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रविवार, 23 नवंबर 2014

धन-संपदा


   घटना उन दिनों की है जब हमारा परिवार अफ्रीका के कीन्या देश में रह रहा था। हमारे साथ कार में नायरोबी से एक महिला आई, उसके माता-पिता विक्टोरिया झील के पास के एक गाँव में रहते थे और उसे उनसे मिलने जाना था। उस गाँव तक जाने से पहले हम एक होटल पर रुके ताकि अपना सामान गाड़ी से उतार कर वहाँ रख दें क्योंकि गाँव से वापस आकर हमें वहीं रहना था। होटल का हमारा कमरा एक सामान्य सा दो पलंग तथा बिस्तर वाला कमरा था; लेकिन उस कमरे और वहाँ के सामान को देखकर वह महिला विसमय से बोली, "इतना सब कुछ और वह भी केवल तुम पाँच लोगों के लिए!" जिसे हम सामान्य समझ रहे थे वह उसकी नज़रों में विलासता जैसा था। धन-संपदा का माप भी ऐसे ही तुलनात्मक है; हम जो विकसित देशों में रहते हैं और अपने जीवन के स्तर के बारे में शिकायत करते रहते हैं यह भूल जाते हैं कि जिसे हम निम्न कोटी का जीवन स्तर समझते हैं वह संसार के अनेक लोगों की नज़रों में उच्च कोटि का हो सकता है।

   इफसुस की मसीही विश्वासियों की मण्डली में कुछ ऐसे थे जो अन्य सदस्यों की अपेक्षा अधिक धनी थे। उस मण्डली की देखभाल करने वाले पास्टर, तिमुथियुस, को प्रेरित पौलुस ने लिखा, "इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे, कि वे अभिमानी न हों और चंचल धन पर आशा न रखें, परन्तु परमेश्वर पर जो हमारे सुख के लिये सब कुछ बहुतायत से देता है" (1 तिमुथियुस 6:17)। पौलुस चाहता था कि वे सांसारिक धन-संपदा में नहीं वरन भलाई में धनी हों: "और भलाई करें, और भले कामों में धनी बनें, और उदार और सहायता देने में तत्‍पर हों" (1 तिमुथियुस 6:18)।

   जो हमारे पास है उसे दूसरों की भलाई में खर्च करने की बजाए उसे थामे रखने की हमारी स्वाभाविक प्रवृत्ति होती है। लेकिन हमारे लिए धन-संपदा की चुनौती परमेश्वर के प्रति भरोसा और धन्यवाद से तथा लोगों के प्रति उदारता से भरा हृदय रखने की है, जैसे परमेश्वर ने हमारे प्रति किया है। - डेविड मैक्कैसलैण्ड


हमारा पारिश्रमिक हमारा जीवन चलाने के लिए तथा हमारी उदारता हमारा जीवन बनाने के लिए है।

और उस[प्रभु यीशु] ने उन से कहा, चौकस रहो, और हर प्रकार के लोभ से अपने आप को बचाए रखो: क्योंकि किसी का जीवन उस की संपत्ति की बहुतायत से नहीं होता। - लूका 12:15

बाइबल पाठ: 1 तिमुथियुस 6:6-10, 17-19
1 Timothy 6:6 पर सन्‍तोष सहित भक्ति बड़ी कमाई है। 
1 Timothy 6:7 क्योंकि न हम जगत में कुछ लाए हैं और न कुछ ले जा सकते हैं। 
1 Timothy 6:8 और यदि हमारे पास खाने और पहिनने को हो, तो इन्‍हीं पर सन्‍तोष करना चाहिए। 
1 Timothy 6:9 पर जो धनी होना चाहते हैं, वे ऐसी परीक्षा, और फंदे और बहुतेरे व्यर्थ और हानिकारक लालसाओं में फंसते हैं, जो मनुष्यों को बिगाड़ देती हैं और विनाश के समुद्र में डूबा देती हैं। 
1 Timothy 6:10 क्योंकि रूपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है, जिसे प्राप्त करने का प्रयत्न करते हुए कितनों ने विश्वास से भटक कर अपने आप को नाना प्रकार के दुखों से छलनी बना लिया है।
1 Timothy 6:17 इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे, कि वे अभिमानी न हों और चंचल धन पर आशा न रखें, परन्तु परमेश्वर पर जो हमारे सुख के लिये सब कुछ बहुतायत से देता है। 
1 Timothy 6:18 और भलाई करें, और भले कामों में धनी बनें, और उदार और सहायता देने में तत्‍पर हों। 
1 Timothy 6:19 और आगे के लिये एक अच्छी नेव डाल रखें, कि सत्य जीवन को वश में कर लें।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 कुरिन्थियों 1-4