ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

मंगलवार, 5 जून 2012

विश्वास

   जब मेरी सहेली के पति डेव, अचानक निढाल होकर गिर पड़े, और फिर बाद में उनकी मृत्यु हो गई तो किसी को कोई शक नहीं था कि उनका जीवन जाता रहा था; लोगों ने यह सब देखा था, इन बातों के गवाह थे। प्रभु यीशु की मृत्यु के लिए भी यह सच था; उनकी मृत्यु के भी गवाह थे। परन्तु तीसरे दिन कुछ अद्भुत हो गया - प्रभु यीशु मृतकों में से जी उठे! यह भी सच है, इसके भी गवाह हैं जिन्होंने उन्हें जीवित देखा, उनसे बातें करीं, उन के साथ रहे।

   जब हम डेव के अन्तिम संसकार के लिए एकत्रित हुए तो परमेश्वर के वचन बाइबल से हमने वे जाने पहचाने खंड पढ़े जो हमें इस बात कि याद दिलाते हैं कि डेव अब स्वर्ग में एक नए जीवन के आनन्द में हैं। यद्यपि हम इन प्रतिज्ञाओं को केवल विश्वास के आधार पर ही स्वीकार करते हैं क्योंकि हम में से किसी ने भी डेव को स्वर्ग में जाते हुए नहीं देखा है; किंतु प्रभु यीशु के लिए ऐसा नहीं है। बहुत से गवाहों ने उन्हें स्वर्ग पर जाते देखा (प्रेरितों १:९)। एक गवाह ऐसा भी है जिसने प्रभु यीशु को स्वर्ग में विद्यमान देखा है - स्तिफनुस ने "कहा, देखो, मैं स्‍वर्ग को खुला हुआ, और मनुष्य के पुत्र को परमेश्वर के दाहिनी ओर खड़ा हुआ देखता हूं" (प्रेरितों ७:५६)। प्रभु यीशु के इस कथन पर कि वह हमारे लिए स्वर्ग में स्थान तैयार करने जाता है (यूहन्ना १४:२) हम इसलिए भी विश्वास कर सकते हैं क्योंकि उसे स्वर्ग में जीवित देखा गया है।

   जब हमारा कोई प्रीय स्वर्ग सिधार जाता है, तो हम दुख और निराशा के गर्त में जाने लगते हैं। ऐसे में हमें कभी भी नहीं भूलना चाहिए कि जिस परमेश्वर ने प्रभु यीशु को मृतकों में से जिला कर स्वर्ग ले जाने की अपनी प्रतिज्ञा पूरी करी है, वही परमेश्वर हम सब मसीही विश्वासियों को भी प्रभु यीशु के पास स्वर्ग में ले जाने का वायदा करता है, और वह सदा ही अपने वायदों के पूरे करने में विश्वासयोग्य रहा है।

   हमारा विश्वास हमारे सच्चे और जीवित परमेश्वर के अटल वचन पर स्थापित है। - जूली ऐकैरमैन लिंक


स्वर्ग की प्रतिज्ञा हमारी अनन्त आशा है।

यह कह कर वह उन के देखते देखते ऊपर उठा लिया गया, और बादल ने उसे उन की आंखों से छिपा लिया। - प्रेरितों १:९

बाइबल पाठ: प्रेरितों १:१-११
Act 1:1  हे थियुफिलुस, मैं ने पहिली पुस्‍तिका उन सब बातों के विषय में लिखी, जो यीशु ने आरम्भ में किया और करता और सिखाता रहा।
Act 1:2  उस दिन तक जब वह उन प्ररितों को जिन्‍हें उस ने चुना था, पवित्र आत्मा के द्वारा आज्ञा देकर ऊपर उठाया न गया।
Act 1:3  और उस ने दु:ख उठाने के बाद बहुत से पक्के प्रमाणों से अपने आप को उन्‍हें जीवित दिखाया, और चालीस दिन तक वह उन्‍हें दिखाई देता रहा : और परमेश्वर के राज्य की बातें करता रहा।
Act 1:4  ओर उन से मिल कर उन्‍हें आज्ञा दी, कि यरूशलेम को न छोड़ो, परन्‍तु पिता की उस प्रतिज्ञा के पूरे होने की बाट जोहते रहो, जिस की चर्चा तुम मुझ से सुन चुके हो।
Act 1:5  क्‍योंकि यूहन्ना ने तो पानी में बपतिस्मा दिया है परन्‍तु थोड़े दिनों के बाद तुम पवित्रात्मा से बपतिस्मा पाओगे।
Act 1:6  सो उन्हों ने इकट्ठे हो कर उस से पूछा, कि हे प्रभु, क्‍या तू इसी समय इस्‍त्राएल को राज्य फेर देगा?
Act 1:7  उस ने उन से कहा, उन समयों या कालों को जानना, जिन को पिता ने अपने ही अधिकार में रखा है, तुम्हारा काम नहीं।
Act 1:8 परन्‍तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे; और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे।
Act 1:9  यह कह कर वह उन के देखते देखते ऊपर उठा लिया गया, और बादल ने उसे उन की आंखों से छिपा लिया।
Act 1:10  और उसके जाते समय जब वे आकाश की ओर ताक रहे थे, तो देखो, दो पुरूष श्वेत वस्‍त्र पहिने हुए उन के पास आ खड़े हुए।
Act 1:11  और कहने लगे, हे गलीली पुरूषों, तुम क्‍यों खड़े स्‍वर्ग की ओर देख रहे हो? यही यीशु, जो तुम्हारे पास से स्‍वर्ग पर उठा लिया गया है, जिस रीति से तुम ने उसे स्‍वर्ग को जाते देखा है उसी रीति से वह फिर आएगा।


एक साल में बाइबल: 

  • २ इतिहास २३-२४ 
  • यूहन्ना १५