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शनिवार, 5 मई 2012

सही चुनाव

   हमारे मनों में कई बातें और इच्छाएं ऐसी भी होती हैं जिन्हें हम दूसरों के आगे बयान करने से हिचकिचाते हैं, या उन्हें किसी को बता नहीं पाते; ये हमारे विवाह, कार्य, किसी सेवकाई, कहीं जाने की इच्छा इत्यादि, कुछ भी हो सकता है। लेकिन हमारे मन की हर एक बात परमेश्वर जानता है, उस से कुछ भी छुपा नहीं है; इसलिए आप बेखटके और बिना किसी हिचकिचाहट के साथ उस से सब कह सकते हैं। यदि आप कोई निर्णय नहीं ले पा रहे हैं, किसी बात के लिए मार्गदर्शन चाहते हैं, तो परमेश्वर पिता से कहिए, उस निर्णय को या उस बात उस के हाथों में रख कर वहीं छोड़ दीजिए, उस के समय और विधि की प्रतीक्षा कीजिए, और वह आपके लिए सर्वोत्तम मार्ग निकालेगा, आपको सही दिशानिर्देष देगा, आपको आने वाले हरेक नुकसान से भी बचा कर रखेगा।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में उत्पत्ति १३ में लूत का उल्लेख है जिसने अपनी मनसा की पूर्ति के लिए अपनी इच्छा के अनुसार और अपनी नज़रों में सही निर्णय लिया। लूत अब्राम का भतीजा था, अब्राम ने उसे अपनी सन्तान की तरह पाला-पोसा था, किंतु संपदा के कारण लूत और अब्राम के नौकरों मे होने वाली बार बार की अनबन के कारण अब्राम और लूत ने अलग अलग हो जाने का निर्णय लिया। अब्राम ने लूत को पहले चुनने का अवसर दिया, कि वह अपने रहने के लिए स्थान चुन ले। लिखा है कि, "तब लूत ने आंख उठा कर, यरदन नदी के पास वाली सारी तराई को देखा, कि वह सब सिंची हुई है। जब तक यहोवा ने सदोम और अमोरा को नाश न किया था, तब तक सोअर के मार्ग तक वह तराई यहोवा की बाटिका, और मिस्र देश के समान उपजाऊ थी। सो लूत अपने लिये यरदन की सारी तराई को चुन के पूर्व की ओर चला, और वे एक दूसरे से अलग हो गए। अब्राम तो कनान देश में रहा, पर लूत उस तराई के नगरों में रहने लगा; और अपना तम्बू सदोम के निकट खड़ा किया" (उत्पत्ति १३:१०-१२)। यरदन नदी की तराई का क्षेत्र, उसके उपजाऊ और भली भांति सींचे हुए होने के कारण, लूत को भाया और उसने अपने लिए वही क्षेत्र चुन लिया। लेकिन जो बाहर और दूर से अच्छा दीख पड़ता था, वह अन्दर से और वास्तव में क्या था, यह लूत ने वहां पहुँचने के बाद ही जाना।

   पास्टर रे स्टैडमैन ने इस बारे में लिखा कि, "लूत ने अपने निर्णय स्वयं लेने चाहे, और ऊपर से दिखाई देने वाली बातों और अपनी समझ के आधार पर अपने रहने का स्थान चुन लिया। वह नहीं जानता था कि जिसे स्थान को वह चुन रहा है, वह व्यभिचार और पाप में कितना लिप्त है। अपनी नज़र और बुद्धि के आसरे, लूत एक ऐसे दुखःदायी स्थान में आ पड़ा जो अपने न्याय की प्रतीक्षा कर रहा था, और वह न्याय बस होने को ही था। दूसरी ओर, अब्राम परमेश्वर के हाथ में अपने चुनाव छोड़ने को सन्तुष्ट था, और परमेश्वर ने उसे सुरक्षा और आशीष के स्थान में बनाए रखा।" लूत ने अपने लिए चुना और अपनी संपदा, अपना परिवार, मनुष्यों में अपना आदर और स्थान - सब कुछ खो दिया। अब्राम ने परमेशवर को अपने लिए चुनने दिया, परमेश्वर के चुनाव का आदर किया और कभी नुकसान नहीं उठाया, सदा बढ़ोतरी ही पाई।

   हमारे लिए सही चुनाव वही है जो परमेश्वर हमारे लिए करता है। हमारा भला इसी में है कि हम परमेश्वर को अपने लिए चुनने दें, और हम केवल उसके निर्णय और दिशानिर्देशों का पालन करें। क्योंकि परमेश्वर के चुनाव उसकी अनन्त बुद्धिमानी और भविष्य की जानकारी के अनुसार हमारे भले ही के लिए होते हैं। - डेविड रोपर


जब हम अपनी लालसाओं से अधिक परमेश्वर की इच्छाओं को चाहते हैं, सच्ची संतुष्टि तब ही मिलती है।
सो लूत अपने लिए यरद्न की सारी तराई को चुन के पूर्व की ओर चला और वे एक दुसरे से अलग हो गए। - उत्पत्ति १३:११
बाइबल पाठ: उत्पत्ति १३:९-१३; २ पतरस २:७-८
Gen 13:9 क्या सारा देश तेरे साम्हने नहीं? सो मुझ से अलग हो, यदि तू बाईं ओर जाए तो मैं दाहिनी ओर जाऊंगा; और यदि तू दाहिनी ओर जाए तो मैं बाईं ओर जाऊंगा।
Gen 13:10 तब लूत ने आंख उठा कर, यरदन नदी के पास वाली सारी तराई को देखा, कि वह सब सिंची हुई है। जब तक यहोवा ने सदोम और अमोरा को नाश न किया था, तब तक सोअर के मार्ग तक वह तराई यहोवा की बाटिका, और मिस्र देश के समान उपजाऊ थी।
Gen 13:11 सो लूत अपने लिये यरदन की सारी तराई को चुन के पूर्व की ओर चला, और वे एक दूसरे से अलग हो गए।
Gen 13:12 अब्राम तो कनान देश में रहा, पर लूत उस तराई के नगरों में रहने लगा; और अपना तम्बू सदोम के निकट खड़ा किया।
Gen 13:13 सदोम के लोग यहोवा के लेखे में बड़े दुष्ट और पापी थे।
2Pe 2:7  और धर्मी लूत को जो अधमिर्यों के अशुद्ध चाल-चलन से बहुत दुखी था छुटकारा दिया।
2Pe 2:8 (क्‍योंकि वह धर्मी उन के बीच में रहते हुए, और उन के अधर्म के कामों को देख देखकर, और सुन सुनकर, हर दिन अपने सच्‍चे मन को पीड़ित करता था)।
एक साल में बाइबल: 
  • १ राजा १९-२० 
  • लूका २३:१-२५