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रविवार, 31 मार्च 2013

असत्य?


   बात 1980 के दशक की है, कंप्यूटर प्रोग्राम बनाने वाले दो भाईयों जॉन तथा थौमस नौल ने कंप्यूटर प्रोग्राम द्वारा चित्रों में परिवर्तन और सुधार करने के प्रयोग आरंभ किए। लोगों और सॉफ्टवेयर कंपनियों ने उन्हें सनकी कहा, उनका उपहास किया क्योंकि उन दिनों में फोटो उतारने वाले कंप्यूटर प्रयोग नहीं करते थे। उन भाइयों ने अपने प्रोग्राम को पहले-पहल नाम दिया ’डिस्पले’, फिर उसे बदल कर ’इमाजिनेटर’ कहा और अन्ततः प्रोग्राम का नाम हुआ फोटोशॉप! आज संसार भर में फोटोशॉप घर पर ही छोटी-मोटी छेड़-छाड़ से लेकर व्यावसायिक स्तर पर चित्रों को संवारने, सुधारने, उनमें कई परिवर्तन करने के लिए उपयोग होने वाला एक बहुत लोकप्रीय और उपयोगी प्रोग्राम है, यहाँ तक कि जब कोई चित्र बहुत अच्छा या अद्भुत दिखता है तो लोग कहते हैं कि अवश्य ही वह ’फोटोशॉप’ किया हुआ चित्र होगा!

   संसार के इतिहास की उस पहली ईस्टर प्रातः जब कुछ स्त्रियां प्रभु यीशु की देह पर सुगंधित द्रव्य लगाने के लिए उसकी कब्र पर पहुँचीं तो उन्हें कब्र खाली मिली, और वहाँ बैठे स्वर्गदूत ने उन से कहा "वह यहां नहीं, परन्तु जी उठा है; स्मरण करो; कि उसने गलील में रहते हुए तुम से कहा था" (लूका 24:6)। जब उन स्त्रियों ने जाकर यह बात प्रभु यीशु के चेलों को बताई तो "उन की बातें उन्हें कहानी सी समझ पड़ीं, और उन्होंने उन की प्रतीति न की" (लूका 24:11)। स्त्रियों द्वारा लाए गए समाचार के प्रति उन चेलों की आरंभिक प्रतिक्रीया वही थी जो इस बात को सुनकर आज भी संसार के लोगों की होती है - बकवास! पागलपन! अविश्वसनीय!

   यदि किसी ने घटनाक्रम और प्रमाणों को छेड़-छाड़ करके बदल दिया है और प्रभु यीशु का पुनरुत्थान चतुराई से लोगों पर थोपी गई एक मनगढ़ंत कहानी है, तो संसार की अन्य किंवदंतीयों के समान, पिछले लगभग दो हज़ार वर्षों से संसार भर में करोड़ों लोगों का हर साल इस दिन इस पुनरुत्थान के आनन्द को मनाना एक झूठी कहानी को मनाना ही है। किंतु यदि प्रभु यीशु वास्तव में फिर से जी उठा है तो फिर जो कुछ उसने पाप क्षमा, जीवन और मन परिवर्तन की अनिवार्यता और अनन्त जीवन के बारे में कहा वह भी सत्य है। प्रभु यीशु की खाली कब्र और प्रभु यीशु के संबंध में इतिहास के प्रमाण संसार के सामने खुले हैं, कोई भी उन्हें देख सकता है, जाँच सकता है, अपने निषकर्ष स्वयं निकाल सकता है।

   यह पुनरुत्थान एक अकाट्य सत्य है जिसे कितने ही लोगों ने आज़मा के देखा और जाना है कि वास्तव में प्रभु यीशु मारा गया, गाड़ा गया और तीसरे दिन मुर्दों से जी भी उठा। उसकी कब्र खाली है और उसके अनुयायीयों के बदले हुए जीवन प्रमाण हैं कि वह अपने अनुयायीयों के मनों में रहता है।

   इस सत्य के अर्थ और परिणामों पर ज़रा विचार कीजिए; प्रभु यीशु के जीवन और शिक्षाओं का अध्ययन कीजिए, सत्य स्वयं ही आपके सामने होगा। प्रभु यीशु और पाप क्षमा के उसके प्रेम भरे निमंत्रण को नज़रंदाज़ करके आप एक ऐसा जोखिम उठा रहे हैं, जिसकी फिर कोई भरपाई नहीं है। - डेविड मैक्कैसलैंड


प्रभु यीशु का पुनरुत्थान एक ऐतिहासिक सत्य है जो प्रत्युत्तर में विश्वास की माँगता है।

यह बात सच और हर प्रकार से मानने के योग्य है, कि मसीह यीशु पापियों का उद्धार करने के लिये जगत में आया - 1 तिमुथियुस 1:15

बाइबल पाठ: लूका 24:1-12
Luke 24:1 परन्तु सप्‍ताह के पहिले दिन बड़े भोर को वे उन सुगन्‍धित वस्‍तुओं को जो उन्होंने तैयार की थीं, ले कर कब्र पर आईं।
Luke 24:2 और उन्होंने पत्थर को कब्र पर से लुढ़का हुआ पाया।
Luke 24:3 और भीतर जा कर प्रभु यीशु की लोथ न पाई।
Luke 24:4 जब वे इस बात से भौंचक्की हो रही थीं तो देखो, दो पुरूष झलकते वस्‍त्र पहिने हुए उन के पास आ खड़े हुए।
Luke 24:5 जब वे डर गईं, और धरती की ओर मुंह झुकाए रहीं; तो उन्होंने उन ने कहा; तुम जीवते को मरे हुओं में क्यों ढूंढ़ती हो?
Luke 24:6 वह यहां नहीं, परन्तु जी उठा है; स्मरण करो; कि उसने गलील में रहते हुए तुम से कहा था।
Luke 24:7 कि अवश्य है, कि मनुष्य का पुत्र पापियों के हाथ में पकड़वाया जाए, और क्रूस पर चढ़ाया जाए; और तीसरे दिन जी उठे।
Luke 24:8 तब उस की बातें उन को स्मरण आईं।
Luke 24:9 और कब्र से लौटकर उन्होंने उन ग्यारहों को, और, और सब को, ये बातें कह सुनाईं।
Luke 24:10 जिन्हों ने प्रेरितों से ये बातें कहीं, वे मरियम मगदलीनी और योअन्ना और याकूब की माता मरियम और उन के साथ की और स्‍त्रियां भी थीं।
Luke 24:11 परन्तु उन की बातें उन्हें कहानी सी समझ पड़ीं, और उन्होंने उन की प्रतीति न की।
Luke 24:12 तब पतरस उठ कर कब्र पर दौड़ गया, और झुककर केवल कपड़े पड़े देखे, और जो हुआ था, उस से अचम्भा करता हुआ, अपने घर चला गया।

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायीयों 11-12 
  • लूका 6:1-26