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रविवार, 6 जुलाई 2014

रुको!


   जीवन एक व्यस्त उद्यम है; लगता है कि हमेशा ही जितना हमारे पास समय है उससे अधिक करने के लिए कुछ और, जाने के लिए और स्थान, मिलने के लिए और लोग हमारी प्रतीक्षा कर रहे हैं। यद्यपि हम में से कोई भी कुछ निर्थक नहीं करना चाहता, लेकिन फिर भी जीवन की तेज़ रफतार हम से हमारी शान्ति छीनने को सदा ही तत्पर और तैयार दिखाई देती है।

   जब हम कार चला रहे होते हैं तब मार्ग में लगे रुकने या धीरे चलने के चिन्ह हमें स्मरण दिलाते रहते हैं कि हम सारे वक्त अपना पैर गाड़ी के एक्सलरेटर पर दबाए नहीं रख सकते, हमें आवश्यकता के अनुसार गति धीमी करनी होती है अथवा रुकना होता है। कुछ ऐसे ही चिन्ह हमें जीवन के हर पहलु के लिए भी लगा लेने आवश्यक हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार शान्त होकर बैठने के महत्व को भली भांति जानता था, और परमेश्वर ने स्वयं भी सृष्टि की रचना करने के पश्चात सातवें दिन में विश्राम किया (उत्पत्ति 2:2)। प्रभु यीशु ने भी भीड़ से अपने आप को अलग करके कुछ समय विश्राम किया, जबकि उनके ऊपर और भी अधिक प्रचार करने तथा और लोगों को चंगा करने के दबाव की कोई कमी नहीं थी (मत्ती 14:13; मरकुस 6:31)। प्रभु जानते थे कि अपने जीवन भर अपने आप को व्यस्त बनाकर थके हुए हो जाने से कोई लाभ नहीं है।

   वह आखिरी अवसर कब था जब आप भजनकार के समान सच्चे मन से कह सकते थे "निश्चय मैं ने अपने मन को शान्त और चुप कर दिया है..." (भजन 131:2)। अपने व्यस्त जीवन मार्ग में "रुको" का चिन्ह लगाएं और उसका पालन करें; कोई ऐसा स्थान ढूँढ़ें जहाँ आप एकान्त में हो सकें। जो बातें आपको परमेश्वर की आवाज़ सुनने से रोकती हैं उन से हट कर, उन से दूर होकर के परमेश्वर के वचन बाइबल के साथ समय बिताएं, उसमें होकर परमेश्वर की वाणी को सुनें। परमेश्वर को अवसर दें कि वह आपके मन और मस्तिष्क को तरोताज़ा करे, आपको अपनी सामर्थ से भरे, आपको एक नई स्फूर्ति प्रदान करे जिससे आप एक नया जीवन जो उसकी महिमा के लिए हो भलाई के साथ व्यतीत कर सकें। - जो स्टोवैल


जीवन की व्यस्तता से अवकाश लेकर अपने देह, प्राण, आत्मा को परमेश्वर के वचन द्वारा तरोताज़ा रखें।

प्रभु यहोवा, इस्राएल का पवित्र यों कहता है, लौट आने और शान्त रहने में तुम्हारा उद्धार है; शान्त रहते और भरोसा रखने में तुम्हारी वीरता है। परन्तु तुम ने ऐसा नहीं किया, - यशायाह 30:15

बाइबल पाठ: भजन 131:1-3
Psalms 131:1 हे यहोवा, न तो मेरा मन गर्व से और न मेरी दृष्टि घमण्ड से भरी है; और जो बातें बड़ी और मेरे लिये अधिक कठिन हैं, उन से मैं काम नहीं रखता। 
Psalms 131:2 निश्चय मैं ने अपने मन को शान्त और चुप कर दिया है, जैसे दूध छुड़ाया हुआ लड़का अपनी मां की गोद में रहता है, वैसे ही दूध छुड़ाए हुए लड़के के समान मेरा मन भी रहता है।
Psalms 131:3 हे इस्राएल, अब से ले कर सदा सर्वदा यहोवा ही पर आशा लगाए रह!

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 129-132