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मंगलवार, 31 दिसंबर 2013

लेखा


   कुछ समय पहले मैंने एक "मीलपत्थर" पार किया जो था मेरे बीस वर्ष से एक आत्मिक डायरी या लेखा रखना। जब उस डायरी में मैंने अपनी कुछ आरंभिक प्रविष्ठियाँ पढ़ीं तो मुझे अचरज हुआ कि मैं इसे बना कर रख भी सका, किंतु आज मुझे यदि आप ना लिखने के लिए पैसे भी दें तो भी मैं लिखने से नहीं रुकने वाला।

   डायरी में यह लेखा रखने से जो लाभ मुझे मिले उनमें से कुछ हैं: मैं अपने जीवन के अनुभवों से जानने पाया कि सफलता एवं असफलता दोनों ही जीवन का अभिन्न अंग हैं। मुझे परमेश्वर के अनुग्रह का स्मरण हो आता है जब मैं ध्यान करता हूँ कि कैसे जटिल समस्याओं के समयों में उसने मेरा मार्गदर्शन किया, समस्या का हल खोजने में मेरी सहायता करी। मेरे पिछ्ले अनुभव मेरी आज की समस्याओं के हल खोजने में मेरे सहायक होते हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मैं देखने पाता हूँ कि परमेश्वर कैसे मेरे जीवन में पूरी विश्वासयोग्यता के साथ कार्यरत रहा है, मुझे संभालता, तराशता और बेहतर बनाता रहा है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में लिखे अनेक भजन ऐसे ही आत्मिक डायरी के लेख के समान ही हैं। उन भजनों में दर्ज है कि कैसे परमेश्वर ने भिन्न संघर्षों और परिस्थितियों में सहायता करी और सुरक्षित निकाला। ऐसा ही एक भजन है दाऊद द्वारा लिखित भजन 40, जिसमें दाऊद कहता है: "मैं धीरज से यहोवा की बाट जोहता रहा; और उसने मेरी ओर झुककर मेरी दोहाई सुनी। उसने मुझे सत्यानाश के गड़हे और दलदल की कीच में से उबारा, और मुझ को चट्टान पर खड़ा कर के मेरे पैरों को दृढ़ किया है" (भजन 40:1-2)। बाद में जब कभी भी उसे परमेश्वर की विश्वासयोग्यता को स्मरण करना होता तो उसे केवल इस भजन को पढ़ लेने भर की ही आवश्यकता होती होगी।

   इस प्रकार का लेखा या डायरी रखना आपके लिए भी लाभदायक हो सकता है। यह आपको और स्पष्ट रीति से दिखा सकता है कि परमेश्वर आपकी जीवन यात्रा में आपको क्या सिखा रहा है और अपनी इस डायरी की प्रविष्ठियों से आप अपने प्रति परमेश्वर की लगातार बनी हुई विश्वासयोग्यता के प्रति भी आश्वस्त हो सकते हैं, यह लेखा शैतान द्वारा परमेश्वर के प्रति आपके विश्वास को डगमगाने नहीं देगा। - डेनिस फिशर


बीते समय में परमेश्वर की विश्वासयोग्यता का स्मरण भविष्य के लिए आशा देता है।

परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों की नाईं उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे। - यशायाह 40:31

बाइबल पाठ: भजन  40:1-5
Psalms 40:1 मैं धीरज से यहोवा की बाट जोहता रहा; और उसने मेरी ओर झुककर मेरी दोहाई सुनी। 
Psalms 40:2 उसने मुझे सत्यानाश के गड़हे और दलदल की कीच में से उबारा, और मुझ को चट्टान पर खड़ा कर के मेरे पैरों को दृढ़ किया है। 
Psalms 40:3 और उसने मुझे एक नया गीत सिखाया जो हमारे परमेश्वर की स्तुति का है। बहुतेरे यह देखकर डरेंगे, और यहोवा पर भरोसा रखेंगे।
Psalms 40:4 क्या ही धन्य है वह पुरूष, जो यहोवा पर भरोसा करता है, और अभिमानियों और मिथ्या की ओर मुड़ने वालों की ओर मुंह न फेरता हो। 
Psalms 40:5 हे मेरे परमेश्वर यहोवा, तू ने बहुत से काम किए हैं! जो आश्चर्यकर्म और कल्पनाएं तू हमारे लिये करता है वह बहुत सी हैं; तेरे तुल्य कोई नहीं! मैं तो चाहता हूं की खोल कर उनकी चर्चा करूं, परन्तु उनकी गिनती नहीं हो सकती।

एक साल में बाइबल: 
  • मलाकी 1-4 
  • प्रकाशितवाक्य 22


सोमवार, 30 दिसंबर 2013

भूमिका


   पिछले कई वर्षों से मेरी बेटी, रोज़ी, स्थानीय माध्यमिक विद्यालय में नाटकों की निर्देशक रही है। छात्र उसके पास आते हैं कि वे नाटकों में भाग ले सकें और वह उनका परीक्षण करके उनके लिए उपयुक्त भूमिकाएं निर्धारित करती है। कुछ छात्र प्रमुख पात्रों की भूमिकाएं पाते हैं, लेकिन फिर भी ऐसी कई सहायक भूमिकाएं होती हैं जो नाटक के लिए आवश्यक हैं और जिनके लिए छात्रों को निर्धारित करना नाटक के सफल प्रदर्शन के लिए अनिवार्य है।

   फिर, ऐसे भी छात्र होते हैं जो नाटक का भाग होना तो चाहते हैं पर पर्दे के सामने आना नहीं चाहते। उनको पर्दा उठाने-गिराने, मंच सज्जा को बदलने, रौशनी तथा विद्युत व्यवस्था की देखभाल करने, पात्रों के साज-सिंगार करने तथा वस्त्र आदि के बदलने में सहायता के लिए उपयोग किया जाता है। कुछ माता-पिता और अभिभावक भी नाटक का अप्रत्यक्ष भाग हो जाते हैं। जब नाटक का पूर्वाभ्यास चल रहा होता है तो वे लोग कार्य करने वालों के लिए अल्पाहार का प्रबंध करते हैं, आवश्यक वस्तुओं को भेंट करते हैं, मंच का सामान और वस्त्र बनाने में सहायता करते हैं, नाटक से संबंधित विज्ञापन और सूचनाएं बनाते तथा वितृत करते हैं। किसी भी नाटक के सफल प्रदर्शन के लिए 4 - 5 महीनों का अथक परिश्रम करना होता है जो अनेक समर्पित स्वयंसेवकों के सहयोग और सहायता से ही संभव होने पाता है।

   प्रभु यीशु मसीह की देह अर्थात उसकी मण्डली के सफल और पूर्णरूपेण कार्य के लिए भी प्रत्येक मसीही विश्वासी का योगदान अनिवार्य है। प्रत्येक मसीही विश्वासी को परमेश्वर द्वारा कोई ना कोई वरदान दिया गया है। जब ये सभी वरदान मिलकर कार्य करते हैं तब ही "सारी देह हर एक जोड़ की सहायता से एक साथ मिलकर, और एक साथ गठकर उस प्रभाव के अनुसार जो हर एक भाग के परिमाण से उस में होता है, अपने आप को बढ़ाती है, कि वह प्रेम में उन्नति करती जाए" (इफिसियों 4:16); ये सभी भिन्न भाग मिलकर ही एक देह बनते हैं (रोमियों 12:5)।

   हम सभी मसीही विश्वासियों को एक दूसरे की आवश्यकता है, मसीह की देह अर्थात मसीह की मण्डली की उन्नति के लिए आप क्या भूमिका निभा रहे हैं? - सिंडी हैस कैस्पर


किसी भी मण्डली के सुचारू रूप से कार्य करने के लिए उसके सभी सदस्यों को एक दूसरे के लिए अपने आत्मिक वर्दानों का उपयोग करते रहना चाहिए।

इसी प्रकार तुम सब मिल कर मसीह की देह हो, और अलग अलग उसके अंग हो। - 1 कुरिन्थियों 12:27

बाइबल पाठ: रोमियों 12:1-8
Romans 12:1 इसलिये हे भाइयों, मैं तुम से परमेश्वर की दया स्मरण दिला कर बिनती करता हूं, कि अपने शरीरों को जीवित, और पवित्र, और परमेश्वर को भावता हुआ बलिदान कर के चढ़ाओ: यही तुम्हारी आत्मिक सेवा है। 
Romans 12:2 और इस संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिस से तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो। 
Romans 12:3 क्योंकि मैं उस अनुग्रह के कारण जो मुझ को मिला है, तुम में से हर एक से कहता हूं, कि जैसा समझना चाहिए, उस से बढ़कर कोई भी अपने आप को न समझे पर जैसा परमेश्वर ने हर एक को परिमाण के अनुसार बांट दिया है, वैसा ही सुबुद्धि के साथ अपने को समझे। 
Romans 12:4 क्योंकि जैसे हमारी एक देह में बहुत से अंग हैं, और सब अंगों का एक ही सा काम नहीं। 
Romans 12:5 वैसा ही हम जो बहुत हैं, मसीह में एक देह हो कर आपस में एक दूसरे के अंग हैं। 
Romans 12:6 और जब कि उस अनुग्रह के अनुसार जो हमें दिया गया है, हमें भिन्न भिन्न वरदान मिले हैं, तो जिस को भविष्यद्वाणी का दान मिला हो, वह विश्वास के परिमाण के अनुसार भविष्यद्वाणी करे। 
Romans 12:7 यदि सेवा करने का दान मिला हो, तो सेवा में लगा रहे, यदि कोई सिखाने वाला हो, तो सिखाने में लगा रहे। 
Romans 12:8 जो उपदेशक हो, वह उपदेश देने में लगा रहे; दान देनेवाला उदारता से दे, जो अगुआई करे, वह उत्साह से करे, जो दया करे, वह हर्ष से करे।

एक साल में बाइबल: 
  • ज़कर्याह 13-14 
  • प्रकाशितवाक्य 21


रविवार, 29 दिसंबर 2013

आनन्दित


   संसार में हमारा जीवन कठिनाईयों से भरा हो सकता है। किसी ना किसी समय हम में से अधिकांश लोग इस विचार से जूझे होंगे कि मैं जब कठिनाईयों में पड़ा होता हूँ तब परमेश्वर कहाँ होता है? अनेक बार हमने यह भी विचार किया होगा कि अब तो अन्याय ही जीत रहा है और परमेश्वर खामोश बैठा है। हम अपनी कठिनाईयों के प्रति कैसी प्रतिक्रीया देते हैं यह हमारा व्यक्तिगत निर्णय है। इस संदर्भ में परमेश्वर के वचन बाइबल में परमेश्वर के नबी हबक्कूक का दृष्टिकोण अनुसरण के योग्य है - उसने निर्णय किया कि वह परमेश्वर में आनन्दित रहेगा।

   हबक्कूक ने यहूदा को तीव्र गति से नैतिक और आत्मिक पतन में गिरते देखा था और वह इससे बहुत चिंतित हुआ। लेकिन इससे भी अधिक चिंता उसे तब हुई जब यहूदा के इस व्यवहार के लिए उसने परमेश्वर की प्रतिक्रीया को जाना - परमेश्वर एक और भी दुष्ट राज्य बाबुल द्वारा यहूदा को दण्डित करने जा रहा था। हबक्कूक यह सब समझ नहीं सका, लेकिन फिर भी उसने परमेश्वर की बुद्धिमता, न्याय और प्रभुतव पर भरोसा रखने का निर्णय लिया और अपने इस निर्णय के अन्तर्गत वह कहने पाया: "तौभी मैं यहोवा के कारण आनन्दित और मगन रहूंगा, और अपने उद्धारकर्त्ता परमेश्वर के द्वारा अति प्रसन्न रहूंगा" (हबक्कूक 3:18)। यद्यपि हबक्कूक को यह स्पष्ट नहीं था कि यहूदा इस दण्ड में जाने पर सुरक्षित बच कर कैसे आ सकेगा, लेकिन हबक्कूक ने सीख लिया था कि अन्याय, क्लेष और हानि में भी वह परमेश्वर पर भरोसा बनाए रखेगा और परमेश्वर पर विश्वास द्वारा ही अपना जीवन व्यतीत करेगा। ऐसे विश्वास के निर्णय का प्रतिफल था उसका हर परिस्थिति में परमेश्वर में आनन्दित रहना, चाहे वह परिस्थिति कितनी भी कठिन क्यों ना हो।

   हम भी अपनी परीक्षाओं में आनन्दित रह सकते हैं, यदि हबक्कूक के समान ही हम परमेश्वर पर दृढ़ विश्वास बनाए रखें और उसके सार्वभौमिक प्रभुत्व की ऊँचाईयों पर उसके साथ बने रहें। - मार्विन विलियम्स


परेशानियों में भी परमेश्वर की आराधना करते रहने से बोझ बरकतों में बदल जाते हैं।

परन्तु मैं यहोवा के कारण अपने मन में मगन होऊंगा, मैं उसके किए हुए उद्धार से हर्षित होऊंगा। - भजन 35:9

बाइबल पाठ: हबक्कूक 3:8-19
Habakkuk 3:8 हे यहोवा, क्या तू नदियों पर रिसियाया था? क्या तेरा क्रोध नदियों पर भड़का था, अथवा क्या तेरी जलजलाहट समुद्र पर भड़की थी, जब तू अपने घोड़ों पर और उद्धार करने वाले विजयी रथों पर चढ़कर आ रहा था? 
Habakkuk 3:9 तेरा धनुष खोल में से निकल गया, तेरे दण्ड का वचन शाप के साथ हुआ था। तू ने धरती को नदियों से चीर डाला। 
Habakkuk 3:10 पहाड़ तुझे देख कर कांप उठे; आंधी और जलप्रलय निकल गए; गहिरा सागर बोल उठा और अपने हाथों अर्थात लहरों को ऊपर उठाया। 
Habakkuk 3:11 तेरे उड़ने वाले तीरों के चलने की ज्योति से, और तेरे चमकीले भाले की फलक के प्रकाश से सूर्य और चन्द्रमा अपने अपने स्थान पर ठहर गए। 
Habakkuk 3:12 तू क्रोध में आकर पृथ्वी पर चल निकला, तू ने जाति जाति को क्रोध से नाश किया। 
Habakkuk 3:13 तू अपनी प्रजा के उद्धार के लिये निकला, हां, अपने अभिषिक्त के संग हो कर उद्धार के लिये निकला। तू ने दुष्ट के घर के सिर को घायल कर के उसे गले से नेव तक नंगा कर दिया। 
Habakkuk 3:14 तू ने उसके योद्धाओं के सिरों को उसी की बर्छी से छेदा है, वे मुझ को तितर-बितर करने के लिये बवंडर की आंधी की नाईं आए, और दीन लोगों को घात लगा कर मार डालने की आशा से आनन्दित थे। 
Habakkuk 3:15 तू अपने घोड़ों पर सवार हो कर समुद्र से हां, जलप्रलय से पार हो गया।
Habakkuk 3:16 यह सब सुनते ही मेरा कलेजा कांप उठा, मेरे ओंठ थरथराने लगे; मेरी हड्डियां सड़ने लगीं, और मैं खड़े खड़े कांपने लगा। मैं शान्ति से उस दिन की बाट जोहता रहूंगा जब दल बांध कर प्रजा चढ़ाई करे।
Habakkuk 3:17 क्योंकि चाहे अंजीर के वृक्षों में फूल न लगें, और न दाखलताओं में फल लगें, जलपाई  के वृक्ष से केवल धोखा पाया जाए और खेतों में अन्न न उपजे, भेड़शालाओं में भेड़-बकरियां न रहें, और न थानों में गाय बैल हों, 
Habakkuk 3:18 तौभी मैं यहोवा के कारण आनन्दित और मगन रहूंगा, और अपने उद्धारकर्त्ता परमेश्वर के द्वारा अति प्रसन्न रहूंगा।
Habakkuk 3:19 यहोवा परमेश्वर मेरा बलमूल है, वह मेरे पांव हरिणों के समान बना देता है, वह मुझ को मेरे ऊंचे स्थानों पर चलाता है।

एक साल में बाइबल: 
  • ज़कर्याह 9-12 
  • प्रकाशितवाक्य 20


शनिवार, 28 दिसंबर 2013

परिणाम


   इंगलैंड के लिवरपूल शहर में स्थित अन्तर्राष्ट्रीय दासत्व संग्रहालय उस विनाश के लिए स्मारक है जो पीढ़ीयों से दासत्व में रहे पुरुष, स्त्री और बच्चों ने सहा है। कुछ लोगों के लोभ के कारण जो कीमत अन्य मनुष्यों को चुकानी पड़ी है वह दिल दहला देने वाली है - लेकिन केवल वही चुकाई गई कीमत नहीं है। उस संग्रहालय में एक दीवार पर भूतपूर्व दास और फिर मानवीय अधिकारों के एक योद्धा फ्रैड्रिक डगलस द्वारा कही एक बहुत गंभीर बात लिखी है: "कोई व्यक्ति किसी दूसरे के पाँव में ज़ंज़ीर डालने के बाद उस ज़ंज़ीर के दूसरे छोर को अन्ततः अपने गले में बंधे हुआ देखने से बच नहीं सकता"; अर्थात किसी अन्य मनुष्य के साथ अमानवीय व्यवहार करने से हम स्वयं अपने आप को ही अमानवीय बना डालते हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने इसी भावना को दूसरे शब्दों में व्यक्त किया: "धोखा न खाओ, परमेश्वर ठट्ठों में नहीं उड़ाया जाता, क्योंकि मनुष्य जो कुछ बोता है, वही काटेगा" (गलतियों 6:7)। प्रेरित पौलुस द्वारा लिखे गए ये शब्द हमारे लिए गंभीर चेतावनी हैं कि हमारे द्वारा लिए गए हर निर्णय के परिणाम अवश्य हैं - और इसमें हम दूसरों के साथ जो व्यवहार करते हैं वह भी शामिल है। यदि हम औरों से नफरत करेंगे तो यह नफरत हमारे पास ऐसे परिणामों के रूप में लौट के आजाएगी जिनकी हम आज कलपना भी नहीं कर पाते। हम अपने आप को औरों से पृथक, स्वयं के प्रति क्रुद्ध तथा कुंठित, अपने कार्यों को ठीक से कर पाने में असमर्थ पाएंगे तथा अपने उद्धारकर्ता प्रभु यीशु की सेवकाई तो कदापि नहीं कर सकेंगे।

   इसके बजाए हम चुनाव करें कि "हम भले काम करने में हियाव न छोड़ें, क्योंकि यदि हम ढीले न हों, तो ठीक समय पर कटनी काटेंगे। इसलिये जहां तक अवसर मिले हम सब के साथ भलाई करें; विशेष कर के विश्वासी भाइयों के साथ" (गलतियों 6:9-10)। - बिल क्राउडर


जो बीज हम आज बो रहे हैं वे ही निर्धारित करते हैं कि हम कल कैसा फल खाएंगे।

और यदि तुम ऐसा न करो, तो यहोवा के विरुद्ध पापी ठहरोगे; और जान रखो कि तुम को तुम्हारा पाप लगेगा। - गिनती 32:23

बाइबल पाठ: गलतियों 6:1-10
Galatians 6:1 हे भाइयों, यदि कोई मनुष्य किसी अपराध में पकड़ा भी जाए, तो तुम जो आत्मिक हो, नम्रता के साथ ऐसे को संभालो, और अपनी भी चौकसी रखो, कि तुम भी परीक्षा में न पड़ो। 
Galatians 6:2 तुम एक दूसरे के भार उठाओ, और इस प्रकार मसीह की व्यवस्था को पूरी करो। 
Galatians 6:3 क्योंकि यदि कोई कुछ न होने पर भी अपने आप को कुछ समझता है, तो अपने आप को धोखा देता है। 
Galatians 6:4 पर हर एक अपने ही काम को जांच ले, और तब दूसरे के विषय में नहीं परन्तु अपने ही विषय में उसको घमण्‍ड करने का अवसर होगा। 
Galatians 6:5 क्योंकि हर एक व्यक्ति अपना ही बोझ उठाएगा।
Galatians 6:6 जो वचन की शिक्षा पाता है, वह सब अच्छी वस्‍तुओं में सिखाने वाले को भागी करे। 
Galatians 6:7 धोखा न खाओ, परमेश्वर ठट्ठों में नहीं उड़ाया जाता, क्योंकि मनुष्य जो कुछ बोता है, वही काटेगा। 
Galatians 6:8 क्योंकि जो अपने शरीर के लिये बोता है, वह शरीर के द्वारा विनाश की कटनी काटेगा; और जो आत्मा के लिये बोता है, वह आत्मा के द्वारा अनन्त जीवन की कटनी काटेगा। 
Galatians 6:9 हम भले काम करने में हियाव न छोड़े, क्योंकि यदि हम ढीले न हों, तो ठीक समय पर कटनी काटेंगे। 
Galatians 6:10 इसलिये जहां तक अवसर मिले हम सब के साथ भलाई करें; विशेष कर के विश्वासी भाइयों के साथ।

एक साल में बाइबल: 
  • ज़कर्याह 5-8 
  • प्रकाशितवाक्य 19


शुक्रवार, 27 दिसंबर 2013

प्रतीक्षा और अनुग्रह


   कंपनी में हुई छंटनी के कारण रॉजर की नौकरी जाती रही। इसके पश्चात वह महीनों तक नौकरी खोजता रहा, स्थान स्थान पर नौकरी के लिए आवेदन देता रहा, नौकरी मिलने के लिए स्वयं प्रार्थना करता रहा और दूसरों को भी प्रार्थना करने के लिए कहता रहा। वे 15 महीने तक नौकरी की प्रतीक्षा करते रहे, इस दौरान रॉजर और उसकी पत्नि जेरी की भावनाएं डांवा-डोल भी हुईं, कभी उन्हें सन्देह होता कि क्या दोबारा नौकरी मिलेगी भी या नहीं। लेकिन इस प्रतीक्षा के समय में साथ ही उन्होंने परमेश्वर द्वारा अद्भुत रीति से अपनी आवश्यकताओं को पूरा होते भी देखा तथा परमेश्वर के अनुग्रह को भी अनुभव किया।

   फिर रॉजर को एक कंपनी में साक्षात्कार के लिए तीन बार बुलाया गया, और उसके एक सप्ताह बाद उसे एक फोन आया। फोन करने वाले ने कहा, "निराशाओं में भी आशा की किरण फूटती है; तुम्हें नौकरी मिल गई है!" बाद में मुझसे रॉजर की पत्नि जैरी ने कहा, "जिस अनुभव से होकर हम निकले हैं, उसे हम कभी किसी अन्य से बदलने को राज़ी नहीं होंगे। इस अनुभव के द्वारा हम एक दूसरे के और परमेश्वर के और अधिक निकट आए।" जिन मित्रों ने रॉजर के लिए प्रार्थनाएं करी थीं वे भी आनन्दित और परमेश्वर के प्रति धन्यवादी हुए।

   प्रेरित पौलुस चाहता था कि कुरिन्थुस की मण्डली परमेश्वर के अनुग्रह को उसके अपने जीवन में कार्यकारी होते हुए देखे, "...ताकि अनुग्रह बहुतों के द्वारा अधिक हो कर परमेश्वर की महिमा के लिये धन्यवाद भी बढ़ाए" (2 कुरिन्थियों 4:15)। पौलुस को बहुत कठिन परीक्षाओं से होकर निकलना पड़ा था (पद 8-9), लेकिन तब भी वह अन्य लोगों को प्रोत्साहित करता रहा कि वे कठिन समयों में हिम्मत ना छोड़ें, वरन परमेश्वर पर विश्वास बनाए रखें (पद 16)।

   यदि रॉजर और जेरी तथा पौलुस के समान ही हम मसीही विश्वासी भी कठिन परिस्थितियों में परमेश्वर के प्रति अपने विश्वास को बनाए रखेंगे तथा उसके वचन बाइबल के अनुसार चलते रहेंगे तो अन्ततः हम भी परमेश्वर तथा लोगों के और निकट बढ़ने पाएंगे, और हमारी प्रतीक्षा तथा अनुग्रह का प्रत्येक अनुभव परमेश्वर की महिमा का कारण ठहरेगा। - ऐनी सेटास


परमेश्वर को आदर और महिमा देने के लिए अभी के समय से उपयुक्त और कोई दूसरा समय नहीं है।

इसलिये हम हियाव नहीं छोड़ते; यद्यपि हमारा बाहरी मनुष्यत्‍व नाश भी होता जाता है, तौभी हमारा भीतरी मनुष्यत्‍व दिन प्रतिदिन नया होता जाता है। - 2 कुरिन्थियों 4:16

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 4:7-18
2 Corinthians 4:7 परन्तु हमारे पास यह धन मिट्ठी के बरतनों में रखा है, कि यह असीम सामर्थ हमारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर ही की ओर से ठहरे। 
2 Corinthians 4:8 हम चारों ओर से क्‍लेश तो भोगते हैं, पर संकट में नहीं पड़ते; निरूपाय तो हैं, पर निराश नहीं होते। 
2 Corinthians 4:9 सताए तो जाते हैं; पर त्यागे नहीं जाते; गिराए तो जाते हैं, पर नाश नहीं होते। 
2 Corinthians 4:10 हम यीशु की मृत्यु को अपनी देह में हर समय लिये फिरते हैं; कि यीशु का जीवन भी हमारी देह में प्रगट हो। 
2 Corinthians 4:11 क्योंकि हम जीते जी सर्वदा यीशु के कारण मृत्यु के हाथ में सौंपे जाते हैं कि यीशु का जीवन भी हमारे मरनहार शरीर में प्रगट हो। 
2 Corinthians 4:12 सो मृत्यु तो हम पर प्रभाव डालती है और जीवन तुम पर। 
2 Corinthians 4:13 और इसलिये कि हम में वही विश्वास की आत्मा है, (जिस के विषय मे लिखा है, कि मैं ने विश्वास किया, इसलिये मैं बोला) सो हम भी विश्वास करते हैं, इसी लिये बोलते हैं। 
2 Corinthians 4:14 क्योंकि हम जानते हैं, जिसने प्रभु यीशु को जिलाया, वही हमें भी यीशु में भागी जानकर जिलाएगा, और तुम्हारे साथ अपने साम्हने उपस्थित करेगा। 
2 Corinthians 4:15 क्योंकि सब वस्तुएं तुम्हारे लिये हैं, ताकि अनुग्रह बहुतों के द्वारा अधिक हो कर परमेश्वर की महिमा के लिये धन्यवाद भी बढ़ाए।
2 Corinthians 4:16 इसलिये हम हियाव नहीं छोड़ते; यद्यपि हमारा बाहरी मनुष्यत्‍व नाश भी होता जाता है, तौभी हमारा भीतरी मनुष्यत्‍व दिन प्रतिदिन नया होता जाता है। 
2 Corinthians 4:17 क्योंकि हमारा पल भर का हल्का सा क्‍लेश हमारे लिये बहुत ही महत्‍वपूर्ण और अनन्त महिमा उत्पन्न करता जाता है। 
2 Corinthians 4:18 और हम तो देखी हुई वस्‍तुओं को नहीं परन्तु अनदेखी वस्‍तुओं को देखते रहते हैं, क्योंकि देखी हुई वस्तुएं थोड़े ही दिन की हैं, परन्तु अनदेखी वस्तुएं सदा बनी रहती हैं।

एक साल में बाइबल: 

  • ज़कर्याह 1-4 
  • प्रकाशितवाक्य 18


गुरुवार, 26 दिसंबर 2013

आराधना का उद्देश्य


   यदि आप लोगों को घबराने और चिंतित करने का अचूक उपाय जानना चाहते हैं तो वह है उनकी अर्थव्यवस्था पर आघात। यदि अर्थव्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है तो राजनेताओं की कुर्सी तक चली जाती है। कुछ ऐसा ही प्रेरित पौलुस के साथ भी हुआ, जिसके कारण उसे अपने विरुद्ध कानूनी कार्यवाही, शहर से खदेड़े जाने तथा जान तक के खतरे तक का सामना करना पड़ा।

   हुआ यूँ कि प्रेरित पौलुस इफिसुस में आकर "आराधनालय में जा कर तीन महीने तक निडर हो कर बोलता रहा, और परमेश्वर के राज्य के विषय में विवाद करता और समझाता रहा" (प्रेरितों 19:8)। दो वर्ष से भी अधिक तक पौलुस वहाँ प्रभु यीशु के सुसमाचार प्रचार करता रहा जिससे वहाँ प्रभु यीशु मसीह के बहुत से अनुयायी हो गए। क्योंकि पौलुस का प्रचार बहुत प्रभावी था और उसके प्रचार के कारण बहुत से लोगों ने समझ और जान लिया कि सच्चा परमेश्वर केवल एक ही है, और वह आत्मा है, कोई गढ़ी हुई मूर्ति नहीं, इस कारण इफिसुस की स्थानीय देवी अरतिमिस के मानने वालों की संख्या घटने लगी। इसका सीधा प्रभाव इफिसुस के सुनारों के धंधे पर पड़ने लगा क्योंकि उनकी आमदनी का मुख्य स्त्रोत था अरितमिस की चाँदी से बनी मूर्तियाँ। उन्होंने भाँप लिया कि यदि शीघ्र ही कुछ नहीं किया गया तो थोड़े ही समय में उनका धंधा बिलकुल चौपट हो जाएगा क्योंकि अरितमिस को मानने वाले बहुत कम ही रह जाएंगे। इस कारण उन्होंने स्थानीय लोगों को भड़का कर पौलुस और उसके साथियों के विरुद्ध बलवा करवा दिया।

   यह घटना हमें यह सोचने और जाँचने को बाध्य करती है कि परमेश्वर की उपासना करने का हमारा उद्देश्य क्या है? इफिसुस के सुनार अपनी देवी की उपासना में केवल इसलिए रुचि रखते थे क्योंकि उनकी आमदनी उस उपासना से जुड़ी थी। ऐसा ना हो कि कभी ऐसा हम मसीही विश्वासियों के लिए कहा जाए; हम मसीही विश्वासियों के लिए समस्त संसार के तथा अपने उद्धारकर्ता प्रभु यीशु की आराधना, उपासना का उद्देश्य कभी साँसारिक संपत्ति अर्जित करना ना बनने पाए। हमारी आराधाना, उपासना इस लिए हो क्योंकि प्रभु यीशु ने हम से प्रेम किया, हमारे पापों को अपने ऊपर लेकर हमारे लिए उनका दण्ड सहा और अपना बलिदान दे दिया और अपनी धार्मिकता हमें दे कर हमें परमेश्वर कि सनतान बना दिया।

   हम मसीही विश्वासियों की आराधना का उद्देश्य प्रभु यीशु के प्रति हमारा प्रेम, समर्पण और आदर हो ना कि संसार की नाशमान संपत्ति और यश आदि की प्राप्ति। - डेव ब्रैनन


परमेश्वर ने अपनी सन्तान को आशीषों से पहले ही भर दिया है; हमारी आराधना का उद्देश्य उन्हें प्राप्त करना कदापि नहीं है।

जिस परमेश्वर ने पृथ्वी और उस की सब वस्‍तुओं को बनाया, वह स्वर्ग और पृथ्वी का स्‍वामी हो कर हाथ के बनाए हुए मन्‍दिरों में नहीं रहता। न किसी वस्तु का प्रयोजन रखकर मनुष्यों के हाथों की सेवा लेता है, क्योंकि वह तो आप ही सब को जीवन और स्‍वास और सब कुछ देता है। - प्रेरितों 17:24-25

बाइबल पाठ: प्रेरितों 19:23-41
Acts 19:23 उस समय उस पन्थ के विषय में बड़ा हुल्लड़ हुआ। 
Acts 19:24 क्योंकि देमेत्रियुस नाम का एक सुनार अरितमिस के चान्दी के मन्दिर बनवाकर कारीगरों को बहुत काम दिलाया करता था। 
Acts 19:25 उसने उन को, और, और ऐसी वस्‍तुओं के कारीगरों को इकट्ठे कर के कहा; हे मनुष्यो, तुम जानते हो, कि इस काम में हमें कितना धन मिलता है। 
Acts 19:26 और तुम देखते और सुनते हो, कि केवल इफिसुस ही में नहीं, वरन प्राय: सारे आसिया में यह कह कहकर इस पौलुस ने बहुत लोगों को समझाया और भरमाया भी है, कि जो हाथ की कारीगरी है, वे ईश्वर नहीं। 
Acts 19:27 और अब केवल इसी एक बात का ही डर नहीं, कि हमारे इस धन्‍धे की प्रतिष्‍ठा जाती रहेगी; वरन यह कि महान देवी अरितमिस का मन्दिर तुच्‍छ समझा जाएगा और जिसे सारा आसिया और जगत पूजता है उसका महत्‍व भी जाता रहेगा। 
Acts 19:28 वे यह सुनकर क्रोध से भर गए, और चिल्ला चिल्लाकर कहने लगे, इफिसयों की अरितमिस महान है! 
Acts 19:29 और सारे नगर में बड़ा कोलाहल मच गया और लोगों ने गयुस और अरिस्‍तरखुस मकिदुनियों को जो पौलुस के संगी यात्री थे, पकड़ लिया, और एकिचत्त हो कर रंगशाला में दौड़ गए। 
Acts 19:30 जब पौलुस ने लोगों के पास भीतर जाना चाहा तो चेलों ने उसे जाने न दिया। 
Acts 19:31 आसिया के हाकिमों में से भी उसके कई मित्रों ने उसके पास कहला भेजा, और बिनती की, कि रंगशाला में जा कर जोखिम न उठाना। 
Acts 19:32 सो कोई कुछ चिल्लाया, और कोई कुछ; क्योंकि सभा में बड़ी गड़बड़ी हो रही थी, और बहुत से लोग तो यह जानते भी नहीं थे कि हम किस लिये इकट्ठे हुए हैं। 
Acts 19:33 तब उन्होंने सिकन्‍दर को, जिसे यहूदियों ने खड़ा किया था, भीड़ में से आगे बढ़ाया, और सिकन्‍दर हाथ से सैन कर के लोगों के साम्हने उत्तर दिया चाहता था। 
Acts 19:34 परन्तु जब उन्होंने जान लिया कि वह यहूदी है, तो सब के सब एक शब्द से कोई दो घंटे तक चिल्लाते रहे, कि इफिसयों की अरितमिस महान है। 
Acts 19:35 तब नगर के मन्‍त्री ने लोगों को शान्‍त कर के कहा; हे इफिसयों, कौन नहीं जानता, कि इफिसयों का नगर बड़ी देवी अरितमिस के मन्दिर, और ज्यूस की ओर से गिरी हुई मूरत का टहलुआ है। 
Acts 19:36 सो जब कि इन बातों का खण्‍डन ही नहीं हो सकता, तो उचित्त है, कि तुम चुपके रहो; और बिना सोचे विचारे कुछ न करो। 
Acts 19:37 क्योंकि तुम इन मनुष्यों को लाए हो, जो न मन्दिर के लूटने वाले हैं, और न हमारी देवी के निन्‍दक हैं। 
Acts 19:38 यदि देमेत्रियुस और उसके साथी कारीगरों को किसी से विवाद हो तो कचहरी खुली हैं, और हाकिम भी हैं; वे एक दूसरे पर नालिश करें। 
Acts 19:39 परन्तु यदि तुम किसी और बात के विषय में कुछ पूछना चाहते हो, तो नियत सभा में फैसला किया जाएगा। 
Acts 19:40 क्योंकि आज के बलवे के कारण हम पर दोष लगाए जाने का डर है, इसलिये कि इस का कोई कारण नहीं, सो हम इस भीड़ के इकट्ठा होने का कोई उत्तर न दे सकेंगे। 
Acts 19:41 और यह कह के उसने सभा को विदा किया।

एक साल में बाइबल: 
  • हग्गै 1-2 
  • प्रकाशितवाक्य 17


बुधवार, 25 दिसंबर 2013

यही समय है


   हमारे चर्च के क्रिसमस उत्सव मनाने के समय मैं देख रही थी कि कैसे स्तुतिगीतों में चर्च की अगुवाई करने वाला समूहगान दल चर्च में सामने की ओर जमा होकर अपने आप को व्यवस्थित कर रहा था, उनका संचालन करने वाला संगीत निर्देशक गीत की पुस्तक को मंच पर ठीक से रखकर खोल रहा था। फिर संगीत वादकों ने धुन आरंभ करी और गाने वालों ने एक बहुत जाना पहचाना गीत "Come, now is the time to worship" (आओ, आराधना का यही समय है) गाना आरंभ कर दिया।

   मेरी आशा थी कि इस दिन क्रिसमस के किसी गीत से उपासना आरंभ होगी, लेकिन थोड़े से विचार करने के बाद मैं इस गीत की उपयुक्तता के बारे में सोच कर मुस्कराने लगी। उस सप्ताह के आरंभ से मैं परमेश्वर के वचन बाइबल में लूका रचित सुसमाचार में प्रभु यीशु के जन्म के विवरण को पढ़ रही थी, और मैंने ध्यान दिया कि उस प्रथम क्रिसमस के समय ना तो आज जैसी कोई सजावट थी ना कोई पार्टी थी, ना उपहार थे और ना ही कोई दावत सजी थी, बस एक चीज़ थी - आराधना।

   जब स्वर्गदूत ने, अपने भेड़ों की झुण्ड की रखवाली कर रहे आश्चर्यचकित चरवाहों को, प्रभु यीशु के जन्म का समाचार सुनाया "तब एकाएक उस स्वर्गदूत के साथ स्‍वर्गदूतों का दल परमेश्वर की स्‍तुति करते हुए और यह कहते दिखाई दिया। कि आकाश में परमेश्वर की महिमा और पृथ्वी पर उन मनुष्यों में जिनसे वह प्रसन्न है शान्‍ति हो" (लूका 2:13-14)। वे चरवाहे तुरन्त बैतलेहम को गए जहाँ उन्होंने स्वर्गदूतों द्वारा दिए गए समाचार के अनुसार ही उस नवजात राजा को एक गौशाला में चरनी में लेटा हुआ पाया, "और गड़ेरिये जैसा उन से कहा गया था, वैसा ही सब सुनकर और देखकर परमेश्वर की महिमा और स्‍तुति करते हुए लौट गए" (लूका 2:20)। जगत के उद्धरकर्ता के दर्शन करने से चरवाहे परमेश्वर की आराधना, उसकी महिमा और स्तुति करने को प्रेरित हुए।

   आज आपका प्रभु यीशु के पृथ्वी पर संसार के उद्धार के लिए आने के समाचार के प्रति क्या प्रत्युत्तर है? क्या आप संसार के समान मौज-मस्ती, खाने-पीने, पार्टी करने, उपहार लेने-देने में लगे हैं, या आपके हृदय से उसकी आराधना उमड़ रही है, आप प्रभु यीशु के कृतज्ञ और ध्न्यवादी हैं कि उसने आपके पापों के लिए स्वर्ग की महिमा छोड़कर संसार में आना स्वीकार किया, आपके पापों के दण्ड को अपने ऊपर लेकर आपके स्थान पर मरना स्वीकार किया। यही समय है प्रभु यीशु के आगमन के उद्देश्य को समझने और उसके प्रति सही प्रत्युत्तर देने का। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


स्वर्गीय संगीत और आराधना पृथ्वी पर उतर आई जब स्वर्ग का राजा संसार के उद्धार के लिए धरती पर उतर आया।

...आकाश में परमेश्वर की महिमा और पृथ्वी पर उन मनुष्यों में जिनसे वह प्रसन्न है शान्‍ति हो। - लूका 2:14

बाइबल पाठ: लूका 2:8-20
Luke 2:8 और उस देश में कितने गड़ेरिये थे, जो रात को मैदान में रहकर अपने झुण्ड का पहरा देते थे। 
Luke 2:9 और प्रभु का एक दूत उन के पास आ खड़ा हुआ; और प्रभु का तेज उन के चारों ओर चमका, और वे बहुत डर गए। 
Luke 2:10 तब स्वर्गदूत ने उन से कहा, मत डरो; क्योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूं जो सब लोगों के लिये होगा। 
Luke 2:11 कि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है। 
Luke 2:12 और इस का तुम्हारे लिये यह पता है, कि तुम एक बालक को कपड़े में लिपटा हुआ और चरनी में पड़ा पाओगे। 
Luke 2:13 तब एकाएक उस स्वर्गदूत के साथ स्‍वर्गदूतों का दल परमेश्वर की स्‍तुति करते हुए और यह कहते दिखाई दिया। 
Luke 2:14 कि आकाश में परमेश्वर की महिमा और पृथ्वी पर उन मनुष्यों में जिनसे वह प्रसन्न है शान्‍ति हो।
Luke 2:15 जब स्वर्गदूत उन के पास से स्वर्ग को चले गए, तो गड़ेरियों ने आपस में कहा, आओ, हम बैतलहम जा कर यह बात जो हुई है, और जिसे प्रभु ने हमें बताया है, देखें। 
Luke 2:16 और उन्होंने तुरन्त जा कर मरियम और यूसुफ को और चरनी में उस बालक को पड़ा देखा। 
Luke 2:17 इन्हें देखकर उन्होंने वह बात जो इस बालक के विषय में उन से कही गई थी, प्रगट की। 
Luke 2:18 और सब सुनने वालों ने उन बातों से जो गड़िरयों ने उन से कहीं आश्चर्य किया। 
Luke 2:19 परन्तु मरियम ये सब बातें अपने मन में रखकर सोचती रही। 
Luke 2:20 और गड़ेरिये जैसा उन से कहा गया था, वैसा ही सब सुनकर और देखकर परमेश्वर की महिमा और स्‍तुति करते हुए लौट गए।

एक साल में बाइबल: 
  • सपन्याह 1-3 
  • प्रकाशितवाक्य 16


मंगलवार, 24 दिसंबर 2013

मृत्यु का नाश


   चिकित्सा विज्ञान के अनेक शोधकर्ता अथक प्रयास द्वारा कैंसर का इलाज ढूढ़ने में लगे हुए हैं, वे एल्ज़ाहिमर रोग के रहस्य को समझने का प्रयास कर रहे हैं, उनके प्रयास हैं कि अनेक दुर्बल कर देने वाले रोगों का हल ढूंढ़ा जा सके। लेकिन कैसा लगे यदि एक प्रातः जब आप उठें तो समाचारपत्रों की सुर्खियाँ हों "मृत्यु का नाश हो गया!" क्या आप ऐसे समाचार पर विश्वास करेंगे? क्या आप विश्वास करने भी पाएंगे?

   लेकिन परमेश्वर का वचन बाइबल, जिसकी कोई बात कभी गलत प्रमाणित नहीं हुई है, यह दावा करती है कि मसीह यीशु के विश्वासियों के लिए मृत्यु का नाश हो चुका है - मृत्यु निष्क्रीय कर दी गई है, अब तक मृत्यु जो कुछ कर पाती थी मसीही विश्वासियों के प्रति वह सब करना उसके लिए संभव नहीं रह गया है: "और जब यह नाशमान अविनाश को पहिन लेगा, और यह मरनहार अमरता को पहिन लेगा, तक वह वचन जो लिखा है, पूरा हो जाएगा, कि जय ने मृत्यु को निगल लिया" (1 कुरिन्थियों 15:54)।

   यह सुसमाचार प्रत्येक उस व्यक्ति के लिए है जो इस सुसमाचार पर विश्वास करेगा, इसे ग्रहण करेगा, जैसे कि स्वर्गदूत ने प्रभु यीशु के जन्म के समय चरवाहों से कहा: "तब स्वर्गदूत ने उन से कहा, मत डरो; क्योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूं जो सब लोगों के लिये होगा। कि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है" (लूका 2:10-11)।

   प्रभु यीशु का जन्म मृत्यु के अन्त का आरंभ था: "हे मृत्यु तेरा डंक कहां रहा? मृत्यु का डंक पाप है; और पाप का बल व्यवस्था है। परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, जो हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा हमें जयवन्‍त करता है" (1 कुरिन्थियों 15:56-57)।

   बस इसीलिए हम क्रिसमस का आनन्द मनाते हैं! - डेविड मैक्कैसलैंड


प्रभु यीशु का जन्म परमेश्वर को मनुष्य के निकट ले आया; प्रभु यीशु की मृत्यु मनुष्य को परमेश्वर के निकट ले जाती है।

हे मृत्यु तेरी जय कहां रही? - 1 कुरिन्थियों 15:55

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 15:50-58
1 Corinthians 15:50 हे भाइयों, मैं यह कहता हूं कि मांस और लोहू परमेश्वर के राज्य के अधिकारी नहीं हो सकते, और न विनाश अविनाशी का अधिकारी हो सकता है। 
1 Corinthians 15:51 देखे, मैं तुम से भेद की बात कहता हूं: कि हम सब तो नहीं सोएंगे, परन्तु सब बदल जाएंगे। 
1 Corinthians 15:52 और यह क्षण भर में, पलक मारते ही पिछली तुरही फूंकते ही होगा: क्योंकि तुरही फूंकी जाएगी और मुर्दे अविनाशी दशा में उठाए जांएगे, और हम बदल जाएंगे। 
1 Corinthians 15:53 क्योंकि अवश्य है, कि यह नाशमान देह अविनाश को पहिन ले, और यह मरनहार देह अमरता को पहिन ले। 
1 Corinthians 15:54 और जब यह नाशमान अविनाश को पहिन लेगा, और यह मरनहार अमरता को पहिन लेगा, तक वह वचन जो लिखा है, पूरा हो जाएगा, कि जय ने मृत्यु को निगल लिया। 
1 Corinthians 15:55 हे मृत्यु तेरी जय कहां रही? 
1 Corinthians 15:56 हे मृत्यु तेरा डंक कहां रहा? मृत्यु का डंक पाप है; और पाप का बल व्यवस्था है। 
1 Corinthians 15:57 परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, जो हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा हमें जयवन्‍त करता है। 
1 Corinthians 15:58 सो हे मेरे प्रिय भाइयो, दृढ़ और अटल रहो, और प्रभु के काम में सर्वदा बढ़ते जाओ, क्योंकि यह जानते हो, कि तुम्हारा परिश्रम प्रभु में व्यर्थ नहीं है।

एक साल में बाइबल: 
  • हबक्कूक 1-3 
  • प्रकाशितवाक्य 15


सोमवार, 23 दिसंबर 2013

खोजने वाला


   पास्टर टिम कैलर ने मसीही विश्वास में पाई जाने वाली एक अद्वितीय बात का उल्लेख किया है, जो अन्य किसी भी धर्म या धार्मिक विचारधारा में कहीं नहीं मिलती है। अन्य सभी धर्मों और धार्मिक विचारधाराओं में हम पाते हैं कि उनके मानने वाले अपने ईश्वर की खोज में लगे रहते हैं, उसे अपने भले कार्यों या अन्य बातों द्वारा प्रसन्न करने, मनाने में लगे रहते हैं। केवल मसीही विश्वास ही एकमात्र ऐसा धार्मिक विश्वास है जिसमें स्वयं परमेश्वर मनुष्य को खोजता है, मनुष्य को अपने पास लौटा लाने और उसे अशीषों से भर देने को लालायित रहता है, प्रयास करता रहता है और अपने इस प्रयास में उसने मनुष्य रूप में आकर समस्त मनुष्य जाति के समस्त पापों को अपने ऊपर लेकर अपने जीवन के बलिदान द्वारा उन पापों का दण्ड भी भोग लिया और अपने प्रत्येक विश्वास करने वाले के लिए उद्धार, आशीष और अनन्त जीवन का मार्ग भी बना कर दे दिया। अब, मसीही विश्वास में होकर, मनुष्य का परमेश्वर से मेल-मिलाप मनुष्य द्वारा किए जाने वाले किसी प्रयास से नहीं वरन केवल पश्चाताप और विश्वास द्वारा है।

   इस अद्भुत सच्चाई की गंभीरता को ब्रिटिश कवि फ्रांसिस थौम्पसन ने अपनी कृति "The Hound of Heaven" में बड़ी सुन्दरता से व्यक्त किया है। वे अपने जीवन के अनुभव से लिखते हैं कि उन्होंने परमेश्वर से दूर भाग जाने का बहुत प्रयास किया, लेकिन "मेरा पीछा कर रहे उन सामर्थी कदमों की संतुलित और अविचिलित चाल से आगे मैं निकल नहीं सका।" भटके हुओं और हठधर्मियों को अथक खोज द्वारा परमेश्वर का अपनी ओर लौटा लाना केवल फ्रांसिस थौम्पसन का ही अनुभव नहीं है, वरन क्रिसमस की कथा का मर्म भी परमेश्वर द्वारा मनुष्य को खोजना ही है, जैसे प्रेरित पौलुस लिखता है: "परन्तु जब समय पूरा हुआ, तो परमेश्वर ने अपने पुत्र को भेजा, जो स्त्री से जन्मा, और व्यवस्था के आधीन उत्पन्न हुआ। ताकि व्यवस्था के आधीनों को मोल ले कर छुड़ा ले, और हम को लेपालक होने का पद मिले" (गलतियों 4:4-5)।

   परमेश्वर की यह खोज केवल क्रिसमस की कहानी ही नहीं है, वरन हमारे आदि माता-पिता, आदम और हव्वा के पाप में गिरने के बाद परमेश्वर ही उन्हें खोजता हुआ आया था, क्योंकि वे तो अपनी शर्मनाक हालत के कारण परमेश्वर से छिप गए थे। तब से परमेश्वर पाप में गिरे मनुष्य को खोज रहा है जिससे उसके निकट आने वालों को वह वापस उसी आशीष की स्थिति में बहाल कर सके। उसने मुझे खोज कर अपने पास बुलाया, वह आपको भी खोज कर अपने पास बुलाना चाहता है, परमेश्वर की सन्तान कहलाने का आदर देना चाहता है। यदि परमेश्वर हमारा खोजने वाला ना होता तो हमारे पाप हमें कहीं का ना छोड़ते। क्या आपने उस की खोज को आदर दिया है, उसके पास लौट आए हैं? - जो स्टोवैल


आपके उद्धार के लिए परमेश्वर की अमिट इच्छा कभी समाप्त नहीं होगी।

क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। - यूहन्ना 3:16

बाइबल पाठ: गलतियों 4:1-7
Galatians 4:1 मैं यह कहता हूं, कि वारिस जब तक बालक है, यद्यपि सब वस्‍तुओं का स्‍वामी है, तौभी उस में और दास में कुछ भेद नहीं। 
Galatians 4:2 परन्तु पिता के ठहराए हुए समय तक रक्षकों और भण्‍डारियों के वश में रहता है। 
Galatians 4:3 वैसे ही हम भी, जब बालक थे, तो संसार की आदि शिक्षा के वश में हो कर दास बने हुए थे। 
Galatians 4:4 परन्तु जब समय पूरा हुआ, तो परमेश्वर ने अपने पुत्र को भेजा, जो स्त्री से जन्मा, और व्यवस्था के आधीन उत्पन्न हुआ। 
Galatians 4:5 ताकि व्यवस्था के आधीनों को मोल ले कर छुड़ा ले, और हम को लेपालक होने का पद मिले। 
Galatians 4:6 और तुम जो पुत्र हो, इसलिये परमेश्वर ने अपने पुत्र के आत्मा को, जो हे अब्‍बा, हे पिता कह कर पुकारता है, हमारे हृदय में भेजा है। 
Galatians 4:7 इसलिये तू अब दास नहीं, परन्तु पुत्र है; और जब पुत्र हुआ, तो परमेश्वर के द्वारा वारिस भी हुआ।

एक साल में बाइबल: 
  • नहूम 1-3 
  • प्रकाशितवाक्य 14


रविवार, 22 दिसंबर 2013

छिपा खज़ाना


   इंगलैण्ड के एक खज़ाना खोजने वाले व्यक्ति को दक्षिण-पश्चिम इंगलैण्ड के एक मैदान में दबा हुआ रोमी शासन के दिनों के 52,000 सिक्कों से भरा हुआ एक बड़ा सा पात्र मिला। डेव क्रिस्प नामक इस व्यक्ति ने यह खज़ाना धातु पता लगाने वाले उपकरण की सहायता से खोज निकाला। चाँदी और कांसे से बने हुए ये प्राचीन सिक्के तीसरी ईसवीं के थे, उनका कुल वज़न 350 पौंड था और उनकी कीमत 50 लाख अमेरीकी डॉलर आंकी गई थी।

   हो सकता है कि क्रिस्प की इस खोज की बात जानकर हम भी किसी ऐसे ही गड़े खज़ाने के मिलने के स्वप्न देखने लगें, लेकिन हम मसीही विश्वासियों को एक अलग ही प्रकार के खज़ाने के खोजी होना चाहिए। जो खज़ाना हम मसीही विश्वासियों के लिए महत्वपूर्ण है वह सोने-चाँदी तथा पार्थिव वस्तुओं का नहीं है, वरन वह परमेश्वर के वचन बाइबल की अद्भुत सच्चाईयों और गूढ़ बातों तथा मसीह यीशु की पहचान होने का है: "...और वे पूरी समझ का सारा धन प्राप्त करें, और परमेश्वर पिता के भेद को अर्थात मसीह को पहिचान लें। जिस में बुद्धि और ज्ञान से सारे भण्‍डार छिपे हुए हैं" (कुलुस्सियों 2:2-3)। प्रभु यीशु को और भली रीति से जानने से प्राप्त होने वाली आशीष केवल बाइबल के अध्ययन और मनन के द्वारा ही प्राप्त हो सकती है। भजनकार ने परमेश्वर के वचन के धन के लिए लिखा है: "जैसे कोई बड़ी लूट पा कर हर्षित होता है, वैसे ही मैं तेरे वचन के कारण हर्षित हूं" (भजन 119:162)।

   यदि हम परमेश्वर के वचन को जल्दबाज़ी में या लापरवाही से पढ़ेंगे तो उसके अद्भुत विचारों और गूढ़ बातों को समझ नहीं पाएंगे। बाइबल की सच्चाईयों के खज़ाने तो पूरी लगन से पढ़ने और ध्यानपूर्वक खोजने से ही मिल सकते हैं। डेव क्रिस्प ने यह खज़ाना धातु पता लगाने वाले उपकरण की सहायता से खोज निकाला, परमेश्वर ने हम मसीही विश्वासियों को बाइबल के खज़ाने खोज निकालने के लिए अपना आत्मा दिया है जो हमें उसके वचन की बातें बताता, सिखाता और समझता है।

   क्या आप भी परमेश्वर के खज़ाने पाने के इच्छुक हैं; बाइबल में से पवित्र आत्मा की सहायता से प्रभु यीशु को और अधिक जानना आरंभ कर दें, अनन्त आशीष के छिपे खज़ाने आपके होंगे। - डेनिस फिशर


बाइबल के खज़ाने मनन के फावड़े से ही खोदे जा सकते हैं।

जिस में बुद्धि और ज्ञान से सारे भण्‍डार छिपे हुए हैं। - कुलुस्सियों 2:3

बाइबल पाठ: कुलुस्सियों 1:27-2:3
Colossians 1:27 जिन पर परमेश्वर ने प्रगट करना चाहा, कि उन्हें ज्ञात हो कि अन्यजातियों में उस भेद की महिमा का मूल्य क्या है और वह यह है, कि मसीह जो महिमा की आशा है तुम में रहता है। 
Colossians 1:28 जिस का प्रचार कर के हम हर एक मनुष्य को जता देते हैं और सारे ज्ञान से हर एक मनुष्य को सिखाते हैं, कि हम हर एक व्यक्ति को मसीह में सिद्ध कर के उपस्थित करें। 
Colossians 1:29 और इसी के लिये मैं उस की उस शक्ति के अनुसार जो मुझ में सामर्थ के साथ प्रभाव डालती है तन मन लगाकर परिश्रम भी करता हूं। 
Colossians 2:1 मैं चाहता हूं कि तुम जान लो, कि तुम्हारे और उन के जो लौदीकिया में हैं, और उन सब के लिये जिन्हों ने मेरा शारीरिक मुंह नहीं देखा मैं कैसा परिश्रम करता हूं। 
Colossians 2:2 ताकि उन के मनों में शान्‍ति हो और वे प्रेम से आपस में गठे रहें, और वे पूरी समझ का सारा धन प्राप्त करें, और परमेश्वर पिता के भेद को अर्थात मसीह को पहिचान लें। 
Colossians 2:3 जिस में बुद्धि और ज्ञान से सारे भण्‍डार छिपे हुए हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • मीका 6-7 
  • प्रकाशितवाक्य 13


