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सोमवार, 2 अप्रैल 2012

बचाव कार्य

   मैं कोलोरैडो प्रांत में रहता हूँ, और इस कारण पहाड़ों पर चढ़ना और चढ़ने के बारे में भी जानता हूँ। गर्मी की छुट्टियों में, सप्ताहांत के दिनों में मैं अनेक ऐसे लोगों को देखता हूँ जो पहाड़ों पर भ्रमण तथा जंगल और प्रकृति के सौन्दर्य के आनन्द के लिए आते हैं। उन्हें पहाड़ पर चढ़ने और जंगल में जाने के बारे में कोई समझ-बूझ या ज्ञान नहीं होता। वे साधारण चप्पलों और निक्करों को पहने, अपने साथ पीने के पानी की एक छोटी बोतल लिए सुबह के समय किसी पगडंडी पर चढ़ना आरंभ कर देते हैं। उनके पास कोई नक्शा नहीं होता, कोई दिशा सूचक यंत्र नहीं होता, बारिश से बचने के लिए कोई सामान नहीं होता। बिना किसी योजना के, बिना कुछ जाने समझे, वे बस आकर्षक दिखने वाली किसी भी राह पर चल निकलते हैं।

    मेरा पड़ौसी एक बचाव दल में स्वयंसेवक है। उसने मुझे कई घटनाएं बताईं हैं कि कैसे इन भटके हुए भ्रमणकारियों को उनके दल ने निश्चित मृत्यु की परिस्थित्यों से बचाया है। परिस्थिति कैसी भी क्यों न हो, उनका दल सहायता की प्रत्येक पुकार पर बचाव के लिए निकल पड़ता है। कभी भी ऐसा नहीं हुआ है कि उन्होंने किसी भटके हुए भ्रमण्कारी को डांटा हो कि "क्योंकि आपने पहाड़ और जंगल में भ्रमण के नियमों की अवहेलना करी है, इसलिए अपनी परिस्थिति के लिए आप ही ज़िम्मेदार हैं और अब आप ही को इसे भुगतना भी होगा।" उनका उद्देश्य बचाव है, और वे प्रत्येक जन की सहायता के लिए निकल पड़ते हैं, चाहे वह जन कैसी भी परिस्थिति में क्यों ना हो, या इस सहायता के लिए कितना भी अयोग्य क्यों हो।

   परमेश्वर के वचन बाइबल का मुख्य सन्देश भी बचाव है - समस्त मानव जाति का पाप और नरक से बचाव। जैसा प्रेरित पौलुस ने अपनी पत्री में लिखा है, हम में से कोई भी परमेश्वर के अनुग्रह के ’योग्य’ नहीं है। अपनी किसी योग्यता या उपलब्धि द्वारा हम परमेश्वर को हम पर अनुग्रह करने के लिए बाध्य नहीं कर सकते; और ना ही कोई इतना सक्षम है कि वह अपने किसी प्रयास से अपने आप को पाप चंगुल और पाप के दोष से बचा सके। पौलुस ने पुराने नियम में भजनकार के भजन को उद्ध्वत करते हुए लिखा: "जैसा लिखा है, कि कोई धर्मी नहीं, एक भी नहीं। कोई समझदार नहीं, कोई परमेश्वर का खोजने वाला नहीं। सब भटक गए हैं, सब के सब निकम्मे बन गए, कोई भलाई करने वाला नहीं, एक भी नहीं" (रोमियों ३:१०-११; भजन १४:१-३)। उन भटके हुए भ्रमणकारियों के समान हम तो केवल सहायता के लिए बचाव करने वाले को पुकार ही सकते हैं।

   लेकिन सुसमाचार यह है कि हमारी दशा और योग्यता कैसी भी क्यों ना हो, परमेश्वर बचाव की प्रत्येक पुकार को सुनता है और बचाव के लिए अपना हाथ आगे भी बढ़ाता है। क्योंकि बचाव उसका कार्य है और वह बचाव के लिए सदैव तत्पर और तैयार रहता है।

   क्या आपने अपने बचाव के लिए उसे पुकारा है? क्या आपने आपके बचाव के लिए बढ़े हुए उसके हाथ को थामा है? - फिलिप यैन्सी


मनफिराव, मन से पाप से फिर कर परमेश्वर की ओर मुड़ जाना है।
मैं तुम से कहता हूं कि इसी रीति से एक मन फिराने वाले पापी के विषय में परमेश्वर के स्‍वर्गदूतों के साम्हने आनन्‍द होता है। - लूका १५:१०
बाइबल पाठ: रोमियों ३:१०-२४
Rom 3:10  जैसा लिखा है, कि कोई धर्मी नहीं, एक भी नहीं।
Rom 3:11  कोई समझदार नहीं, कोई परमेश्वर का खोजने वाला नहीं।
Rom 3:12  सब भटक गए हैं, सब के सब निकम्मे बन गए, कोई भलाई करने वाला नहीं, एक भी नहीं।
Rom 3:13 उन का गला खुली हुई कब्र है: उन्हों ने अपनी जीभों से छल किया है: उन के होठों में सापों का विष है।
Rom 3:14  और उन का मुंह श्राप और कड़वाहट से भरा है।
Rom 3:15  उन के पांव लोहू बहाने को र्फुतीले हैं।
Rom 3:16 उन के मार्गों में नाश और क्‍लेष हैं।
Rom 3:17 उन्‍होंने कुशल का मार्ग नहीं जाना।
Rom 3:18  उन की आंखों के साम्हने परमेश्वर का भय नहीं।
Rom 3:19 हम जानते हैं, कि व्यवस्था जो कुछ कहती है उन्‍हीं से कहती है, जो व्यवस्था के आधीन हैं: इसलिये कि हर एक मुंह बन्‍द किया जाए, और सारा संसार परमेश्वर के दण्‍ड के योग्य ठहरे।
Rom 3:20 क्‍योंकि व्यवस्था के कामों से कोई प्राणी उसके साम्हने धर्मी नहीं ठहरेगा, इसलिये कि व्यवस्था के द्वारा पाप की पहिचान होती है।
Rom 3:21  पर अब बिना व्यवस्था परमेश्वर की धामिर्कता प्रगट हुई है, जिस की गवाही व्यवस्था और भविष्यद्वक्ता देते हैं।
Rom 3:22 अर्थात परमेश्वर की वह धामिर्कता, जो यीशु मसीह पर विश्वास करने से सब विश्वास करने वालों के लिये है; क्‍योंकि कुछ भेद नहीं।
Rom 3:23  इसलिये कि सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं।
Rom 3:24 परन्‍तु उसके अनुग्रह से उस छुटकारे के द्वारा जो मसीह यीशु में है, सेंत मेंत धर्मी ठहराए जाते हैं।
एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों १६-१८ 
  • लूका ७:१-३०