ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

शनिवार, 22 नवंबर 2014

उदारता और बहुतायत


   हाल ही की बात है मैं एक होटल में आया; उस होटल के स्वागत कक्ष में फूलों की सजावट हो रखी थी। इतनी बहुतायत के साथ फूलों की सजावट मैंने पहले कभी नहीं देखी थी। वह स्थान सुन्दरता से सजाए गए विभिन्न रंगों के फूलों और उनकी सुगन्ध से भरा हुआ था, और उस सारे दृश्य का प्रभाव अद्भुत था। मैं चलते चलते रुक गया और उस सुन्दरता को निहारने लगा। मुझे विचार आया कि बहुतायत में कुछ बात है जो हमारे मनों को भाती है। ज़रा भिन्न रस भरे फलों से भरी हुए किसी टोकरी के बारे सोचिए, या फिर कई प्रकार की मिठाईयों से सजी मेज़ के बारे में - बहुतायत को देखने, सोचने का आनन्द ही कुछ और होता है।

   इस बहुतायत के आनन्द से मुझे परमेश्वर की उदारता की याद आती है। परमेश्वर का वचन बाइबल हमें परमेश्वर और उसकी उदारता के बारे में बहुत कुछ बताती है। बाइबल बताती है कि परमेश्वर हमारे कटोरे को उमड़ने देता है (भजन 23:5); वह "ऐसा सामर्थी है, कि हमारी बिनती और समझ से कहीं अधिक काम कर सकता है, उस सामर्थ के अनुसार जो हम में कार्य करता है" (इफिसियों 3:20); उसका अनुग्रह हमारे जीवन में आने वाली प्रत्येक कठिनाई से पार पाने के लिए सक्षम है (2 कुरिन्थियों 12:9); और जब कोई पश्चाताप के साथ लौट कर उसके पास वापस आता है तो वह उस के आनन्द को मनाने के लिए एक भव्य भोज का आयोजन करता है (लूका 15:20-24)।

   इसीलिए भजनकार आनन्दित होकर कहता है कि, "हे परमेश्वर तेरी करूणा, कैसी अनमोल है! मनुष्य तेरे पंखो के तले शरण लेते हैं। वे तेरे भवन के चिकने भोजन से तृप्त होंगे, और तू अपनी सुख की नदी में से उन्हें पिलाएगा" (भजन 36:7-8)। हमारा परमेश्वर बहुतायत का परमेश्वर है, हमारे प्रति उसकी भलाई बहुतायत से है। उसके द्वारा उदारता और बहुतायत से मिलने वाली आशीषों के लिए आईए हम बहुतायत से उसकी आराधना और स्तुति करें। - जो स्टोवैल


परमेश्वर की, जो सब आशीषों का स्त्रोत है, निरंतर प्रशंसा और स्तुति करते रहें।

तू मुझे जीवन का रास्ता दिखाएगा; तेरे निकट आनन्द की भरपूरी है, तेरे दाहिने हाथ में सुख सर्वदा बना रहता है। - भजन - 16:11

बाइबल पाठ: भजन 36:5-12
Psalms 36:5 हे यहोवा तेरी करूणा स्वर्ग में है, तेरी सच्चाई आकाश मण्डल तक पहुंची है। 
Psalms 36:6 तेरा धर्म ऊंचे पर्वतों के समान है, तेरे नियम अथाह सागर ठहरे हैं; हे यहोवा तू मनुष्य और पशु दोनों की रक्षा करता है।
Psalms 36:7 हे परमेश्वर तेरी करूणा, कैसी अनमोल है! मनुष्य तेरे पंखो के तले शरण लेते हैं। 
Psalms 36:8 वे तेरे भवन के चिकने भोजन से तृप्त होंगे, और तू अपनी सुख की नदी में से उन्हें पिलाएगा। 
Psalms 36:9 क्योंकि जीवन का सोता तेरे ही पास है; तेरे प्रकाश के द्वारा हम प्रकाश पाएंगे।
Psalms 36:10 अपने जानने वालों पर करूणा करता रह, और अपने धर्म के काम सीधे मन वालों में करता रह! 
Psalms 36:11 अहंकारी मुझ पर लात उठाने न पाए, और न दुष्ट अपने हाथ के बल से मुझे भगाने पाए। 
Psalms 36:12 वहां अनर्थकारी गिर पड़े हैं; वे ढकेल दिए गए, और फिर उठ न सकेंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • रोमियों 12-16