शनिवार, 21 दिसंबर 2013

अस्वीकृत ज्योति


  दिसंबर 21, 2010 के आरंभिक घंटों में मैंने वह दृश्य देखा जो इससे पहले सन 1638 में घटा था - शरद ऋतु के उच्चतम समय में होने वाला पूर्ण चन्द्रग्रहण। मेरे देखते देखते, धीरे से पृथ्वी की छाया चन्द्रमा पर छा गई और चमकता हुआ चांद गहरे लाल रंग का हो गया। यह एक अद्भुत और अविस्मर्णीय दृश्य था। ज्योति और अन्धकार के इस दृश्य को देखते हुए मेरा ध्यान इस बात पर गया कि यद्यपि भौतिक अन्धकार परमेश्वर की योजना का एक भाग हो सकता है लेकिन आत्मिक अन्धकार उस की योजना का भाग कतई नहीं है।
   इस संदर्भ में स्कॉटलैण्ड के एक पास्टर, एलैक्ज़ैन्डर मैक्लैरन ने कहा था, "सबसे गहन अन्धकार का कारण ज्योति की अस्वीकृति है, और जो व्यक्ति ज्योति के पास होने पर भी उस पर विश्वास नहीं करता वह अपने चारों ओर निराशा और अन्धकार के घने बादल बटोर लेता है"। प्रभु यीशु ने मनुष्यों द्वारा स्वयं ही अपने आत्मा और मन पर थोपे गए इस अन्धकार के विष्य में कहा, "परन्तु यदि तेरी आंख बुरी हो, तो तेरा सारा शरीर भी अन्धियारा होगा; इस कारण वह उजियाला जो तुझ में है यदि अन्धकार हो तो वह अन्धकार कैसा बड़ा होगा" (मत्ती 6:23)।
   क्रिसमस का यह अवसर संसार के सभी लोगों को निमंत्रण है कि वे पाप के अन्धकार को दूर करने वाले उद्धारकर्ता तथा जगत की ज्योति प्रभु यीशु को अपने अन्दर आने के निमंत्रण देकर अपने अन्दर के अन्धकार से बाहर निकल कर सच्ची ज्योति में रहने लगें: प्रभु यीशु ने कहा: "जब तक ज्योति तुम्हारे साथ है, ज्योति पर विश्वास करो कि तुम ज्योति के सन्तान होओ।" "मैं जगत में ज्योति हो कर आया हूं ताकि जो कोई मुझ पर विश्वास करे, वह अन्धकार में न रहे" (यूहन्ना 12:36, 46)।
   परमेश्वर ने पाप के अन्धकार को दूर करने वाली ज्योति संसार में भेजी है, आपने उसे स्वीकृत किया है या अस्वीकृत? - डेविड मैक्कैसलैंड


जब हम ज्योति में चलेंगे तो अन्धकार में ठोकर नहीं खाएंगे।

तब यीशु ने फिर लोगों से कहा, जगत की ज्योति मैं हूं; जो मेरे पीछे हो लेगा, वह अन्धकार में न चलेगा, परन्तु जीवन की ज्योति पाएगा। - यूहन्ना 8:12

बाइबल पाठ: यूहन्ना 12:35-46
John 12:35 यह मनुष्य का पुत्र कौन है? यीशु ने उन से कहा, ज्योति अब थोड़ी देर तक तुम्हारे बीच में है, जब तक ज्योति तुम्हारे साथ है तब तक चले चलो; ऐसा न हो कि अन्धकार तुम्हें आ घेरे; जो अन्धकार में चलता है वह नहीं जानता कि किधर जाता है। 
John 12:36 जब तक ज्योति तुम्हारे साथ है, ज्योति पर विश्वास करो कि तुम ज्योति के सन्तान होओ। ये बातें कहकर यीशु चला गया और उन से छिपा रहा। 
John 12:37 और उसने उन के साम्हने इतने चिन्ह दिखाए, तौभी उन्होंने उस पर विश्वास न किया। 
John 12:38 ताकि यशायाह भविष्यद्वक्ता का वचन पूरा हो जो उसने कहा कि हे प्रभु हमारे समाचार की किस ने प्रतीति की है? और प्रभु का भुजबल किस पर प्रगट हुआ? 
John 12:39 इस कारण वे विश्वास न कर सके, क्योंकि यशायाह ने फिर भी कहा। 
John 12:40 कि उसने उन की आंखें अन्‍धी, और उन का मन कठोर किया है; कहीं ऐसा न हो, कि आंखों से देखें, और मन से समझें, और फिरें, और मैं उन्हें चंगा करूं। 
John 12:41 यशायाह ने ये बातें इसलिये कहीं, कि उसने उस की महिमा देखी; और उसने उसके विषय में बातें कीं। 
John 12:42 तौभी सरदारों में से भी बहुतों ने उस पर विश्वास किया, परन्तु फरीसियों के कारण प्रगट में नहीं मानते थे, ऐसा न हो कि आराधनालय में से निकाले जाएं। 
John 12:43 क्योंकि मनुष्यों की प्रशंसा उन को परमेश्वर की प्रशंसा से अधिक प्रिय लगती थी। 
John 12:44 यीशु ने पुकारकर कहा, जो मुझ पर विश्वास करता है, वह मुझ पर नहीं, वरन मेरे भेजने वाले पर विश्वास करता है। 
John 12:45 और जो मुझे देखता है, वह मेरे भेजने वाले को देखता है। 
John 12:46 मैं जगत में ज्योति हो कर आया हूं ताकि जो कोई मुझ पर विश्वास करे, वह अन्धकार में न रहे।

एक साल में बाइबल: 
  • मीका 4-5 
  • प्रकाशितवाक्य 12


शुक्रवार, 20 दिसंबर 2013

कर्तव्य


   मैंने एक स्थानीय भोजनालय में अपने बच्चों के साथ भोजन समाप्त किया था और बच्चे भोजन से संबंधित कूड़ा वहाँ रखे कूड़ेदान में डाल कर मुड़ ही रहे थे कि एक बड़ी तेज़ी से आ रहे व्यक्ति से उनकी टक्कर होते होते बची। मेरे छोटे बेटे ने चुटकी ली, "शायद यह व्यक्ति कोई चोरी कर के भाग रहा होगा"। मैंने सोचा यह कुछ शिक्षा देने का अच्छा अवसर है और उन से कहा, "बाइबल इस प्रकार के प्रत्युत्तर को दूसरे को जाँचना कहती है, जो हमारा नहीं परमेश्वर का कार्य है।" मेरे बेटे ने तुरंत उत्तर दिया, "आप हमेशा शिक्षा देने में क्यों लगे रहते हैं?" मेरी हंसी निकल गई, हंसी थमने के बाद मैंने उससे कहा, "एक पिता होने के नाते यह मेरा एक ऐसा कर्तव्य है जिससे मैं कभी अवकाश नहीं ले सकता।"

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने इफिसियों के विश्वासियों की मसीही मण्डली को स्मरण दिलाया कि वह भी कभी प्रभु यीशु के अनुयायियों को शिक्षा देने से अवकाश नहीं लेने पाया था (प्रेरितों 20)। पौलुस जानता था कि उनके मध्य गलत शिक्षाएं देने वाले आएंगे और मण्डली का नाश करने का प्रयत्न करेंगे, इस लिए यह मण्डली के अगुवों का कर्तव्य था कि वे उन नाश करने वालों से मण्डली के लोगों को बचा कर रखें। परमेश्वर के लोगों की देखभाल करने में उन्हें सही और सच्ची मसीही शिक्षाओं का आत्मिक भोजन, नम्रता और संयम के साथ उनका नेतृत्व और दृढ़ता के साथ उनको चिताना सम्मिलित हैं। मण्डली के अगुवों को इस कर्तव्य को निभाने के लिए हमारे और जगत के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु द्वारा इस उद्धार के लिए क्रूस पर चुकाई गई कीमत को सदा स्मरण रखना चाहिए (पद 28)।

   मण्डली के अगुवों पर हमारी आत्माओं की देखभाल की एक बड़ी ज़िम्मेदारी है, जिसके लिए एक दिन वे प्रभु यीशु को लेखा देंगे। इसलिए आईए हम अपने अगुवों के साथ सहयोग करने का मन बना लें और उनके विश्वासयोग्य और परमेश्वर के भय में दिए गए नेतृत्व के प्रति आज्ञाकारी और समर्पित रहने के द्वारा उनके आनन्द का कारण बनें (इब्रानियों 13:17)। - मार्विन विलियम्स


परमेश्वर के वचन को ग्रहण करने के बाद परमेश्वर के कार्य को करना हमारा कर्तव्य है।

अपने अगुवों की मानो; और उनके आधीन रहो, क्योंकि वे उन की नाईं तुम्हारे प्राणों के लिये जागते रहते, जिन्हें लेखा देना पड़ेगा, कि वे यह काम आनन्द से करें, न कि ठंडी सांस ले ले कर, क्योंकि इस दशा में तुम्हें कुछ लाभ नहीं। - इब्रानियों 13:17

बाइबल पाठ: प्रेरितों 20:17-32
Acts 20:17 और उसने मीलेतुस से इफिसुस में कहला भेजा, और कलीसिया के प्राचीनों को बुलवाया। 
Acts 20:18 जब वे उस के पास आए, तो उन से कहा, तुम जानते हो, कि पहिले ही दिन से जब मैं आसिया में पहुंचा, मैं हर समय तुम्हारे साथ किस प्रकार रहा। 
Acts 20:19 अर्थात बड़ी दीनता से, और आंसू बहा बहाकर, और उन परीक्षाओं में जो यहूदियों के षडयन्‍त्र के कारण मुझ पर आ पड़ी; मैं प्रभु की सेवा करता ही रहा। 
Acts 20:20 और जो जो बातें तुम्हारे लाभ की थीं, उन को बताने और लोगों के साम्हने और घर घर सिखाने से कभी न झिझका। 
Acts 20:21 वरन यहूदियों और यूनानियों के साम्हने गवाही देता रहा, कि परमेश्वर की ओर मन फिराना, और हमारे प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास करना चाहिए। 
Acts 20:22 और अब देखो, मैं आत्मा में बन्‍धा हुआ यरूशलेम को जाता हूं, और नहीं जानता, कि वहां मुझ पर क्या क्या बीतेगा 
Acts 20:23 केवल यह कि पवित्र आत्मा हर नगर में गवाही दे देकर मुझ से कहता है, कि बन्‍धन और क्‍लेश तेरे लिये तैयार हैं। 
Acts 20:24 परन्तु मैं अपने प्राण को कुछ नहीं समझता: कि उसे प्रिय जानूं, वरन यह कि मैं अपनी दौड़ को, और उस सेवाकाई को पूरी करूं, जो मैं ने परमेश्वर के अनुग्रह के सुसमाचार पर गवाही देने के लिये प्रभु यीशु से पाई है। 
Acts 20:25 और अब देखो, मैं जानता हूं, कि तुम सब जिनमें मैं परमेश्वर के राज्य का प्रचार करता फिरा, मेरा मुंह फिर न देखोगे। 
Acts 20:26 इसलिये मैं आज के दिन तुम से गवाही देकर कहता हूं, कि मैं सब के लोहू से निर्दोष हूं। 
Acts 20:27 क्योंकि मैं परमेश्वर की सारी मनसा को तुम्हें पूरी रीति से बनाने से न झिझका। 
Acts 20:28 इसलिये अपनी और पूरे झुंड की चौकसी करो; जिस से पवित्र आत्मा ने तुम्हें अध्यक्ष ठहराया है; कि तुम परमेश्वर की कलीसिया की रखवाली करो, जिसे उसने अपने लोहू से मोल लिया है। 
Acts 20:29 मैं जानता हूं, कि मेरे जाने के बाद फाड़ने वाले भेड़िए तुम में आएंगे, जो झुंड को न छोड़ेंगे। 
Acts 20:30 तुम्हारे ही बीच में से भी ऐसे ऐसे मनुष्य उठेंगे, जो चेलों को अपने पीछे खींच लेने को टेढ़ी मेढ़ी बातें कहेंगे। 
Acts 20:31 इसलिये जागते रहो; और स्मरण करो; कि मैं ने तीन वर्ष तक रात दिन आंसू बहा बहा कर, हर एक को चितौनी देना न छोड़ा। 
Acts 20:32 और अब मैं तुम्हें परमेश्वर को, और उसके अनुग्रह के वचन को सौंप देता हूं; जो तुम्हारी उन्नति कर सकता है, और सब पवित्रों में साझी कर के मीरास दे सकता है।

एक साल में बाइबल: 
  • मीका 1-3 
  • प्रकाशितवाक्य 11


गुरुवार, 19 दिसंबर 2013

सब ठीक है


   हाल ही में मेरी और मेरे पति की पुनःमुलाकात एक जवान व्यक्ति, मैथ्यु, से हुई जिसे हम उसके बचपने में जानते थे। बीती यादों को ताज़ा करते हुए हम ने मैथ्यु द्वारा, उसके लड़कपन के समय, एक क्रिसमस कार्यक्रम में गाए भजन "All is Well" (सब ठीक है) को स्मरण किया। एक सुन्दर भजन को भली भांति गाए जाने की वह एक अच्छी याद थी। यह भजन लोगों को ऊँची आवाज़ में प्रभु यीशु के जन्म की खुशी और सब कुछ ठीक होने के कारण परमेश्वर की स्तुति करने को प्रेरित करता है।

   क्रिसमस के समय इस भजन के बोल बहुत से लोगों के लिए बड़े शांतिदायक होते हैं, लेकिन कुछ लोग इस भजन के सन्देश को ग्रहण नहीं कर पाते क्योंकि उनके जीवनों में सब कुछ ठीक नहीं होता है, वे किसी समस्या, किसी प्रीय जन की मृत्यु के शोक, बेरोज़गारी, किसी गंभीर बीमारी या बनी हुई निराशा से जूझ रहे होते हैं और इस गीत को सुनकर उनके मन से चीत्कार निकलती है - "नहीं! सब ठीक नहीं है!"

   लेकिन उन लोगों के लिए जो प्रभु यीशु के जन्म के आनन्द को मनाते हैं, जो प्रभु यीशु की सामर्थ को जानते हैं, जो प्रभु यीशु को समर्पित जीवन व्यतीत करते हैं, उनके लिए हर प्रतिकूल परिस्थिति में भी मसीह यीशु के उनके जीवन में उपस्थित तथा कार्यरत होने के कारण सब कुछ ठीक रहता है। हम मसीही विश्वासी अपने किसी कष्ट या पीड़ा में कभी अकेले नहीं हैं, परमेश्वर सदैव हमारे साथ रहता है और हमें कभी ना छोड़ने का उसका वायदा है (इब्रानियों 13:5)। परमेश्वर का वायदा है कि हर परिस्थिति में उसका अनुग्रह हमारे लिए काफी है (1 कुरिन्थियों 12:9)। परमेश्वर ने हमारी हर आवश्यकता की पूर्ति का वायदा किया है (फिलिप्पियों 4:19)। और सबसे बढ़कर परमेश्वर का वायदा हमें अनन्त आशीष का जीवन देने का है (यूहन्ना 10:27-28), जो एक ऐसा वायदा है जो कभी किसी और ने अपने किसी अनुयायी से नहीं किया।

   जब हम परमेश्वर की अपने विश्वासियों से करी गई इन प्रतिज्ञाओं को स्मरण करते हैं तो हमारे पास उस भजन के लेखकों के साथ सहमत होने के सिवाए और कुछ करने को नहीं रह जाता, क्योंकि जैसा उस गीत में आया है, "मेरे आगे, मेरे पीछे परमेश्वर है और सब ठीक है"। - सिंडी हैस कैस्पर


जब परमेश्वर की शान्ति मन में होती है तो हम परमेश्वर की उपस्थिति के तकिए पर सर रखकर आराम से सो सकते हैं।

तुम्हारा स्‍वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। - इब्रानियों 13:5

बाइबल पाठ: भजन 46
Psalms 46:1 परमेश्वर हमारा शरणस्थान और बल है, संकट में अति सहज से मिलने वाला सहायक। 
Psalms 46:2 इस कारण हम को कोई भय नहीं चाहे पृथ्वी उलट जाए, और पहाड़ समुद्र के बीच में डाल दिए जाएं; 
Psalms 46:3 चाहे समुद्र गरजे और फेन उठाए, और पहाड़ उसकी बाढ़ से कांप उठें।। 
Psalms 46:4 एक नदी है जिसकी नहरों से परमेश्वर के नगर में अर्थात परमप्रधान के पवित्र निवास भवन में आनन्द होता है। 
Psalms 46:5 परमेश्वर उस नगर के बीच में है, वह कभी टलने का नहीं; पौ फटते ही परमेश्वर उसकी सहायता करता है। 
Psalms 46:6 जाति जाति के लोग झल्ला उठे, राज्य राज्य के लोग डगमगाने लगे; वह बोल उठा, और पृथ्वी पिघल गई। 
Psalms 46:7 सेनाओं का यहोवा हमारे संग है; याकूब का परमेश्वर हमारा ऊंचा गढ़ है।। 
Psalms 46:8 आओ, यहोवा के महाकर्म देखो, कि उसने पृथ्वी पर कैसा कैसा उजाड़ किया है। 
Psalms 46:9 वह पृथ्वी की छोर तक लड़ाइयों को मिटाता है; वह धनुष को तोड़ता, और भाले को दो टुकड़े कर डालता है, और रथों को आग में झोंक देता है! 
Psalms 46:10 चुप हो जाओ, और जान लो, कि मैं ही परमेश्वर हूं। मैं जातियों में महान हूं, मैं पृथ्वी भर में महान हूं! 
Psalms 46:11 सेनाओं का यहोवा हमारे संग है; याकूब का परमेश्वर हमारा ऊंचा गढ़ है।

एक साल में बाइबल: 
  • योना 1-4 
  • प्रकाशितवाक्य 10


बुधवार, 18 दिसंबर 2013

यात्रा


   नासरत से बैतलेहम की दूरी कितनी है? गलील के नासरत से, जो प्रभु यीशु के शारीरिक माता-पिता - मरियम और यूसुफ के रहने का स्थान था, बैतलेहम लगभग 80 मील की दूरी पर है। यह यात्रा करने के लिए  यूसुफ और गर्भवती मरियम को लगभग एक सप्ताह लगा होगा। जब वे वहाँ पहुँचे तो उन्हें रहने के लिए कोई अच्छा होटल का कमरा नहीं मिला; जो मिला वह थी एक गौशाला, और वहीं मरियम ने अपने पहिलौठे पुत्र को जन्म दिया (लूका 2:7)।

   लेकिन प्रभु यीशु की यह यात्रा तो 80 मील से कहीं अधिक लंबी है - वे स्वर्ग में परमेश्वर के दाहिने के अपने स्थान से इस पृथ्वी पर आए, मानव रूप स्वीकार किया, लगभग 33 वर्ष का जीवन काल इस पृथ्वी पर बिताया। वे क्रूस पर टाँगे जाकर मारे गए और एक उधार की कब्र में दफनाए गए; लेकिन उनकी यात्रा क यह अन्त नहीं था। वे तीसरे दिन मृतकों में से जी उठे, मनुष्यों के बीच में 40 दिन तक चलते फिरते रहे और फिर अपने चेलों के देखते देखते स्वर्ग पर उठा लिए गए। यह भी उनकी यात्रा का अन्त नहीं है; अभी वे स्वर्ग में हम मसीही विश्वासियों के सहायक हैं, पिता परमेश्वर से हमारे लिए विनती करते हैं और हमारे रहने का स्थान तैयार कर रहे हैं, और बहुत शीघ्र एक दिन वे वापस आएंगे - राजाओं के राजा और प्रभुओं के प्रभु बन कर और अनन्त काल तक उनका राज्य इस सृष्टि पर बना रहेगा, उनके अनुयायी उनके साथ बने रहेंगे।

   इस वर्ष, क्रिसमस के उपलक्ष में जब आप कोई यात्रा करें तो उस यात्रा पर भी विचार करें जो प्रभु यीशु ने आपके लिए करी। वे स्वर्ग की महीमा छोड़कर इस पृथ्वी पर अपमानित होने और श्रापित मृत्यु झेलने आ गए जिससे हम मनुष्यों को पापों की क्षमा और अनन्त काल की महिमा मिल सके। अपने महिमामय पुनरुत्थान के द्वारा उन्होंने अपने परमेश्वरत्व को प्रमाणित किया और अपनी महिमा में संभागी होने का आदर अपने अनुयायियों को भी दिया।

   परमेश्वर का धन्यवाद हो उस पहले क्रिसमस की यात्रा के लिए जिससे समस्त मानव जाति के लिए अनन्त महिमा का मार्ग खुल गया। क्या आपने प्रभु के इस निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है? - डेव एगनर


प्रभु यीशु हमारे लिए स्वर्ग से पृथ्वी पर आए जिससे हम उनके साथ पृथ्वी से स्वर्ग जा सकें।

वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना; क्योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा। - मत्ती 1:21

बाइबल पाठ: गलतियों 4:1-7
Galatians 4:1 मैं यह कहता हूं, कि वारिस जब तक बालक है, यद्यपि सब वस्‍तुओं का स्‍वामी है, तौभी उस में और दास में कुछ भेद नहीं। 
Galatians 4:2 परन्तु पिता के ठहराए हुए समय तक रक्षकों और भण्‍डारियों के वश में रहता है। 
Galatians 4:3 वैसे ही हम भी, जब बालक थे, तो संसार की आदि शिक्षा के वश में हो कर दास बने हुए थे। 
Galatians 4:4 परन्तु जब समय पूरा हुआ, तो परमेश्वर ने अपने पुत्र को भेजा, जो स्त्री से जन्मा, और व्यवस्था के आधीन उत्पन्न हुआ। 
Galatians 4:5 ताकि व्यवस्था के आधीनों को मोल ले कर छुड़ा ले, और हम को लेपालक होने का पद मिले। 
Galatians 4:6 और तुम जो पुत्र हो, इसलिये परमेश्वर ने अपने पुत्र के आत्मा को, जो हे अब्‍बा, हे पिता कह कर पुकारता है, हमारे हृदय में भेजा है। 
Galatians 4:7 इसलिये तू अब दास नहीं, परन्तु पुत्र है; और जब पुत्र हुआ, तो परमेश्वर के द्वारा वारिस भी हुआ। 

एक साल में बाइबल: 
  • ओब्द्याह 
  • प्रकाशितवाक्य 9


मंगलवार, 17 दिसंबर 2013

आशा


   एक शाम मैं और मेरा परिवार एक क्रिसमस पार्टी से वापस लौट रहे थे, हमारे मार्ग में बर्फ से ढकी और चमकती हुई पहाड़ियों के बीच बना हुआ एक छोटा सा चर्च भवन पड़ा। दूर ही से उस चर्च के बाहर लगी सजावट की बत्तियाँ दिखाई दे रही थीं जिस से उस चर्च के लोगों ने अँग्रेज़ी के अक्षर HOPE अर्थात आशा लिखा हुआ था। अन्धकार में चमकते हुए दूर ही से दिख जाने वाले उस शब्द ने मुझे स्मरण दिलाया कि मानवजाति की आशा जो सदा से थी और सदा के लिए है वह प्रभु यीशु ही है।

   प्रभु यीशु के जन्म से पहले भी लोग आने वाले मसीहा की बाट जोह रहे थे - वह मसीहा जो उनके पापों को उठा ले और परमेश्वर के साथ उनके लिए मध्यस्तता करे (यशायाह 53:12)। परमेश्वर ने अपने वचन द्वारा उन्हें बताया हुआ था कि यह मसीहा एक कुँवारी से जन्म लेगा, और उसका जन्म स्थान बैतलेहम होगा तथा वह इम्मैनुएल अर्थात परमेश्वर हमारे साथ कहलाएगा (यशायाह 7:14)। जिस रात प्रभु यीशु का जन्म हुआ, लोगों की यह आशा पूरी हुई (लूका 2:1-14)।

   यद्यपि आज हम प्रभु यीशु के एक शिशु के रूप में आगमन की बाट नहीं जोह रहे हैं, लेकिन वह आज भी हमारी आशा है। अब हम उसके दूसरे आगमन की प्रतीक्षा में हैं (मत्ती 24:30), और हम उस स्वर्गीय निवास स्थान की आशा में हैं जो वह हमारे लिए तैयार कर रहा है और जहाँ वह हमें ले कर जाएगा (यूहन्ना 14:2-3) और फिर उस स्वर्गीय स्थान में हम उसके साथ अनन्त काल तक रहेंगे (1 थिस्सलुनिकीयों 4:16)। हम मसीही विश्वासी बड़े निश्चय से उस भविष्य की बाट जोह सकते हैं क्योंकि वह शिशु जो बैतलेहम की गौशाला की चरनी में जन्मा था वही प्रभु यीशु, हमारी आशा है (1तिमुथियुस 1:1)। - जेनिफर बेनसन शुल्ट


क्रिसमस का सन्देश है: इम्मैनुएल अर्थात परमेश्वर हमारे साथ।

इस कारण प्रभु आप ही तुम को एक चिन्ह देगा। सुनो, एक कुमारी गर्भवती होगी और पुत्र जनेगी, और उसका नाम इम्मानूएल रखेगी। - यशायाह 7:14

बाइबल पाठ: यशायाह 53
Isaiah 53:1 जो समाचार हमें दिया गया, उसका किस ने विश्वास किया? और यहोवा का भुजबल किस पर प्रगट हुआ? 
Isaiah 53:2 क्योंकि वह उसके साम्हने अंकुर की नाईं, और ऐसी जड़ के समान उगा जो निर्जल भूमि में फूट निकले; उसकी न तो कुछ सुन्दरता थी कि हम उसको देखते, और न उसका रूप ही हमें ऐसा दिखाई पड़ा कि हम उसको चाहते। 
Isaiah 53:3 वह तुच्छ जाना जाता और मनुष्यों का त्यागा हुआ था; वह दु:खी पुरूष था, रोग से उसकी जान पहिचान थी; और लोग उस से मुख फेर लेते थे। वह तुच्छ जाना गया, और, हम ने उसका मूल्य न जाना।
Isaiah 53:4 निश्चय उसने हमारे रोगों को सह लिया और हमारे ही दु:खों को उठा लिया; तौभी हम ने उसे परमेश्वर का मारा-कूटा और दुर्दशा में पड़ा हुआ समझा। 
Isaiah 53:5 परन्तु वह हमारे ही अपराधों के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के हेतु कुचला गया; हमारी ही शान्ति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी कि उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं। 
Isaiah 53:6 हम तो सब के सब भेड़ों की नाईं भटक गए थे; हम में से हर एक ने अपना अपना मार्ग लिया; और यहोवा ने हम सभों के अधर्म का बोझ उसी पर लाद दिया।
Isaiah 53:7 वह सताया गया, तौभी वह सहता रहा और अपना मुंह न खोला; जिस प्रकार भेड़ वध होने के समय वा भेड़ी ऊन कतरने के समय चुपचाप शान्त रहती है, वैसे ही उसने भी अपना मुंह न खोला। 
Isaiah 53:8 अत्याचार कर के और दोष लगाकर वे उसे ले गए; उस समय के लोगों में से किस ने इस पर ध्यान दिया कि वह जीवतों के बीच में से उठा लिया गया? मेरे ही लोगों के अपराधों के कारण उस पर मार पड़ी। 
Isaiah 53:9 और उसकी कब्र भी दुष्टों के संग ठहराई गई, और मृत्यु के समय वह धनवान का संगी हुआ, यद्यपि उसने किसी प्रकार का अपद्रव न किया था और उसके मुंह से कभी छल की बात नहीं निकली थी।। 
Isaiah 53:10 तौभी यहोवा को यही भाया कि उसे कुचले; उसी ने उसको रोगी कर दिया; जब तू उसका प्राण दोषबलि करे, तब वह अपना वंश देखने पाएगा, वह बहुत दिन जीवित रहेगा; उसके हाथ से यहोवा की इच्छा पूरी हो जाएगी। 
Isaiah 53:11 वह अपने प्राणों का दु:ख उठा कर उसे देखेगा और तृप्त होगा; अपने ज्ञान के द्वारा मेरा धर्मी दास बहुतेरों को धर्मी ठहराएगा; और उनके अधर्म के कामों का बोझ आप उठा लेगा। 
Isaiah 53:12 इस कारण मैं उसे महान लोगों के संग भाग दूंगा, और, वह सामर्थियों के संग लूट बांट लेगा; क्योंकि उसने अपना प्राण मृत्यु के लिये उण्डेल दिया, वह अपराधियों के संग गिना गया; तौभी उसने बहुतों के पाप का बोझ उठ लिया, और, अपराधियों के लिये बिनती करता है।

एक साल में बाइबल: 
  • अमोस 7-9 
  • प्रकाशितवाक्य 8


सोमवार, 16 दिसंबर 2013

परिणाम


   आहा, सुअर का जीवन! हर दिन का बस एक ही काम - कीचड़ और गन्दगी में लोटते रहना, भोजन भी गन्दगी से ही निकालना और फिर मस्त होकर आवाज़ें निकालना; वाह, क्या जीवन है!

   क्या आपको ऐसा जीवन अच्छा लगेगा? नहीं, कदापि नहीं। और उस उड़ाऊ पुत्र को भी अच्छा नहीं लगा, इसीलिए ऐसे जीवन में आते ही उसे अपना पिछला समय स्मरण हो आया, जब अपने पिता के घर में उसके पास अच्छा स्थान, साफ बिस्तर, पिता का प्रेम, अच्छा भोजन और एक सुरक्षित सुखद भविष्य था। लेकिन तब उस के लिए यह सब पर्याप्त नहीं था, उसे तो मौज-मस्ती करने की स्वतंत्रता चाहिए थी; वह मनमानी करना चाहता था, अपना जीवन को स्वयं निर्धारित करना चाहता था, और उसने ऐसा किया, लेकिन थोड़े समय की मौज मस्ती के बाद अन्ततः परिणाम क्या निकला - सूअरों के साथ रहना और उनके भोजन को भी तरसना। तब उसे अपने पिता और अपने घर की याद आई, वहाँ की बातों की कीमत पता चली।

   जब भी कोई जवान परमेश्वर के भय में चलने वाले माता-पिता के मार्गदर्शन और परमेश्वर के वचन बाइबल के निर्देशों की अवहेलना करता है, तो परिणामस्वरूप कुछ ऐसे ही नतीजे उसे भोगने पड़ते हैं। मुझे सदा ही आश्चर्य होता है जब कोई प्रभु यीशु को जानने का दावा तो करता है लेकिन जीवन शैली ऐसी रखता है जो परमेश्वर के वचन की शिक्षाओं के विपरीत है। चाहे उसके चुनाव यौन संबंधों के अथवा नशीले पदर्थों के सेवन से संबंधित पाप हों; चाहे वह बिना मेहनत किए निठले बैठे बैठे ही दूसरों के सहारे जीवन बिताना चाहता हो या फिर अन्य किसी रीति से बाइबल के निर्देशों की अवहेलना करे - जो भी निर्णय परमेश्वर और उसके वचन के प्रतिकूल होगा, अन्ततः उसका परिणाम बुरा और दुखद ही होगा।

   यदि हम बाइबल की स्पष्ट नैतिक शिक्षाओं तथा परमेश्वर के साथ अपने संबंध को नज़रन्दाज़ करेंगे, तो अपने लिए परेशानी ही उत्पन्न करेंगे। जिस जवान व्यक्ति की बात से हमने आरंभ किया था, जब वह पश्चाताप के साथ अपने पिता के पास लौट आया, तो उसे ना केवल क्षमा मिली वरन उसे वह सब कुछ भी वापस मिल गया जिसे छोड़ कर वह संसार में चला गया था।

   ज़रा अपने बारे में विचार कीजिए - संसार की लालसाओं और अभिलाषाओं की प्राप्ति के लिए कहीं आप भी परमेश्वर की अवाज्ञाकारिता तो नहीं कर रहे हैं? क्या परमेश्वर के साथ आपके संबंध ठीक बने हुए हैं? यदि नहीं, तो अब अवसर है, पश्चाताप के साथ लौट आईए और प्रभु यीशु से पापों की क्षमा माँग लीजिए तथा अपने जीवन की कमान उसे सौंप दीजिए, अन्यथा परिणाम अति कष्टदायक और भयानक होगा। - डेव ब्रैनन


यदि पाप इतना छली ना होता तो इतना लुभावना भी नहीं होता।

क्योंकि यदि तुम शरीर के अनुसार दिन काटोगे, तो मरोगे, यदि आत्मा से देह की क्रीयाओं को मारोगे, तो जीवित रहोगे। - रोमियों 8:13

बाइबल पाठ: लूका 15:11-24
Luke 15:11 फिर उसने कहा, किसी मनुष्य के दो पुत्र थे। 
Luke 15:12 उन में से छुटके ने पिता से कहा कि हे पिता संपत्ति में से जो भाग मेरा हो, वह मुझे दे दीजिए। उसने उन को अपनी संपत्ति बांट दी। 
Luke 15:13 और बहुत दिन न बीते थे कि छुटका पुत्र सब कुछ इकट्ठा कर के एक दूर देश को चला गया और वहां कुकर्म में अपनी संपत्ति उड़ा दी। 
Luke 15:14 जब वह सब कुछ खर्च कर चुका, तो उस देश में बड़ा अकाल पड़ा, और वह कंगाल हो गया। 
Luke 15:15 और वह उस देश के निवासियों में से एक के यहां जा पड़ा: उसने उसे अपने खेतों में सूअर चराने के लिये भेजा। 
Luke 15:16 और वह चाहता था, कि उन फलियों से जिन्हें सूअर खाते थे अपना पेट भरे; और उसे कोई कुछ नहीं देता था। 
Luke 15:17 जब वह अपने आपे में आया, तब कहने लगा, कि मेरे पिता के कितने ही मजदूरों को भोजन से अधिक रोटी मिलती है, और मैं यहां भूखा मर रहा हूं। 
Luke 15:18 मैं अब उठ कर अपने पिता के पास जाऊंगा और उस से कहूंगा कि पिता जी मैं ने स्वर्ग के विरोध में और तेरी दृष्टि में पाप किया है। 
Luke 15:19 अब इस योग्य नहीं रहा कि तेरा पुत्र कहलाऊं, मुझे अपने एक मजदूर की नाईं रख ले। 
Luke 15:20 तब वह उठ कर, अपने पिता के पास चला: वह अभी दूर ही था, कि उसके पिता ने उसे देखकर तरस खाया, और दौड़कर उसे गले लगाया, और बहुत चूमा। 
Luke 15:21 पुत्र ने उस से कहा; पिता जी, मैं ने स्वर्ग के विरोध में और तेरी दृष्टि में पाप किया है; और अब इस योग्य नहीं रहा, कि तेरा पुत्र कहलाऊं। 
Luke 15:22 परन्तु पिता ने अपने दासों से कहा; फट अच्‍छे से अच्छा वस्‍त्र निकाल कर उसे पहिनाओ, और उसके हाथ में अंगूठी, और पांवों में जूतियां पहिनाओ। 
Luke 15:23 और पला हुआ बछड़ा लाकर मारो ताकि हम खांए और आनन्द मनावें। 
Luke 15:24 क्योंकि मेरा यह पुत्र मर गया था, फिर जी गया है: खो गया था, अब मिल गया है: और वे आनन्द करने लगे।

एक साल में बाइबल: 
  • अमोस 4-6 
  • प्रकाशितवाक्य 7


रविवार, 15 दिसंबर 2013

सहायक भूमिका


   अमेरिका के टी.वी. कलाकार एड मैकमोहन की सन 2009 में हुई मृत्योप्रांत एक समाचार पत्र में उनके प्रति व्यक्त श्रद्धांजलि में लिखा गया, एक सहायक के रूप में कार्य करने में वह नायक से भी उत्तम थे। एड मैकमोहन की ख्याति उनके 30 वर्ष के कार्यकाल में देर रात्रि प्रसारित होने वाले जॉनी कार्सन के कार्यक्रम में जॉनी के सहायक के रूप में सबसे अधिक थी। एड जॉनी के सहायक के रूप में जॉनी को सफलता की सीढ़ीयां चढ़ाने में सदा उनके उत्तम सहयोगी रहे थे। जबकि अधिकांश कलाकार अपने लिए महत्वपूर्ण भूमिकाएं पाने की चेष्टा में लगे रहते हैं, एड सहायक भूमिका में ही संतुष्ट थे।

   जब प्रेरित पौलुस ने निर्देश दिए कि प्रभु यीशु की मण्डली में मण्डली के सदस्यों को परमेश्वर से मिले आत्मिक वरदानों को किस प्रकार उपयोग करना है, तो उसने सब को एक दूसरे का सहायक और पूरक होने को कहा (रोमियों 12:3-8)। उसने अपने इस निर्देश के आरंभ में समझाया कि हम सबको अपनी वस्तविक स्थिति की पहचान रखनी चाहिए (पद 3), और निर्देश का अन्त यह कहते हुए किया: "भाईचारे के प्रेम से एक दूसरे पर दया रखो; परस्पर आदर करने में एक दूसरे से बढ़ चलो" (रोमियों 12:10); या, जैसे बाइबल शिक्षक और अनुवादक जे.बी. फिलिप ने अन्तिम वाक्यांश का अनुवाद किया, "...दूसरों को श्रेय देने को तत्पर रहो"।

   हमारे आत्मिक वरदान हमें परमेश्वर से मिले उपहार हैं जो उसने हमारी किसी योग्यता या सामर्थ के अनुसार नहीं वरन अपने बड़े अनुग्रह में होकर अपनी इच्छा के अनुसार हमें दिए हैं, और हमें इन्हें अपनी इच्छा के अनुसार या अपने स्वार्थ के लिए नहीं वरन प्रेम और विश्वास के साथ मसीह यीशु की सेवा के लिए प्रयोग करना है।

   परमेश्वर हम पर अनुग्रह करे कि हम उससे मिलने वाली सभी सहायक भूमिकाओं को भी उत्साह और समर्पण के साथ उसकी महिमा और उसके गौरव के लिए निभाने वाले बन सकें और तब परमेश्वर हमें अपने समय और रीति से स्वतः ही आदर का पात्र बना देगा (1 पतरस 5:6)। - डेविड मैक्कैसलैंड


मसीह की मण्डली सर्वोत्तम रीति से तब ही कार्य सकती है जब सब उसके सदस्य दर्श्क नहीं वरन परस्पर सहयोगी हो कर कार्य करने वाले बनें।

इसलिये परमेश्वर के बलवन्‍त हाथ के नीचे दीनता से रहो, जिस से वह तुम्हें उचित समय पर बढ़ाए। - 1 पतरस 5:6 

बाइबल पाठ: रोमियों 12:9-21
Romans 12:9 प्रेम निष्कपट हो; बुराई से घृणा करो; भलाई मे लगे रहो। 
Romans 12:10 भाईचारे के प्रेम से एक दूसरे पर दया रखो; परस्पर आदर करने में एक दूसरे से बढ़ चलो। 
Romans 12:11 प्रयत्न करने में आलसी न हो; आत्मिक उन्माद में भरो रहो; प्रभु की सेवा करते रहो। 
Romans 12:12 आशा मे आनन्दित रहो; क्लेश मे स्थिर रहो; प्रार्थना में नित्य लगे रहो। 
Romans 12:13 पवित्र लोगों को जो कुछ अवश्य हो, उस में उन की सहायता करो; पहुनाई करने में लगे रहो। 
Romans 12:14 अपने सताने वालों को आशीष दो; आशीष दो श्राप न दो। 
Romans 12:15 आनन्द करने वालों के साथ आनन्द करो; और रोने वालों के साथ रोओ। 
Romans 12:16 आपस में एक सा मन रखो; अभिमानी न हो; परन्तु दीनों के साथ संगति रखो; अपनी दृष्टि में बुद्धिमान न हो। 
Romans 12:17 बुराई के बदले किसी से बुराई न करो; जो बातें सब लोगों के निकट भली हैं, उन की चिन्ता किया करो। 
Romans 12:18 जहां तक हो सके, तुम अपने भरसक सब मनुष्यों के साथ मेल मिलाप रखो। 
Romans 12:19 हे प्रियो अपना पलटा न लेना; परन्तु क्रोध को अवसर दो, क्योंकि लिखा है, पलटा लेना मेरा काम है, प्रभु कहता है मैं ही बदला दूंगा। 
Romans 12:20 परन्तु यदि तेरा बैरी भूखा हो तो उसे खाना खिला; यदि प्यासा हो, तो उसे पानी पिला; क्योंकि ऐसा करने से तू उसके सिर पर आग के अंगारों का ढेर लगाएगा। 
Romans 12:21 बुराई से न हारो परन्तु भलाई से बुराई का जीत लो।

एक साल में बाइबल: 
  • अमोस 1-3 
  • प्रकाशितवाक्य 6


शनिवार, 14 दिसंबर 2013

परमेश्वर का महान कार्य


   जब मैं 5 वर्ष का हुआ तो मेरे पिता ने मेरे लिए एक बूढ़ी लाल घोड़ी खरीद कर दी, जिसकी देखभाल करना मेरी ज़िम्मेदारी हो गई। मैंने उसका नाम डिक्सी रख दिया। मेरे छोटे कद और छोटी उम्र के कारण डिक्सी मेरे लिए एक बड़ी समस्या थी। डिक्सी मोटी थी और मैं छोटा। कोई काठी या रकाब या जीन ऐसी नहीं थी जिसे डिक्सी पर लगाने के बाद मैं उस पर आराम से बैठ सकूँ क्योंकि मेरे पाँव उन तक पहुँचते ही नहीं थे, वरन डिक्सी के मोटापे के कारण मेरे पाँव बाहर की ओर निकले रहते थे। इस कारण मुझे डिक्सी की सवारी बिना जीन-काठी बांधे ही करनी पड़ती थी, जिससे मैं अकसर फिसल कर गिर जाता था। लेकिन डिक्सी में एक बहुत अच्छा गुण था, जब भी मैं गिर जाता डिक्सी वहीं ठहर जाती और मुझे देखने लगती और बड़े धीरज के साथ प्रतीक्षा करती रहती जब तक कि मैं किसी प्रकार वापस उस की पीठ पर चढ़कर बैठ नहीं जाता।

   लेकिन मैं डिक्सी के प्रति वैसा ही धीरजवन्त नहीं रह पाता था, लेकिन फिर भी वो मेरी बचकाना हरकतों को बड़े धीरज से सहती रहती और कभी पलट कर मुझे परेशान नहीं करती थी। मैं सोचता हूँ, क्या ही अच्छा होता यदि मैं डिक्सी के समान धीरजवन्त हो कर अनेक प्रकार के प्रतिकूल व्यवहार को शान्ति से झेलने वाली बन सकता। डिक्सी का व्यवहार मुझे अपने आप से पूछने पर मजबूर करता है कि जब लोग मुझे क्रोधित करते हैं तो मैं उनके प्रति कैसी प्रतिक्रिया देता हूँ? क्या मेरी प्रतिक्रिया परमेश्वर के वचन बाइबल की शिक्षानुसार दीनता, नम्रता और धीरज के साथ (कुलुस्सियों 3:12) या फिर असहिशुणता तथा क्रोध के साथ होती है?

   प्रभु यीशु से मिली पापों की क्षमा और उद्धार के द्वारा ही मुझे परमेश्वर से सामर्थ मिली है कि मैं प्रभु यीशु की शिक्षानुसार मेरे प्रति किए गए अपराधों के लिए सहिशुण और उन अपराध करने वालों को 7 के 70 गुणा बार क्षमा कर सकूँ; मानवीय कमज़ोरियाँ एवं असफलताओं को बर्दाशत कर सकूँ; मुझे भड़काने तथा क्रोधित करने वालों के प्रति दया और करुणा दिखा सकूँ। यह सब कर सकने की सामर्थ मेरी अपनी कभी नहीं थी और ना हो सकती थी; यह सारी सामर्थ तो मुझे प्रभु यीशु में हो कर परमेश्वर से मिली है; यह मेरे जीवन हुआ परमेश्वर ही का महान कार्य है।

   क्या आप ने अपने जीवन में परमेश्वर के इस महान कार्य को हो लेने दिया है? - डेविड रोपर


जो प्रेम कलवरी के क्रूस से निकलता है वह सब सहन करता है, सब क्षमा करता है।

और उस की महिमा की शक्ति के अनुसार सब प्रकार की सामर्थ से बलवन्‍त होते जाओ, यहां तक कि आनन्द के साथ हर प्रकार से धीरज और सहनशीलता दिखा सको। - कुलुस्सियों 1:11

बाइबल पाठ: कुलुस्सियों 3:12-17
Colossians 3:12 इसलिये परमेश्वर के चुने हुओं की नाईं जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करूणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो। 
Colossians 3:13 और यदि किसी को किसी पर दोष देने को कोई कारण हो, तो एक दूसरे की सह लो, और एक दूसरे के अपराध क्षमा करो: जैसे प्रभु ने तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी करो। 
Colossians 3:14 और इन सब के ऊपर प्रेम को जो सिद्धता का कटिबन्‍ध है बान्‍ध लो। 
Colossians 3:15 और मसीह की शान्‍ति जिस के लिये तुम एक देह हो कर बुलाए भी गए हो, तुम्हारे हृदय में राज्य करे, और तुम धन्यवादी बने रहो। 
Colossians 3:16 मसीह के वचन को अपने हृदय में अधिकाई से बसने दो; और सिद्ध ज्ञान सहित एक दूसरे को सिखाओ, और चिताओ, और अपने अपने मन में अनुग्रह के साथ परमेश्वर के लिये भजन और स्‍तुतिगान और आत्मिक गीत गाओ। 
Colossians 3:17 और वचन से या काम से जो कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो, और उसके द्वारा परमेश्वर पिता का धन्यवाद करो।

एक साल में बाइबल: 
  • योएल 1-3 
  • प्रकाशितवाक्य 5


शुक्रवार, 13 दिसंबर 2013

मुफ्त भोजन


   कॉलेज के छात्रों के पास पैसे की कमी अकसर होती है, इसलिए वे पैसा बचाने के प्रत्येक अवसर का भरपूरी से उपयोग करते हैं; तभी यदि किसी सभा में मुफ्त भोजन विज्ञापित किया गया हो तो छात्र वहाँ अवश्य आ जाते हैं। यदि किसी कम्पनी को नए कर्मचारी नियुक्त करने होते हैं तो वह कॉलेज में आयोजित अपनी कंपनी तथा वहाँ उपलब्ध नियुक्तियों की जानकारी देने वाली सभा के अन्त में मुफ्त पीट्ज़ा का प्रचार अवश्य करती है, जिससे छात्र सभा में उपस्थित रहने के लिए आकर्षित हों। कुछ छात्र तो इस मुफ्त मिलने वाले पीट्ज़ा के कारण एक के बाद एक, अनेक ऐसी सभाओं मे पहुँच जाते हैं; उनके लिए वर्तमान में मिलने वाला मुफ्त भोजन भविष्य के लिए उपयोगी नौकरी से अधिक महत्वपूर्ण होता है।

   प्रभु यीशु ने 5000 से अधिक की भीड़ को चम्तकारी रीति से भोजन खिलाया, और उसके अगले दिन बहुत से लोग प्रभु यीशु को ढूंढने निकल पड़े (यूहन्ना 6:10-11, 24-25)। प्रभु उनकी मनशा जानता था और उसने उनसे स्पष्ट कहा: "यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, कि मैं तुम से सच सच कहता हूं, तुम मुझे इसलिये नहीं ढूंढ़ते हो कि तुम ने अचम्भित काम देखे, परन्तु इसलिये कि तुम रोटियां खाकर तृप्‍त हुए" (यूहन्ना 6:26)। उन लोगों के लिए प्रभु यीशु से मिलने वाली पापों की क्षमा, उद्धार और अनन्त आशीष के जीवन से अधिक महत्वपूर्ण था वह मुफ्त का भोजन जिसकी लालसा वे प्रभु यीशु से रखते थे। प्रभु यीशु ने उनसे कहा कि, "...जीवन की रोटी मैं हूं: जो मेरे पास आएगा वह कभी भूखा न होगा और जो मुझ पर विश्वास करेगा, वह कभी प्यासा न होगा" (यूहन्ना 6:35)। कुछ ने तो उसपर इस बात के लिए विश्वास किया परन्तु बहुतेरों ने नहीं किया और उससे विवाद करने लगे, फिर अन्ततः उसे छोड़ कर चले गए (पद 66), क्योंकि वे प्रभु यीशु से मुफ्त भोजन तो चाहते थे परन्तु प्रभु को नहीं चाहते थे और ना ही उसके अनुयायी होना चाहते थे।

   प्रभु यीशु आज भी संसार के सभी लोगों को अपने पास बुला रहा है, नाशमान मुफ्त भोजन देने के लिए नहीं वरन प्रभु यीशु में मिलने वाली पापों की क्षमा से प्राप्त होने वाला अनन्त काल की स्वर्गीय आशीष से परिपूर्ण उद्धार पाया हुआ जीवन। आप प्रभु यीशु से क्या चाहते हैं - नाशमान पार्थिव आवश्यकताओं की पूर्ति या अनन्त अविनाशी आशीषें और बेबयान शान्ति? - ऐनी सेटास


केवल जीवन की रोटी प्रभु यीशु ही आत्मा की भूख को मिटा सकता है।

नाशमान भोजन के लिये परिश्रम न करो, परन्तु उस भोजन के लिये जो अनन्त जीवन तक ठहरता है, जिसे मनुष्य का पुत्र तुम्हें देगा, क्योंकि पिता, अर्थात परमेश्वर ने उसी पर छाप कर दी है। - यूहन्ना 6:27 

बाइबल पाठ: यूहन्ना 6:26-41
John 6:26 यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, कि मैं तुम से सच सच कहता हूं, तुम मुझे इसलिये नहीं ढूंढ़ते हो कि तुम ने अचम्भित काम देखे, परन्तु इसलिये कि तुम रोटियां खाकर तृप्‍त हुए। 
John 6:27 नाशमान भोजन के लिये परिश्रम न करो, परन्तु उस भोजन के लिये जो अनन्त जीवन तक ठहरता है, जिसे मनुष्य का पुत्र तुम्हें देगा, क्योंकि पिता, अर्थात परमेश्वर ने उसी पर छाप कर दी है। 
John 6:28 उन्होंने उस से कहा, परमेश्वर के कार्य करने के लिये हम क्या करें? 
John 6:29 यीशु ने उन्हें उत्तर दिया; परमेश्वर का कार्य यह है, कि तुम उस पर, जिसे उसने भेजा है, विश्वास करो। 
John 6:30 तब उन्होंने उस से कहा, फिर तू कौन का चिन्ह दिखाता है कि हम उसे देखकर तेरी प्रतीति करें, तू कौन सा काम दिखाता है? 
John 6:31 हमारे बाप दादों ने जंगल में मन्ना खाया; जैसा लिखा है; कि उसने उन्हें खाने के लिये स्वर्ग से रोटी दी। 
John 6:32 यीशु ने उन से कहा, मैं तुम से सच सच कहता हूं कि मूसा ने तुम्हें वह रोटी स्वर्ग से न दी, परन्तु मेरा पिता तुम्हें सच्ची रोटी स्वर्ग से देता है। 
John 6:33 क्योंकि परमेश्वर की रोटी वही है, जो स्वर्ग से उतरकर जगत को जीवन देती है। 
John 6:34 तब उन्होंने उस से कहा, हे प्रभु, यह रोटी हमें सर्वदा दिया कर। 
John 6:35 यीशु ने उन से कहा, जीवन की रोटी मैं हूं: जो मेरे पास आएगा वह कभी भूखा न होगा और जो मुझ पर विश्वास करेगा, वह कभी प्यासा न होगा। 
John 6:36 परन्तु मैं ने तुम से कहा, कि तुम ने मुझे देख भी लिया है, तोभी विश्वास नहीं करते। 
John 6:37 जो कुछ पिता मुझे देता है वह सब मेरे पास आएगा, उसे मैं कभी न निकालूंगा। 
John 6:38 क्योंकि मैं अपनी इच्छा नहीं, वरन अपने भेजने वाले की इच्छा पूरी करने के लिये स्वर्ग से उतरा हूं।
John 6:39 और मेरे भेजने वाले की इच्छा यह है कि जो कुछ उसने मुझे दिया है, उस में से मैं कुछ न खोऊं परन्तु उसे अंतिम दिन फिर जिला उठाऊं। 
John 6:40 क्योंकि मेरे पिता की इच्छा यह है, कि जो कोई पुत्र को देखे, और उस पर विश्वास करे, वह अनन्त जीवन पाए; और मैं उसे अंतिम दिन फिर जिला उठाऊंगा। 
John 6:41 सो यहूदी उस पर कुड़कुड़ाने लगे, इसलिये कि उसने कहा था; कि जो रोटी स्वर्ग से उतरी, वह मैं हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • होशे 12-14 
  • प्रकाशितवाक्य 4


गुरुवार, 12 दिसंबर 2013

प्रत्यक्ष परिवर्तन


   हाल ही एक हवाई यात्रा के दौरान एक विमान परिचारक ने मुझ से पूछा कि क्या मैं अकसर हवाई यात्रा करता हूँ; और मैंने उत्तर दिया हाँ। तब उसने फिर मुझ से पूछा, क्या आपने पिछले कुछ महीनों में ध्यान किया है कि हवाई यात्रा करने वाले कुछ अधिक आक्रमक और ज़बर्दस्ती करने वाले होते जा रहे हैं? मैंने थोड़ा सा विचार कर के उस से इस बात में सहमति जताई, और हम उन बातों के बारे में बात करने लगे जिन के कारण लोग ऐसा करने लगे हैं - जैसे कि हवाई अड्डों पर बढ़ी हुई सुरक्षा और उससे होने वाली परेशानी, हवाई यात्रा का महंगा और यात्रा में मिलने वाली सुविधाओं का कम होते चले जाना, यात्रा करने में सामान्यता होने वाली असंतुष्टता आदि। हम यह बातें कर ही रहे थे कि, मानो हमारे वार्तालाप की सच्चाई को प्रमाणित करने के लिए, एक यात्री ने बहस आरंभ कर दी क्योंकि वह अपनी निर्धारित सीट पर नहीं वरन किसी दूसरे की सीट पर बैठना चाहता था क्योंकि वह दूसरी सीट उसे अधिक अच्छी लग रही थी।

   जब कभी हमारा सामना क्रोध और आवेश में उत्तेजित किसी जन से होता है तो हम मसीही विश्वासियों के पास अवसर होता है कि हम, अपने प्रभु के समान, शांति लाने वाले बन सकें। प्रेरित पौलुस ने रोम की मसीही मण्डली को लिखी अपनी पत्री में उन्हें लिखा: "जहां तक हो सके, तुम अपने भरसक सब मनुष्यों के साथ मेल मिलाप रखो" (रोमियों 12:18)। इस का क्या अर्थ है? इसका एक अर्थ तो यह हो सकता है कि जो कुछ हम नियंत्रित कर सकते हैं उसे नियंत्रित कर के रखें। हम दूसरों के व्यवहार को निर्धारित नहीं कर सकते, लेकिन अपने प्रत्युत्तर को अवश्य निर्धारित कर सकते हैं।

   जब कभी हम क्रोधपूर्ण और आक्रमक व्यवहार अपने आस-पास प्रदर्शित होते हुए देखते हैं, तो उसके प्रति अनुग्रह और शान्ति के व्यवहार द्वारा अपने तथा समस्त संसार के उद्धारकर्ता तथा शान्ति के राजकुमार प्रभु यीशु के चरित्र एवं व्यवहार को अपने जीवन से प्रदर्शित कर सकते हैं। यही वे अवसर होते हैं जब पाप के प्रभाव के कारण आक्रोश और असंतोष से भरा यह संसार उद्धारकर्ता प्रभु यीशु के बारे में व्यावाहरिक रीति से जान सकता है और प्रभु से प्राप्त होने वाले उद्धार द्वारा जीवन में आए परिवर्तन को प्रत्यक्ष देख सकता है। - बिल क्राउडर


आज संसार को वह शान्ति चाहिए जो प्रत्येक गलतफहमी के दुष्प्रभाव पर जयवन्त है।

सब से मेल मिलाप रखने, और उस पवित्रता के खोजी हो जिस के बिना कोई प्रभु को कदापि न देखेगा। - इब्रानियों 12:14

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 4:4-9
Philippians 4:4 प्रभु में सदा आनन्‍दित रहो; मैं फिर कहता हूं, आनन्‍दित रहो। 
Philippians 4:5 तुम्हारी कोमलता सब मनुष्यों पर प्रगट हो: प्रभु निकट है। 
Philippians 4:6 किसी भी बात की चिन्‍ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं। 
Philippians 4:7 तब परमेश्वर की शान्‍ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षत रखेगी।
Philippians 4:8 निदान, हे भाइयों, जो जो बातें सत्य हैं, और जो जो बातें आदरणीय हैं, और जो जो बातें उचित हैं, और जो जो बातें पवित्र हैं, और जो जो बातें सुहावनी हैं, और जो जो बातें मनभावनी हैं, निदान, जो जो सदगुण और प्रशंसा की बातें हैं, उन्‍हीं पर ध्यान लगाया करो। 
Philippians 4:9 जो बातें तुम ने मुझ से सीखीं, और ग्रहण की, और सुनी, और मुझ में देखीं, उन्‍हीं का पालन किया करो, तब परमेश्वर जो शान्‍ति का सोता है तुम्हारे साथ रहेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • होशे 9-11 
  • प्रकाशितवाक्य 3