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रविवार, 29 जुलाई 2012

वफादारी


   मैं बड़ा प्रसन्न था क्योंकि मेरी पसन्दीदा बेसबॉल टीम डेट्रौइट टाईगर्स का मैच शिकागो व्हाइट सॉक्स के साथ होने वाला था। प्रतिद्वन्दी टीम के स्टेडियम में इस मैच को देखने जाने से पहले मैंने बड़े गर्व से अपनी मनपसन्द टीम डेट्रौइट टाईगर्स की टी-शर्ट पहनी, ताकि मैं सब को दिखा सकूँ कि मैं किस टीम को समर्थन करता हूँ। किंतु मौसम में कुछ ठंडक आने के कारण मुझे उस टी-शर्ट के ऊपर एक और वस्त्र पहनना पड़ा; इससे मुझे निराशा हुई क्योंकि मैं स्टेडियम में आए लोगों को अपनी टीम के प्रति अपनी वफादारी प्रदर्शित नहीं कर पा रहा था; कोई नहीं पहचान पा रहा था कि मैं किस टीम का समर्थक हूँ। बारिश होने के कारण खेल ३ घंटे देर से आरंभ हुआ। खेल आरंभ होने के बाद मैं अपनी टीम के लिए खुले दिल से पुकार सका और सबको जता सका कि मैं किस टीम का समर्थक हूँ।

   प्रेरित पौलुस की अपने प्रभु के प्रति वफादारी सबके सामने खुली थी। उसने रोम के विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में लिखा "मैं सुसमाचार से नहीं लजाता, इसलिये कि वह हर एक विश्वास करने वाले के लिये, पहिले तो यहूदी, फिर यूनानी के लिये उद्धार के निमित्त परमेश्वर की सामर्थ है" (रोमियों १:१६)। सुसमाचार की इस सामर्थ को उसने व्यक्तिगत रीति से अनुभव किया था जब प्रभु यीशु ने उसके जीवन की दिशा और दशा दोनो को नाटकिय ढंग से बदला था। वह यह भी जानता था कि प्रभु अन्य सभी के जीवनों को भी ऐसे ही बदल सकता है; और अपने प्रचार तथा गवाही में वह यही बात सभी को बताता था, इसी कार्य के लिए उसने अपना संपूर्ण जीवन प्रभु यीशु की सेवा में समर्पित कर दिया था।

   रोम के विश्वासी भी प्रभु यीशु में अपने विश्वास के लिए जाने जाते थे; प्रभु यीशु के लिए उनकी वफादारी छुपी हुई नहीं थी। उनके विषय में भी पौलुस ने लिखा: "मैं तुम सब के लिये यीशु मसीह के द्वारा अपने परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं, कि तुम्हारे विश्वास की चर्चा सारे जगत में हो रही है" (रोमियों १:८)।

   क्या आप भी प्रभु यीशु के अनुयायी हैं? यदि हाँ, तो क्या आप की प्रभु यीशु के प्रति वफादारी जग-विदित है? - ऐने सेटास


प्रभु यीशु के प्रति हमारी वफादारी संसार को दिखाई और सुनाई देनी चाहिए।

मैं सुसमाचार से नहीं लजाता, इसलिये कि वह हर एक विश्वास करने वाले के लिये, पहिले तो यहूदी, फिर यूनानी के लिये उद्धार के निमित्त परमेश्वर की सामर्थ है। - रोमियों १:१६

बाइबल पाठ: रोमियों १:८-१६
Rom 1:8  पहिले मैं तुम सब के लिये यीशु मसीह के द्वारा अपने परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं, कि तुम्हारे विश्वास की चर्चा सारे जगत में हो रही है। 
Rom 1:9  परमेश्वर जिस की सेवा मैं अपनी आत्मा से उसके पुत्र के सुसमाचार के विषय में करता हूं, वही मेरा गवाह है कि मैं तुम्हें किस प्रकार लगातार स्मरण करता रहता हूं। 
Rom 1:10  और नित्य अपनी प्रार्थनाओं में बिनती करता हूं, कि किसी रीति से अब भी तुम्हारे पास आने को मेरी यात्रा परमेश्वर की इच्‍छा से सफल हो। 
Rom 1:11  क्‍योंकि मैं तुम से मिलने की लालसा करता हूं, कि मैं तुम्हें कोई आत्मिक वरदान दूं जिस से तुम स्थिर हो जाओ। 
Rom 1:12  अर्थात यह, कि मैं तुम्हारे बीच में होकर तुम्हारे साथ उस विश्वास के द्वारा जो मुझ में, और तुम में है, शान्‍ति पाऊँ। 
Rom 1:13  और हे भाइयों, मैं नहीं चाहता, कि तुम इस से अनजान रहो, कि मैं ने बार बार तुम्हारे पास आना चाहा, कि जैसा मुझे और अन्यजातियों में फल मिला, वैसा ही तुम में भी मिले, परन्‍तु अब तक रुका रहा। 
Rom 1:14  मैं यूनानियों और अन्यभाषियों का और बुद्धिमानों और निर्बुद्धियों का कर्जदार हूं। 
Rom 1:15  सो मैं तुम्हें भी जो रोम में रहते हो, सुसमाचार सुनाने को भरसक तैयार हूं। 
Rom 1:16 क्‍योंकि मैं सुसमाचार से नहीं लजाता, इसलिये कि वह हर एक विश्वास करने वाले के लिये, पहिले तो यहूदी, फिर यूनानी के लिये उद्धार के निमित्त परमेश्वर की सामर्थ है।


एक साल में बाइबल: 

  • भजन ४९-५० 
  • रोमियों १