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सोमवार, 25 फ़रवरी 2013

अनन्त शांति या पीड़ा


   यह विचार कि वह दिन आएगा जब हम परमेश्वर की उपस्थिति में खड़े होंगे और अनन्त काल के लिए उसकी संगति का आनन्द लेंगे एक ऐसा आश्वासन है जो जीवन के वर्तमान समस्याओं पर विजयी होने में हमारी सहायता करता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में कई भजन हैं जो इस बात को लेकर लिखे गए हैं, जैसे भजन १६, १७, ४९, ७१, ७३ आदि।

   भजन ७१ को पढ़ने से लगता है कि भजनकार को कई कठिन कष्ट उठाने पड़े थे (पद २०) लेकिन उसके मन में सदा ही यह बात बनी हुई थी कि परमेश्वर उसे फिर से "जिलाएगा"। मूल भाषा में "जिलाएगा" के लिए जो शब्द प्रयोग हुआ है उसका अर्थ है मृत्यु से पुनः जीवित करना। भजनकार आगे कहता है, "तू मेरी बड़ाई को बढ़ाएगा, और फिर कर मुझे शान्ति देगा" (पद २१)। भजनकार को विश्वास था कि उसके कष्टों का अन्त अवश्य ही होगा, यदि इस जीवन में नहीं तो मृत्योप्रांत।

   संभवतः परमेश्वर के अलावा और कोई उन कष्टों को नहीं जानता जिनमें से होकर आप निकले हैं; लेकिन आश्वस्त रहिए, यदि आप परमेश्वर कि सन्तान हैं तो एक समय वह आएगा जब आपका स्वर्गीय पिता आपकी ’बड़ाई को बढ़ाएगा’ अर्थात आपको महिमा के वस्त्र धारण करवाएगा, आपको ’शान्ति देगा’ - आप उसकी उपस्थिति में बने रहेंगे से और उसके प्रेम से तृप्त होते रहेंगे। रिचर्ड बैक्सटर ने इस संदर्भ में लिखा: "वह कैसा धन्य दिन होगा जब मैं तट पर खड़ा होकर उस प्रचण्ड उफनते समुद्र को देखुंगा जिसके पार मेरा स्वर्गीय पिता मुझे सुरक्षित उतार लाया है; जब मैं अपने सभी दुख, व्यथा, भय और आंसुओं पर पुनर्विचार करुंगा और उस बेबयान महिमा को पाऊँगा जो इन सब बातों का अन्तफल है।"

   लेकिन यह विश्वास और इस अद्भुत शांति का भरोसा उन्हीं को है जो प्रभु यीशु में स्वेच्छा से किए गए विश्वास और समर्पण के साथ अपने पापों से क्षमा प्राप्त कर के परमेश्वर की सन्तान होने का अधिकार प्राप्त कर चुके हैं। इस जीवन में जिनके पाप क्षमा नहीं हुए मृत्योप्रांत वे किसी शान्ति में नहीं वरन सदा काल के लिए अत्यन्त कष्ट में चले जाएंगे।

   अनन्त शान्ति या अनन्त पीड़ा, निर्णय आपका है - परमेश्वर आपको वही देगा जो इस जीवन में आप अपने लिए चुन लेंगे। - डेविड रोपर


जब परमेश्वर आँसुओं को पोंछेगा, तब कराहना अनन्त आराधना में बदल जाएगा।

तू ने तो हम को बहुत से कठिन कष्ट दिखाए हैं परन्तु अब तू फिर से हम को जिलाएगा; और पृथ्वी के गहिरे गड़हे में से उबार लेगा। - भजन ७१:२०

बाइबल पाठ: भजन ७१
Psalms 71:1 हे यहोवा मैं तेरा शरणागत हूं; मेरी आशा कभी टूटने न पाए!
Psalms 71:2 तू तो धर्मी है, मुझे छुड़ा और मेरा उद्धार कर; मेरी ओर कान लगा, और मेरा उद्धार कर!
Psalms 71:3 मेरे लिये सनातन काल की चट्टान का धाम बन, जिस में मैं नित्य जा सकूं; तू ने मेरे उद्धार की आज्ञा तो दी है, क्योंकि तू मेरी चट्टान और मेरा गढ़ ठहरा है।
Psalms 71:4 हे मेरे परमेश्वर दुष्ट के, और कुटिल और क्रूर मनुष्य के हाथ से मेरी रक्षा कर।
Psalms 71:5 क्योंकि हे प्रभु यहोवा, मैं तेरी ही बाट जोहता आया हूं; बचपन से मेरा आधार तू है।
Psalms 71:6 मैं गर्भ से निकलते ही, तुझ से सम्भाला गया; मुझे मां की कोख से तू ही ने निकाला; इसलिये मैं नित्य तेरी स्तुति करता रहूंगा।
Psalms 71:7 मैं बहुतों के लिये चमत्कार बना हूं; परन्तु तू मेरा दृढ़ शरण स्थान है।
Psalms 71:8 मेरे मुंह से तेरे गुणानुवाद, और दिन भर तेरी शोभा का वर्णन बहुत हुआ करे।
Psalms 71:9 बुढ़ापे के समय मेरा त्याग न कर; जब मेरा बल घटे तब मुझ को छोड़ न दे।
Psalms 71:10 क्योंकि मेरे शत्रु मेरे विषय बातें करते हैं, और जो मेरे प्राण की ताक में हैं, वे आपस में यह सम्मति करते हैं, कि
Psalms 71:11 परमेश्वर ने उसको छोड़ दिया है; उसका पीछा कर के उसे पकड़ लो, क्योंकि उसका कोई छुड़ाने वाला नहीं।
Psalms 71:12 हे परमेश्वर, मुझ से दूर न रह; हे मेरे परमेश्वर, मेरी सहायता के लिये फुर्ती कर!
Psalms 71:13 जो मेरे प्राण के विरोधी हैं, उनकी आशा टूटे और उनका अन्त हो जाए; जो मेरी हानि के अभिलाषी हैं, वे नामधराई और अनादर में गड़ जाएं।
Psalms 71:14 मैं तो निरन्तर आशा लगाए रहूंगा, और तेरी स्तुति अधिक अधिक करता जाऊंगा।
Psalms 71:15 मैं अपने मुंह से तेरे धर्म का, और तेरे किए हुए उद्धार का वर्णन दिन भर करता रहूंगा, परन्तु उनका पूरा ब्योरा जाना भी नहीं जाता।
Psalms 71:16 मैं प्रभु यहोवा के पराक्रम के कामों का वर्णन करता हुआ आऊंगा, मैं केवल तेरे ही धर्म की चर्चा किया करूंगा।
Psalms 71:17 हे परमेश्वर, तू तो मुझ को बचपन ही से सिखाता आया है, और अब तक मैं तेरे आश्चर्य कर्मों का प्रचार करता आया हूं।
Psalms 71:18 इसलिये हे परमेश्वर जब मैं बूढ़ा हो जाऊं और मेरे बाल पक जाएं, तब भी तू मुझे न छोड़, जब तक मैं आने वाली पीढ़ी के लोगों को तेरा बाहुबल और सब उत्पन्न होने वालों को तेरा पराक्रम सुनाऊं।
Psalms 71:19 और हे परमेश्वर, तेरा धर्म अति महान है। तू जिसने महाकार्य किए हैं, हे परमेश्वर तेरे तुल्य कौन है?
Psalms 71:20 तू ने तो हम को बहुत से कठिन कष्ट दिखाए हैं परन्तु अब तू फिर से हम को जिलाएगा; और पृथ्वी के गहिरे गड़हे में से उबार लेगा।
Psalms 71:21 तू मेरी बड़ाई को बढ़ाएगा, और फिर कर मुझे शान्ति देगा।
Psalms 71:22 हे मेरे परमेश्वर, मैं भी तेरी सच्चाई का धन्यवाद सारंगी बजाकर गाऊंगा; हे इस्राएल के पवित्र मैं वीणा बजा कर तेरा भजन गाऊंगा।
Psalms 71:23 जब मैं तेरा भजन गाऊंगा, तब अपने मुंह से और अपने प्राण से भी जो तू ने बचा लिया है, जयजयकार करूंगा।
Psalms 71:24 और मैं तेरे धर्म की चर्चा दिन भर करता रहूंगा; क्योंकि जो मेरी हानि के अभिलाषी थे, उनकी आशा टूट गई और मुंह काले हो गए हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती १२-१४ 
  • मरकुस ५:२१-४३

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