ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

गुरुवार, 2 जनवरी 2014

सहायक


   उत्तरी अलास्का की बर्फीली सड़कों पर बड़े भारी-भरकम ट्रक चलाना कोई आसान कार्य नहीं है। ट्रक चालक इन सड़कों पर एक दूसरे के साथ तथा केंद्रीय नियंत्रण कक्ष के साथ रेडियो के द्वारा संपर्क में बने रहते हैं जिससे सही मार्ग पर चलते रहने और आवश्यकता के समय सहायता मिलने में कोई समस्या ना हो। उस मार्ग के एकाकीपन से विचिलित होने से बचने के लिए ट्रक ड्राईवरों को विनोदप्रीय भी रहना होता है और वे एक दूसरे से रेडियो पर हंसी-मज़ाक करते रहते हैं। ऐसे ही एक चालक, एलेक्स का स्वभाव था कि रेडियो पर होने वाली इस बातचीत में वह अकसर बड़े ज़ोर के ठहाके लगाता रहता था। इससे एक अन्य ट्रक चालक थोड़ी देर तक ठहाके सुनते रहने के बाद चिढ़ गया और एलेक्स तथा उसके ठहाकों के लिए रेडियो पर ही, जिसे सब सुन सकते थे, कुछ अपशब्द कह दिए।

   ऐसा करने के कुछ समय बाद ही उस अपशब्द कहने वाले ट्रक चालक का ट्रक सड़क से फिसलकर किनारे के गढ्ढे में पड़ी बर्फ में जाकर फंस गया और उससे अकेले उसे बाहर निकालते नहीं बन पड़ रहा था। उस सुनसान मार्ग पर सहायता आने में समय लग सकता था; इतने में एक ट्रक वहाँ से निकला और उसकी दशा देखकर रुक गया, और उस ट्रक का चालक कोई और नहीं एलेक्स ही था।

   आप एलेक्स के स्थान पर होते तो क्या करते - क्या थोड़े समय पहले ही अपने प्रति सार्वजनिक रूप से अपमानजनक शब्द कहने वाले ट्रक चालक की स्थिति पर सिर हिलाते और मुस्कुराते हुए वहाँ से आगे चल देते? लेकिन एलेक्स ने ऐसा नहीं किया। वह वहीं रुका रहा और कई घंटों की मेहनत के बाद वह अपने निन्दक के ट्रक को उस गढ्ढे से निकाल पाने में सफल हो सका। जब ट्रक बाहर आ गया तो एलेक्स ने केवल इतना ही कहा, "सुधरने और सहायता करने का कोई अवसर सामने हो तो मैं कभी पीछे नहीं हटता"; और इतना कहकर एलेक्स अपनी आदत के अनुसार ज़ोर से हँसते हुए अपने ट्रक में चढ़ा और आगे बढ़ गया।

   हम सब के सीखने के लिए एलेक्स नें कैसा महान पाठ रखा है। क्या यही प्रभु यीशु ने लूका 6 में नहीं सिखाया - कि अपने शत्रुओं की भी सहायता करें? अगली बार जब कोई आपके लिए कोई ऐसी बात कहे जो आपको पसन्द ना आए तो कोई भी प्रतिक्रीया देने से पहले एलेक्स के बारे में सोचिए, फिर उस व्यक्ति के सहायक बनिए, उसके लिए कुछ सकारात्मक कीजिए। इससे ना केवल एक अच्छा उदाहरण दूसरों के अनुसरण के लिए बनेगा वरन आपका एक निन्दक भी कम हो जाएगा, और संभवतः आपको एक अच्छा मित्र भी मिल जाएगा। - डेव ब्रैनन


एक अच्छा उदाहरण ही अच्छा उपदेश भी है।

परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि अपने बैरियों से प्रेम रखो और अपने सताने वालों के लिये प्रार्थना करो। जिस से तुम अपने स्‍वर्गीय पिता की सन्तान ठहरोगे क्योंकि वह भलों और बुरों दोनों पर अपना सूर्य उदय करता है, और धर्मियों और अधर्मियों दोनों पर मेंह बरसाता है। - मत्ती 5:44-45

बाइबल पाठ: लूका 6:27-36
Luke 6:27 परन्तु मैं तुम सुनने वालों से कहता हूं, कि अपने शत्रुओं से प्रेम रखो; जो तुम से बैर करें, उन का भला करो। 
Luke 6:28 जो तुम्हें श्राप दें, उन को आशीष दो: जो तुम्हारा अपमान करें, उन के लिये प्रार्थना करो। 
Luke 6:29 जो तेरे एक गाल पर थप्पड़ मारे उस की ओर दूसरा भी फेर दे; और जो तेरी दोहर छीन ले, उसको कुरता लेने से भी न रोक। 
Luke 6:30 जो कोई तुझ से मांगे, उसे दे; और जो तेरी वस्तु छीन ले, उस से न मांग। 
Luke 6:31 और जैसा तुम चाहते हो कि लोग तुम्हारे साथ करें, तुम भी उन के साथ वैसा ही करो। 
Luke 6:32 यदि तुम अपने प्रेम रखने वालों के साथ प्रेम रखो, तो तुम्हारी क्या बड़ाई? क्योंकि पापी भी अपने प्रेम रखने वालों के साथ प्रेम रखते हैं। 
Luke 6:33 और यदि तुम अपने भलाई करने वालों ही के साथ भलाई करते हो, तो तुम्हारी क्या बड़ाई? क्योंकि पापी भी ऐसा ही करते हैं। 
Luke 6:34 और यदि तुम उसे उधार दो, जिन से फिर पाने की आशा रखते हो, तो तुम्हारी क्या बड़ाई? क्योंकि पापी पापियों को उधार देते हैं, कि उतना ही फिर पाएं। 
Luke 6:35 वरन अपने शत्रुओं से प्रेम रखो, और भलाई करो: और फिर पाने की आस न रखकर उधार दो; और तुम्हारे लिये बड़ा फल होगा; और तुम परमप्रधान के सन्तान ठहरोगे, क्योंकि वह उन पर जो धन्यवाद नहीं करते और बुरों पर भी कृपालु है। 
Luke 6:36 जैसा तुम्हारा पिता दयावन्‍त है, वैसे ही तुम भी दयावन्‍त बनो।

एक साल में बाइबल: उत्पत्ति 3-5

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें