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शुक्रवार, 8 अगस्त 2014

सहानुभूति


   बेसबॉल की राष्ट्रीय स्पर्धा का वह खेल समाप्त हुआ, ग्रीन बे पैकर्स नामक दल अपनी जीत की खुशियाँ मना रहे थे और शिकागो बेर्यस नामक दल अपनी पराजय पर दुखी थे; मेरी बेटी लीज़ा ने ध्यान दिया कि उसकी 4 वर्षीय पुत्री एलियाना रो रही थी। यह बड़ी अजीब बात थी क्योंकि एलियाना के माता-पिता को इससे कोई मतलब नहीं था कि कौन जीतता है और कौन हारता है। जब लीज़ा ने एलियाना से पूछा कि वह क्यों रो रही है, तो बड़ी मासूमियत से उसने उत्तर दिया, "मुझे शिकागो बेर्यस के लिए बुरा लग रहा है, वे सब इतने दुखी दिखाई दे रहे हैं!"

   क्या इस छोटी सी लड़की से, जिसने अभी स्कूल जाना भी ठीक से आरंभ नहीं किया है, हम कुछ सहानुभूति के बारे में सीख सकते हैं? आज के इस संसार में जहाँ जीतने को इतना महत्व दिया जाता है और हारने वालों को तिरिस्कृत करके भुला दिया जाता है, बदनाम किया जाता है, हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि सभी को सहानुभूति की आवश्यकता होती है। जब हम किसी को हानि उठाकर भी संघर्ष करते हुए देखते हैं तो क्या उनके साथ आँसु बहाने में, उनके कांधे पर हाथ रख कर उन्हें सहायता देने का प्रस्ताव देकर, उनकी परेशानी में हम भी सहभागी होते हैं?

   परमेश्वर के वचन बाइबल में अनेक भाग ऐसे हैं जो हमें दूसरों के प्रति सहानुभूति जताने के लिए कहते हैं। फिलिप्पियों 2:1-3 में लिखा है कि हम दूसरों के बारे में अपने से बढ़कर सोचें, उनके हितों की भी चिंता करें ना कि केवल अपने ही हितों की। 1 पतरस 3:8-12 हमें स्मरण दिलाता है कि सहानुभूति का अर्थ है औरों के प्रति "भाईचारे की प्रीति" रखना; और कुलुस्सियों 3:12-15 बताता है कि करुणा, भलाई और दीनता परमेश्वर द्वारा पाप के दासत्व से छुड़ाकर उद्धार पाए हुए लोगों के गुण हैं।

   अपने चारों ओर देखें, क्या कोई ऐसा है जो किसी कठिन परिस्थिति से होकर निकल रहा है? उन की परिस्थितियों के लिए केवल बुरा अनुभव ही मत कीजिए, सहानुभूति और परमेश्वर के प्रेम के साथ उनकी ओर सहायता के हाथ बढ़ाईए। - डेव ब्रैनन


हमारा मसीह यीशु की समानता में होने का एक नाप है मसीह के समान दूसरों के दुखों में उनके साथ दुखी होना।

विरोध या झूठी बड़ाई के लिये कुछ न करो पर दीनता से एक दूसरे को अपने से अच्छा समझो। - फिलिप्पियों 2:3

बाइबल पाठ: 1 पतरस 3:8-12
1 Peter 3:8 निदान, सब के सब एक मन और कृपामय और भाईचारे की प्रीति रखने वाले, और करूणामय, और नम्र बनो। 
1 Peter 3:9 बुराई के बदले बुराई मत करो; और न गाली के बदले गाली दो; पर इस के विपरीत आशीष ही दो: क्योंकि तुम आशीष के वारिस होने के लिये बुलाए गए हो। 
1 Peter 3:10 क्योंकि जो कोई जीवन की इच्छा रखता है, और अच्‍छे दिन देखना चाहता है, वह अपनी जीभ को बुराई से, और अपने होंठों को छल की बातें करने से रोके रहे। 
1 Peter 3:11 वह बुराई का साथ छोड़े, और भलाई ही करे; वह मेल मिलाप को ढूंढ़े, और उस के यत्‍न में रहे। 
1 Peter 3:12 क्योंकि प्रभु की आंखे धर्मियों पर लगी रहती हैं, और उसके कान उन की बिनती की ओर लगे रहते हैं, परन्तु प्रभु बुराई करने वालों के विमुख रहता है।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 37-39


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