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शुक्रवार, 29 नवंबर 2013

आदर


   मेरे पिताजी हाल ही में 90 वर्ष के हो गए और अब उनकी शारीरिक क्षमताएं कम होती जा रही हैं। उन्हें चलने के लिए वॉकर का सहारा लेना पड़ता है, और अपने भोजन तथा अन्य कार्यों के लिए किसी की सहायता की आवश्यकता पड़ती है। मेरे बड़े भाई स्टीव और उनकी पत्नि जूडी पिताजी के घर के समीप ही रहते थे, इसलिए उन्होंने निर्णय लिया कि वे अब पिताजी के साथ ही उनके घर में रहेंगे और उनकी देखभाल करेंगे।

   मैं भी अपने पिताजी की देखभाल में हाथ बंटाना चाहता हूँ, लेकिन मैं अपने परिवार के साथ देश के दूसरे छोर पर रहता हूँ, इसलिए मैंने और मेरी पत्नि ने कुछ समय का अवकाश लिया और पिताजी के पास आकर उनके साथ रहने लगे, तथा स्टीव और उसकी पत्नि जूडी को भी कुछ समय के लिए कहीं छुट्टी पर जाने को कहा। हमने पिताजी के साथ अच्छा वक्त बिताया और चाहे थोड़े ही दिन के लिए सही, लेकिन पिताजी की देखभाल और स्टीव तथा जूडी की सहायता करना हमें अच्छा लगा।

   परमेश्वर का वचन बाइबल हमें सिखाती है कि, "अपनी माता और पिता का आदर कर (यह पहिली आज्ञा है, जिस के साथ प्रतिज्ञा भी है)" (इफिसियों 6:2)। इस पद पर टिप्पणी करते हुए एक टीकाकार ने लिखा, किसी का आदर करने से तात्पर्य है कि, "उसके साथ सम्मान, आदर, श्रद्धा, दयालुता, शिष्टाचार और आज्ञाकारिता के साथ ऐसा पेश आना जो उसके जीवन की अवस्था के अनुसार है।"

   छोटे बच्चों के लिए इसका अर्थ है, माता-पिता के आज्ञाकारी होना; युवकों के लिए यह दिखाता है कि माता-पिता का आदर करें चाहे उन्हें यह लगे कि वे माता-पिता से अधिक जानते हैं। जवान लोगों के लिए यह माता-पिता को अपने जीवन का अंग बनाए रखने की बुलाहट है और अधेड़ या उससे अधिक उम्र वालों के लिए यह इस बात का ध्यान करने की बात है कि माता-पिता की उम्र भी बढ़ रही है, तथा स्वास्थ्य घट रहा है और उन्हें सहायता तथा देखभाल की आवश्यकता है।

   विचार कीजिए, क्या आप अपनी व्यस्त दिनचर्या में अपने माता-पिता को यथोचित समय तथा आदर देते हैं? - डेनिस फिशर


माता-पिता का आदर करने के लिए उम्र कोई सीमा नहीं है।

शापित हो वह जो अपने पिता वा माता को तुच्छ जाने। तब सब लोग कहें, आमीन। - व्यवस्थाविवरण 27:16

बाइबल पाठ: निर्गमन 20:1-17
Exodus 20:1 तब परमेश्वर ने ये सब वचन कहे, 
Exodus 20:2 कि मैं तेरा परमेश्वर यहोवा हूं, जो तुझे दासत्व के घर अर्थात मिस्र देश से निकाल लाया है।
Exodus 20:3 तू मुझे छोड़ दूसरों को ईश्वर कर के न मानना।
Exodus 20:4 तू अपने लिये कोई मूर्ति खोदकर न बनाना, न किसी की प्रतिमा बनाना, जो आकाश में, वा पृथ्वी पर, वा पृथ्वी के जल में है। 
Exodus 20:5 तू उन को दण्डवत न करना, और न उनकी उपासना करना; क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर यहोवा जलन रखने वाला ईश्वर हूं, और जो मुझ से बैर रखते है, उनके बेटों, पोतों, और परपोतों को भी पितरों का दण्ड दिया करता हूं, 
Exodus 20:6 और जो मुझ से प्रेम रखते और मेरी आज्ञाओं को मानते हैं, उन हजारों पर करूणा किया करता हूं।
Exodus 20:7 तू अपने परमेश्वर का नाम व्यर्थ न लेना; क्योंकि जो यहोवा का नाम व्यर्थ ले वह उसको निर्दोष न ठहराएगा।
Exodus 20:8 तू विश्रामदिन को पवित्र मानने के लिये स्मरण रखना। 
Exodus 20:9 छ: दिन तो तू परिश्रम कर के अपना सब काम काज करना; 
Exodus 20:10 परन्तु सातवां दिन तेरे परमेश्वर यहोवा के लिये विश्रामदिन है। उस में न तो तू किसी भांति का काम काज करना, और न तेरा बेटा, न तेरी बेटी, न तेरा दास, न तेरी दासी, न तेरे पशु, न कोई परदेशी जो तेरे फाटकों के भीतर हो। 
Exodus 20:11 क्योंकि छ: दिन में यहोवा ने आकाश, और पृथ्वी, और समुद्र, और जो कुछ उन में है, सब को बनाया, और सातवें दिन विश्राम किया; इस कारण यहोवा ने विश्रामदिन को आशीष दी और उसको पवित्र ठहराया।
Exodus 20:12 तू अपने पिता और अपनी माता का आदर करना, जिस से जो देश तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है उस में तू बहुत दिन तक रहने पाए।
Exodus 20:13 तू खून न करना।
Exodus 20:14 तू व्यभिचार न करना।
Exodus 20:15 तू चोरी न करना।
Exodus 20:16 तू किसी के विरुद्ध झूठी साक्षी न देना।
Exodus 20:17 तू किसी के घर का लालच न करना; न तो किसी की स्त्री का लालच करना, और न किसी के दास-दासी, वा बैल गदहे का, न किसी की किसी वस्तु का लालच करना।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 35-36 
  • 2 पतरस 1