ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

मंगलवार, 14 अप्रैल 2015

आशा


   डेविड स्कम की मृत्योप्रांत यादगार सभा में हम ने रोग के कारण ग्रसित मस्तिष्क और नाड़ी तंत्र को प्रतिदिन के सामन्य कार्यों के लिए भी ठीक से उपयोग ना कर पाने वाले व्यक्ति की आशावादिता, विश्वास और धैर्य तथा लगन के साथ डटे रहने का उत्सव मनाया। सेरिब्रल पाल्सी से पीड़ित होने के कारण डेविड को अपने जीवन के सभी 74 वर्षों में दैनिक जीवन के साधारण और सामान्य कार्यों को करने के लिए भी बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था। लेकिन इन सब कठिनाईयों के बावजूद वह सदा मुस्कुराता रहता था, तथा दूसरों की सहायता करता रहता था। उसने अपने जीवन में 23,000 से भी अधिक घंटे अस्पताल में स्वयंसेवी कार्यों में बिताए जहाँ वह उन किशोरों को प्रोत्साहित करता था जो सही देख-रेख के अभाव में किसी खतरे में आ जाते थे।

   डेविड की प्रेर्णा का स्त्रोत था परमेश्वर के वचन बाइबल में से यशायाह की पुस्तक का एक भाग - यशायाह 35:3-10 - "ढीले हाथों को दृढ़ करो और थरथराते हुए घुटनों को स्थिर करो। घबराने वालों से कहो, हियाव बान्धो, मत डरो! देखो, तुम्हारा परमेश्वर पलटा लेने और प्रतिफल देने को आ रहा है। हां, परमेश्वर आकर तुम्हारा उद्धार करेगा। तब लंगड़ा हरिण की सी चौकडिय़ां भरेगा और गूंगे अपनी जीभ से जयजयकार करेंगे। क्योंकि जंगल में जल के सोते फूट निकलेंगे और मरूभूमि में नदियां बहने लगेंगी" (यशायाह 35:3-4, 6)। परमेश्वर ने यह प्रतिज्ञा इस्त्राएल की प्रजा को उनके बंधुआई के समय में दी थी, और आज भी यह प्रतिज्ञा हम मसीही विश्वासियों को हमारी उस आशा का स्मरण करवाती है जब मसीह यीशु अपने अनुयायियों को लेने वापस आएगा।

   अपने जीवन के अन्तिम सप्ताहों में, मिलने आने वालों से डेविड बिस्तर के पास लगे मसीह यीशु के बड़े से चित्र को दिखा कर कहता था, "ये मुझे ले जाने के लिए जल्द ही आने वाले हैं।" यही आशा प्रभु यीशु अपने प्रत्येक विश्वासी को देता है कि वह कभी अकेला या बेसहारा नहीं है - ना इस जीवन में और ना ही इस जीवन के पश्चात; और यही आशा हमारे लिए उसका गुणानुवाद करने, उसका धन्यवादी होने और उसका गवाह होने की प्रेर्णा है। - डेविड मैक्कैसलैंड


ऐसे जीवन व्यतीत करें मानो प्रभु यीशु कल ही गया था, और आज ही वापस आ रहा है।

इतना हो कि तू हियाव बान्धकर और बहुत दृढ़ हो कर जो व्यवस्था मेरे दास मूसा ने तुझे दी है उन सब के अनुसार करने में चौकसी करना; और उस से न तो दाहिने मुड़ना और न बांए, तब जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा काम सफल होगा। - यहोशू 1:7

बाइबल पाठ: यशायाह 35:3-10
Isaiah 35:3 ढीले हाथों को दृढ़ करो और थरथराते हुए घुटनों को स्थिर करो। 
Isaiah 35:4 घबराने वालों से कहो, हियाव बान्धो, मत डरो! देखो, तुम्हारा परमेश्वर पलटा लेने और प्रतिफल देने को आ रहा है। हां, परमेश्वर आकर तुम्हारा उद्धार करेगा।
Isaiah 35:5 तब अन्धों की आंखे खोली जाएंगी और बहिरों के कान भी खोले जाएंगे; 
Isaiah 35:6 तब लंगड़ा हरिण की सी चौकडिय़ां भरेगा और गूंगे अपनी जीभ से जयजयकार करेंगे। क्योंकि जंगल में जल के सोते फूट निकलेंगे और मरूभूमि में नदियां बहने लगेंगी 
Isaiah 35:7 मृगतृष्णा ताल बन जाएगी और सूखी भूमि में सोते फूटेंगे; और जिस स्थान में सियार बैठा करते हैं उस में घास और नरकट और सरकण्डे होंगे।
Isaiah 35:8 और वहां एक सड़क अर्थात राजमार्ग होगा, उसका नाम पवित्र मार्ग होगा; कोई अशुद्ध जन उस पर से न चलने पाएगा; वह तो उन्हीं के लिये रहेगा और उस मार्ग पर जो चलेंगे वह चाहे मूर्ख भी हों तौभी कभी न भटकेंगे। 
Isaiah 35:9 वहां सिंह न होगा ओर न कोई हिंसक जन्तु उस पर न चढ़ेगा न वहां पाया जाएगा, परन्तु छुड़ाए हुए उस में नित चलेंगे। 
Isaiah 35:10 और यहोवा के छुड़ाए हुए लोग लौटकर जयजयकार करते हुए सिय्योन में आएंगे; और उनके सिर पर सदा का आनन्द होगा; वे हर्ष और आनन्द पाएंगे और शोक और लम्बी सांस का लेना जाता रहेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 25-26
  • लूका 12:32-59


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें