ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

रविवार, 27 जुलाई 2014

प्रोत्साहक


   लोगों के अन्दर पाए जाने वाले गुणों में से एक जिसकी मैं बहुत सराहना करती हूँ है शान्त रीति से, बिना सामने आए, प्रोत्साहन देते रहना। मुझे स्मरण है जब मैं अस्पताल में कुछ समय भर्ती रहने के पश्चात घर लौटी तो मेरी एक सहेली, जैकी - जिसका स्वयं भी कुछ दिन पहले ही एक ऑपरेशन हुआ था, ने मुझे एक पुस्तक भेजी जिसमें परमेश्वर द्वारा हम से की गई प्रतिज्ञाएं लिखीं थी।

   मेरे अंकल बॉब उन लोगों के प्रति बहुत धन्यवादी थे जिन्होंने कैंसर उपचार केंद्र में उनकी देख-रेख करी थी, और उन्होंने धन्यवाद स्वरूप उन लोगों के अधिकारियों को उन कर्मचारियों की सराहना से भरे अनेक पत्र लिख कर भेजे।

   मेरी एक रिश्तेदार ब्रैन्डा को लगभग 20 वर्ष पहले अपने बच्चे की मृत्यु का दुख झेलना पड़ा था, और आज उसके द्वारा किए गए हमदर्दी के कार्यों को अनेक लोग सराहते हैं, समरण करते हैं।

   अकसर देखा जाता है कि जो लोग अत्याधिक दुख - भौतिक या मानसिक, से होकर निकले हैं वे दूसरों को सांत्वना तथा प्रोत्साहन भी सबसे बेहतर और बढ़कर देने पाते हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल की प्रेरितों के कार्य पुस्तक में एक व्यक्ति का उल्लेख है जिसका नाम था बर्नबास, जिसे उस समय के लोग शान्ति का पुत्र कहते थे (प्रेरितों 4:6); उसके लिए लिखा गया है कि, "वह एक भला मनुष्य था; और पवित्र आत्मा और विश्वास से परिपूर्ण था..." (प्रेरितों 11:24) और वह दूसरों को प्रोत्साहित करता था कि "...सब को उपदेश दिया कि तन मन लगाकर प्रभु से लिपटे रहो" (प्रेरितों 11:23)। उसके इस प्रकार से मसीही विश्वासियों और अन्य लोगों को प्रोत्साहित करने से बहुत से लोग प्रभावित हुए होंगे, तभी तो परमेश्वर के वचन में उसका नाम इतने आदर के साथ लिखा गया है।

   जैसे हम अपने जीवन में किसी से प्रोत्साहन पा कर आशीषित हुए हैं, वैसे ही हमें भी औरों के लिए प्रोत्साहक होना है, अपने अनुभवों से दुसरों को शान्ति और सांत्वना प्रदान करनी है, प्रभु यीशु के प्रेम को उन तक पहुँचाना है। -सिंडी हैस कैस्पर


प्रोत्साहन द्वारा मनुष्य की आत्मा आशा से भर उठती है।

सो हे मेरे प्रिय भाइयो, दृढ़ और अटल रहो, और प्रभु के काम में सर्वदा बढ़ते जाओ, क्योंकि यह जानते हो, कि तुम्हारा परिश्रम प्रभु में व्यर्थ नहीं है। - 1 कुरिन्थियों 15:58

बाइबल पाठ: प्रेरितों 11:22-26
Acts 11:22 तब उन की चर्चा यरूशलेम की कलीसिया के सुनने में आई, और उन्होंने बरनबास को अन्‍ताकिया भेजा। 
Acts 11:23 वह वहां पहुंचकर, और परमेश्वर के अनुग्रह को देखकर आनन्‍दित हुआ; और सब को उपदेश दिया कि तन मन लगाकर प्रभु से लिपटे रहो। 
Acts 11:24 क्योंकि वह एक भला मनुष्य था; और पवित्र आत्मा से परिपूर्ण था: और और बहुत से लोग प्रभु में आ मिले। 
Acts 11:25 तब वह शाऊल को ढूंढने के लिये तरसुस को चला गया। 
Acts 11:26 और जब उन से मिला तो उसे अन्‍ताकिया में लाया, और ऐसा हुआ कि वे एक वर्ष तक कलीसिया के साथ मिलते और बहुत लोगों को उपदेश देते रहे, और चेले सब से पहिले अन्‍ताकिया ही में मसीही कहलाए।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 1-3


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें