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शनिवार, 26 मई 2012

ज़िम्मेदारी

   मेरा ऑस्ट्रेलियाई मित्र ग्रैहम अन्धा पैदा नहीं हुआ था, ९ वर्ष की आयु में घटित एक दुर्घटना के कारण वह अन्धा हो गया था। फिर भी वह अपने लिए कभी दुखी नहीं रहा; उसने अपना अध्ययन पूरा किया और एक फिज़्योथेरपिस्ट बना। वह जहां कहीं भी जाता था, अपने फिज़्योथेरपी के काम के साथ साथ वह यह बात अवश्य बांटता था कि प्रभु यीशु उसके लिए और उसके जीवन में क्या अर्थ रखते हैं। उसकी अन्तिम यात्रा थाइलैंड की थी और वहां भी वह फिज़ियोथैरिपी के साथ साथ प्रभु यीशु के सुसमाचार के प्रचार का कार्य करता रहा।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में राजाओं के वृतांत में हम चार कोढ़ियों के बारे में पढ़ते हैं। अराम की सेना ने उनके शहर को घेर रखा था, शहर के अन्दर खाने-पीने की सामग्री समाप्त हो चुकी थी और लोग बहुत क्लेष में थे। ये कोढ़ी अराम की छावनी की ओर चले, इस विचार से कि या तो वहां से कुछ खाने को मिलेगा या मौत मिलेगी जो भूखों मरने से बेहतर होगी। वहां पहुंच कर उन्होंने पाया कि अराम की सेना छावनी छोड़ कर भाग गई है और अपना सब सामान वहीं छावनी में छोड़ गई है। उन्होंने तुरंत वहां पड़ा भोजन किया और लूट जमा करने लगे, लेकिन थोड़ी ही देर में उन्हें कुछ ध्यान आया और: "तब वे आपस में कहने लगे, जो हम कर रहे हैं वह अच्छा काम नहीं है, यह आनन्द के समाचार का दिन है, परन्तु हम किसी को नहीं बताते। जो हम पौ फटने तक ठहरे रहें तो हम को दण्ड मिलेगा; सो अब आओ हम राजा के घराने के पास जाकर यह बात बतला दें" (२ राजा ७:९)। और उन्होंने जा कर शेष इस्त्राएलियों को यह समाचार दिया और लोग भूखों मरने से बच गए।

   अपनी शारीरिक अपंगताओं के बावजूद ग्राहम और उन कोढ़ियों, दोनो ही ने दूसरों के बारे में सोचा। जो उन्हें मिला था वे उसके लिए परमेश्वर की धन्यवादी थे और उन्होंने पहचाना कि यह उत्तम बात केवल अपने तक सीमित रखने के लिए नहीं है, इसे दूसरों के साथ बांटना उनकी ज़िम्मेदारी है, उनके लिए अनिवार्य है।

   क्या आप ने प्रभु यीशु के प्रेम को जाना है और उससे उद्धार पाया है? क्या आप के आस-पास ऐसा कोई है या आप किसी ऐसे को जानते हैं जिसे प्रभु यीशु के प्रेम और उद्धार की आवश्यक्ता है? उनके साथ प्रभु यीशु में पापों की क्षमा और उद्धार का सुसमाचार बांटना आपका दायित्व है, आपके लिए अनिवार्य है। सुसमाचार ना बांटने के लिए बहाने मत ढूंढिए, अपनी मजबूरियां मत गिनाईए; वरन इसके विपरीत प्रभु यीशु जो कुछ भी आपके जीवन में किया है उसी का वर्णन लोगों में कीजिए। प्रभु के साथ के अपने अनुभव को संसार के साथ बांटिए और आप पाएंगे कि आपके जीवन का एक नया उद्देश्य हो जाएगा; एक ऐसा उद्देश्य जिस की आशीष अनन्त काल तक रहेगी। - सी. पी. हीया


जब जो हमारे पास है हम उसके लिए धन्यवादी होते हैं तो हम उसे दूसरों के साथ बांटना भी चाहते हैं।


... यह आनन्द के समाचार का दिन है, परन्तु हम किसी को नहीं बताते। - २ राजा ७:९

बाइबल पाठ: २ राजा ७:३-११
2Ki 7:3  और चार कोढ़ी फाटक के बाहर थे; वे आपस में कहने लगे, हम क्यों यहां बैठे बैठे मर जाएं?
2Ki 7:4  यदि हम कहें, कि नगर में जाएं, तो वहां मर जाएंगे, क्योंकि वहां मंहगी पड़ी है, और जो हम यहीं बैठे रहें, तौभी मर ही जाएंगे। तो आओ हम अराम की सेना में पकड़े जाएं; यदि वे हम को जिलाए रखें तो हम जीवित रहेंगे, और यदि वे हम को मार डालें, तौभी हम को मरना ही है।
2Ki 7:5  तब वे सांझ को अराम की छावनी में जाने को चले, और अराम की छावनी की छोर पर पहुंच कर क्या देखा, कि वहां कोई नहीं है।
2Ki 7:6  क्योंकि प्रभु ने अराम की सेना को रथों और घोड़ों की और भारी सेना की सी आहट सुनाई थी, और वे आपस में कहने लगे थे कि, सुनो, इस्राएल के राजा ने हित्ती और मिस्री राजाओं को वेतन पर बुलवाया है कि हम पर चढ़ाई करें।
2Ki 7:7  इसलिए वे सांझ को उठ कर ऐसे भाग गए, कि अपने डेरे, घोड़े, गदहे, और छावनी जैसी की तैसी छोड़-छाड़ अपना अपना प्राण लेकर भाग गए।
2Ki 7:8  तो जब वे कोढ़ी छावनी की छोर के डेरों के पास पहुंचे, तब एक डेरे में घुस कर खाया पिया, और उस में से चान्दी, सोना और वस्त्र ले जा कर छिपा रखा; फिर लौट कर दूसरे डेरे में घुस गए और उस में से भी ले जा कर छिपा रखा।
2Ki 7:9  तब वे आपस में कहने लगे, जो हम कर रहे हैं वह अच्छा काम नहीं है, यह आनन्द के समाचार का दिन है, परन्तु हम किसी को नहीं बताते। जो हम पौ फटने तक ठहरे रहें तो हम को दण्ड मिलेगा; सो अब आओ हम राजा के घराने के पास जाकर यह बात बतला दें।
2Ki 7:10  तब वे चले और नगर के चौकीदारों को बुला कर बताया, कि हम जो अराम की छावनी में गए, तो क्या देखा, कि वहां कोई नहीं है, और मनुष्य की कुछ आहट नहीं है, केवल बन्धे हूए घोड़े और गदहे हैं, और डेरे जैसे के तैसे हैं।
2Ki 7:11  तब चौकीदारों ने पुकार के राजभवन के भीतर समाचार दिया।


एक साल में बाइबल: 

  • १ इतिहास २८-२९ 
  • यूहन्ना ९:२४-४१

2 टिप्‍पणियां:

  1. जैसे यीशु ने अपनी जिम्मेदारी , जो उन्हे परमेशवर की ओर से दी गई, को पुरी तरह से निभाया था, वैसे ही हमे अपनी जीम्मेदारी , जो हमे यीशु के द्वरा दी गयी है, अर्थात उनका सुसमाचार फैलाना, को पुरी तरह से निभाना चाहिए.

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  2. जैसे यीशु ने अपनी जिम्मेदारी , जो उन्हे परमेशवर की ओर से दी गई, को पुरी तरह से निभाया था, वैसे ही हमे अपनी जीम्मेदारी , जो हमे यीशु के द्वरा दी गयी है, अर्थात उनका सुसमाचार फैलाना, को पुरी तरह से निभाना चाहिए.

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