:१९

बाइबल पाठ: मरकुस ५:१-२०
Mar 5:1  और वे झील के पार गिरासेनियों के देश में पहुंचे।
Mar 5:2  और जब वह नाव पर से उतरा तो तुरन्‍त एक मनुष्य जिस में अशुद्ध आत्मा थी कब्रों से निकल कर उसे मिला।
Mar 5:3  वह कब्रों में रहा करता था। और कोई उसे सांकलों से भी न बान्‍ध सकता था।
Mar 5:4  क्‍योंकि वह बार बार बेडिय़ों और सांकलों से बान्‍धा गया था, पर उस ने साकलों को तोड़ दिया, और बेडिय़ों के टुकड़े टुकड़े कर दिए थे, और कोई उसे वश में नहीं कर सकता था।
Mar 5:5  वह लगातार रात-दिन कब्रों और पहाड़ो में चिल्लाता, और अपने को पत्थरों से घायल करता था।
Mar 5:6  वह यीशु को दूर ही से देख कर दौड़ा, और उसे प्रणाम किया।
Mar 5:7  और ऊंचे शब्‍द से चिल्ला कर कहा; हे यीशु, परमप्रधान परमेश्वर के पुत्र, मुझे तुझ से क्‍या काम मैं तुझे परमेश्वर की शपथ देता हूं, कि मुझे पीड़ा न दे।
Mar 5:8  क्‍योंकि उस ने उस से कहा था, हे अशुद्ध आत्मा, इस मनुष्य में से निकल आ।
Mar 5:9  उस ने उस से पूछा, तेरा क्या नाम है? उस ने उस से कहा मेरा नाम सेना है; क्‍योंकि हम बहुत हैं।
Mar 5:10  और उस ने उस से बहुत बिनती की, हमें इस देश से बाहर न भेज।
Mar 5:11  वहां पहाड़ पर सूअरों का एक बड़ा झुण्‍ड चर रहा था।
Mar 5:12  और उन्‍होंने उस से बिनती कर के कहा, कि हमें उन सूअरों में भेज दे, कि हम उन के भीतर जाएं।
Mar 5:13  सो उस ने उन्‍हें आज्ञा दी और अशुद्ध आत्मा निकल कर सूअरों के भीतर पैठ गई और झुण्‍ड, जो कोई दो हजार का था, कड़ाडे पर से झपट कर झील में जा पड़ा, और डूब मरा।
Mar 5:14  और उन के चरवाहों ने भाग कर नगर और गांवों में समाचार सुनाया।
Mar 5:15  और जो हुआ था, लोग उसे देखने आए। और यीशु के पास आ कर, वे उसे जिसमें सेना समाई थी, कपड़े पहिने और सचेत बैठे देख कर, डर गए।
Mar 5:16  और देखने वालों ने उसका जिस में दुष्‍टात्माएं थीं, और सूअरों का पूरा हाल, उन को कह सुनाया।
Mar 5:17  और वे उस से बिनती कर के कहने लगे, कि हमारे सिवानों से चला जा।
Mar 5:18  और जब वह नाव पर चढ़ने लगा, तो वह जिस में पहिले दुष्‍टात्माएं थीं, उस से बिनती करने लगा, कि मुझे अपने साथ रहने दे।
Mar 5:19  परन्‍तु उस ने उसे आज्ञा न दी, और उस से कहा, अपने घर जा कर अपने लोगों को बता, कि तुझ पर दया कर के प्रभु ने तेरे लिये कैसे बड़े काम किए हैं।
Mar 5:20  वह जाकर दिकपुलिस में इस बात का प्रचार करने लगा, कि यीशु ने मेरे लिये कैसे बड़े काम किए; और सब अचम्भा करते थे।
 
एक साल में बाइबल: 
  • होशे ५-८ 
  • प्रकाशितवाक्य २