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शनिवार, 29 दिसंबर 2012

मानकस्तर


   इंटरनैट के आरंभिक दिनों में इंटरनैट के विकास करने वाले अपने अपने मानक और स्तर बनाते थे, जिसका परिणाम था गड़बड़। जो एक कंप्यूटर पर अच्छा दिखता था, वह किसी अन्य कंप्यूटर पर अस्त-व्यस्त होता था और पढ़ा नहीं जा सकता था। इसलिए लोगों ने इंटरनैट को अनियंत्रित और अस्त-व्यस्त जाल कहना आरंभ कर दिया। इस गड़बड़ी में से व्यस्थित स्वरूप को लाने के लिए विकास करने वालों ने एक दूसरे के साथ संपर्क कर के कुछ सामान्य मानकस्तर बनाए जो सबके लिए एक समान हों और सब जिनका पालन करें। इन समान रूप से लागू नियमों एवं स्तरों के अन्तर्गत कार्य करने से ही इंटरनैट पर व्याप्त गड़बड़ समाप्त हुई, अव्यवस्थित व्यवस्थित हो गया और इंटरनैट विकसित होकर सबके लिए लाभकारी बन गया।

   समाज के उत्थान और सुचारू रूप से कार्य करने तथा सब के लिए लाभकारी होने के लिए भी समान मानकस्तर आवश्यक हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल में भी हम पाते हैं कि जब इस्त्राएल को परमेश्वर मिस्त्र की गुलामी से निकाल कर लाया तो उनके जीवन को व्यवस्थित रूप से व्यतीत करने के लिए कुछ नियम दिए जो सब के लिए एक समान लागू होने थे (व्यवस्थाविवरण ४:१)। यदि ये नियम ना होते तो गड़बड़ तथा अराजकता होती; परन्तु इन नियमों के कारण इस्त्राएली समाज इतना व्यवस्थित और सुचारू रूप से चलने वाला था कि यह बात वहां की अन्य जातियों में इस्त्राएल के परमेश्वर की महिमा का कारण ठहरी (व्यवस्थाविवरण ४:८)।

   आज पाप और स्वार्थ से भरे इस अव्यवस्थित संसार में जहाँ हर कोई अपनी ही चलाना चाहता है, दुसरों को नियंत्रित करके उन पर पर हावी रहना चाहता है, मसीही विश्वासी मसीह की व्यवस्था के आधीन रहते हैं (गलतियों ६:२) क्योंकि मसीह स्वयं परमेश्वर कि व्यवस्था की परिपूर्णता है (मत्ती ५:१७)। जब हम मसीह द्वारा स्थापित मानक स्तर के आधीन हो जाते हैं और जैसा परमेश्वर ने हमसे प्रेम किया, वैसा ही प्रेम दूसरों के साथ भी करने लगते हैं तो ना केवल हम आपस में शांति तथा सामनजस्य से रहने लगते हैं वरन साथ ही संसार के सामने गवाही रखते हैं के हमारा उद्धारकर्ता प्रभु परमेश्वर कितना महान और कैसा अतुल्य है। - जूली ऐकैरमैन लिंक


परमेश्वर तथा दूसरे लोगों के प्रति हमारे प्रेम के द्वारा ही लोग जानने पाएंगे कि हमारा परमेश्वर कितना महान है।

फिर कौन ऐसी बड़ी जाति है जिसके पास ऐसी धर्ममय विधि और नियम हों, जैसी कि यह सारी व्यवस्था जिसे मैं आज तुम्हारे साम्हने रखता हूं? - व्यवस्थाविवरण ४:८

बाइबल पाठ: व्यवस्थाविवरण ४:१-१०
Deut 4:1  अब, हे इस्राएल, जो जो विधि और नियम मैं तुम्हें सिखाना चाहता हूं उन्हें सुन लो, और उन पर चलो; जिस से तुम जीवित रहो, और जो देश तुम्हारे पितरों का परमेश्वर यहोवा तुम्हें देता है उस में जा कर उसके अधिकारी हो जाओ।
Deut 4:2  जो आज्ञा मैं तुम को सुनाता हूं उस में न तो कुछ बढ़ाना, और न कुछ घटाना; तुम्हारे परमेश्वर यहोवा की जो जो आज्ञा मैं तुम्हें सुनाता हूं उन्हें तुम मानना।
Deut 4:3  तुम ने तो अपनी आंखों से देखा है कि बालपोर के कारण यहोवा ने क्या क्या किया; अर्थात जितने मनुष्य बालपोर के पीछे हो लिये थे उन सभों को तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने तुम्हारे बीच में से सत्यानाश कर डाला;
Deut 4:4  परन्तु तुम जो अपने परमेश्वर यहोवा के साथ लिपटे रहे हो सब के सब आज तक जीवित हो।
Deut 4:5  सुनो, मैं ने तो अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञा के अनुसार तुम्हें विधि और नियम सिखाए हैं, कि जिस देश के अधिकारी होने जाते हो उस में तुम उनके अनुसार चलो।
Deut 4:6  सो तुम उन को धारण करना और मानना; क्योंकि और देशों के लोगों के साम्हने तुम्हारी बुद्धि और समझ इसी से प्रगट होगी, अर्थात वे इन सब विधियों को सुनकर कहेंगे, कि निश्चय यह बड़ी जाति बुद्धिमान और समझदार है।
Deut 4:7  देखो, कौन ऐसी बड़ी जाति है जिसका देवता उसके ऐसे समीप रहता हो जैसा हमारा परमेश्वर यहोवा, जब कि हम उसको पुकारते हैं?
Deut 4:8  फिर कौन ऐसी बड़ी जाति है जिसके पास ऐसी धर्ममय विधि और नियम हों, जैसी कि यह सारी व्यवस्था जिसे मैं आज तुम्हारे साम्हने रखता हूं?
Deut 4:9  यह अत्यन्त आवश्यक है कि तुम अपने विषय में सचेत रहो, और अपने मन की बड़ी चौकसी करो, कहीं ऐसा न हो कि जो जो बातें तुम ने अपनी आंखों से देखीं उन को भूल जाओ, और वह जीवन भर के लिये तुम्हारे मन से जाती रहे; किन्तु तुम उन्हें अपने बेटों पोतों को सिखाना।
Deut 4:10  विशेष कर के उस दिन की बातें जिस में तुम होरेब के पास अपने परमेश्वर यहोवा के साम्हने खड़े थे, जब यहोवा ने मुझ से कहा था, कि उन लोगों को मेरे पास इकट्ठा कर कि मैं उन्हें अपने वचन सुनाऊं, जिस से वे सीखें, ताकि जितने दिन वे पृथ्वी पर जीवित रहें उतने दिन मेरा भय मानते रहें, और अपने लड़के बालों को भी यही सिखाएं।

एक साल में बाइबल: 
  • ज़कर्याह ९-१२ 
  • प्रकाशितवाक्य २०