ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

बुधवार, 18 दिसंबर 2013

यात्रा


   नासरत से बैतलेहम की दूरी कितनी है? गलील के नासरत से, जो प्रभु यीशु के शारीरिक माता-पिता - मरियम और यूसुफ के रहने का स्थान था, बैतलेहम लगभग 80 मील की दूरी पर है। यह यात्रा करने के लिए  यूसुफ और गर्भवती मरियम को लगभग एक सप्ताह लगा होगा। जब वे वहाँ पहुँचे तो उन्हें रहने के लिए कोई अच्छा होटल का कमरा नहीं मिला; जो मिला वह थी एक गौशाला, और वहीं मरियम ने अपने पहिलौठे पुत्र को जन्म दिया (लूका 2:7)।

   लेकिन प्रभु यीशु की यह यात्रा तो 80 मील से कहीं अधिक लंबी है - वे स्वर्ग में परमेश्वर के दाहिने के अपने स्थान से इस पृथ्वी पर आए, मानव रूप स्वीकार किया, लगभग 33 वर्ष का जीवन काल इस पृथ्वी पर बिताया। वे क्रूस पर टाँगे जाकर मारे गए और एक उधार की कब्र में दफनाए गए; लेकिन उनकी यात्रा क यह अन्त नहीं था। वे तीसरे दिन मृतकों में से जी उठे, मनुष्यों के बीच में 40 दिन तक चलते फिरते रहे और फिर अपने चेलों के देखते देखते स्वर्ग पर उठा लिए गए। यह भी उनकी यात्रा का अन्त नहीं है; अभी वे स्वर्ग में हम मसीही विश्वासियों के सहायक हैं, पिता परमेश्वर से हमारे लिए विनती करते हैं और हमारे रहने का स्थान तैयार कर रहे हैं, और बहुत शीघ्र एक दिन वे वापस आएंगे - राजाओं के राजा और प्रभुओं के प्रभु बन कर और अनन्त काल तक उनका राज्य इस सृष्टि पर बना रहेगा, उनके अनुयायी उनके साथ बने रहेंगे।

   इस वर्ष, क्रिसमस के उपलक्ष में जब आप कोई यात्रा करें तो उस यात्रा पर भी विचार करें जो प्रभु यीशु ने आपके लिए करी। वे स्वर्ग की महीमा छोड़कर इस पृथ्वी पर अपमानित होने और श्रापित मृत्यु झेलने आ गए जिससे हम मनुष्यों को पापों की क्षमा और अनन्त काल की महिमा मिल सके। अपने महिमामय पुनरुत्थान के द्वारा उन्होंने अपने परमेश्वरत्व को प्रमाणित किया और अपनी महिमा में संभागी होने का आदर अपने अनुयायियों को भी दिया।

   परमेश्वर का धन्यवाद हो उस पहले क्रिसमस की यात्रा के लिए जिससे समस्त मानव जाति के लिए अनन्त महिमा का मार्ग खुल गया। क्या आपने प्रभु के इस निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है? - डेव एगनर


प्रभु यीशु हमारे लिए स्वर्ग से पृथ्वी पर आए जिससे हम उनके साथ पृथ्वी से स्वर्ग जा सकें।

वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना; क्योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा। - मत्ती 1:21

बाइबल पाठ: गलतियों 4:1-7
Galatians 4:1 मैं यह कहता हूं, कि वारिस जब तक बालक है, यद्यपि सब वस्‍तुओं का स्‍वामी है, तौभी उस में और दास में कुछ भेद नहीं। 
Galatians 4:2 परन्तु पिता के ठहराए हुए समय तक रक्षकों और भण्‍डारियों के वश में रहता है। 
Galatians 4:3 वैसे ही हम भी, जब बालक थे, तो संसार की आदि शिक्षा के वश में हो कर दास बने हुए थे। 
Galatians 4:4 परन्तु जब समय पूरा हुआ, तो परमेश्वर ने अपने पुत्र को भेजा, जो स्त्री से जन्मा, और व्यवस्था के आधीन उत्पन्न हुआ। 
Galatians 4:5 ताकि व्यवस्था के आधीनों को मोल ले कर छुड़ा ले, और हम को लेपालक होने का पद मिले। 
Galatians 4:6 और तुम जो पुत्र हो, इसलिये परमेश्वर ने अपने पुत्र के आत्मा को, जो हे अब्‍बा, हे पिता कह कर पुकारता है, हमारे हृदय में भेजा है। 
Galatians 4:7 इसलिये तू अब दास नहीं, परन्तु पुत्र है; और जब पुत्र हुआ, तो परमेश्वर के द्वारा वारिस भी हुआ। 

एक साल में बाइबल: 
  • ओब्द्याह 
  • प्रकाशितवाक्य 9