ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

सोमवार, 23 फ़रवरी 2015

विधि


   हमारे पोते के जन्मदिन को मनाने के लिए मेरी पत्नि ने एक बड़ा सा चॉकलेट केक बना कर सजाया। यह करने के लिए उसने अपनी व्यंजन बनाने की विधियाँ सिखाने वाली पुस्तक को निकाला, उसमें लिखी विधि के अनुसार सही अनुपात में आवश्यक सामग्री को एकत्रित किया, फिर दी गई केक बनाने की विधि का क्रमवार अनुसरण किया, और केक बनकर तैयार हो गया। कितना अच्छा होता यदि जीवन भी कुछ ऐसा ही होता - जीने के कुछ सरल क्रमों का पालन करें और आनन्दमय जीवन का सुख लें!

   लेकिन जीवन ऐसा सरल नहीं है। हम एक पाप में पतित संसार में रहते हैं और ऐसी कोई सरल विधि नहीं है जिसके पालन से हम हानि, पीड़ा, अन्याय और कष्ट से विहीन जीवन व्यतीत कर सकेंगे। जीवन की तकलीफों में हमें एक ऐसे सहायक और मार्गदर्शक की आवश्यकता है जिसने स्वयं यह सब अनुभव किया हो किंतु उन सब पर जयवन्त रहा हो और अब हमें भी जयवन्त कर सकता हो। परमेश्वर के वचन बाइबल में इब्रानियों की पत्री में ऐसे एकमात्र जन - प्रभु यीशु के विषय में लिखा है: "क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक नहीं, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी न हो सके; वरन वह सब बातों में हमारी नाईं परखा तो गया, तौभी निष्‍पाप निकला" (इब्रानियों 4:15)। प्रभु यीशु मसीह जो हमें जीवन देने के लिए बलिदान होकर मृतकों में से जी उठा, पूर्ण रीति से सक्षम है कि हमें जीवन के सभी दुखों और अन्धकारमय अनुभवों के पार सकुशल निकाल लाए, क्योंकि "निश्चय उसने हमारे रोगों को सह लिया और हमारे ही दु:खों को उठा लिया..." (यशायाह 53:4)।

   प्रभु यीशु जानता है कि ऐसी कोई सरल विधि नहीं है जिससे जीवन के दुख मिटाए जा सकें, इसलिए वह स्वयं संसार में आ गया, हमारे दुखों को अपने ऊपर ले लिया, उन से सुरक्षित निकल जाने का मार्ग बनाकर दे दिया। क्या आज आप उस पर विश्वास करके अपने दुखों और आँसुओं के जीवन को उन दुखों से पार सुरक्षित निकाल ले जाने के लिए उसे समर्पित करेंगे। जीवन की सुरक्षा और अनन्त आनन्द की इससे सरल विधि और कहीं नहीं है, कोई नहीं है। - बिल क्राउडर


प्रभु यीशु जो हमें जीवन देने के लिए बलिदान हो गया, वही हमें जीवन के दुखों से पार भी लगा सकता है।

इस कारण मैं इन दुखों को भी उठाता हूं, पर लजाता नहीं, क्योंकि मैं उसे जिस की मैं ने प्रतीति की है, जानता हूं; और मुझे निश्‍चय है, कि वह मेरी थाती की उस दिन तक रखवाली कर सकता है। - 2 तिमुथियुस 1:12

बाइबल पाठ: इब्रानियों 4:11-16
Hebrews 4:11 सो हम उस विश्राम में प्रवेश करने का प्रयत्न करें, ऐसा न हो, कि कोई जन उन की नाईं आज्ञा न मान कर गिर पड़े। 
Hebrews 4:12 क्योंकि परमेश्वर का वचन जीवित, और प्रबल, और हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत चोखा है, और जीव, और आत्मा को, और गांठ गांठ, और गूदे गूदे को अलग कर के, वार पार छेदता है; और मन की भावनाओं और विचारों को जांचता है। 
Hebrews 4:13 और सृष्‍टि की कोई वस्तु उस से छिपी नहीं है वरन जिस से हमें काम है, उस की आंखों के साम्हने सब वस्तुएं खुली और बेपरदा हैं।
Hebrews 4:14 सो जब हमारा ऐसा बड़ा महायाजक है, जो स्‍वर्गों से हो कर गया है, अर्थात परमेश्वर का पुत्र यीशु; तो आओ, हम अपने अंगीकार को दृढ़ता से थामें रहे। 
Hebrews 4:15 क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक नहीं, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी न हो सके; वरन वह सब बातों में हमारी नाईं परखा तो गया, तौभी निष्‍पाप निकला। 
Hebrews 4:16 इसलिये आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बान्‍धकर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएं, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 7-8
  • मरकुस 4:21-41



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें