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सोमवार, 16 दिसंबर 2013

परिणाम


   आहा, सुअर का जीवन! हर दिन का बस एक ही काम - कीचड़ और गन्दगी में लोटते रहना, भोजन भी गन्दगी से ही निकालना और फिर मस्त होकर आवाज़ें निकालना; वाह, क्या जीवन है!

   क्या आपको ऐसा जीवन अच्छा लगेगा? नहीं, कदापि नहीं। और उस उड़ाऊ पुत्र को भी अच्छा नहीं लगा, इसीलिए ऐसे जीवन में आते ही उसे अपना पिछला समय स्मरण हो आया, जब अपने पिता के घर में उसके पास अच्छा स्थान, साफ बिस्तर, पिता का प्रेम, अच्छा भोजन और एक सुरक्षित सुखद भविष्य था। लेकिन तब उस के लिए यह सब पर्याप्त नहीं था, उसे तो मौज-मस्ती करने की स्वतंत्रता चाहिए थी; वह मनमानी करना चाहता था, अपना जीवन को स्वयं निर्धारित करना चाहता था, और उसने ऐसा किया, लेकिन थोड़े समय की मौज मस्ती के बाद अन्ततः परिणाम क्या निकला - सूअरों के साथ रहना और उनके भोजन को भी तरसना। तब उसे अपने पिता और अपने घर की याद आई, वहाँ की बातों की कीमत पता चली।

   जब भी कोई जवान परमेश्वर के भय में चलने वाले माता-पिता के मार्गदर्शन और परमेश्वर के वचन बाइबल के निर्देशों की अवहेलना करता है, तो परिणामस्वरूप कुछ ऐसे ही नतीजे उसे भोगने पड़ते हैं। मुझे सदा ही आश्चर्य होता है जब कोई प्रभु यीशु को जानने का दावा तो करता है लेकिन जीवन शैली ऐसी रखता है जो परमेश्वर के वचन की शिक्षाओं के विपरीत है। चाहे उसके चुनाव यौन संबंधों के अथवा नशीले पदर्थों के सेवन से संबंधित पाप हों; चाहे वह बिना मेहनत किए निठले बैठे बैठे ही दूसरों के सहारे जीवन बिताना चाहता हो या फिर अन्य किसी रीति से बाइबल के निर्देशों की अवहेलना करे - जो भी निर्णय परमेश्वर और उसके वचन के प्रतिकूल होगा, अन्ततः उसका परिणाम बुरा और दुखद ही होगा।

   यदि हम बाइबल की स्पष्ट नैतिक शिक्षाओं तथा परमेश्वर के साथ अपने संबंध को नज़रन्दाज़ करेंगे, तो अपने लिए परेशानी ही उत्पन्न करेंगे। जिस जवान व्यक्ति की बात से हमने आरंभ किया था, जब वह पश्चाताप के साथ अपने पिता के पास लौट आया, तो उसे ना केवल क्षमा मिली वरन उसे वह सब कुछ भी वापस मिल गया जिसे छोड़ कर वह संसार में चला गया था।

   ज़रा अपने बारे में विचार कीजिए - संसार की लालसाओं और अभिलाषाओं की प्राप्ति के लिए कहीं आप भी परमेश्वर की अवाज्ञाकारिता तो नहीं कर रहे हैं? क्या परमेश्वर के साथ आपके संबंध ठीक बने हुए हैं? यदि नहीं, तो अब अवसर है, पश्चाताप के साथ लौट आईए और प्रभु यीशु से पापों की क्षमा माँग लीजिए तथा अपने जीवन की कमान उसे सौंप दीजिए, अन्यथा परिणाम अति कष्टदायक और भयानक होगा। - डेव ब्रैनन


यदि पाप इतना छली ना होता तो इतना लुभावना भी नहीं होता।

क्योंकि यदि तुम शरीर के अनुसार दिन काटोगे, तो मरोगे, यदि आत्मा से देह की क्रीयाओं को मारोगे, तो जीवित रहोगे। - रोमियों 8:13

बाइबल पाठ: लूका 15:11-24
Luke 15:11 फिर उसने कहा, किसी मनुष्य के दो पुत्र थे। 
Luke 15:12 उन में से छुटके ने पिता से कहा कि हे पिता संपत्ति में से जो भाग मेरा हो, वह मुझे दे दीजिए। उसने उन को अपनी संपत्ति बांट दी। 
Luke 15:13 और बहुत दिन न बीते थे कि छुटका पुत्र सब कुछ इकट्ठा कर के एक दूर देश को चला गया और वहां कुकर्म में अपनी संपत्ति उड़ा दी। 
Luke 15:14 जब वह सब कुछ खर्च कर चुका, तो उस देश में बड़ा अकाल पड़ा, और वह कंगाल हो गया। 
Luke 15:15 और वह उस देश के निवासियों में से एक के यहां जा पड़ा: उसने उसे अपने खेतों में सूअर चराने के लिये भेजा। 
Luke 15:16 और वह चाहता था, कि उन फलियों से जिन्हें सूअर खाते थे अपना पेट भरे; और उसे कोई कुछ नहीं देता था। 
Luke 15:17 जब वह अपने आपे में आया, तब कहने लगा, कि मेरे पिता के कितने ही मजदूरों को भोजन से अधिक रोटी मिलती है, और मैं यहां भूखा मर रहा हूं। 
Luke 15:18 मैं अब उठ कर अपने पिता के पास जाऊंगा और उस से कहूंगा कि पिता जी मैं ने स्वर्ग के विरोध में और तेरी दृष्टि में पाप किया है। 
Luke 15:19 अब इस योग्य नहीं रहा कि तेरा पुत्र कहलाऊं, मुझे अपने एक मजदूर की नाईं रख ले। 
Luke 15:20 तब वह उठ कर, अपने पिता के पास चला: वह अभी दूर ही था, कि उसके पिता ने उसे देखकर तरस खाया, और दौड़कर उसे गले लगाया, और बहुत चूमा। 
Luke 15:21 पुत्र ने उस से कहा; पिता जी, मैं ने स्वर्ग के विरोध में और तेरी दृष्टि में पाप किया है; और अब इस योग्य नहीं रहा, कि तेरा पुत्र कहलाऊं। 
Luke 15:22 परन्तु पिता ने अपने दासों से कहा; फट अच्‍छे से अच्छा वस्‍त्र निकाल कर उसे पहिनाओ, और उसके हाथ में अंगूठी, और पांवों में जूतियां पहिनाओ। 
Luke 15:23 और पला हुआ बछड़ा लाकर मारो ताकि हम खांए और आनन्द मनावें। 
Luke 15:24 क्योंकि मेरा यह पुत्र मर गया था, फिर जी गया है: खो गया था, अब मिल गया है: और वे आनन्द करने लगे।

एक साल में बाइबल: 
  • अमोस 4-6 
  • प्रकाशितवाक्य 7