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मंगलवार, 6 मई 2014

आमंत्रण


   परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने नियम खण्ड में यहेजकेल नबी की पुस्तक परमेश्वर के अनाज्ञाकारी रहे लोगों के ऊपर आने वाले परमेश्वर के न्याय के बारे में बताती है। परमेश्वर ने उन लोगों को बलवा करने वाले निर्ल्लज तथा हठीले लोग कहा (यहेजकेल 2:3-4)। यहेजकेल द्वारा लिखे गए उनके पाप के वर्णन और असके कारण उन पर आने वाले उग्र न्याय के शब्द चित्र भयावह हैं। लेकिन फिर भी अपने लोगों के पाप और उसके कारण उन पर आई बाबुल की बन्धुवाई और दुर्दशा में परमेश्वर के विलाप में उनके प्रति परमेश्वर का प्रेम चमकता दिखता है, वह उन्हें फिर से जीवन मार्ग पर चलने के लिए लौट आने का आमंत्रण देता है।

   परमेश्वर ने उन लोगों से कहा: "अपने सब अपराधों को जो तुम ने किए हैं, दूर करो; अपना मन और अपनी आत्मा बदल डालो! हे इस्राएल के घराने, तुम क्यों मरो? क्योंकि, प्रभु यहोवा की यह वाणी है, जो मरे, उसके मरने से मैं प्रसन्न नहीं होता, इसलिये पश्चात्ताप करो, तभी तुम जीवित रहोगे" (यहेजकेल 18:31-32)।

   यह विवरण हमारे सामने एक महान सत्य को लाकर रखता है - परमेश्वर यह नहीं चाहता कि हम ग्लानि में जीते रहें, या उसकी आज्ञाओं को मानने के अपने प्रयास और बढ़ा दें, वरन उसकी इच्छा यह है कि हम उसके पास पश्चाताप में लौट आएं, उससे पुनः सामर्थ पाएं, एक नया मन और नयी आत्मा (यहेजकेल 36:26-27) उससे प्राप्त करें और फिर उसकी सेवकाई में लग जाएं।

   यदि आपको लगता है कि आप परमेश्वर से दूर भटक गए हैं, या आप का यह मानना है कि अब वह आप के साथ नहीं चलता तो यही समय है कि आप उपरोक्त सत्य को स्वीकार कर लें और उसके पास लौट आएं। वह सदा आपकी प्रतीक्षा में रहता है। क्या आप उसके प्रेम भरे आमंत्रण को स्वीकार कर के उससे एक नया मन और आत्मा पा लेना चाहते हैं? क्या आप उसके साथ जीवन मार्ग पर चलने के उसके इस आमंत्रण को अपनाएंगे? - डेविड मैक्कैसलैंड


वर्तमान एवं भविष्य को सुखद बनाने के लिए भूतकाल के लिए प्रभु यीशु में होकर मिलने वाली परमेश्वर की क्षमा प्राप्त कर लें।

मैं तुम को नया मन दूंगा, और तुम्हारे भीतर नई आत्मा उत्पन्न करूंगा; और तुम्हारी देह में से पत्थर का हृदय निकाल कर तुम को मांस का हृदय दूंगा। और मैं अपना आत्मा तुम्हारे भीतर देकर ऐसा करूंगा कि तुम मेरी विधियों पर चलोगे और मेरे नियमों को मान कर उनके अनुसार करोगे। - यहेजकेल 36:26-27

बाइबल पाठ: यहेजकेल 18:25-32
Ezekiel 18:25 तौभी तुम लोग कहते हो, कि प्रभु की गति एकसी नहीं। हे इस्राएल के घराने, देख, क्या मेरी गति एकसी नहीं? क्या तुम्हारी ही गति अनुचित नहीं है? 
Ezekiel 18:26 जब धमीं अपने धर्म से फिर कर, टेढ़े काम करने लगे, तो वह उनके कारण मरेगा, अर्थात वह अपने टेढ़े काम ही के कारण मर जाएगा। 
Ezekiel 18:27 फिर जब दुष्ट अपने दुष्ट कामों से फिर कर, न्याय और धर्म के काम करने लगे, तो वह अपना प्राण बचाएगा। 
Ezekiel 18:28 वह जो सोच विचार कर अपने सब अपराधों से फिरा, इस कारण न मरेगा, जीवित ही रहेगा। 
Ezekiel 18:29 तौभी इस्राएल का घराना कहता है कि प्रभु की गति एकसी नहीं। हे इस्राएल के घराने, क्या मेरी गति एकसी नहीं? क्या तुम्हारी ही गति अनुचित नहीं? 
Ezekiel 18:30 प्रभु यहोवा की यह वाणी है, हे इस्राएल के घराने, मैं तुम में से हर एक मनुष्य का न्याय उसकी चालचलन के अनुसार ही करूंगा। पश्चात्ताप करो और अपने सब अपराधों को छोड़ो, तभी तुम्हारा अधर्म तुम्हारे ठोकर खाने का कारण न होगा। 
Ezekiel 18:31 अपने सब अपराधों को जो तुम ने किए हैं, दूर करो; अपना मन और अपनी आत्मा बदल डालो! हे इस्राएल के घराने, तुम क्यों मरो? 
Ezekiel 18:32 क्योंकि, प्रभु यहोवा की यह वाणी है, जो मरे, उसके मरने से मैं प्रसन्न नहीं होता, इसलिये पश्चात्ताप करो, तभी तुम जीवित रहोगे।

एक साल में बाइबल: 
  • एज़्रा 8-10