ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

बुधवार, 26 सितंबर 2012

भुलाए हुए


   संसार भर में लोग अमेरिका के दक्षिणी डकोटा में स्थित रशमोर पहाड़ पर चट्टान पर विशालाकाय रूप में खुदी हुई भूतपूर्व अमेरीकी राष्ट्रपतियों के चेहरों की प्रतिमाओं के बारे में जानते हैं और प्रति वर्ष लाखों सैलानी उन्हें देखने के लिए आते हैं। यद्यपि लाखों लोग उन प्रतिमाओं के बारे में जानते हैं, बहुत ही कम हैं जिन्होंने डोएन रौबिन्सन का नाम सुना है जो कि द्क्षिणी डकोटा के इतिहासकार और इन विशाल भव्य प्रतिमाओं को बनाने की योजना के जन्मदाता तथा इस योजना को कार्यान्वित करके व्यावाहरिक रूप देने वाले थे। इस स्मारक की प्रशंसा भी होती है और प्रसिद्धी भी है किंतु इनके योजनाकार को बहुत कम जानते हैं, और मान्यता देते हैं।

   कभी कभी प्रभु की सेवा में हमें भी ऐसा लग सकता है कि या तो हमें भुला दिया गया है या हमें गौण और पृष्ठभूमि में कर दिया गया है। मसीही सेवकाई एक ऐसा जीवन भी हो सकती है जहां वे ही लोग जिनके लिए आप कार्य कर रहें हैं आपके योगदान और मेहनत को कोई महत्व अथवा मान्यता नहीं देते, कोई आपकी सराहना नहीं करता, कोई प्रोत्साहित नहीं करता। लेकिन शुभ समाचार यह है कि चाहे संसार के लोग जाने या ना जानें, परमेश्वर अवश्य ही हर बात को जानता है और उसका लेखा रखता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में इब्रानियों ६:१० में लिखा है: "क्‍योंकि परमेश्वर अन्यायी नहीं, कि तुम्हारे काम, और उस प्रेम को भूल जाए, जो तुम ने उसके नाम के लिये इस रीति से दिखाया, कि पवित्र लोगों की सेवा की, और कर रहे हो।"

   यह परमेश्वर का कैसा अद्भुत आश्वासन है; हमारा स्वर्गीय पिता उसके लिए करी गई हमारी सारी सेवकाई का ध्यान रखता है और उसे कभी नहीं भुलाता। परमेश्वर के समक्ष हम भुलाए हुए कार्यकर्ता नहीं हैं; उसे हमारा और हमारे सारे कार्यों का बोध भी है और ध्यान भी। यह एक तथ्य और इसका महत्व सारे संसार के लोगों की प्रशंसा का पात्र होने से कहीं अधिक मूल्यवान और महत्वपूर्ण है। अपनी सेवकाई में लगे रहिए, उचित समय पर प्रतिफल और मान्यता परमेश्वर की ओर से अवश्य मिलेगी। - बिल क्राउडर


मसीह की प्रसन्नता के लिए कार्य करना संसार से प्रशंसा प्राप्त करने के लिए कार्य करने से उत्तम ध्येय है।

और जो कुछ तुम करते हो, तन मन से करो, यह समझकर कि मनुष्यों के लिये नहीं परन्‍तु प्रभु के लिये करते हो। क्‍योंकि तुम जानते हो कि तुम्हें इस के बदले प्रभु से मीरास मिलेगी: तुम प्रभु मसीह की सेवा करते हो। - कुलुस्सियों ३:२३-२४

बाइबल पाठ: - १ पतरस ५:६-११
1Pe 5:6  इसलिये परमेश्वर के बलवन्‍त हाथ के नीचे दीनता से रहो, जिस से वह तुम्हें उचित समय पर बढ़ाए। 
1Pe 5:7  और अपनी सारी चिन्‍ता उसी पर डाल दो, क्‍योंकि उस को तुम्हारा ध्यान है। 
1Pe 5:8  सचेत हो, और जागते रहो, क्‍योंकि तुम्हारा विरोधी शैतान गर्जनेवाले सिंह की नाई इस खोज में रहता है, कि किस को फाड़ खाए। 
1Pe 5:9   विश्वास में दृढ़ होकर, और यह जान कर उसका साम्हना करो, कि तुम्हारे भाई जो संसार में हैं, ऐसे ही दुख भुगत रहे हैं। 
1Pe 5:10 अब परमेश्वर जो सारे अनुग्रह का दाता है, जिस ने तुम्हें मसीह में अपनी अनन्‍त महिमा के लिये बुलाया, तुम्हारे थोड़ी देर तक दुख उठाने के बाद आप ही तुम्हें सिद्ध और स्थिर और बलवन्‍त करेगा। 
1Pe 5:11  उसी का साम्राज्य युगानुयुग रहे। आमीन।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह १-२ 
  • गलतियों ५

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें